अर्गुन नदी
अर्गुन नदी (रूसी: Аргунь) या ऍर्गुन नदी (मंगोल: Эргүнэ) पूर्वी रूस और पूर्वोत्तरी चीन की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित १,६२० किलोमीटर लम्बी एक नदी है। इसका जन्म चीन द्वारा नियंत्रित भीतरी मंगोलिया क्षेत्र में स्थित महान ख़िन्गन पर्वत शृंखला के पश्चिमी भाग में होता है। अर्गुन नदी आगे चलकर शिल्का नदी से मिलती है और इन दोनों के मिलाप के बाद इसे अमूर नदी के नाम से जाना जाता है।[१]
मंगोल इतिहास में महत्व
मंगोल भाषा का सब से प्राचीन ग्रन्थ 'मंगोलों का गुप्त इतिहास' नामक पुस्तक है, जो १३वीं शताब्दी में लिखा गया था। इसमें एक मिथ्य-कथा है जिसमें कहा गया है कि मंगोलों में कभी बहुत ख़ून-ख़राबा हुआ जिस से अर्गुन-ख़ुन नामक मंगोलों का एक क़बीला नष्ट हो गया और उसके केवल दो पुरुष और दो स्त्रियाँ ही बचे। वह भागकर अर्गुन नदी के आरम्भिक क्षेत्र में पहुँच गए, जो बहुत ही वीरान और दुर्गम इलाक़ा था। यहाँ उनके घोड़ों के लिए घास भी थी और मौसम भी सेहत के लिए लाभदायक था। यह क़बीला यहाँ पर पनपने लगा और उन्हें लोहे के साथ औज़ार और शस्त्र बनाना भी आ गया। इनमें इतनी क्षमता आ गई कि वे मंगोलिया के अन्य भागों में फैल सके।