अमोढ़ा
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क़स्बा | |
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निर्देशांक: साँचा:coord | |
देश | साँचा:flag |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
जिला | बस्ती |
तहसील | हरैया |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | ५,९७७ |
• घनत्व | साँचा:infobox settlement/densdisp |
भाषा | |
• आधिकारिक | हिंदी |
समय मण्डल | IST (यूटीसी+5:30) |
पिन | 272127 |
टेलीफोन कोड | 05546 |
अमोढ़ा भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के बस्ती ज़िले की हरैया तहसील में स्थित एक ग्राम पंचायत है।[१]
जनसंख्या
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार यहाँ की कुल जनसंख्या 5,977 है।[२]
इतिहास
पुराने समय में अमोढ़ा केवल गाँव नहीं था बल्कि एक एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय राज था जिसमें काफ़ी सारे गाँव आते थे।[३] अमोढ़ा चौदहवीं सदी में कायस्थ वंशीय राजाओं द्वारा शासित था। बाद में यहाँ सूर्यवंशी लोगों का शासन हुआ। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में यहाँ एक उल्लेखनीय लड़ाई हुई जिसमें ब्रिटिश हुकूमत की सेनाओं को अमोढ़ा में घेर लिया गया था और लगभग 400 से 500 लोग मारे गये।[४] डॉ राजेंद्र प्रसाद ने अपनी आत्मकथा के शुरूआत में अपने पूर्वजों के बारे में लिखा है:
संयुक्त प्रांत में कोई जगह अमोढ़ा नाम की है। सुनते हैं कि वहाँ कायस्थों की अच्छी बस्ती है। बहुत दिन बीते वहाँ से एक परिवार निकलकर पूरब चला और बलिया में जाकर बसा। एक बड़े जमाने तक बलिया में रहने के बाद उस परिवार की एक शाखा उत्तर की ओर गई और आजकल के जिला सारन (बिहार) के जीरादेई गाँव में जाकर रहने लगी। दूसरी शाखा गया में जाकर बस गई। जीरादेई–शाखा के कुछ लोग थोड़ी ही दूर पर एक दूसरे गाँव में भी जाकर बस गए। जीरादेईवाला परिवार ही मेरे पूर्वजों का परिवार है। शायद जीरादेई में आनेवाले मेरे पूर्वज मुझसे सातवी या आठवीं पीढ़ी में ऊपर थे। जो लोग जीरादेई में आए थे, वे गरीब थे और रोजगार की खोज में ही इधर आ गए थे। चूँकि उस गाँव में कोई शिक्षित नहीं था और उन दिनों भी कायस्थ तो शिक्षित हुआ ही करते थे, इसलिए गाँव के लोगों ने उनको वहाँ रख लिया।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।