पंजाबी भाषा
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (जून 2019) साँचा:find sources mainspace |
colspan=3 style="text-align: center; font-size: 125%; font-weight: bold; color: black; background-color: साँचा:infobox Language/family-color" | पंजाबी | ||
---|---|---|
colspan=3 style="text-align: center; font-weight: bold; color: black; background-color: साँचा:infobox Language/family-color" | ਪੰਜਾਬੀ; پنجابی | ||
बोली जाती है | पाकिस्तान, भारत, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और अन्य पंजाबी अप्रिवासन के देश। | |
क्षेत्र | पंजाब | |
कुल बोलने वाले | १२.९ करोड़ | |
भाषा परिवार | हिन्द-यूरोपीय
| |
लेखन प्रणाली | पंजाबी | |
colspan=3 style="text-align: center; color: black; background-color: साँचा:infobox Language/family-color" | आधिकारिक स्तर | ||
आधिकारिक भाषा घोषित | पंजाब (भारत), पंजाब (पाकिस्तान) | |
नियामक | कोई आधिकारिक नियमन नहीं | |
colspan=3 style="text-align: center; color: black; background-color: साँचा:infobox Language/family-color" | भाषा कूट | ||
ISO 639-1 | pa | |
ISO 639-2 | pan | |
ISO 639-3 | pan | |
सूचना: इस पन्ने पर यूनीकोड में अ॰ध॰व॰ (आई पी ए) चिह्न हो सकते हैं। |
पंजाबी (गुरमुखी: ਪੰਜਾਬੀ ; शाहमुखी: پنجابی) एक हिंद-आर्यन भाषा है और ऐतिहासिक पंजाब क्षेत्र (अब भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजित) के निवासियों तथा प्रवासियों द्वारा बोली जाती है। इसके बोलने वालों में सिख, मुसलमान और हिंदू सभी शामिल हैं। पाकिस्तान की १९९८ की जनगणना और २००१ की भारत की जनगणना के अनुसार, भारत और पाकिस्तान में भाषा के कुल वक्ताओं की संख्या लगभग ९-१३ करोड़ है, जिसके अनुसार यह विश्व की ११वीं सबसे व्यापक भाषा है। कम से कम पिछले ३०० वर्षों से लिखित पंजाबी भाषा का मानक रूप, माझी बोली पर आधारित है, जो ऐतिहासिक माझा क्षेत्र की भाषा है।
परिचय
पंजाबी भाषा पंजाब की आधुनिक भारतीय आर्यभाषा है। ग्रियर्सन ने (लिंग्विस्टिक सर्वे भाग 1,8 तथा 9 में) पूर्वी पंजाबी को "पंजाबी" और पश्चिमी पंजाबी को "लहँब्रा" कहा है। वास्तव में पूर्वी पंजाबी और पश्चिमी पंजाबी पंजाबी की दो उपभाषाएँ हैं जैसे पूर्वी हिंदी और पश्चिमी हिंदी हिंदी की।साँचा:cn यह अलग बात है कि पाकिस्तान बन जाने के कारण दोनों भाषाओं का विकास इतनी भिन्न दिशाओं में हो रहा है कि इनके अलग अलग भाषाएँ हो जाने की संभावना है। पंजाबी की एक तीसरी उपभाषा "डोगरी" है जो जम्मू-कश्मीर के दक्षिण-पूर्वी प्रदेश और काँगड़ा के आसपास बोली जाती है।साँचा:cn साहित्य में मध्यकाल में लहँदी का मुलतानी रूप और आधुनिक काल में अमृतसर और उसके आसपास प्रचलित पूर्वी पंजाबी का माझी रूप व्यवहृत होता रहा है। अमृतसर सिक्खों का प्रधान धार्मिक तीर्थ और केंद्र है। ईसाई मिशनरियों ने लुधियाना-पटियाला की मलबई बोली को टंकसाली बनाने का प्रयत्न किया। उसका परिणाम इतना तो हुआ है कि मलवई का प्रभाव सर्वत्र व्याप्त है, किंतु आदर्श साहित्यिक भाषा के रूप में माझी ही सर्वमान्य रही है। पश्चिमी पंजाब की बोलियों में मुलतानी, डेरावाली, अवाणकारी और पोठोहारी, एव पूर्वी पंजाबी की बोलियों में पहाड़ी, माझी, दूआबी, पुआधी, मलवई और राठी प्रसिद्ध हैं। पश्चिमी पंजाबी और पूर्वी पंजाबी की सीमारेखा रावी नदी मानी गई है।
"पंजाबी" नाम बहुत पुराना नहीं है। "पंजाब" असल में दो फ़ारसी शब्द "पंज" और "आब" का मेल है। "पंज" का मतलब "पांच" है और "आब" का मतलब "पानी" है। इस प्रदेश का प्राचीन नाम 'सप्तसिंधु' है। भाषा के लिए "पंजाबी" शब्द 1670 ई. में हाफिज़ बरखुदार (कवि) ने पहली बार प्रयुक्त किया; किंतु इसका साधारण नाम बाद में भी "हिंदी" या "हिंदवी" रहा है, यहाँ तक कि रणजीतसिंह का दरबारी कवि हाशिम महाराज के सामने अपनी भाषा (पंजाबी) को हिंदी कहता है।साँचा:cn वस्तुत: 19वीं सदी के अंत तक हिंदू और सिक्खों की भाषा का झुकाव ब्रजभाषा की ओर रहा है। यह अवश्य है कि मुसलमान जो इस देश की किसी भी भाषा से परिचित नहीं थे, लोकभाषा और विशेषत: लहँदी का प्रयोग करते रहे हैं। मुसलमान कवियों की भाषा सदा अरबी-फारसी लहँदी-मिश्रित पंजाबी रही है।
पिछले वर्षों में साहित्यिक पंजाबी ने नए मोड़ लिए हैं। 20वीं सदी के पूर्वार्ध में पंजाबी ने फारसी और अँगरेजी शब्दावली और प्रयोगों का ग्रहण किया, स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से हिंदी के राजभाषा हो जाने के कारण अब इसमें अधिकाधिक संस्कृत हिंदी के शब्द आ रहे हैं।
पंजाबी और हिंदी खड़ी बोली में बहुत अंतर है। पुल्लिंग एकवचन शब्दों की आकारांत रचना और इनसे विशेषण और क्रिया का सामंजस्य, संज्ञाओं और सर्वनामों के प्रत्यक्ष और तिर्यक रूप, क्रियाओं कालादि भेद से जुड़नेवाले प्रत्यय दोनों भाषाओं में प्राय: एक से हैं। पंजाबी के कारकचिह्र इस प्रकार हैं - ने; नूँ (हिं. को); थों या ओं (हिं से); दा, दे, दी (हिं. का, के, की); विच (हिं. में)। पुंलिंग और स्त्रीलिंग शब्दों का बहुवचन तिर्यक रूप - आँ होता है, बाताँ, कुड़ियाँ, मुड्याँ, पथराँ, साधुआँ। यह स्वरसामंजस्य संज्ञा, विशेषण और क्रिया में बराबर बना रहता है, जैसे छोट्याँ मूंड्याँ, द्याँ माप्याँ नूं (हिं. छोटे लड़कों के माँ बाप को), छटियाँ कुड़ियाँ जाँ दियाँ हैन (हिं. छोटी लड़कियाँ जाती हैं)।
ध्वनिविकास की दृष्टि से पंजाबी अभी तक अपनी प्राकृत अवस्था से बहुत आगे नहीं बढ़ी है। तुलना कीजिए पंजाबी हत्थ, कन्न, जंघ, सत्त, कत्तणा, छडणा और हिंदी हाथ, कान, जाँघ, सात, कातना, छोड़ना आदि। पूर्वी पंजाबी में सघोष महाप्राण ध्वनियाँ (घ, झ, ढ, ध, भ) अघोष आरोही सुर के साथ बोली जाती हैं। यह पंजाबी की अपनी विशेषता है। पंजाबी बोलनेवालों की कुल संख्या करोड़ों में है।
भौगोलिक क्षेत्र
पंजाबी पाकिस्तान में सबसे बड़ी भाषा है। यह ४५ फ़ीसद पकिस्तानियों की मातृभाषा जब कि ७० फ़ीसद पाकिस्तानी इस को बोलना जानते हैं। पंजाबी की कई उपभाषाएँ हैं परन्तु एक-दूसरे से करीबी होने के कारण सब को आसानी से समझा जा सकता है। पंजाब के साथ यह पूरे आज़ाद कश्मीर में बोली और समझी जाती है। इसके के अलावा भारत की सिर्फ़ 3 फ़ीसद आबादी पंजाबी बोलती है, परंतु पंजाबी को भारत के सूबा पंजाब में सरकारी बोली और दिल्ली और हरियाणा में दूसरी बोली का दर्जा है।
पंजाबी, अंग्रेज़ के आने से पहले और भारत और मिल मारने से पहलेसाँचा:clarify, दिल्ली से ले कर पेशावर तक फैले हुए पंजाब के छोटे छोटे फ़र्कों साथ बोली जाने वाली बोली थी। १९०१ई. में अंग्रेज़ों ने उस समय पर के पंजाब के ऊपर वाले लेते तरफ़ को काट कर सूबा सरहद बना दिया और फिर १९४७ई. में रहता पंजाब भी 2 टुकड़ों: चढ़ते पंजाब और उतरते पंजाब में बँटा गया। १९६०ई. में इस चढ़ते या भारती पंजाब के भी 3 टुकड़े करके हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में बाँट दिया गया। अअऐनज पंजाबी भी भाग गईसाँचा:clarify और राजनैतिक फ़ायदे के लिए इस को हिमाचल प्रदेश में हिंदी का एक लहजा बताया गया जब कि हिमाचल प्रदेश में बोली जाने वाली बोली पंजाबी का अंगीठी लहजा है।
इस समय पर पंजाबी पाकिस्तान के सूबा पंजाब में लहजो के मामूली फ़र्क साथ और सूबा सरहद में कोहाट, बनेगा और पेशावर के आसपास (हिंदको के नाम साथ) डेरा इस्माइल ख़ान में (डेरी के नाम साथ) और एबटाबाद, हरी परंतु और हज़ारा डिविज़न के दूसरे स्थानों में (हिंदको के नाम साथ), आज़ाद कश्मीर के स्थानों में (पहाड़ी और गुजरी के नाम साथ) और सिंध के पंजाब साथ लगते इलाकों में और भारत में पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा के काफ़ी इलाकों में दिल्ली और राजस्थान के पंजाब साथ लगते ज़िलें और कब्ज़ा किया हुआ जम्मू और कश्मीर में जम्मू के ज़िलें में बोली जाती है। इसके अलावा अमेरीका, कैनेडा, ऑस्ट्रेलिया और बरतानिया में अकलियती ज़बान के तौर और बोली जाती है।
पंजाबी साहित्य
स्क्रिप्ट त्रुटि: "main" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- पंजाबीपीडिया (पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला की परियोजना)
- पंजाबी से हिन्दी शब्द संग्रह (राजभाषा ज्ञानधारा)
- Punjabi to Hindi Machine Translation System
- The Advanced Centre for Technical Development of Punjabi language, Literature and Culture
- The Punjabi Movement