अहमद और मुहम्मद हुसैन
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उस्ताद अहमद हुसैन और मुहम्मद हुसैन | |
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जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
शैलियां | ग़ज़ल, क्लासिकल, भक्ति, भजन, लोकप्रिय |
संगीतकार, गायक, संगीत निर्देशक, कार्यकर्ता, उद्यमी | |
वाद्ययंत्र | कंठ संगीत, हारमोनियम, तानपुरा, पियानो |
सक्रिय वर्ष | 1958–अब तक |
लेबल | ईएमआई, HMV, सारेगामा, यूनिवर्सल संगीत, सोनी बीएमजी संगीत मनोरंजन, पॉलिडोर, टिप्स इंडस्ट्रीज़, वीनस, टी-सीरीज़ |
साँचा:template otherसाँचा:ns0उस्ताद अहमद हुसैन और मुहम्मद हुसैन भारत के राजस्थान सूबे के शहर जयपुर से दो भाई हैं जो क्लासिकी ग़ज़ल गायकी करते हैं। उनके वालिद साहिब का नाम उस्ताद अफ़्ज़ल हुसैन है जो ग़ज़ल और ठुमरी के उस्ताद माने जाते थे।[१]
गायकी की सफ़र
ये दोनों भाइयों को क्लासिकी संगीत, भजन और ग़ज़लों गाते हैं। उन्होंने अपनी गायकी की सफ़र 1958 में शुरू की थी।[२] क्लासिकी ठुमरी फ़नकारों के तौर पर, उनकी पहली एलबम 'गुलदस्ता' है जो 1980 में रिलीज़ हुई, और बहुत कामयाब रही। फिर इसके बाद अपनी संगीत को अवाम तक ले जाने के वास्ते उन्होंने अब तक 50 एलबमों को बनाईं। फिर इसके बाद अपनी एलबम 'मान भी जा' में टैंपॉ संगीत अपना कर अपने संगीत को मक़बूल बनाने का उपराला किया।[३]
इनाम
- संगीत नाटक अकादमी इनाम - साल 2000 में[४]
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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