2015 दक्षिण भारतीय बाढ़

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(2015 दक्षिण भारत बाढ़ से अनुप्रेषित)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
2015 दक्षिण भारत बाढ़
Indian Air Force Relief and Rescue Op during Tamil Nadu Flood December 2015.jpg
तिथि 8 नवम्बर 2015
स्थान दक्षिण भारत (तमिलनाडु, पुडुचेरी ,आंध्रप्रदेश )
मृत्यु तमिलनाडु: 269 (लगभग)[१]
आंध्रप्रदेश: 54[१]
पुडुचेरी: 2
संपत्ति हानि तमिलनाडु: ८,४८१ करोड़ (US$१ अरब)[२]
आंध्रप्रदेश : ३,८१९ करोड़ (US$५०१ मिलियन)[३]
पुडुचेरी: १८३.०८९ करोड़ (US$२४ मिलियन)[४]

2015 दक्षिण भारत बाढ़ नवंबर-दिसंबर के महीने में उत्तर-पूर्वी मॉनसून के कारण आई थी। इसने तमिल नाडु, आंध्र प्रदेश और पुदुच्चेरी को प्रभावित किया। इस बाढ़ ने चेन्नई शहर को विशेष रूप से [५] प्रभावित किया। इस बाढ़ के कारण लगभग 300 लोग मारे गए, 18 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए, और ₹20000 करोड़ से अधिक नुकसान हुआ। 3 दिसंबर 2015 को प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी चेन्नई पहुंचे और बचाव के प्रयास को प्रोत्साहित किया। बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए दक्षिण भारत के फ़िल्म स्टार रजनीकांत ने 10 लाख का दान दिया है साथ ही अभिनेता धनुष ,सूर्या तथा अभिनेता कीर्ति ने भी रुपये दान किये हैं साथ ही इन्होंने कुल 50 लाख रुपये दान किये।[६]

पृष्ठभूमि

8 नवंबर 2015 को वार्षिक चक्रवात मौसम के दौरान, कम दबाव का एक क्षेत्र गहरे अवसाद के रूप में धीरे धीरे एकत्र हो अगले दिन पुडुचेरी के निकट तट पर तेज हो गया। भूमि के साथ सम्बन्ध होने और उच्च ऊर्ध्वाधर (वर्टीकल) हवा बहने के कारण, 10 नवंबर को उत्तरी तमिलनाडु के ऊपर अच्छी तरह से चिह्नित यह प्रणाली कमज़ोर हो कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो गयी।[७] इसी प्रणाली के कारण तटीय और तमिलनाडु के उत्तरी आंतरिक जिलों में भारी बारिश हुई। 15 नवंबर को, एक अच्छी तरह से चिह्नित कम दबाव का क्षेत्र तमिलनाडु के तट के साथ उत्तर की ओर ले गया जिसके कारण 24 घंटों के अंदर भारी बारिश हुई। चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 24 घंटों में 266 मिमी वर्षा दर्ज की गई। 28-29 नवंबर को, एक और प्रणाली विकसित हो गयी जो 30 नवंबर को तमिलनाडु पहुंची। इस प्रणाली ने 1 दिसंबर के 8:30 से 24 घंटे में ताम्बरम में 490 मिमी वर्षा की। बहुत भारी बारिश चेन्नई के पूरे इलाके में रिकॉर्ड की गयी।[८]

तमिलनाडु

भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर से लिया गया, डूबे हुए चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र का हवाई फोटो

नवंबर 9-10, को नेवेली में 483 मिमी (19.0) वर्षा हुई; बारिश ने कुड्डालोर, चिदंबरम और चेन्नई में भी अपनी तीव्रता को जारी रखा।[९] जिसके परिणामस्वरूप, 13 नवम्बर तक चेन्नई के निचले भाग जलमग्न हो गए और 1000 से अधिक लोगों को पलायन करना पड़ा। 15-16 नवम्बर को, चेन्नई में 246.5 मिमी बारिश हुई जो नवंबर 2005 के बाद दर्ज की गई सबसे अधिक वर्षा है जिसके कारण शहर के अधिकांश क्षेत्रों में बाढ़ आ गयी। चेन्नई शहर में वर्षों से हो रहे अवैध विकास और अपर्याप्त मात्रा में बाढ़ की तैयारियों के कारण इसका प्रभाव और अधिक बढ़ गया।[१०] 17 नवंबर तक वर्षा काफी हद तक समाप्त हो गयी, हालांकि ज्यादातर शहर अभी भी डूबा हुआ है।[११]

पहले कम दबाव प्रणाली से वर्षा 25 नवंबर तक समाप्त हो गयी, हालांकि 29 नवंबर को एक अन्य प्रणाली विकसित हुई जिसके कारण अतिरिक्त बारिश हुई और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इस सप्ताह के अंत तक तमिलनाडु में भारी वर्षा की भविष्यवाणी की।[१२][१३] 1 दिसंबर को भारी बारिश से चेन्नई के कई क्षेत्रों में बाढ़ आ गयी।[१४] शहर के कई अस्पतालों कामकाज बंद कर दिया, जबकि दोपहर तक 60% बिजली आपूर्ति को रोक दिया गया। उसी दिन, तमिलनाडु में मुख्यमंत्री जयललिता ने घोषणा की कि निरंतर बाढ़ और बारिश के कारण अर्द्धवार्षिक स्कूल परीक्षाओं जो मूल रूप से 7 दिसंबर के लिए निर्धारित थीं को जनवरी के पहले सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दिया जाएगा।[१५] 1878 में अपनी स्थापना के बाद से पहली बार, 2 दिसंबर को प्रमुख अखबार द हिन्दू का प्रिंट संस्करण प्रकाशित नहीं किया गया क्योंकि कर्मचारी प्रेस भवन नहीं पहुंच पा रहे थे।[१६]

चेन्नई में नवम्बर के दौरान 1049 मिमी बारिश हुई जो 1918 के 1088 मिमी के बाद से सबसे अधिक है। चेन्नई शहर में बाढ़ को सदी की सबसे खराब बाढ़ के रूप में वर्णित किया गया।[१७][१८] 1 दिसंबर तक तमिलनाडु में 200 से अधिक लोगों का बाढ़ के कारण निधन हो गया और 8 नवंबर के बाद से मिली सूचना अनुसार 70,000 से अधिक लोगों को बचा लिया गया। [१९][२०][२१]

पुडुचेरी

अवसाद काफी हद तक अपतटीय ही बने रहे जिस कारण पुडुचेरी में नवंबर के दौरान अपेक्षाकृत मामूली क्षति अनुभव किया गया था | केले और गन्ने के खेत गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए थे।[२२] पुडुचेरी में 14-15 नवम्बर को 24 घंटे की अवधि में 55.7 मिमी बारिश की सूचना दी। कई निचले इलाकों में अनेक घरों में पानी घुस गया था। जनता के कुछ सदस्यों ने सरकार की ओर से दिशा-निर्देश के बिना पानी के क्षेत्रों की सफाई शुरू करने की पहल की। कई सड़कें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयीं थी। मुख्यमंत्री एन रंगास्वामी और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों आगे वर्षा की आशंका से 16 नवंबर को पुडुचेरी और कराईकल जिलों में सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया था, जबकि सरकारी मशीनरी को किसी भी बाढ़ के लिए तैयारी रहने को कहा गया था।[२३]

आंध्र प्रदेश

आंध्र प्रदेश के नेल्लूर और चित्तूर जिले इस बाढ़ से प्रभावित हुए।

प्रतिक्रिया

राहत प्रयास

भारतीय नौसेना द्वारा राहत कार्य
चेन्नई में पीने का पानी बांटते नौसेना अधिकारी

तमिलनाडु

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने बाढ़ में रिश्तेदारों को खोने वाले प्रत्येक परिवार के लिए ₹ 4 लाख रुपये (अमेरिका $ 5916) के साथ, राहत और स्थान-परिवर्तन के लिए ₹ 500 करोड़ रुपये (अमेरिका $ 74,000,000) के एक प्रारंभिक आवंटन की घोषणा की। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 11 टीमों को तमिलनाडु के लिए भेजा गया। तमिलनाडु में राजनीतिक दलों ने तेज कार्यवाही और केंद्र सरकार से राहत कोष के आवंटन की मांग की। विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) पार्टी की ओर से राज्य सरकार को ₹ 1 करोड़ (अमेरिका $ 147,900) का दान दिया गया। डीएमके नेता करुणानिधि ने कहा, "बिना किसी भेदभाव के" आपदा राहत और राहत सामग्री के शीघ्र वितरण सुनिश्चित करने के लिए निगरानी समितियों की स्थापना करनी चाहिए।"

भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने चेन्नई में पीने के पानी वितरित किये। भारतीय तटरक्षक बल और भारतीय सशस्त्र बलों के तीन अन्य शाखाओं भारतीय सेना और वायु सेना के कांचीपुरम जिले के लोगों को बचाने के साथ, तमिलनाडु भर में बचाव अभियान का आयोजन किया। निर्बाध विद्युत आपूर्ति, कुड्डालोर जिले में 683 ग्राम पंचायतों में से 671 में बहाल कर दी गयी, शेष पंचायतों में टैंकर लॉरियों के माध्यम से पीने के पानी की आपूर्ति की गयी।

भारतीय वायु सेना के चीता हेलीकाप्टरों ने चेन्नई और उसके उपनगरों में फंसे लोगों को बचने का कार्य किया। 30 नवंबर को बाढ़ और बारिश की वापसी के साथ ही नरेंद्र मोदी ने 1 दिसंबर को तमिलनाडु के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। एनडीआरएफ, तटरक्षक बल और भारतीय सशस्त्र बलों की तीन अन्य शाखाओं ने फंसे लोगों की निकासी का कार्य शुरू किया। शहर भर में ड्रोन ,10,000 से अधिक पुलिस अधिकारियों और प्रशिक्षित तैराक, की तैनाती की गयी।

आलोचना और विवाद

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite news
  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  3. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  4. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  5. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  6. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  7. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  8. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  9. साँचा:cite news
  10. साँचा:cite news
  11. साँचा:cite news
  12. साँचा:cite news
  13. साँचा:cite news
  14. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  15. साँचा:cite news
  16. साँचा:cite news
  17. साँचा:cite news
  18. साँचा:cite news
  19. साँचा:cite news
  20. साँचा:cite news
  21. साँचा:cite news
  22. साँचा:cite news
  23. साँचा:cite news