राष्ट्रपति के अंगरक्षक
राष्ट्रपति के अंगरक्षक | |
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सक्रिय | 1773 – वर्तमान |
देश | साँचा:flagicon भारत |
निष्ठा | भारत |
शाखा | भारतीय सेना |
प्रकार | घुड़सवार |
भूमिका | समारोह के दौरान शांति; युद्ध के दौरान बख्तरबंद टोही और पैराशूट पथप्रदर्शक। |
विशालता | 222 (4 अधिकारी, 20 जेसीओ और 198 सैनिक)[१] |
आदर्श वाक्य | भारत माता की जय[१] |
मार्च (सीमा रक्षा) | सारे जहां से अच्छा, हिंदुस्तान हमरा[१] |
सैन्य-उपकरण | बीटीआर-80 |
सेनापति | |
रेजिमेंट का कर्नल | कर्नल अनूप तिवारी |
औपचारिक प्रमुख | भारत के राष्ट्रपति |
बिल्ला | |
पहचान चिह्न | पीबीजी |
राष्ट्रपति के अंगरक्षक भारतीय सेना का एक घुड़सवार रेजिमेंट है। यह भारतीय सेना की इकाइयों की पूर्वता के क्रम में सबसे वरिष्ठ है।[२] राष्ट्रपति के अंगरक्षक की प्राथमिक भूमिका भारत के राष्ट्रपति को बचाना और उनकी रक्षा करना है। यही वजह है कि रेजिमेंट भारत के नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में स्थित है। यह राष्ट्रपति भवन में समारोहों के लिए घुड़सवार इकाई के रुप में और युद्ध में बीटीआर-80 वाहनों के साथ सुसज्जित होते हैं। रेजिमेंट को पैराट्रूपर्स के रूप में भी प्रशिक्षित किया जाता है और पथप्रदर्शक की भूमिका में हवाई हमलों का नेतृत्व करने की उम्मीद की जाती है। यह रेजिमेंट 15 अगस्त और 26 जनवरी तथा अन्य राष्ट्रीय समारोह मे सभी भारतीय रेजिमेंट मे सबसे आगे खडी होती है। इस रेजिमेंट मे सैनिक केवल हिंदू जाट, सिख जाट और राजपूत इन तीन समुदायों मे से ही भर्ती किये जाते है और हर समुदाय मे से एक तिहाई सैनिकों की भर्ती होती है।[३][४][५]
सन्दर्भ
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