योहानेस डिडरिक वान डर वाल्स
जोहैनीज डिडरिक वान डर वाल्स (Johannes Diderik Van der Waals, सन् १८३७ - १९२३), डच भौतिकविज्ञानी थे।
इनका जन्म लेडन नगर में हुआ था। इन्होंने 'गैस तथा द्रव के अवस्थासातत्य' पर एक प्रबंध लिखा था, जिससे उनका नाम हुआ और डॉक्टर की उपाधि मिली।
सन् १८७७ से १९०७ तक ये ऐम्स्टर्डैम विश्वविद्यालय में भौतिकी के प्रोफेसर रहे। उन्होंने आयतन, ताप तथा दाब के मानों में इनके क्रांतिक मानों का भाग देकर ऐसा समीकरण प्राप्त किया जिससे सब पदार्थों से संबंधित क्रांतिक घटनाओं का स्पष्टीकरण होता है। उन्होंने 'संगत अवस्थाओं के नियम' (Law of corresponding states) का प्रतिपादन किया, जिससे सर जेस ड्यूअर (Dewar, सन् १८४२-१९२३) का गैसों का गैसों के द्रवीकरण में सहायता मिली। उन्होंने 'द्विअंगी मिश्रणों का नियम' (Theory of Binary Solutions) का भी आविष्कार किया।
सन् १९१० में उन्हें नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।