लॉरेंज बल
(लॉरेन्ज़ का बल से अनुप्रेषित)
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भौतिकी (विशेषतः विद्युत चुम्बकीकी) में लॉरेंज बल बिन्दु-आवेश पर वैद्युत-चुम्बकीय क्षेत्र में लगने वाले व बलों का मिश्रित रूप है।[१]
q आवेश का v वेग से गतिशिल कण विद्युत क्षेत्र और चुंबकीय क्षेत्र B में एक शक्ति का अनुभव करता है-
- <math>\mathbf{F} = q\mathbf{E} + q\mathbf{v} \times \mathbf{B}</math>
यदि एक आवेश q, वेग v किसी बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र B में प्रवेश करता है तो उस पर गति की दिशा तथा चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा दोनों के लम्बवत एक बल लगता है लॉरेंज बल कहते हैं । इसे वेक्टर के रूप में
- F= q [E(r) + v × B(r)] = F (विद्युत) + F (चुम्बकीय)
जब कोई विद्युत आवेश एक चुम्बकीय क्षेत्र में गति करते हुए पृवेश करता है तो उस पर एक बल कार्य करता है लारेंज बल कहलाता है। यदि चुम्बकीय क्षेत्र B में θ° पर झुके चालक में q कूलाम आवेश दिया जाये और वह V वेग से गतिमान हो तो आवेश पर आरोपित बल
- F= qVB sinθ होगा ।
सन्दर्भ
- ↑ *लॉरेंज बल पर इण्ट्रेक्टिव जावा टूटोरियल, राष्ट्रीय उच्च चुम्बकीय क्षेत्र (अँग्रेजी) स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।