आवर्ती फलन

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<math>P</math> आवर्तकाल वाले एक आवर्ती फलन का ग्राफीय निरूपण

गणित में उन फलनों को आवर्ती फलन (periodic function) कहते हैं जिनका मान एक नियत अन्तराल के बाद समान हो। इसके सबसे प्रमुख उदाहरण सभी त्रिकोणमितीय फलन (ज्या, कोज्या आदि) हैं जिनका मान 2π रेडियन के उपरान्त वही होता है जो पहले था। विज्ञान में जगह-जगह आवर्ती फलनों का उपयोग किया जता है, जैसे कम्पन, तरंग आदि के निरूपण में। जो फलन आवर्ती नहीं होते, उन्हें 'अनावर्ती' (aperiodic) कहते हैं।

यदि कोई फलन साँचा:math आवर्ती है तो साँचा:math के सभी मानों के लिए

<math>f(x+P) = f(x) </math> होगा

जहाँ नियतांक साँचा:math एक अशून्य संख्या है जिसे इस फलन का आवर्तकाल कहते हैं।

आवर्ती फलनों के विशिष्ट मान

माध्य

<math>T_p</math> आवर्तकाल वाले फलन <math>x_a(t) \,\!</math> का माध्य या औसत मान

<math>A_{\rm medio} = {{1 \over T_p} {\int_{t_0}^{t_0+T_p} x_a(t)\, dt}} \,\!</math>

प्रभावी मान

प्रभावी मान (effective value) या वर्ग माध्य मूल (RMS) मान

<math>V_{\rm RMS} = \sqrt {{1 \over T_p} {\int_{t_0}^{t_0+T_p} |x_a(t)|^2\, dt}} \,\!</math>

उपर्युक्त सूत्र से निकाला जा सकता है कि

  • ज्यावक्रीय तरंग (sinusoidal) का प्रभावी मान : <math>A_{\rm RMS} = \frac {A_{\max}}{\sqrt 2} \,\!</math>

शिखरांक

शिखरांक (crest value या peak value)

  • ज्यावक्रीय तरंग : <math>f_a = \sqrt 2 \,\!</math>
  • वर्ग तरंग : <math>f_a = 1 \,\!</math>
  • त्रिभुज तरंग : <math>f_a = \sqrt 3 \,\!</math>

सन्दर्भ

इन्हें भी देखें