अहमद सफ़ा
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अहमद सफ़ा | |
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स्थानीय नाम | আহমদ ছফা |
जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
मृत्यु स्थान/समाधि | साँचा:br separated entries |
व्यवसाय | लेखक, कवि, बुद्धिजीवी |
राष्ट्रीयता | बांग्लादेशी |
उच्च शिक्षा | ढाका विश्वविद्यालय |
अवधि/काल | १९६७–२००१ |
विधा | कथा साहित्य, कथेतर साहित्य, लघु कथा, काव्य |
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अहमद सफ़ा (साँचा:lang-bn; ३० जून १९४३ – २८ जुलाई २००१) एक बांग्लादेशी लेखक, चिंतक, औपन्यासिक, कवि और बुद्धिजीवी थे।[१] सफ़ा को अध्यापक अब्दुर रज़्ज़ाक़ और सलीमुल्लाह ख़ान से लेके कई लोगों मीर मुशर्रफ़ हुसैन एवं काज़ी नज़रुल इस्लाम के बाद सबसे महत्वपूर्ण बंगाली मुसलमान लेखक मानते हैं।[१][२][३][४][५] सफ़ा ने १८ कथेत्तर साहित्य, ८ उपन्यास, ४ कविताग्रंथ, १ लघुकथाग्रंथ और विभिन्न प्रकार की कई किताबें लिखीं।
सफ़ा का निबंध बाङालि मुसलमानेर मन (बंगाली मुसलमानों के मन) (१९८१) बंगाली मुसलमानों का आत्मपरिचय का निर्माण, उनके पिछड़ेपन का कारण, एक समुदाय के रूप में उनका विकास और उनकी बौद्धिक प्रगति का एक अत्यंत प्रशंसित आलोचनात्मक सर्वेक्षण है।[६][७][८]