डॉस

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डॉस DOS :- वास्तव में एक प्रकार का सिस्टम सॉफ्टवेयर है जो कि कंप्यूटर हार्डवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के बीच में इंटरफ़ेस का कार्य करता है। ये एक सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम है जो कि माइक्रो कंप्यूटर्स में उपयोग किया जाता था। "डॉस"(DOS) का पूरा नाम डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम(Disc Operating System) है क्योंकि इस ऑपरेटिंग सिस्टम के ज्यादातर कमांड डिस्क(hard disc or floppy disc) से संबंधित होता था। इस प्रकार की ऑपरेटिंग सिस्टम विंडोज़ से पहले के सिस्टम में उपयोग किया जाता था।

बाजार में इसके दो संस्करण(version) प्रचलित था :- 1)MS-DOS 2)PC-DOS "MS-DOS" माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की थी, जबकि "PC-DOS", IBM कंपनी का है जिसका पूरा नाम पर्सनल कंप्यूटर डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम है। ज्यादातर संख्या में एमएस-डॉस संस्करण का ही उपयोग किया जाता था।

डॉस में मुख्य रूप से दो प्रकार की कमांड होते हैं :- 1) आंतरिक डॉस कमांड (Internal DOS Command) 2) बाह्य डॉस कमांड(External DOS Command) 1) आंतरिक डांस कमांड :- यह ऐसे डॉस कमांड होते हैं जो कंप्यूटर को स्विच ऑन करते ही कंप्यूटर बूटिंग के समय अपने आप ही कंप्यूटर में लोड हो जाते हैं और तब तक कंप्यूटर के मेमोरी में बने रहते हैं जब तक कंप्यूटर स्विच ऑफ ना हो जाए। उदाहरण- Copy, Md, Rd, Cd, cls, date, time, Dir, prompt, Del,Echo आदि। 2) बाह्य डॉस कमांड :- यह छोटी-छोटी प्रोग्रामों में स्टोर रहते हैं और यह प्रोग्राम फ्लॉपी डिस्क या हार्ड डिस्क में उपस्थित रहता है। कोई कमांड तभी काम करता है जब उस कमांड के नाम की फाइल फ्लॉपी डिस्क और हार्ड डिस्क में उपस्थित रहता है अन्यथा यह "Bad Command" or "File Name" नाम की संदेश प्रदर्शित करता है। उदाहरण- Compare,tree, diskcomp, sys, undelete, format,unformat, print,edit, backup, restore आदि। यह सब बायोडाटा कमांड के उदाहरण है।

इस तरह डॉस या डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम पुराने कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसका उपयोग अब लगभग नहीं के बराबर किया जाता है क्योंकि अब ज्यादातर विंडोज, विंडोज एक्सपी, विंडोज 8, विंडोज 7.5, विंडोज 10, या अन्य प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता हैं।