राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य
साँचा:infobox राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य (National Chambal Sanctuary), जिसे राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल वन्यजीव अभयारण्य (National Chambal Gharial Wildlife Sanctuary), भारत का एक संरक्षित क्षेत्र है, जो गंभीर रूप से विलुप्तप्राय घड़ियाल, लालमुकुट कछुआ और विलुप्तप्राय गंगा सूंस की रक्षा के लिए बनाया गया है। यह चम्बल नदी पर राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के त्रिबिन्दु क्षेत्र पर सन् 1978 में स्थापित हुआ और 5,400 वर्ग किमी (2,100 वर्ग मील) पर विस्तारित है। अभयारण्य के भीतर चम्बल नदी अपने मूल प्राकृतिक रूप में बीहड़ खाईयों और पहाड़ियों से गुज़रती है और उसपर कई रेतीले किनारों पर वन्यजीव पनपते हैं।[४]
प्रशासनिक विस्तार व इतिहास
चंबल अभयारण्य सवाई माधोपुर , कोटा, बूँदी, धौलपुर एवं करौली जिलों के अंतर्गत आता है।[५][६] इसका क्षेत्रफल २८० वर्ग किमी है। इसे राजस्थान राज्य सरकार ने 1983 ईस्वी में वन्य जीव अभयारण्य घोषित किया था। यह घड़ियालों के लिए मुख्य रूप से जाना जाता है। इसका राजस्थान का मुख्यालय सवाईमाधोपुर से संचालित होता है। इसकी प्रसाशन व्यवस्था तीन राज्य [[उत्तरप्रदेश[], मध्यप्रदेश और राजस्थान के हाथों में है। १९७९ में स्थापित इस अभयारण्य के कोर क्षेत्र में ४०० किमी लंबी चंबल नदी आती है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite web
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- ↑ Sale J.B. 1982. 2nd Draft. Management Plan For The National Chambal Sanctuary. First Five Year Period 1982/83 - 1986/87. Central Crocodile Breeding and Management Institute, Hyderabad.
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