आकस्मिक संभोग
किशोरों और नौजवानों या किसी भी आयु के लोगों बीच आकस्मिक संभोग उस यौन सम्बंध को कहते हैं जिसमें किसी स्नेह भाव या लम्बे समय के रिश्ते की आस के बिना लोग इस प्रक्रिया का भाग बनते हैं। आधुनिक काल में बहुप्रचलित इंटरनेट से प्राप्त मानव सम्बंधों का अपार ज्ञान, विभिन्न डेटिंग ऐप, बाज़ार में उपलब्ध गर्भ निरोधक सामग्री, हर आयु के लोगों को, विशेष रूप से युवकों और युवतियों को इस दिशा में अपनी ओर आकर्षित करते हैं। [१]
दुष्प्रभाव
- इस से यौन संचारित रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
- समाज में अवांछित गर्भावस्था के मामलों और नाजयज़ बच्चों के जन्म में वृद्धि हो सकती है।
- सामाजिक अराजकता और मनोवैज्ञानिक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।[१]
खेद की भावना
अचानक बने यौन संबंध में कई ऐसी वजहें होती हैं जिनसे दोनों पक्षों के लिए खेद और पछतावे की स्थिति पैदा हो सकती है। नैतिकता के स्तर पर भी खेद की भावना घर करती है और यौन संक्रमण का भी डर लगा रहता है।[२]
पश्चिमी देशों में शोध और वहाँ के लोगों के विचार
न्यूयॉर्क और कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में 371 विद्यार्थियों पर लगातार 9 महीने तक हुई शोधार्थियों के अध्ययन में ये नतीजा निकलकर आया कि युवकों के रवैये और मानव स्वभाव से यह स्पष्ट है कि यदि आकस्मिक संभोग से गैर-प्रतिबद्धता और आवश्यक प्रसन्नता की सामयिक प्राप्ति के कारण स्वीकार योग्य है। [३]
इन्हें भी देखें
- पूर्तिकर साथी
- कुटीर सह-आवास
- कुक्कुरीय संभोग
- परगमन
- सामुहिक संभोग
- इल्लिसिट एन्काउंटर्स
- स्वच्छंद यौन संबंध
- लैंगिक रुझान