hiwiki:पृष्ठ हटाने हेतु चर्चा/लेख/गुरमेहर कौर
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परिणाम: हटाया हटाने की आम सहमति, तर्क मजबूत है। चर्चा में ये निष्कर्ष निकला कि विषय केवल एक ही घटना/विवाद में कवरेज पाए हैं। इसलिये उनकी ज्ञानकोशीय उल्लेखनीयता नहीं है।हिंदुस्थान वासी वार्ता 14:56, 15 मई 2017 (UTC)
अनुक्रम
नामांकन
गुरमेहर कौर -विकिपीडिया -wikipedia के लिये गूगल परिणाम: खोज • समाचार • पुस्तक • विद्वान •
नामांकन के लिये कारण:
उल्लेखनीयता? क्या किसी ने एक छोटा सा विवाद खड़ा कर दिया, वह उल्लेखनीय और ज्ञानकोशीय हो जायेगा? ☆★आर्यावर्त (✉✉) 08:52, 1 मार्च 2017 (UTC)
- इस पृष्ठ को शीघ्र नहीं हटाया जाना चाहिये क्योंकि बीबीसी ने भी लिखा है इसके बारे में। कन्हिया कुमार के बारे में ही भी प्रष्ठ मौजूद है। उम्र खालिद के बारे में भी है। --Satdeep Gill (वार्ता) 07:51, 1 मार्च 2017 (UTC)
- बीबीसी के लिखने से यह ज्ञानकोशीय नहीं हो गया। यह मामला अभी एक-दो दिन पुराना ही हुआ है। ऐसे में इस पर लिखने का मतलब इसका प्रचार करना है। कन्हैया कुमार, खालिद पर लेख हैं उसका उल्लेख करना (उदाहरण देना) ठीक नहीं है। उन पर अलग से चर्चा हो सकती है।--अनुनाद सिंह (वार्ता) 08:26, 1 मार्च 2017 (UTC)
- साँचा:ping और साँचा:ping जी, दुसरे प्रष्ठों का उदाहरण देना मैं सही समझता हूँ। विकीपीडिया परंपरागत ज्ञानकोष से थोड़ा हटकर है। आप "एलन कुर्दी की मृत्यु" प्रष्ठ देखिए, २ तारीक को इसकी मौत हुई और ३ तारीक को अंग्रेजी में प्रष्ठ बन गया था। गुरमेहर पहले भी चर्चा का विषय रह चुकी है। इस बार की चर्चा के कारण वह उल्लेखनीय बन गई है। गूगल ख़बरों में उनके नाम से अनेकों परिणाम आते हैं। यह उल्लेखनीयता के मापदंडों के मुताबक काफी है। वि:मूलभूत के मुताबक यह प्रष्ठ उल्लेखनीय है।--Satdeep Gill (वार्ता) 09:20, 1 मार्च 2017 (UTC)
- यदि ऐसे-ऐसे लेख बनाने लगेंगे तो यह विकि फालतू चीजों से भर जायेगा। आजकल हर दिन कोई न कोई चीज सामाजिक मिडिया पर छायी रहता है। दूसरे दिन से सदा के लिये गायब। ऐसे में हमें नहीं देखना चाहिये कि लेख का विषय 'टाइम टेस्टेड' हो, क्षणिक बुलबुला नहीं? लोग एक से बढ़कर एक जघन्य अपराध करते हैं, उनका समाचार दो-चार दिन मिडिया पर छाया रहता है। क्या उतने में ही उन पर एक लेख बना देना चाहिये? --अनुनाद सिंह (वार्ता) 09:29, 1 मार्च 2017 (UTC)
- @अनुनाद सिंह और Satdeep Gill: जी, वि:मूलभूत के अनुसार लोग उल्लेखनीय माने जाते हैं, यदि उन्होंने अनेक प्रकाशित माध्यमिक स्रोतों में महत्वपूर्ण व्याप्ति (कवरेज) प्राप्त की हो, जो स्रोत विश्वसनीय हो, एक दूसरे से बौद्धिक रूप से स्वतन्त्र हो और विषय से स्वतन्त्र हो किन्तु ऐसे लोगों के लिए फिर भी लेख नहीं बनाएँ जा सकते यदि वे अपवर्जनात्मक मापदण्ड के तहत आते हो, जैसे कि केवल एक घटना के लिए उल्लेखनीय, या जैसे कि वे जो "विकिपीडिया क्या नहीं है" में सूचीबद्ध हो।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 09:43, 1 मार्च 2017 (UTC)
- @आर्यावर्त: प्रकाशित स्रोतों को देखें तो 2016 में भी इनके बारे में कई जगह छपा था जैसे इंडियन एक्सप्रेस में यह लेख। इसके बिना और स्रोत भी देखे जा सकते हैं। इस लिए यह केवल एक घटना के लिए उल्लेखनीय नहीं है। इसके बिना en:Wikipedia:Ignore all rules भी देखना चाहिए। एलन कुर्दी की मृत्यु एक मात्र घटना भी उल्लेखनीय हो सकती है। --Satdeep Gill (वार्ता) 10:00, 1 मार्च 2017 (UTC)
- @Satdeep Gill: जी, en:Wikipedia:Ignore all rules की नीति का पन्ना हिन्दी में है ही नही! हो भी तो इसका मतलब रुल का पालन करना ही नहीं चाहिए एसा नहीं होता। दूसरी बात ये लेख किसी भटना के बारे में नहीं किन्तु जीवित व्यक्ति के बारे में है जो एलन कुर्दी की मृत्यु से भिन्न है। जीवित व्यक्ति की ज्ञानकोशिय उल्लेखनीयता के बारे में खास ध्यान रखा जाता है।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 10:15, 1 मार्च 2017 (UTC)
- @आर्यावर्त: जी, मैने यह भी तो बताया है कि गुरमेहर कौर मौजूदा घतना से पहले भी अच्छे प्रकाशित स्रोतों में उसके बारे में लिखा गया मिल जाता है। en:Wikipedia:Ignore all rules का मतलब सिर्फ इतना है कि अगर कोई नियम विकिपीडिया पर ज्ञान वृद्धि के कार्य में विघ्न पैदा करे तो हमें सोच लेना चाहिए। मेरे मुताबक गुरमेहर सिर्फ एक घटना की वजह से मशहूर नहीं है। इस तरह वह उल्लेखनीय बन जाती है। --Satdeep Gill (वार्ता) 10:26, 1 मार्च 2017 (UTC)
- @Satdeep Gill: जी, किन्तु यह लेख सिर्फ ये बताता है कि इसने एक अपील की थी। अपील करने मात्र से कोई जीवीत व्यक्ति उल्लेखनीय नहीं बन जाता। समचारपत्रों में तो चलता है किन्तु ये ज्ञानकोश है।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 10:34, 1 मार्च 2017 (UTC)
- @आर्यावर्त: प्रकाशित स्रोतों को देखें तो 2016 में भी इनके बारे में कई जगह छपा था जैसे इंडियन एक्सप्रेस में यह लेख। इसके बिना और स्रोत भी देखे जा सकते हैं। इस लिए यह केवल एक घटना के लिए उल्लेखनीय नहीं है। इसके बिना en:Wikipedia:Ignore all rules भी देखना चाहिए। एलन कुर्दी की मृत्यु एक मात्र घटना भी उल्लेखनीय हो सकती है। --Satdeep Gill (वार्ता) 10:00, 1 मार्च 2017 (UTC)
- @अनुनाद सिंह और Satdeep Gill: जी, वि:मूलभूत के अनुसार लोग उल्लेखनीय माने जाते हैं, यदि उन्होंने अनेक प्रकाशित माध्यमिक स्रोतों में महत्वपूर्ण व्याप्ति (कवरेज) प्राप्त की हो, जो स्रोत विश्वसनीय हो, एक दूसरे से बौद्धिक रूप से स्वतन्त्र हो और विषय से स्वतन्त्र हो किन्तु ऐसे लोगों के लिए फिर भी लेख नहीं बनाएँ जा सकते यदि वे अपवर्जनात्मक मापदण्ड के तहत आते हो, जैसे कि केवल एक घटना के लिए उल्लेखनीय, या जैसे कि वे जो "विकिपीडिया क्या नहीं है" में सूचीबद्ध हो।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 09:43, 1 मार्च 2017 (UTC)
- बीबीसी के लिखने से यह ज्ञानकोशीय नहीं हो गया। यह मामला अभी एक-दो दिन पुराना ही हुआ है। ऐसे में इस पर लिखने का मतलब इसका प्रचार करना है। कन्हैया कुमार, खालिद पर लेख हैं उसका उल्लेख करना (उदाहरण देना) ठीक नहीं है। उन पर अलग से चर्चा हो सकती है।--अनुनाद सिंह (वार्ता) 08:26, 1 मार्च 2017 (UTC)
- एलन कुर्दी की मौत के बाद कई राजनीतिक व ऐतिहासिक घटनाक्रम हुए। यदि एसा नहीं हुआ होता तो शायद उस पर भी चर्चा होती और शायद वह भी हट जाता। मुझे याद है कि ऐसी ही एक चर्चा में तत्कालीन प्रबंधक बिल विलियम जी ने अंग्रेजी विकि पर हुई एक चर्चा का उदाहरण दिया था। एक लड़का १३ वर्ष की आयु में बाप बन गया था, उसकी मीडिया में जबरदस्त कवरेज हुई लेकिन उल्लेखनीयता पर चर्चा के पश्चात लेख हटाना पड़ा था। नियमों के शब्द नहीं, बल्कि नियमों के पीछे जो भावनाएँ हैं उन्हें समझना चाहिए। हर दूसरे दिन किसी न किसी का कोई ट्वीट, कोई वीडियो, कोई कथन वायरल होता रहता है। अच्छे दिन आने वाले हैं पर लेख बना तो ये मतलब नहीं कि हाल ही के जुमले गधों का प्रचार या फिर ऐसे ही हर नेता के हर जुमले पर लेख बना दिया जाए। चर्चा के लिए वैसे भी आमतौर पर ७ दिन का समय होता है, तब तक यदि घटनाक्रम कोई अप्रत्याशित मोड़ न ले ले, तो इस लेख को हटा देना चाहिए। --अनामदास 10:44, 1 मार्च 2017 (UTC)
- प्रष्ठों को हटाने का कार्य अंग्रेजी पर बहुत बढ़िया तरह से बढ़िया बहिस के साथ होता है। हम एसा भी कर सकते हैं कि अंग्रेजी विकी पर एसे प्रष्ठों को देखते रहें और अगर यह अंग्रेजी पर मिटा दिए जाएँ तो हम भी मिटा दें। अगर हिन्दी विकी पर ही देखें तो अभिषेक गुप्ता, आरती भाटिया जैसे कई लेख हैं जिनमें कोई संदर्भ नहीं है और उल्लेखनीय होने के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती। हिन्दी विकी पर हम एसे प्रष्ठों को हटाने यां बढ़ाने के बारे में अपनी ताकत का प्रयोग करें तो विकी के लिए बहतर होगा। यह मेरे निजी विचार हैं। आप इनसे सहमत यां असहमत हो सकते हैं। --Satdeep Gill (वार्ता) 11:02, 1 मार्च 2017 (UTC)
- कुछ दिन पूर्व हाल ही में, मैंने अंग्रेज़ी विकि पर एक लेख बनाया था, सुहानी भटनागर के बारे में, जो दंगल फ़िल्म में छोटी बहन बबिता की बचपन की भूमिका में थी। तब उस लेख को हटा दिया गया एवं मुझे en:User_talk:Ashishbhatnagar72#Suhani_Bhatnagar - ये सन्देश भी मिला। तब गुरमेहर कौर भी उस मापदण्ड को ( WP:BLP1E & WP:TOOSOON) नहीं पार करती है। अतः मेरे विचार से लेख हटाया जा सकता है। अधिक लिखने की आवश्यकता मैं इसलिये नहीं समझता हूं, क्योंकि ये सन्देश स्व-व्याखित ही है।आशीष भटनागरवार्ता 11:15, 1 मार्च 2017 (UTC)
- रखें - फिलहाल तो हमारे उल्लेखनीयता मापदंड पर सही है। पर्याप्त चर्चित हैं और इनका उल्लेख बहुत जगह मिल रहा। अगर महीने भर बाद लगे कि यह ज्ञानकोश लायक उल्लेखनीयता का विषय नहीं बचीं तो हटाने का प्रस्ताव लाया जाय।
- यह लेख बनाना जितना जल्दबाजी था इसे हटाने का निर्णय भी उतना ही जल्दबाजी से किया जाय ज़रूरी नहीं। --SM7--बातचीत--
- हां, ये बात सही है, वैसे तो इतनी जल्दी ये लेख बनाना ही नहीं चाहिये था, किन्तु अब बन ही गया है तो प्रयास व्यर्थ क्यों किया जाए, अतः कुछ समय के लिये निर्णय सुरक्षित रखा जाए, व कम से कम १ माह बाद परिस्थितियां देखकर निर्णय लिया जा सकता है। यदि सिसा कोई टैग हो तो लगाया जा सकता है।आशीष भटनागरवार्ता 04:03, 2 मार्च 2017 (UTC)
- @संजीव कुमार, अनिरुद्ध कुमार, SM7, और अजीत कुमार तिवारी: एक महिने के उपर १४ दिन हो गये। कृपया लेख हटाकर चर्चा समाप्त करें।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 11:42, 15 अप्रैल 2017 (UTC)
- @आर्यावर्त: मुझे नहीं लगता कि ऊपर मैंने एक महीने तक रखने हेतु समर्थन में लिखा था। यदि आप लोगों को लगता है कि इस पर पुनर्विचार होना चाहिए तो आप अपने तर्क लिखें। हटाने का अनुरोध नहीं। मुझे तो इनके ऊपर कवरेज देख कर यही लग रहा कि रखा जाय। मैं दूसरी हेडिंग बना दे रहा। कृपया अपने मत (वोट नहीं) व्यक्त करें। धन्यवाद। --SM7--बातचीत-- 17:50, 15 अप्रैल 2017 (UTC)
- @आशीष भटनागर: जी, दुबारा चर्चा होनी चाहिए थी, आपने इसे हटा ही दिया। पिंग के बदले टिप्पणी लिख कर देखा तो लेख ही गायब कृपया लेख को पुनः स्थापित करें। सादर। --SM7--बातचीत-- 17:55, 15 अप्रैल 2017 (UTC)
- @आर्यावर्त: मुझे नहीं लगता कि ऊपर मैंने एक महीने तक रखने हेतु समर्थन में लिखा था। यदि आप लोगों को लगता है कि इस पर पुनर्विचार होना चाहिए तो आप अपने तर्क लिखें। हटाने का अनुरोध नहीं। मुझे तो इनके ऊपर कवरेज देख कर यही लग रहा कि रखा जाय। मैं दूसरी हेडिंग बना दे रहा। कृपया अपने मत (वोट नहीं) व्यक्त करें। धन्यवाद। --SM7--बातचीत-- 17:50, 15 अप्रैल 2017 (UTC)
- @संजीव कुमार, अनिरुद्ध कुमार, SM7, और अजीत कुमार तिवारी: एक महिने के उपर १४ दिन हो गये। कृपया लेख हटाकर चर्चा समाप्त करें।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 11:42, 15 अप्रैल 2017 (UTC)
- हां, ये बात सही है, वैसे तो इतनी जल्दी ये लेख बनाना ही नहीं चाहिये था, किन्तु अब बन ही गया है तो प्रयास व्यर्थ क्यों किया जाए, अतः कुछ समय के लिये निर्णय सुरक्षित रखा जाए, व कम से कम १ माह बाद परिस्थितियां देखकर निर्णय लिया जा सकता है। यदि सिसा कोई टैग हो तो लगाया जा सकता है।आशीष भटनागरवार्ता 04:03, 2 मार्च 2017 (UTC)
- कुछ लोग बोलते हैं, चर्चा से अधिक सम्पादन में ध्यान दो और फिर ऐसी चर्चा में उलझते हैं या उलझा देते हैं कि समझ नहीं आता कि सम्पादन करें या हि.विकि को दूषण से बचाएँ। ये चर्चा पूर्ण हो यह ही उचित है। 14 दिन हो गये, उससे अधिक हो गया। अब कृपया चर्चा आरम्भ करवा के समय व्यर्थ न किया जाए। पर्याप्त चर्चा हुई है। सब लोग नियमों को तोड़ मरोड़ कर अधिक कम उपयोग करते रहेंगे, तो नियमों को एक प्यादे के जैसे नियन्त्रित किया जा सकता है ऐसा सन्देश जायेगा।ॐNehalDaveND•✉•✎ 18:03, 15 अप्रैल 2017 (UTC)
- @NehalDaveND: जी, समय सीमा जिसके लिए इसे सुरक्षित रखा गया था; खुद पूर्व प्रशाशक आशीष जी के शब्दों में "अतः कुछ समय के लिये निर्णय सुरक्षित रखा जाए, व कम से कम १ माह बाद परिस्थितियां देखकर निर्णय लिया जा सकता है।" और आज एक मित्र ने इसे हटाने को कहा, और पन्ना हटा दिया गया। मुझे इस पे आपत्ति है। कृपया इसे नियम से न जोड़ें, बहुत सामान्य सी बात लिखी है ऊपर। सादर धन्यवाद। --SM7--बातचीत-- 18:11, 15 अप्रैल 2017 (UTC)
- @NehalDaveND: जी, परेशानी आर्यावर्त से है। न कि लेख हो हटाये जाने से। बस इतना समझ ले। अगर यही इनके साथी प्रबंधक से आया होता तो। कोई परेशानी नहीं थी। दोनों ने नीतिय वाट ली है। ताकि दूसरा पुनानी बाते कह कर टला दे। --जयप्रकाश >>> वार्ता 13:37, 20 अप्रैल 2017 (UTC)
उल्लेखनीयता के लिए पुनर्विचार
- सामाजिक माध्यम पर या समाचार में एक दिन या कुछ दिनों के लिये बहुत सी बातें उछलती है। उनमें से बहुत सी बातें अनुल्लेखनीय ही होती हैं। कुछ दिन पूर्व भारत के प्रधानमन्त्री ने एक व्यक्ति के ट्विट को रिट्विट् किया था। वो समाचार भी पुरे दिन इधर उधर घूमता रहा। वो व्यक्ति भी एक प्रसिद्ध व्यक्ति बन गया है। जिसे सब लोग सेलिब्रेटि कहते हैं। मैं भी एक लेख बना सकता हूँ उसके लिये। उसका नाम, परिवार, पढाई, प्रसिद्धि, वर्तमान जीवन। सन्दर्भ सहित। परन्तु उल्लेखनीयता का अर्थ यदि एक दिन, सप्ताह या माह की उल्लेखनीयता है, तो कल से बहुत विलम्बन नहीं होगा तुच्छ गुणवत्ता के लेख बनाने के लिये। ये एक ज्ञानकोश है, कचराकोश नहीं। यहाँ उल्लेखनीयता को कुछ समाचारपत्रों या वाहिनीओं से उल्लेखनीयता सिद्ध नहीं होती। ऐसे लेख रखना अर्थात् ऐसे तत्त्वों को प्राधान्य देना जो सम्पादन वृद्धि में ध्यान देते हैं और गुणवत्ता में नहीं। एक तरफ बोला जाता है कि निर्वाचित लेख बनाने चाहिये। इतने दिनों से निर्वाचित लेख की समीक्षा के लिये कोई आगे नहीं आ रहा था और ऐसे गुणवत्ताहीन कार्यों में शक्ति लगाने के लिये विवश कर दिया जाता है। @SM7: (स्म-जी), मैं आपकी बात में समझता हूँ। परन्तु गुणवत्ताहीन (अनुल्लेखनीय) लेख यदि हट जाता है, तो गुणवत्तायुक्त कार्य करने वालों को प्रोत्साहन मिलता है। हतोत्साहित सदस्य या तो निष्क्रिय हो जाते हैं या कोसना आरम्भ कर देते हैं। आज मुझे भी ये करना पड़ा। ॐNehalDaveND•✉•✎ 18:34, 15 अप्रैल 2017 (UTC)
- @NehalDaveND: महोदय, यह लेख का विषय उल्लेखनीय है या नहीं है, इस पर अपनी बात रखें। उल्लेखनीयता कैसे सिद्ध होती है या नहीं होती, और इमें क्या समस्याएं हैं यह चर्चा का विषय नहीं। और हर बात को प्रोत्साहन और हतोत्साहित करने से जोड़ देना - अगर कोई नया फैशन निकला है हिंदी विकी पर (कि नीति कि बात करने वाला हतोत्साहित कर रहा, तो इसके बारे में कृपया चौपाल का प्रयोग करें)। यहाँ मुद्दे पे बात करें। सादर। --SM7--बातचीत-- 18:41, 15 अप्रैल 2017 (UTC)
- @SM7: जी, एक फिल्म के प्रकाशन के पूर्व उससे जुड़ा कोई न कोई व्यक्ति विवादित व्यवहार या भाषण करने लगता है। इससे वो समाचारपत्रों और वाहिनीयों में स्थान प्राप्त कर लेता है। ऐसे प्रत्येक विषय को छापना समचारपत्रों का कार्य होता है और उसे बढा चढा के चर्चित बनाना समाचारवाहिनीयों का। जैसे उन विवादों की उल्लेखनीयता नहीं वैसे ही इसकी भी कोई उल्लेखनीयता नहीं है। ऊपर भी मैंने यही कहा परन्तु आपने अपने बात पर भार देने के लिये केवल अन्त वाला अंश स्वीकार किया। इस बार कृपया उक्त अंश को पहले ध्यान में लेवें। धन्यवाद। ॐNehalDaveND•✉•✎ 19:09, 15 अप्रैल 2017 (UTC)
- @NehalDaveND: जी, आप अभी भी मूल मुद्दे पे कुछ नहीं कह रहे। यह कोई अनौपचारिक चर्चा नहीं है। यह विषय क्यों उल्लेखनीय नहीं इसपे बात करें, वि:उल्लेखनीयता को ध्यान में रख के। आपके कथित जिस अंश पर मुझे ध्यान नहीं केन्द्रित करना है, कृपया उसे अपने वक्तव्य में से हटा दें (काट दें)। --SM7--बातचीत-- 19:58, 15 अप्रैल 2017 (UTC)
- @SM7: जी, एक फिल्म के प्रकाशन के पूर्व उससे जुड़ा कोई न कोई व्यक्ति विवादित व्यवहार या भाषण करने लगता है। इससे वो समाचारपत्रों और वाहिनीयों में स्थान प्राप्त कर लेता है। ऐसे प्रत्येक विषय को छापना समचारपत्रों का कार्य होता है और उसे बढा चढा के चर्चित बनाना समाचारवाहिनीयों का। जैसे उन विवादों की उल्लेखनीयता नहीं वैसे ही इसकी भी कोई उल्लेखनीयता नहीं है। ऊपर भी मैंने यही कहा परन्तु आपने अपने बात पर भार देने के लिये केवल अन्त वाला अंश स्वीकार किया। इस बार कृपया उक्त अंश को पहले ध्यान में लेवें। धन्यवाद। ॐNehalDaveND•✉•✎ 19:09, 15 अप्रैल 2017 (UTC)
- आपने बाक़ायदा अधोरेखांकित करके कुछ लिखा था ऊपर। जो इस चर्चा से कहीं से सम्बंधित नहीं। अगर मुझे उसपे ध्यान नहीं देना है तो, कृपया उसे हटायें। --SM7--बातचीत-- 20:02, 15 अप्रैल 2017 (UTC)
- विकिपीडिया:उल्लेखनीयता > उदाहरण > अनुल्लेखनीय विषय > मेरा कुत्ता टॉमी = सभी समाचारवाहिनीयों के केन्द्र देहली में हैं। अतः वें वहां स्थिति किसी भी अंश को बताएँगे। उसमें दो लाभ है। 1) घर बैठे समाचार मिल जाते हैं। 2) लोगो की मनस्स्थिति (mind set) बनाया जा सकता है। मेरा कुत्ता टॉमी जैसा ही उदाहरण इस लेख का है। केवल देहली में हो हल्ला हो जाने से ये पुरे देश का चर्चित अंश नहीं बन जाता या उल्लेखनीय अंश नहीं बन जाता। किसी महाविद्यालय के छात्रों ने थोड़ी उठा पटक कर दी और समाचार पत्र में आगया इतनी इसकी स्थिति है। विकिपीडिया:उल्लेखनीयता > उदाहरण > अनुल्लेखनीय विषय > कवि पन्टर सिंह = इस उदाहरण में जो भी लिखा है उस में एक 'कवि पन्टर सिंह' शब्द ही परिवर्तति करने की आवश्यकता है। विकिपीडिया:उल्लेखनीयता > उदाहरण > अनुल्लेखनीय विषय > अभिनेत्री चुट्की कुमारी - यहाँ भी शब्द परिवर्तन करेंगे तो ये लेख को उदाहरण के रूप में प्रस्थापित कर सकते हैं। देखें - चुट्की कुमारी दुनिया के सबसे महान कलाकारों मे जानी जाती हैं। एन्जेलीना जोली, निकोल किडमैन और ऐश्वर्या राय के श्रेणी में आने वाली इस कलाकार के विश्वभर में हज़ारों प्रशंसक हैं।" स्थानीय पत्रिका को बड़ी गुणवत्ता वाला स्रोत नहीं कहा जा सकता है -- अगर विभिन्न क्षेत्रों की कई सारी स्थानीय पत्रिकाओं ने यही छापा होता तो अलग बात थी। अखबार में छपी खबर में चुट्की जी का जो उल्लेख किया गया है, वह तुच्छ है -- इसे हम "महत्त्वपूर्ण उल्लेख" नहीं मान सकते। ॐNehalDaveND•✉•✎ 20:19, 15 अप्रैल 2017 (UTC)
- अपना बिंदु इसी लहजे में रखना था, तो धन्यवाद। --SM7--बातचीत-- 20:26, 15 अप्रैल 2017 (UTC)
- चौपाल से लाया गया चर्चा का अंश जो यहां जारी रखा जा सकता है
सभी सक्रिय सदस्य ध्यान दें।
उपरोक्त संबंधी लेख गुरमेहर कौर को १ माह १६ दिन पूर्व की चर्चा उपरांत एक माह तक हटाने से रोके रखा था, जिससे कि उसकी उल्लेखनीयता के समर्थन में कोई वृद्धि हो तो निर्णय बदला जा सके। किन्तु उक्त अवधि (१ माह) से कहीं अधिक (डेढ़ माह) निकल जाने तक भी कोई गतिविधि उससे संबंधित न होने पर आज उस लेख को हटा दिया गया था। इसके बाद उसकी हटाने हेतु चर्चा भी सुरक्षित कर दी गयी थी। किन्तु संभवतः कुछ सदस्यों को इसमें असंतोष है, जिसके कारण इस चर्चा को एक सप्ताह के लिये बढ़ा दिया गया है।
एक सप्ताह, अर्थात २३ अप्रैल तक कोई निर्णय हुआ तो उसके अनुसार अन्यथा इस लेख को हटा दिया जायेगा। आगे इस लेख के पुनर्स्थापन के बारे में चर्चा व विचारों का स्वागत है।आशीष भटनागरवार्ता 10:58, 16 अप्रैल 2017 (UTC)
- नमस्ते आशीष जी, बिंदु को यहाँ उठाने के लिए धन्यवाद।
- उपरोक्त चर्चा के संदर्भ में -
- चर्चा में, इसकी समीक्षा महीने भर बाद की जाय कि उल्लेखनीयता है अथवा नहीं, पर आख़िरी सहमति बनी थी। लेख को किस प्रकार की समीक्षा द्वारा हटा दिया गया? और चर्चा पन्ने पर इसकी सूचना क्यों नहीं दी गयी?
- लेख हटाये जाने के बाद उपरोक्त बिंदु पर आपत्ति करने (और लेख को पुनः स्थापित करने के अनुरोध) के बाद सीधे चर्चा को ही बंद कर दिया गया; जबकि यह टिप्पणी लिखे अभी 24 घंटे भी नहीं हुए।
- कृपया उपरोक्त दोनों कार्यों का औचित्य स्पष्ट किया जाय। --SM7--बातचीत-- 11:21, 16 अप्रैल 2017 (UTC)
- प्रिंट मीडिया का उद्देश्य हर सामयिक चटपटी खबर को प्रकाशित करना परन्तु प्रत्येक खबर न ज्ञानकोशीय हो सकती है और न ऐतिहासिक। गुरमेहर कौर की क्या कोई राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धि है जिसके आधार पर ज्ञानकोष कहा जा सके। धन्यवाद।-- ए० एल० मिश्र (वार्ता) 12:32, 16 अप्रैल 2017 (UTC)
- साँचा:ping जी, आप यही टिप्पणी उक्त चर्चा पन्ने पर लिखें। स्पष्ट रूप हटायें/रखें या समर्थन' (यह "हटाया जाए" के अर्थ में होता है) अथवा विरोध (यह रखे जाने के अर्थ में होता है) के साथ अपना वाक्य शुरू करते हुए अपना तर्क प्रस्तुत करें। धन्यवाद। --SM7--बातचीत-- 12:47, 16 अप्रैल 2017 (UTC)
- आशीष जी, आप चर्चा में भाग लेने वाले लोगों में से एक थे और आपको अन्य प्रबन्धकों के सक्रिय रहते लेख नहीं हटाना चाहिए था। उपरोक्त चर्चा में लेख हटाने के पक्ष में सर्वसम्मत्ति नहीं थी।☆★संजीव कुमार (✉✉) 17:36, 16 अप्रैल 2017 (UTC)
- @आशीष भटनागर: उचित होगा कि आप लेख को पूर्व स्थिति में पुनः स्थापित करें और चर्चा को आगे बढ़ने दें।☆★संजीव कुमार (✉✉) 17:37, 16 अप्रैल 2017 (UTC)
- नमस्कार,
- आशीष जी, आप चर्चा में भाग लेने वाले लोगों में से एक थे और आपको अन्य प्रबन्धकों के सक्रिय रहते लेख नहीं हटाना चाहिए था। उपरोक्त चर्चा में लेख हटाने के पक्ष में सर्वसम्मत्ति नहीं थी।☆★संजीव कुमार (✉✉) 17:36, 16 अप्रैल 2017 (UTC)
- उस लेख को उल्लेखनीयता के अभाव में हटाया गया था।
- इसका निर्णय कोई एकतरफ़ा नहीं था। इस पर डेढ़ माह पूर्व चर्चा हुई थी, किन्तु अनुल्लेखनीय होने के कारण हटाने की बात उठी थी। तब मैंने ही इसे यह कहकर एक माह हटाने से बचाया था कि जहां इस लेख को बनाने में जल्दबाजी की गयी है, वहीं जब बन ही गया है तो अब हटाने में जल्दबाजी न की जाये; अतः एक माह तक और देख लेते हैं, यदि तब तक भी इसकी उल्लेखनीयता में कोई वृद्धि नहीं होती है, तब हटा देंगे।
- अब एक माह १६ दिन उपरान्त आर्यावर्त्त जी का सन्देश मिला जिसमें उन्होंने इसे हटाने की बाद याद दिलायी, जिसमें मैंने उसे १६ दिन ही पढ़ा और उन्हें फिर कहा भी था कि अभी १६ दिन ही हुए हैं और मैंने ही एक माह की प्रतीक्षा को कहा था तब कैसे हटाया जाये, कुछ रुक जायें। तब उन्होंने सुधार किया कि १६ दिन नहीं एक माह १६ दिन हो चुके हैं तथा
- इस पूरी अवधि में किसी समाचार में उसका कोई उल्लेख नहीं हुआ है।
- इस बीच किसी अन्य ने भी उसे रखने के पक्ष में अपना मत प्रकट नहीं किया है। अतः कृपया हटा दें।
- तब ही मैंने उसे हटाया है। फिर भी SM7 जी के पुनर्विचार की इच्छा पर मैंने उसकी हटाने हेतु चर्चा को पुनः चालू कर दिया। अब इस ४७ दिन की अवधि में चलिये ३० दिन का समय तो प्रतीक्षा का था, उसके बाद भी किसी के विचार या मत नहीं आये, किन्तु उसे हटाने के बाद विरोध अवश्य आ गए। एक माह उपरान्त भी १६ दिन का समय था।
- इसके अलावा यहां ये भी ध्यानयोग्य है कि अनेक लेख ऐसे हैं जो अति उल्लेखनीय हैं, किन्तु उन पर १-२ वाक्यों के लेख मात्र बने हुए हैंं, कहीं बेहतर होता कि इस लेख की उल्लेखनीयता सिद्ध न कर के, मात्र हटाया क्यों? इस विषय पर इतनी लम्बी चर्चा की जाये - इसके स्थान पर ये ऊर्जा व समय उन छोटे किन्तु उल्लेखनीय लेखों को बढ़ाने में लगाया जाता।
- साथ ही हमारे पास कितने उत्साही पुनरीक्षक सक्रिय हैं, जो इन लेखों में ही उलझे रहें, व अन्य लेखों तक न बढ़ पायें, जो उनकी प्रतीक्षा में बैठे हैं। पुनरीक्षक महोदय बार बार हटाने का अनुरोध करते रहें, फिर भी मैंने उल्लेखनीयता के बिन्दु पर उस लेख को १ माह रोके रखा, उसके १६ दिन ऊपर भी किसी ने उल्लेखनीयता सिद्ध करने का प्रयास नहीं किया। अब हटाने पर पुनर्स्थापन की बात फिर खड़ी हो गई।
- फिर भी मैंने इसकी हहेच चर्चा एवं उस लेख का पुनर्स्थापन कर दिया है। संभव हो तो कृपया समय रहते उसकी उल्लेखनीयता सिद्ध करें जिससे पुनरीक्षकगण तृप्त हो सकें।
- @आशीष भटनागर: जी, कृपया चौपाल वाली चर्चा को यहाँ न रखें। वह इससे सम्बंधित है पर इस चर्चा का भाग नहीं। यहाँ लेख रखा जाय या हटाया जाय इसी पर बात की जाय (यानि उल्लेखनीयता के बारे में) अतः आपने यह सामग्री जो चौपाल से लाकर यहाँ स्थापित की यह कुछ ठीक नहीं लग रहा। आप अपने वर्तमान बिंदु जो चौपाल वाले के उत्तर में लिखे हैं, वहीं चौपाल पे लिखें ऐसा मेरा अनुरोध है। यहाँ मूल विषय पर ही चर्चा की जाय। --SM7--बातचीत-- 09:16, 17 अप्रैल 2017 (UTC)
- @SM7: जी, मेरे विचार में तो यह चर्चा बंद कर दी गयी थी, और आपके अनुरोध पर (जैसा मेरा विचार है) इसे पुनः आरम्भ किया गया है (क्योंकि शायद मैंने गलत किया हो तो सुधार हो पाए)। इस पुनरारम्भ हुई चर्चा का विषय भी तो वही है कि लेख की उल्लेखनीयता सिद्ध की जाये, जिस पर आधारित ये निर्णय लिय़ा जा सके कि लेख रखें या नहीं। अतएव मेरे विचार से दोनों चर्चाओं का उद्देश्य एक ही था, तभी मैंने उसे दो स्थानों पर न करके एक ही स्थान पर समाहित किया। फिर भी आप यदि इसे अलग समझते हैं तो आप इसे वापस कर सकते हैं। मुझे कोई आपत्ति नहीं। मैंने अपना उद्देश्य बताया, किन्तु आपके विचार श्रेष्ठ हो सकते हैं, अतः मुझे निर्विरोध मान्य होंगे। बस ये ध्यान रखियेगा कि एक ही लेख पर दो चर्चाएं संभालना मुश्किल न हो...। सादर आशीष भटनागरवार्ता 09:44, 17 अप्रैल 2017 (UTC)
- @आशीष भटनागर: सर जी, मैं सहमत हूँ कि एक साथ दो चर्चा करना मुश्किल है। आपके द्वारा लेख को हटाने पर आपत्ति मैंने यहाँ की और पुनर्स्थापित करने का अनुरोध किया, क्योंकि उस समय यह चर्चा खुली थी। उसके बाद यह चर्चा बंद कर दी गयी। आपके द्वारा चौपाल पे शुरू की गयी चर्चा में मैंने उक्त दोनों बातों पर आपत्ति की। अब आप उसे भी यहाँ ला रहे हैं। आप मेरी बात समझें, मैंने लेख रखा जाय या हटाया जाय इस पर नहीं बल्कि इसके हटाये जाने और चर्चा बंद किये जाने के तरीके पर आपत्ति की है, और यह अब आप ही के द्वारा चौपाल पर दूसरी चर्चा के रूप में स्थापित है। उनका उत्तर इस लेख को रखने या हटाने की मूल चर्चा से सम्बंधित है, पर इस चर्चा का हिस्सा नहीं। कई बातों का घालमेल न हो इसलिए आपसे अनुरोध कर रहा कि दोनों पर अलग-अलग बात की जाय। --SM7--बातचीत-- 09:54, 17 अप्रैल 2017 (UTC)
- @SM7: जी, अब लेख हटाने और चर्चा हटाये जाने के तरीके पर चर्चा का औचित्य नहीं रह जाता है जब कि दोनों ही पुनर्स्थापित किये जा चुके हैं। वैसे मैंने उस बारे में भी बिन्दुवार विचार रखे हैं। खैर उसे पुनर्स्थापन के साथ छोड़कर मात्र लेख की उल्लेखनीयता के बारे में चर्चा करें तो लाभदायक होगा, क्योंकि तरीके की चर्चा का परिणाम अधिकतम पुनर्स्थापन होता तो वह तो हो ही चुका है। हां यदि यह चर्चा करनी हो कि लोग डेढ़ माह तक क्यों चुप्पी बनाये रहे और अब क्यों उठ खड़े हुए हैं (आप नहीं, क्योंकि आप ही ने तो अनुरोध किया था) तो कर सकते हैं। किन्तु मेरे विचार से हम समय, उद्योग, प्रयास, बुद्धि अन्य अति लघु उल्लेखनीय एवं अति-उल्लेखनीय लेखों की वृद्धि में लगायें तो कहीं बेहतर होगा। वैसे ये मेरा विचार है, आवश्यक नहीं कि सभी इस बात पर सहमत हों। जहां तक दोनों चर्चाएं चलाने का आपका विचार है, तो उस बारे में मैंने अपने पिछले संदेश में अनापत्ति जतायी ही है व आप पर छोड़ दिया है। जो निर्णय होगा मुझे मान्य होगा। ससम्मान आशीष भटनागरवार्ता 10:17, 17 अप्रैल 2017 (UTC)
- @आशीष भटनागर: जी, कृपया चौपाल वाली चर्चा को यहाँ न रखें। वह इससे सम्बंधित है पर इस चर्चा का भाग नहीं। यहाँ लेख रखा जाय या हटाया जाय इसी पर बात की जाय (यानि उल्लेखनीयता के बारे में) अतः आपने यह सामग्री जो चौपाल से लाकर यहाँ स्थापित की यह कुछ ठीक नहीं लग रहा। आप अपने वर्तमान बिंदु जो चौपाल वाले के उत्तर में लिखे हैं, वहीं चौपाल पे लिखें ऐसा मेरा अनुरोध है। यहाँ मूल विषय पर ही चर्चा की जाय। --SM7--बातचीत-- 09:16, 17 अप्रैल 2017 (UTC)
रखने हेतु
रखें
- बिल्कुल अंग्रेज़ी विकी चर्चा की जैसी, यहाँ पर आम सहमति निर्धारित नहीं की जा रही है।
- यह स्पष्ट हो गया है कि इस शख़्सियत ने विभिन्न भरोसेमन्द और मशहूर न्यूज़-प्लैट्फ़ॉर्म्ज़ पर काफ़ी उल्लेखनीयता प्राप्त की है।
यह दो बातों को नज़र रखते हुए, मेरा ख़्याल है कि लेख को हटाना नहीं जाना चाहिए।
सादर, --सलमा महमूद 22:21, 16 अप्रैल 2017 (UTC)
- सदस्य:Salma Mahmoud - आपने कहा पर काफ़ी उल्लेखनीयता प्राप्त की है। कवरेज और उल्लेखनीयता में आप क्या फर्क समझती हैं, कृपया स्पष्ट करें। --अनामदास 08:07, 17 अप्रैल 2017 (UTC)
रखें
- एक से अधिक घटनायों के लिए उल्लेखनीय। इसके साथ ही मुझे लगता है कि हिन्दी विकी पर उन लेखों के बारे में चर्चा न की जाए जो अंग्रेजी पर मौजूद हैं। हमारे पास और भी बहुत कार्य हैं। अंग्रेजी विकी पर ऐसे मसलों का सही समाधान होना की अधिक संभावना है क्योंकि वहाँ बहुत बड़ा समुदाय है जिसके कारण निष्पक्ष होने की भी अधिक संभावना है। --Satdeep Gill (वार्ता) 19:04, 18 अप्रैल 2017 (UTC)
- सतदिप जी, अंग्रेज़ी विकि पर मौजूद होना मतलब ये नहीं कि हिन्दी विकि पर हटा नहीं सकते। भारतीय व्यर्तिओं के प्रचार लेख अंग्रेजी विकि पर बहुत बनते हैं, हिंदी पर हमें व्यक्तिगत अनुभव से पता होता है कि व्यक्ति उल्लेखनीय है या नहीं। अंग्रेजी के अपने और हिन्दी के कुछ अपने नीति नियम हैं। यहाअ अंग्रैजी विकि को आधार बनाकर कोई भी कार्य नहीं करवाया जा सकता। यहाँ भारत से जूड़े व्यक्तिओं की उल्लेखनीयता तय करने के लिये और भी अनुभवी समूदाय है।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 14:00, 19 अप्रैल 2017 (UTC)
हटाने हेतु
हटायें। गुल कौर ने विवादी निवेदन देने के अलावा कोई भी ऐसा उल्लेखनीय प्रदान नहीं किया है कि ज्ञानकोश में उन्हें स्थान मिल सकें। डेढ़ महिने से चर्चा चल रही थी और चर्चा में उल्लेखनीयता साबित नहीं हो पायी। अभी भी नहीं हुई है। लेख बनाने में जल्दबाजी हुई लेकिन हटाने में नहीं करनी चाहिये ऐसी सम७ जी कि टिप्पणी के बाद आशीष जी ने एक महीना और राह देखने के लिये कहाँ था। समायावधि के उपर १४ दिन हो जाने के बाद मैने ही लेख हटाकर चर्चा समाप्त करने के लिये कहाँ था। जिस कारण आशीष जी ने लेख हटा दिया किन्तु चर्चा समाप्त करना भूल गयें। इसके बाद यहाँ लेख ऐसे ही हटा दिया पुन: स्थापित करें इस प्रकार की टिप्पणियाँ हो गई। एक प्रबंधकने तो आपने किस कारण लेख हटाया, आप चर्चा में हिस्सा ले रहे थे आप नहीं हटा सकते इस प्रकार के आरोप लगाये और इसे राजकिय मुद्दा बना दिया। लेकिन हमारे यहाँ चर्चा में भाग लेने वाले भी चर्चा समाप्त करते आये हैं। कम से कम इस चर्चा में आशीष जी ने किसी एक का पक्ष नहीं लिया था।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 05:08, 17 अप्रैल 2017 (UTC)
- आर्यावर्त जी, यहाँ लेख का विषय क्यों उल्लेखनीय नहीं है इस पर टिप्पणी करें। क्यों हटाया गया और आपने चर्चा क्यों बंद की इसका उत्तर चौपाल पे दें। सादर धन्यवाद। --SM7--बातचीत-- 09:22, 17 अप्रैल 2017 (UTC)
हटायें।मैंने अपना मत पूर्व ही दे दिया था अतः मेरी आगे की टिप्पणीयों को भी ध्यान में लिया जाए। यदि विवाद और छुट पुट घटना में समाचारपत्र और समाचारवाहिनीयों में आना उल्लेखनीयता है, तो लाली लेख भी बने, तो उल्लेखनीयता भंग न हो ये चिन्ता करें। अन्य विकिपीडिया पर होने से लेख की उल्लेखनीयता बढ़ नहीं जाती। हि.वि समुदायों के आधार पर चलता है और कदाचित् वहाँ किसी ने इस बात को ध्यान में न दिया हो। अतः वहाँ का उदाहरण लेकर लेख को रखना चाहिये ये तर्क असंगत ही है। उल्लेखनीयता का आधार ज्ञान वृद्धि होना चाहिये। यदि किसी भी तुच्चे से प्रकरण को, जो समाचारवाहिनीयोंने दिखाया, उसे स्वीकार कर लेवें, तो लाली जैसे लेखों की शृंखला बन सकती है। उन लेखों के लिये ये लेख उदाहरणरूप होगा। ॐNehalDaveND•✉•✎ 05:50, 17 अप्रैल 2017 (UTC)
- किस चीज पे टिप्पणी कर रहे हैं सर जी? हम यह नहीं चर्चा कर रहे कि विकिपीडिया पर क्या उल्लेखनीय होना चाहिए, उसका सुझाव आप नई नीति लिख कर प्रस्तावित करके कर सकते हैं। क्या आप सटीक तौर पे बिन्दुवार नहीं लिख सकते कि क्यों उल्लेखनीय नहीं है?--SM7--बातचीत-- 09:26, 17 अप्रैल 2017 (UTC)
हटायें' सम्मान सार्वजानिक न होकर जातीय संगठन से सम्बन्धित है जिसे उल्लेखनीय नहीं कहा जा सकता। गुरमेहर कौर की कोई राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धि नहीं है।-- ए० एल० मिश्र (वार्ता) 06:22, 18 अप्रैल 2017 (UTC)
हटायें' अथवा घटना के लेख पर स्थानांतरित करें। व्यक्ति की उल्लेखनीयता उसके बायोडाटा से निर्णीत की जानी चाहिए, किसी एक घटना की कवरेज से नहीं। पुरस्कार देने वाली संस्था की भी उल्लेखनीयता स्पष्ट होनी चाहिए। कृपया वार्ता:शोभन_सरकार देखें और वहाँ दिए गए तर्कों के प्रकाश में यहाँ भी निर्णय किया जाए। खासतौर पर बिल विलियम कॉम्पटन जी का 7:27 pm, 27 अक्टूबर 2013, रविवार का कमेंट।--अनामदास 12:55, 19 अप्रैल 2017 (UTC)
हटायें' - आज के समय में हर साल iit के विधयर्थी टॉप करते है और समाचार से लेकर टीवी तक मे उनका उललेख होता है। तो उस से उनकी उललेखनीयता सबित हो जाती है। हर दिन समाचार मे सुनने को मिलता है। कि उसमे भारत का नाम रोशन कर दिया। या उसने। हाल ही मे एक प्रबंधक ने मानस पेज को हटाते समय कहा था। कि दूसरी विकी पर हो तो उललेखनीयता सबित नहि हो जाती है। --जयप्रकाश >>> वार्ता 13:16, 20 अप्रैल 2017 (UTC)
अन्य टिप्पणियाँ
@SM7: जी, मैंने और नेहल जी ने स्पष्ट रूप से लिखा हैं कि क्यों उल्लेखनीय नहीं। फिर भी आप एक ही राग अलाप रहे। जिसे लगता है कि गुल कौर ने कोई उल्लेखनीय कार्य किया है और वो ज्ञानकोष में स्थान प्राप्तकर सदा के लिए अमर बनने योग्य बन गई हैं तो कृपया उनकी उल्लेखनीयता साबित करें। किसी विवादी निवेदन देने से समाचार पत्रों में स्थान मिलता है। विवाद के प्रचार हेतु विकि को माध्यम बनाया जा रहा है। वर्तमानपत्रों में गुंडे, मवाली भी कुछ समय तक चर्चा में रहते हैं। उल्लेखनीय नहीं बन जाते। लेख पुनःस्थापित करवाकर अहम् पूर्ति हेतु दूसरों के समय का व्यय किया जा रहा है। चर्चा पहले ही हो चुकी है और डेढ़ महीने तक पुख्त चर्चा हुई है।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 14:35, 17 अप्रैल 2017 (UTC)
- आर्यावर्त जी क्षमा प्रार्थी हूँ। कई बार गलतियाँ इंगित करने पर बुरा लगता है। परन्तु न तो मैं कोई राग अलाप रहा, न ही किसी अहम् पूर्ति हेतु ऐसा कर रहा। आप अपनी और नेहल जी की ऊपर टिप्पणियाँ दुबारा पढ़ कर देखें। आपके पहले वाक्य के अलावा सारी बात उल्लेखनीयता के बजाय चर्चा क्यों हटाई गयी और क्यों उचित थी यही न्यायसंगत ठहराते दिख रहे (जिस पे टिप्पणी करने की उचित जगह और आमन्त्रण आपको सुझा चुका हूँ)। नेहल जी अच्छी शुरूआत के बाद आम राय दे रहे हैं कि विकिपीडिया पर उल्लेखनीय क्या होना चाहिए। ऐसे में विषय पर केन्द्रित रहने का अनुरोध कर दिया तो कोई ग़लत काम तो नहीं किया!
- दूसरी बात, जिसे आप पुख्ता चर्चा के आधार पर हटाया जाना मान रहे, और इसी कारण दुबारा विचार में भी हटाने को कह रहे (तो पुनर्विचार किस बात का?) उसी की पुख्तगी पर प्रश्न पूछा था और आपत्ति की थी मैंने। यह भी किसी निजी अहम् की तुष्टि के लिए नहीं था।
- जिस पुख्ता चर्चा की बात आप कर रहे और ऊपर हमारे वरिष्ठ प्रबंधक महोदय ने चर्चा समाप्त करने के जो औचित्य गिनाये हैं - " १. उस लेख को उल्लेखनीयता के अभाव में हटाया गया था।" यह किसने तय किया ? चर्चा में विराम ही इसी बात पर हुआ था कि उल्लेखनीयता पर दुबारा विचार किया जाय। तो क्या उन्होंने स्वयं यह विचार किया ? किया तो उसकी सूचना कहाँ लिखी?
- आगे आप लिखते हैं कि "४. इस पूरी अवधि में किसी समाचार में उसका कोई उल्लेख नहीं हुआ है।" - मैंने गूगल समाचार खोज में खुले पहले पन्ने से कुछ कड़ियाँ कॉपी की हैं: २० मार्च की ख़बर कि इनपे फ़िल्म बनेगी, ५ अप्रैल की ख़बर महेश भट्ट को चेतावनी दी गयी कि फ़िल्म न बनायें, १३ अप्रैल की खबर इनका मुम्बई में सम्मान किया जाएगा, इस बीच 11 से 12 अप्रैल के बीच की ख़बरें पंजाब केसरी, न्यूज 18, नवभारत टाइम्स, NDTVइण्डिया, बीबीसी (ये पहले पन्ने की हैं आगे मैंने गूगल का पन्ना नहीं बढ़ाया)। १५ अप्रैल की ख़बर 1 और 2 कि इन्हें "करेजियस यूथ पंजाबी आइकॉन अवॉर्ड" दिया गया।
- ज़ाहिर है लेख हटाने से पहले उन्होंने एक बार भी गूगल खोज तक करने की ज़हमत नहीं उठाई; अन्यथा यह न लिखते कि "इस पूरी अवधि में किसी समाचार में उसका कोई उल्लेख नहीं हुआ है।" तो क्या इसे पुख्ता मानें ?
- पाँचवा बिंदु आप लिखते हैं कि - "इस बीच किसी अन्य ने भी उसे रखने के पक्ष में अपना मत प्रकट नहीं किया है। अतः कृपया हटा दें।" - जब चर्चा आपसी सहमति से विराम पर थी तो कोई क्यों उसमें टिप्पणी लिखता ?
- उपरोक्त बातें मैं इस चर्चा में नहीं लिखना चाहता था, और अब आगे इस पर यहाँ कोई बात नहीं करूँगा, जिसे कोई आपत्ति हो वो चौपाल पर इस सम्बन्ध में मैंने जो प्रश्न लिखे थे उनका उत्तर दे।
- और आर्यावर्त जी, हमारे एक प्रबंधक वि:AGF की बहुत बात करते हैं, मेरे ख़याल में यह दोतरफ़ा चीज है। केवल वह व्यक्ति जो आपकी तारीफ़ करे वही आपमें गुड फेथ रख रहा ऐसा नहीं, और आपको भी अन्य लोगों में गुड फेथ रखनी चाहिए। अगर आप सोचते हैं कि आपके हर काम पे साधु साधु ! या मरहबा मरहबा ! करने वाला ही गुड फेथ रखने वाला है और किसी ने गलती इंगित कर दी तो वो बुरी नीयत रख रहा (यह आप कई बार साबित करने का प्रयास कर चुके हैं), तो ऐसा नहीं। आप हमारे पुनरीक्षक हैं। इस तरह की चर्चाओं में "राग अलाप रहे" और "अहम् पूर्ति" जैसे शब्दों का चयन कहीं से उचित नहीं। करबद्ध प्रार्थना है कि आगे से ऐसी किसी चर्चा में किसी भी सदस्य के लिए ऐसे शब्दों का चयन न करें। ऐसा करके वस्तुतः आप अपनी नीयत दिखा रहे होते हैं।
- --SM7--बातचीत-- 18:12, 17 अप्रैल 2017 (UTC)
- कृपया हिंदी विकी के हित को ध्यान में रखकर ही संवाद करें। जय /पराजय की दृष्टि से नहीं। -- ए० एल० मिश्र (वार्ता) 06
- 27, 18 अप्रैल 2017 (UTC)
- -- चर्चा अगर हटाने की प्रक्रिया पर है तो वरिष्ठ लोग निर्णय ले सकते है परन्तु अगर चर्चा विषयवस्तु के ज्ञानकोशीय होने या न होने की है तो कृपया स्पष्ट करे की क्षणिक समाचार पत्र (उसपर भी इनका नाम समाचारपत्रों में कम ,सोशल मीडिया में अधिक था ) चर्चाओं वाले पात्र ज्ञानकोशीय हो सकते है क्या ? उदाहरण के लिए,शरद पवार थप्पड़ काण्ड के हरविंदर सिंह।क्या इनका लेख भी ज्ञानकोशीय होगा (अगर बनता है तो ),क्युकी वे एक नहीं २ थप्पड़ काण्ड के लिए चर्चित रहे है ,और गूगल पर अभी भी कई जगह उनके बारे में खबरे आती रहती है। स्वप्निल करंबेलकर (वार्ता) 07:03, 19 अप्रैल 2017 (UTC)
- साँचा:ping जी, कृपया वि:उल्लेखनीयता पढ़ें। वहाँ दो तरीके लिखें हैं, उल्लेखनीयता साबित करने के लिए क्या आवश्यक है, और कैसे लोग उल्लेखनीय नहीं इसका भी नमूना लिखा गया है। उनके आधार पर आप वर्तमान चर्चा के विषय को परखें और अपनी टिप्पणी लिखें। धन्यवाद। --SM7--बातचीत-- 11:07, 19 अप्रैल 2017 (UTC)
- -- चर्चा अगर हटाने की प्रक्रिया पर है तो वरिष्ठ लोग निर्णय ले सकते है परन्तु अगर चर्चा विषयवस्तु के ज्ञानकोशीय होने या न होने की है तो कृपया स्पष्ट करे की क्षणिक समाचार पत्र (उसपर भी इनका नाम समाचारपत्रों में कम ,सोशल मीडिया में अधिक था ) चर्चाओं वाले पात्र ज्ञानकोशीय हो सकते है क्या ? उदाहरण के लिए,शरद पवार थप्पड़ काण्ड के हरविंदर सिंह।क्या इनका लेख भी ज्ञानकोशीय होगा (अगर बनता है तो ),क्युकी वे एक नहीं २ थप्पड़ काण्ड के लिए चर्चित रहे है ,और गूगल पर अभी भी कई जगह उनके बारे में खबरे आती रहती है। स्वप्निल करंबेलकर (वार्ता) 07:03, 19 अप्रैल 2017 (UTC)
- 27, 18 अप्रैल 2017 (UTC)
- साँचा:ping जी, विकिपीडिया:अच्छी नीयत माने पहले खुद और अपने साथियों को पड़वा दे। यदि आप और चार दिनों में नामाकन के जाने वाले को भी पड़वा देगे। तो आपकी समस्याए दूर हो जायेगी। --जयप्रकाश >>> वार्ता 13:28, 20 अप्रैल 2017 (UTC)
- ऊपर की चर्चा इस पृष्ठ पर हुए विचार-विमर्श का पुरालेख है। कृपया इसमें किसी तरह का बदलाव न करें। अनुवर्ती टिप्णियाँ उपयुक्त वार्ता पृष्ठ पर करनी चाहिए (जैसे कि लेख का वार्ता पृष्ठ या पृष्ठ हटाने हेतु चर्चा का वार्ता पृष्ठ)। इस पृष्ठ पर किसी भी प्रकार का कोई संपादन नहीं होना चाहिए।