आयकर विवरणी (भारत)
आयकर विवरणी या आयकर रिटर्न वह प्रपत्र है जिसमें कोई निर्धारिती(आकलन-कर्ता/मूल्यांकन-कर्ता/करदाता) व्यक्ति अपनी आय और कर के बारे में जानकारी भरकर इसे आयकर विभाग को सौंपता है। विभिन्न प्रपत्र हैं: ITR १, ITR २, ITR ३, ITR ४, ITR ५, ITR ६ तथा ITR ७। जब आप एक विलम्बित विवरणी जमा करते हैं, तो आपको कुछ निश्चित प्रकार के हानियों को आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं होती है।[१]
आयकर अधिनियम, १९६१, तथा आयकर नियम, १९६२, नागरिकों को बाध्य करते हैं कि वे प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत में आयकर विभाग में विवरणी जमा करें। [२] ये विवरणी निर्दिष्ट नियत तिथि से पहले जमा किए जाने चाहिए। प्रत्येक 'आयकर विवरणी प्रपत्र' करदाता के किसी विशेष वर्ग के लिए लागू होता है। केवल वे ही प्रपत्र जो उस प्रपत्र के योग्य निर्धारिती (करदाता) द्वारा जमा किए जाते हैं, भारत के आयकर विभाग द्वारा संसाधित(मान्य मानकर उस पर कार्यवाही करना) किए जाते हैं । अत: यह जानना अनिवार्य है कि किसी मामले में कौन सा विशेष प्रपत्र उपयुक्त होगा। तात्पर्य यह है कि, निर्धारिती की आय के स्रोत और निर्धारिती की श्रेणी को मानदंड मानकर उसी आधार पर आयकर विवरणी प्रपत्र अलग-अलग होते हैं।
आयकर विवरणी भरना: एक वैधानिक दायित्व[३]
वे व्यक्ति जो निम्नलिखित शर्तों में से किसी एक को पूरा करते हैं; उन्हें कानूनन, वित्तीय वर्ष के दौरान अपने आयकर विवरणी भरने चाहिए:
- वे लोग जिनकी 'बिना किसी भी कटौती के' वित्त वर्ष में सकल कुल आय २.५ लाख (वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुल ३ लाख तथा अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए ५ लाख) या अधिक है।
- कंपनियां या फर्म, वित्तीय वर्ष के दौरान आय या हानि होने पर भी।
- जो लोग आयकर वापसी का दावा करना चाहते हैं।
- जो लोग किसी आय पर हुए नुकसान को आगे बढ़ाना(जोड़ना) चाहते हैं।
- निवासी व्यक्ति जिनके पास भारत के बाहर स्थित किसी इकाई में संपत्ति या 'वित्तीय हित' निहित है। (एनआरआई या आरएनओआर पर लागू नहीं)।
- निवासी जो किसी विदेशी खाते में हस्ताक्षर करने के अधिकारी हों। (एनआरआई या आरएनओआर पर लागू नहीं)।
- जो लोग धर्मार्थ या धार्मिक उद्देश्यों या एक राजनीतिक पार्टी या एक अनुसंधान संघ, समाचार एजेंसी, शैक्षिक या चिकित्सा संस्थान, ट्रेड यूनियन, अलाभ विश्वविद्यालय या शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, बुनियादी ढांचा ऋण निधि, कोई प्राधिकरण, निकाय या न्यास के लिए एक बनये गये न्यास के तहत रखी गई संपत्ति से आय प्राप्त करते हैं।
- भारत में लेन-देन पर संधि का लाभ लेने वाली विदेशी कंपनियां।
- अनिवासी भारतीय (एनआरआई), जो वित्त वर्ष में २.५ लाख से अधिक आय भारत से अर्जित या उगाही करते हैं, उन्हे भारत में आयकर विवरणी भरना आवश्यक है।
आयकर विवरणी भरने की नियत तिथि
वित्त वर्ष २०१८-१९ (निर्धारण वर्ष २०१९-२०) के लिए आयकर विवरणी भरने की नियत तिथियाँ इस प्रकार हैं:
निर्धारण वर्ष: २०१९-२० | नियत तिथि |
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व्यक्तियों, एचयूएफ, बीओआई, एओपी (ऐसे निर्धारितियों द्वारा आयकर विवरणी भरना जिनके लेखा-पुस्तिकओं की आवश्यकता नहीं है) | ३१ अगस्त २०१९ [४] |
उन व्यवसायों द्वारा आयकर विवरणी भरने करने की नियत तिथि, जिनके लेखा-पुस्तिकओं की लेखा परीक्षा की आवश्यकता नहीं है | ३१ अगस्त २०१९ |
ऐसे निर्धारितियों के लिए आयकर विवरणी भरने की नियत तिथि जिन्हें धारा 92E के तहत रिपोर्ट प्रस्तुत करना आवश्यक है [हस्तांतरण मूल्य निर्धारण] | ३० नवम्बर २०१९ |
उन व्यवसायों द्वारा आयकर विवरणी भरने की नियत तिथि, जिनकी लेखा-पुस्तिकओं के लेखा परीक्षा की आवश्यकता है | ३० सितम्बर २०१९ |
आयकर विवरणी को देर से जमा करने पर जुर्माना (१ अप्रैल २०१८ से प्रभावी)
इस वर्ष से नए कानून के अनुसार, व्यक्तियों को वित्त वर्ष २०१८-१९ के लिए आयकर विवरणी भरने की अंतिम तिथि के बाद विलम्ब शुल्क का भुगतान भी करना होगा। विलम्ब शुल्क इस प्रकार हैं:
(क) ५,००० रुपये, यदि निर्धारण वर्ष के ३१ अगस्त की नियत तारीख के बाद किन्तु ३१ दिसंबर से पहले कर भरा जाता है (इस मामले में ३१ दिसंबर २०१९)।
(ख) १०,००० रुपये, यदि निर्धारण वर्ष के ३१ दिसम्बर की नियत तारीख के बाद किन्तु ३१ मार्च को या उससे पहले कर भरा जाता है (इस मामले में १ जनवरी से ३१ मार्च २०२० तक)।
(ग) १,००० रुपये, कुल आय ५,००,००० रुपये से अधिक नहीं होने पर।
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:citation
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ साँचा:cite news