अगला शीशा
अगला शीशा, सामने का कांच या वातरोधी (औपचारिक) (अंग्रेजी: विंडशील्ड या विंडस्क्रीन), किसी वाहन की सामने वाली खिड़की पर जड़ा हुआ कांच है। अगला शीशा चालक के लिए बाहर देखना सुगम बनाता है साथ ही चालक और सहयात्रियों को मौसम की मार से भी बचाता है। अगला शीशा वाहन चलाते समय सामने से आती तेज हवा, धूल, मिट्टी, कीट, पतंगे, बारिश आदि से चालक और सहयात्रियों का बचाव करता है और चालक बिना किसी रुकावट के सामने देख कर सुरक्षित रूप से वाहन चला सकता है। विमान, कार, बस, मोटरबाइक या ट्राम आदि सभी वाहनों में अगला शीशा लगा हो सकता है।
कारों और विमानों में अगले शीशे को हवा और उड़ने वाले मलबे (जैसे धूल, तिनके और कीड़े) के खिलाफ वाहन की सुरक्षा के लिए डिज़ाइन किया जाता है। मोटरसाईकलों पर अधिकतर अगला शीशा नहीं लगाया जाता पर कुछ मोटरसाईकल विशेष रूप से पुलिस की मोटरसाईकलों पर अगला शीशा लगा होता है और यह चालक को तेज हवा से बचाता है, हालांकि यह उतनी सुरक्षा प्रदान नहीं करता जितना कि अन्य वाहन में लगे अगले शीशे प्रदान करते हैं।
आधुनिक अगले शीशे आमतौर पर लैमिनेटेड सुरक्षा कांच जो कि उपचारित कांच का एक प्रकार है से निर्मित होते हैं। वाहनों के लिए इस्तेमाल की जाने वाला लैमिनेटेड सुरक्षा कांच दो घुमावदार कांच की परतों के बीच एक प्लास्टिक की परत डाल कर बनाया जाता है। इस लेमिनेटेड सुरक्षा कांच को फिर खिड़की के फ्रेम में जड़ दिया जाता है।
मोटरसाईकलों में लगे शीशे कारों या विमानों पर लगाये जाने वाले शीशों से अलग होतें हैं और अक्सर उच्च-प्रभाव वाले पॉली कार्बोनेट या एक्रिलिक प्लास्टिक से बने होते हैं।
उपयोग
विंडशील्ड या विंडस्क्रीन बाहरी मलबे, कीड़ों, धूल, तेज हवा, अवांछित गंध और यहां तक कि शोर से रक्षा की पहली पंक्ति है। आईआर और यूवी-ए और यूवी-बी किरणों दोनों को हानिकारक सूर्य किरणों को अवशोषित करने के लिए विशेष लैमिनेटेड विंडस्क्रीन बनाई गई है। अवांछित परिवेशीय शोर को कम करने और कार केबिन को आरामदायक बनाने के लिए, ध्वनिक लैमिनेटेड ग्लास बनाने के लिए विशेष रसायनों के साथ लेमिनेशन का इलाज किया जाता है। विंडशील्ड प्रतिस्थापन में आमतौर पर एक घंटे की आवश्यकता होती है।[१]
दूसरी ओर, बाइक पर विंडस्क्रीन का उपयोग करने का उद्देश्य हवा से बचाव करना है।
सुरक्षा
शुरू में कार विंडशील्ड साधारण कांच से बने थे, लेकिन ये केवल हवा से बचाने के लिए अच्छे हैं। दुर्घटना या दुर्घटना की स्थिति में कार की विंडस्क्रीन बिखर जाती थी। विकास के प्रारंभिक चरण के दौरान यात्रियों की मृत्यु के लिए यह एक प्रमुख मुद्दा था। न सिर्फ हादसे बल्कि कांच के टुकड़ों से भी यात्री घायल हो गए। 1917 के फोर्ड मामले के बाद , साधारण फलक विंडशील्ड को टेम्पर्ड विंडशील्ड से बदल दिया गया था। ये छोटे-छोटे अहानिकर टुकड़ों में बिखर जाते थे। हेनरी फोर्ड ने वर्ष 1919 में सभी फोर्ड कारों पर लैमिनेटेड विंडशील्ड का उपयोग करने का आदेश दिया। यह ऑटोमोबाइल ग्लास उद्योग में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
विंडशील्ड की गुणवत्ता को नियंत्रित करने के लिए अधिकांश देशों के अपने कानून हैं। जैसे यूरोप ईसीई मानकों का पालन करता है जबकि अमेरिका डीओटी मानकों का पालन करता है।