अवटु ग्रंथि की निम्नसक्रियता
हाइपोथायराडिज़्म वर्गीकरण एवं बाह्य साधन | |
थायरॉक्सीन (टी4) सामान्यतया ट्राईयोडोथायरोनाइन (टी३) के २०:१ के अनुपात में उत्पादन होता है। | |
आईसीडी-१० | E03.9 |
आईसीडी-९ | 244.9 |
डिज़ीज़-डीबी | 6558 |
ईमेडिसिन | med/1145 |
एम.ईएसएच | D007037 |
जब अवटुग्रंथि पर्याप्त मात्रा में हार्मोन नहीं बना पाता तो शरीर, उर्जा का उपयोग मात्रा से कम करने लगता है। इस अवस्था को हाइपोथायराडिज़्म कहते हैं। यह बीमारी किसी भी आयु वाले व्यक्तियों को हो सकती है तथापि महिला में पुरुष के अनुपात में यह बीमारी पांच से आठ गुणा अधिक है। अवटुग्रंथि (थायराइड) एक छोटी सी ग्रंथि होती है जो तितली के आकार की निचले गर्दन के बीच में होती है। इसका मूल काम होता है कि शरीर के उपापचय (मेटाबोलिज्म) (कोशिकाओं की दर जिससे वह जीवित रहने के लिए आवश्यक कार्य कर सकता हो) को नियंत्रित करे। उपापचय (मेटाबोलिज़्म) को नियंत्रित करने के लिए अवटुग्रंथि (थायराइड) हार्मोन बनाता है जो शरीर के कोशिकाओं को यह बताता है कि कितनी उर्जा का उपयोग किया जाना है। यदि अवटुग्रंथि (थायराइड) सही तरीके से काम करे तो संतोषजनक दर पर शरीर के उपापचय (मेटाबोलिज़म) के कार्य के लिए आवश्यक हार्मोन की सही मात्रा बनी रहेगी। जैसे-जैसे हार्मोन का उपयोग होता रहता है, अवटुग्रंथि (थायराइड) उसकी प्रतिस्थापना करता रहता है। अवटुग्रंथि, रक्त की धारा में हार्मोन की मात्रा को पिट्यूटरी ग्रंथि को संचालित करके नियंत्रित करता है। जब मस्तिष्क के नीचे खोपड़ी के बीच में स्थित पिट्यूटरी ग्रंथि को यह पता चलता है कि अवटुग्रंथि हार्मोन की कमी हुई है या उसकी मात्रा अधिक है तो वह अपने हार्मोन (टीएसएच) को समायोजित करता है और अवटुग्रंथि को बताता है कि क्या करना है।
कारण
हाइपोथाइराडिज़्म के कारण निम्नलिखित हैं-
- थाइरोडिटिस में अवटुग्रंथि सूज जाती है। इससे हार्मोन आवश्यकता से कम बनता है।
- हशिमोटो का थाइरोडिटिस असंक्राम्य (इम्यून) प्रणाली की बीमारी है जिसमें दर्द नहीं होता। यह वंशानुगत बीमारी है।
- पोस्टपरटम थाइरोडिटिस प्रसव के बाद 5 से 9 प्रतिशत महिलाओं को होती है।
- आयोडीन की कमी एक ऐसी समस्या है जो विश्व में लगभग एक करोड़ लोगों को है। अवटुग्रंथि आयोडिन का उपयोग हार्मोन बनाने के लिए करता है।
- अकार्य अवटुग्रंथि 4000 में एक नवजात शिशु को होता है। यदि इस समस्या का समाधान न किया गया हो तो बच्चा शारीरिक और मानसिक रूप से पिछड़ सकता है।
लक्षण
हाइपोथाइराडिज़्म के निम्नलिखित लक्षण है:
- थकावट
- अक्सर और अधिक मासिक-धर्म
- स्मरणशक्ति में कमी
- वजन बढ़ना
- सूखी और रूखी त्वचा और बाल
- कर्कश वाणी
- सर्दी को सह नहीं पाना