अष्टि छंद
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (जून 2015) साँचा:find sources mainspace |
वेदों में प्रयुक्त एक छंद है। इसमें कुल - ६४ वर्ण होते हैं। उदाहरण - ऋग्वेद के दूसरे मंडल में ऐसा मिलता है -
त्रिकद्रुकेषु महिषो यवाशिरं तुविशिष्मस्तृप्त्
सोममपिबद्विष्णुना सुतं यथावसत।
सइम ममाद महिकर्म्म कर्तवे महामुरु
सैनं सश्चद्देवो देवं सत्यमिन्द्रः सत्य इन्दुः।।
अक्षरों (मात्राओं) का विन्यास है - १६ +१६+ १६+ ८+ ८।