मुक्ति (१९७७ फ़िल्म)
Mukti | |
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निर्देशक | राज तिलक |
निर्माता |
राज तिलक तिलक मूवीज प्रा. लि. |
पटकथा |
ध्रुव चटर्जी, केका चटर्जी, रेणु खन्ना |
कहानी | ध्रुव चटर्जी |
अभिनेता |
शशि कपूर संजीव कुमार विद्या सिन्हा मिथुन चक्रवर्ती |
संगीतकार |
राहुल देव बर्मन आनंद बख्शी (गीत) |
छायाकार | के के महाजन |
संपादक |
प्राण महरा, आर पी बापट |
स्टूडियो |
एस्सेल स्टूडियोज़ फमौस सिने स्टूडियोज़ नटराज स्टूडियोज़ आर के स्टूडियोज़ राजकमल स्टूडियोज़ |
वितरक |
संगीता फिल्म कॉर्पोरशन (भारत) यश राज फिल्म्स यूएसए इंक. (अमरीका) |
प्रदर्शन साँचा:nowrap | साँचा:start date |
समय सीमा | 125 मिनट |
देश | साँचा:flag/core |
भाषा | हिंदी |
लागत | ₹ 1.2 करोड़ |
मुक्ति 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।
संक्षेप
कैलाश शर्मा (शशि कपूर) पर शन्नो (अंजू महेन्द्रू) के यौन शोषण व धीरज कुमार वर्मा (रूपेश कुमार) की ह्त्या का झूठा आरोप लग जाता है। उसे जम्मू व काश्मीर के अधिवेशक न्यायालय द्वारा फांसी की सज़ा दी जाती है| हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसके निवेदन रद्द किए जाते हैं। अपनी मृत्यु को निश्चित मानकर कैलाश अपनी पत्नी सीमा (विद्या सिन्हा) को बेटी पिंकी के साथ बम्बई में बसने का सुझाव देता है| सीमा वहां अपनी जीविका के लिए सिलाई करने लगती है। कुछ समय बाद वह कैलाश को मृत मानकर अपने पड़ोसी रतन (संजीव कुमार) से विवाह कर लेती है|
चौदह वर्ष बाद बड़ी होकर पिंकी (बिंदिया गोस्वामी) अपने प्रेमी विक्रम (विक्रम) से विवाह करना चाहती है| इस बीच कैलाश की फांसी आजीवन कारावास में बदल चुकी है| वह जेल से छूटकर बम्बई शहर में अपने परिवार को खोजता है| कुछ समय बाद उन्हें देख उनकी ज़िन्दगी में दखल न देने की ठान वह चुप रह जाता है| जब सीमा को कैलाश के जीवित होने का का पता चलता है तो वह उससे मिलने जाती है| उससे मिलने के बाद उनके जीवन में आने वाले उथल पुथल को आगे की कहानी में दिखाया गया है|
चरित्र
मुख्य कलाकार
- शशि कपूर - कैलाश शर्मा
- संजीव कुमार - रतन
- विद्या सिन्हा - सीमा कैलाश शर्मा
- बिंदिया गोस्वामी - पिंकी कैलाश शर्मा
- मास्टर बिट्टू - बालिका पिंकी कैलाश शर्मा
- देवेन वर्मा - टोनी
- ए के हंगल - कर्नल
- अंजू महेंद्रू - शन्नो
- कादर खान - हुसैन
- देव कुमार - जग्गू
- सप्रू - वर्मा
- मुराद - कपूर
- ब्रह्म भरद्वाज - पुलिस कमिश्नर
- पिंचू कपूर - विक्रम का पिता
- भगवान - गोपाल
- एस एन बेनर्जी - जज
- विक्रम - विक्रम (अतिथि पात्र)
- मिथुन चक्रवर्ती - रंगमंच कलाकार (अतिथि पात्र)
- रूपेश कुमार - धीरज कुमार वर्मा (अतिथि पात्र)
- प्रेमा नारायण - मेरी (अतिथि पात्र)
- नीलम मेहरा - (अतिथि पात्र)
दल
- निर्देशक - राज तिलक
- कथा - ध्रुव चटर्जी
- पटकथा - ध्रुव चटर्जी, केका चटर्जी, रेणु खन्ना
- संवाद - कादर खान
- निर्माता - राज तिलक
- निर्माण संस्था - तिलक मूवीज़ प्रा. लि.
- छायांकन - के के महाजन
- सम्पादक - प्राण महरा, आर पी बापट
- कला निर्देशक - बंसी चन्द्रगुप्त
- वस्त्राभिकल्पक - केका चटर्जी, जेनिफ़र केंडल, शशि मगन
- नृत्य निर्देशक - सुरेश भट
- संगीतकार - राहुल देव बर्मन
- गीतकार - आनंद बख्शी
- पार्श्वगायक - आशा भोसले, किशोर कुमार, लता मंगेशकर, मुकेश, मोहम्मद रफ़ी
संगीत
- गीत "सुहानी चांदनी रातें" बिनाका गीत माला की 1977 वार्षिक सूची पर 8वीं पायदन पर रही|[१]
गीत | गायक | समय |
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"प्यार है इक निशाँ कदमो का" | मोहम्मद रफ़ी | 4:50 |
"लल्ला लल्ला लोरी, दूध की कटोरी" | मुकेश | 3:20 |
"लल्ला लल्ला लोरी, दूध की कटोरी" | लता मंगेशकर | 4:00 |
"सुहानी चांदनी रातें" | मुकेश | 4:35 |
"मैं जो चला पीकर" | किशोर कुमार, आशा भोसले | 4:30 |
"दिल सजन जलता है" | मुकेश | 5:10 |
रोचक तथ्य
परिणाम
बौक्स ऑफिस
समीक्षाएँ
नामांकन और पुरस्कार
उल्लेख
बाहरी कड़ियाँ
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