रहमान (अभिनेता)
रहमान | |
---|---|
रहमान 1949 की फ़िल्म सांवरिया में | |
जन्म |
23 June 1921 लाहौर, ब्रिटिश इंडिया |
मृत्यु |
साँचा:death date and age बॉम्बे (अब मुंबई) |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
अन्य नाम | सैद रहमान खान |
व्यवसाय | अभिनेता |
कार्यकाल | 1946–1979 |
प्रसिद्धि कारण | साहिब बीबी और ग़ुलाम (1962) |
रहमान हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। जिनका कैरियर 1940 के दशक के उत्तरार्ध से लेकर 1970 के दशक के अंत तक फैला था। वह गुरु दत्त टीम का एक अभिन्न हिस्सा थे, और ज्यादातर प्यार की जीत , बडी बहन , प्यासा (1957), साहिब बीबी और गुलाम (1962), दिल ने फ़िर याद किया, और वकत (1965) जैसी फिल्मों में उनकी भूमिका के लिए जाने जाते थे।[१]
व्यक्तिगत जीवन
रहमान, कॉलेज (1942) के बाद रॉयल इंडियन वायुसेना में शामिल हो गए और पुना में पायलट के रूप में प्रशिक्षित हुए। जल्द ही बॉम्बे में फिल्मों में करियर के लिए उन्होने वायुसेना की नौकरी को छोड़ दिया। वह अपने सौहार्दपूर्ण परिष्कृत भूमिकाओं के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं, जो उनके व्यक्तित्व के अनुकूल हैं। पुणे में विष्णम बेडेकर के तीसरे सहायक निदेशक के रूप में उनके फिल्म कैरियर की शुरुआत हुई। विष्णम को एक अफगान की जरूरत थी जो पश्तुन पगड़ी बांध सकता था। रहमान ऐसा कर सकते थे, एक पश्तुन होने के नाते, और वह उन्हें कुछ प्रमुख भूमिकाओं के लिए स्क्रीन पर लाया। नायक के रूप में उनकी प्रमुख हिट्स में से एक प्यासा के साथ प्यार की जीत थी, और गीत- "एक दिल के तुकेडे हज़ार हू, कोई याहा गिरा, कोई वाहा गीरा" एक प्रमुख हिट था।
शुरुआत में उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई, लेकिन समय बीतने के बाद, उन्होंने सहायक भूमिका निभाई और कुछ हिट फिल्मों जैसे प्यासा , चौदहवीं का चाँद, साहिब बीबी और ग़ुलाम और वक्त जो उनकी यादगार भूमिकाओं में से कुछ थे।
निधन
1977 में उन्हें तीन दिल के दौरे का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्हें गले का कैंसर भी हो गया और 1984 में लंबी और दर्दनाक बीमारी के बाद उनकी मृत्यु हो गई।[२]
प्रमुख फिल्में
वर्ष | फ़िल्म | चरित्र | टिप्पणी |
---|---|---|---|
1982 | दिल आखिर दिल है | अरविंद देसाई | |
1982 | वकील बाबू | ||
1982 | राजपूत | ठाकुर प्रताप सिंह | |
1981 | आहिस्ता आहिस्ता | ||
1979 | सलाम मेमसाब | मेहरा | |
1977 | चाचा भतीजा | ||
1977 | अमानत | अमर | |
1977 | आशिक हूँ बहारों का | ||
1975 | आँधी | के बोस | |
1974 | आप की कसम | ||
1974 | प्रेम शस्त्र | राजन अरोड़ा | |
1974 | दोस्त | ||
1973 | हीरा पन्ना | ||
1972 | दुश्मन | जज | |
1970 | देवी | ||
1970 | दर्पण | ||
1970 | माँ और ममता | ||
1970 | मस्ताना | ||
1969 | इंतकाम | ||
1968 | मेरे हमदम मेरे दोस्त | ||
1968 | आबरू | ||
1968 | शिकार | ||
1966 | दो दिलों की दास्तान | ||
1966 | सगाई | ||
1966 | दादी माँ | ||
1965 | वक्त | चिनॉय | |
1964 | गज़ल | अख्तर नवाब | |
1964 | कैसे कहूँ | ||
1963 | ये रास्ते हैं प्यार के | ||
1963 | मेरे महबूब | ||
1963 | ताजमहल | ||
1962 | साहिब बीबी और ग़ुलाम | ||
1961 | धर्मपुत्र | जावेद | |
1960 | चौदहवीं का चाँद | ||
1960 | छलिया | ||
1960 | घूंघट | ||
1958 | फिर सुबह होगी | रहमान | |
1957 | प्यासा | ||
1957 | उस्ताद | ||
1950 | परदेस | राजन | |
1949 | पारस | कुमार |
नामांकन और पुरस्कार
रहमान को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के रुप में चार फिल्मफेयर नामांकन मिले। ये फिल्मे थी- फिर सुबह होगी (1958), चौदहवीं का चाँद (1960), साहिब बीबी और ग़ुलाम (1962) और दिल ने फिर याद किया (1966) [३]
सन्दर्भ
- ↑ The Illustrated Weekly of India, Volume 111, Issues 13-25, 1990. p. 15.
- ↑ https://www.google.de/search?tbm=bks&hl=de&q=Rehman+actor+1984#hl=de&q=%22Hindi+film+actor+Rehman+died+in+Bombay%22&tbm=bks
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।