एलिज़ाबेथ द्वितीय
एलिज़ाबेथ द्वितीय (साँचा:lang-en) (एलिजाबेथ ऐलैग्ज़ैण्ड्रा मैरी, जन्म: २१ अप्रैल १९२६) यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड, जमैका, बारबाडोस, बहामास, ग्रेनेडा, पापुआ न्यू गिनी, सोलोमन द्वीपसमूह, तुवालू, सन्त लूसिया, सन्त विन्सेण्ट और ग्रेनाडाइन्स, बेलीज़, अण्टीगुआ और बारबूडा और सन्त किट्स और नेविस की महारानी हैं। इसके अतिरिक्त वह राष्ट्रमण्डल के ५४ राष्ट्रों और राज्यक्षेत्रों की प्रमुख हैं और ब्रिटिश साम्राज्ञी के रूप में, वह अंग्रेज़ी चर्च की सर्वोच्च राज्यपाल हैं और राष्ट्रमण्डल के सोलह स्वतन्त्र सम्प्रभु देशों की संवैधानिक महारानी हैं।
एलिज़ाबेथ का जन्म लंदन में ड्यूक जॉर्ज़ षष्टम व राजमाता रानी एलिज़ाबेथ के यहाँ पैदा हुईं व उनकी पढाई घर में ही हुई। एलिज़ाबेथ को निजी रूप से पर घर पर शिक्षित किया गया था। उनके पिता ने १९३६ में एडवर्ड अष्टम के राज-पाठ त्यागने के बाद राज ग्रहण किया। तब वह राज्य की उत्तराधिकारी हो गयी थीं। उन्होंने दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जनसेवाओं में हिस्सा लेना शुरु किया व सहायक प्रादेशिक सेवा में हिस्सा लिया। १९४७ में उनका विवाह राजकुमार फिलिप से हुआ जिनसे उनके चार बच्चे, चार्ल्स, ऐने, राजकुमार एँड्रयू और राजकुमार एडवर्ड हैं।
६ फरवरी १९५२ को अपने राज्याभिषेक के बाद एलिज़ाबेथ राष्ट्रकुल की अध्यक्ष व साथ स्वतंत्र देशों यूनाइटेड किंगडम, पाकिस्तान अधिराज्य, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका व सिलोन साँचा:efn की शासक रानी बन गयीं। उनका राज्याभिषेक समारोह अपने तरह का पहला ऐसा राज्याभिषेक था जिसका दूरदर्शन पर प्रसारण हुआ था। 1956 से 1992 के दौरान विभिन्न देशों को स्वतंत्रता मिलते रहने से उनकी रियासतों की संख्या कम होती गई। वह विश्व में सबसे वृद्ध शासक और ब्रिटेन पर सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाली रानी है। ९ सितम्बर २०१५ को उन्होंने अपनी परदादी महारानी विक्टोरिया के सबसे लंबे शासनकाल के कीर्तिमान को तोड़ दिया व ब्रिटेन पर सर्वाधिक समय तक शासन करने वाली व साम्राज्ञी बन गयीं।
एलिज़ाबेथ के शासन के दौरान यूनाइटेड किंगडम में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए, जैसे अफ्रीका की ब्रिटिश उपनिवेशीकरण से स्वतंत्रता, यूके की संसद की शक्तियों का वेल्स, स्कॉटलैंड, इंग्लैंड व आयरलैंड की संसदों में विभाजन इत्यादि। अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने विभिन्न युद्धों के दौरान अपने राज्य का नेतृत्व किया।
शुरुवाती जीवन
एलिज़ाबेथ का जन्म 21 अप्रैल 1926 को 02:40 (जीएमटी) को अपने दादा जॉर्ज़ पंचम के शासनकाल के दौरान हुआ। उनके पिता राजकुमार एल्बर्ट (बाद में राजा ज़ॉर्ज VI), राजा के दूसरे पुत्र थे। उनकी माँ, एलिज़ाबेथ, यॉर्क की डचेज़ (बाद में रानी एलिज़ाबेथ), स्कॉटिश अर्ल क्लाउडे बोव्स-ल्यॉन की छोटी बेटी थीं। २९ मई को यॉर्क के शीर्ष पादरी कॉस्मो गॉर्डन लैंग के द्वारा उन्हें बर्मिंघम महल के निज़ी प्रार्थना घर में इसाई धर्म में प्रवेश (बैप्टिज़म) कराया गया।[१]साँचा:efn और एलिज़ाबेथ का नामकरण किया।[२]
एलिज़ाबेथ की बहन, राजकुमारी मार्गरेट का जन्म १९३० में हुआ। दोनों बहनों को घर पर ही अपनी माँ व शिक्षिका मैरियन क्रॉफोर्ड की देखरेख में इतिहास, संगीत, भाषा की शिक्षा दी गई।[३] १९५० में क्राफोर्ड ने एलिज़ाबेथ व उनकी बहन की द लिटिल प्रिन्सेज़ेज़ शीर्षक से एक जीवनी प्रकाशित की। [४] पुस्तक में एलिज़ाबेथ के घोड़ों व पालतू कुत्तों के प्रति लगाव, आज्ञाकारिता व जिम्मेदार स्वभाव का वर्णन है। [५] उनकी चचेरी बहन मार्गरेट र्होड्स उन्हें एक चुलबुली छोटी लड़की, लेकिन बेहद संवेदनशील व सभ्य बताती हैं। [६]
संभावित उत्तराधिकारी
अपने दादा के शासनकाल के दौरान एलिज़ाबेथ सिंहासन के लिये उत्तराधिकार के मामले में तीसरे क्रमांक पर थीं। उनके पहले उनके ताऊ एडवर्ड ८ और उनके पिता जेम्स ६ थे। उनके ताऊ की किसी संतान होने से पहले ही एलिज़ाबेथ पैदा हो गयीं थीं इसलिये जनता में उनके प्रति न्बेहद उत्सुकता थी लेकिन उनके रानी बन जाने के बारे में किसी ने नहीं सोचा था क्योंकि सब समझते थे कि उनके ताऊ जो अभी युवा थे, शादी करके अपनीं संताने पैदा करेंगे व उनकी संताने ही भविष्य की राजा या रानी होंगी।[७] जब उनके दादा की १९३६ में मृत्यु हो गयी और उनके ताऊ एडवर्ड ८ राजा बने वो अपने पिता जेम्स के बाद सिंहासन के दावेदारों की पंक्ति में दूसरे क्रमांक पर आ गयीं। उसी वर्षांत में एडवर्ड ८ ने तलाकशुदा वॉलिस सिम्पसन से होने वाली अपनी विवादास्पद शादी के लिये गद्दी छोड दी। [८] परिणामस्वरूप एलिज़ाबेथ के पिता जेम्स ६ राजा बने व एलिज़ाबेथ राज उत्तराधिकारी। अगर उनके मातापिता को कोई बेटा होता तो वो उत्तराधिकार की सूची में अपने भाई से पिछड़ जातीं लेकिन ऐसा नहीं हुआ और वो ही जेम्स ६ के बाद इंग्लैंड की रानी बनीं।[९]
१९३९ में उनके माता-पिता शाही यात्रा पर कनाडा व ऑस्ट्रेलिया गये। तब एलिज़ाबेथ इतनी लंबी यात्राएँ करने के लिहाज़ से बहुत छोटी थीं और उन्हें लंदन में अकेले रुकना पडा।[१०][११] उनके माता-पिता उनसे नियमित रूप से वार्तालाप करते रहे थे[११] और उन्होंने १८ मई को पहला शाही अटलांटिक-पार दूरभाष वार्ता की।[१०]
विवाह व परिवार
एलिज़ाबेथ अपने होने वाले पति राजकुमार फिलिप से 1934 और 1937 में मिली थीं।[१२] फ़िलिप उनके दूर के रिश्तेदार थे। इसके बाद उनकी मुलाकात १९३९ में शाही नौसेना महाविद्यालय में हुई। एलिज़ाबेथ बताती हैं कि १३ वर्ष की ही उम्र में उन्हें फ़िलिप से प्रेम हो गया था और उन्होंने पत्र व्यवहार प्रारंभ कर दिया था। [१३] ९ जुलाई १९४७ को उनके सगाई की घोषणा हुई थी। [१४]
सगाई विवादों से अछूती ना रह सकी: फिलिप आर्थिक रूप से कमजोर थे, एक विदेशी थे (हालांकि उन्होंने शाही नौसेना के लिए दूसरे विश्वयुद्ध में हिस्सा लिया था।), और उनकी बहनों ने नाज़ी पार्टी से संबंध रखने वाले जर्मन अधिकारियों से शादियाँ की थीं।[१५] मैरियन क्रॉफोर्ड लिखती हैं कि राजा के कुछ सलाहकर उन्हें राजकुमारी के लायक नहीं मानते थे। वह बिना साम्राज्य के राजकुमार थे। कुछ लोगों ने उनके विदेशी होने पर भी बहुत शोर किया। [१६] एलिज़ाबेथ की माँ भी उनकी बहनों के जर्मन संबंध होने की वजह से उन्हें पसंद नहीं करती थीं।[१७] हालांकि बाद में उनकी धारणा बदल गयी।[१८]
विवाह से पहले फिलिप ने अपनी यूनानी व डैनिश उपाधियाँ त्याग दीं, ग्रीक रूढिवादी इसाई से बदल कर ऐंग्लिकन हो गये और नामशैली लेफ्टिनेंट फिलिप माउंटबेटेन (Lieutenant Philip Mountbatten) धारण कर ली। माउंटबेटेन उनकी ब्रिटिश माता का पारिवारिक उपनाम था। [१९] विवाह के कुछ ही समय पहले उन्हें एडिनबरा का ड्यूक बना दिया गया और इसके साथ ही उनके नाम के आगे हिज़ रोयल हाइनेस की शाही उपाधि लग गयी।[२०] एलिज़ाबेथ और फिलिप का विवाह 20 नवम्बर 1947 को वेस्टमिंस्टर ऐबी में हुआ। उन्हें दुनिया भर से २५०० उपहार मिले।[२१] युद्ध के बाद के ब्रिटेन में जर्मन विरोधी भावना इतनी ज्यादा थी कि एडिनबरा के ड्यूक के जर्मन संबंधियों व रिश्तेदारों और यहाँ तक की उनकी तीनों बहनों को भी विवाह में निमंत्रित नहीं किया गया था।[२२] राजकुमारी के ताऊ व विंडसर के ड्यूक, जो पहले राजा एडवर्ड अष्टम थे को भी इस विवाह में नहीं बुलाया गया था।[२३]
शासनकाल
राज्याभिषेक
1951 के दौरान, जॉर्ज़ ६ का स्वास्थय खराब रहने लगा था और इस वजह से अक्सर एलिज़ाबेथ उनकी अनुपस्थिति में सामूहिक समारोहों में उनका प्रतिनिधित्व करती थीं। अक्टूबर १९५१ में कनाडा के अपनी सरकारी यात्रा के दौरान उनकी निज़ी सहायिका ने अपने साथ उनके रानी होने का एक घोषणापत्र ले गयी थीं ताकि उनकी यात्रा के दौरान राजा की मृत्यु हो जाने पर कनाडा की सरकार के द्वारा एलिज़ाबेथ को यूके का शासक माना जाए।[२४] 1952 के उत्तरार्ध में एलिज़ाबेथ व फिलिप केन्या होते हुए ऑस्ट्रेलिया व न्यूज़ीलैंड की यात्रा पर गये। ६ फरवरी १९५२ को केन्या में अपने आवास पहुंचने पर उन्हें राजा की मृत्यु का समाचार मिला। फिलिप ने यह समाचार अपनी पत्नी को दिया।[२५] उन्हें अपने लिये कोई राजसी नाम चुनने को कहा गया और उन्होंने एलिज़ाबेथ नाम रखे रहना ही चुना। [२६] राज्याभिषेक होने तक उन्हें घोषित रानी माना गया [२७] और लंदन लौटने पर वह फिलिप के साथ बकिंघम पैलेस में रहने चली गयीं।[२८]
चूंकि पत्नी शादी के बाद अपने पति का उपनाम रख लेती है इसलिए एलिज़ाबेथ के राज्याभिषेक के वक्त ऐसा लगा कि शाही रीतियों और इतिहास के मद्देनज़र अब यूके के शाही घराने का नाम विंडसर राजघराना से बदलकर उनके पति के उपनाम पर माउंटबेटन राजघराना हो जायेगा। ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल और एलिज़ाबेथ की दादी रानी मैरी ने शाही घराने का नाम विंडसर राजघराना रखे रहने पर ही ज़ोर दिया। 9 अप्रैल 1952 को एलिज़ाबेथ ने विंडसर को ही शाही घराना बने रहने की घोषणा की। ड्यूक ने शिकायत की कि वो देश में एकमात्र ऐसे पुरुष हैं जो अपने बच्चों को अपना नाम भी नहीं दे सकते।[२९] 1960 में, रानी मैरी कि १९५३ में मृत्यु व चर्चिल के १९५५ में त्यागपत्र देने के बाद एलिज़ाबेथ और फिलिप के बेटों व पुरुष वंशजों जिन्हें कोई भी शाही उपाधियाँ नहीं मिली या मिलेंगी के लिये माउंटबेटेन-विंडसर का उपनाम अपनाया गया।[३०]
राजमाता मैरी के 24 मार्च को देहांत के बावजूद राज्याभिषेक का कार्यक्रम २ जून १९५३ को मैरी के इच्छानुसार किया गया।[३१] राजतिलक व परमप्रसाद ग्रहण करने के अलावा इस समारोह का पहली बार दूरदर्शन पर प्रसारण हुआ।[३२]साँचा:efn राज्याभिषेक के वक्त पहना हुआ उनका गाउन नॉर्मन हार्टनेल से मंगवाया गया था और होने वाली रानी के निर्देश पर राष्ट्रकुल देशों के फूलों के चिन्हों से सजाया गया था।[३३] इंग्लैंड- ट्यूडर गुलाब; स्कॉट- काँटेदार पौधा; वेल्स- लीक; आइरिश- शैमरॉक; ऑस्ट्रेलियाई- वैटल; कनाडियाई मेपल की पत्ती; न्यूज़ीलैंड का सिल्वर फर्न; दक्षिण अफ्रीकी प्रोटिया; भारत और सेलॉन का कमल का फूल और पाकिस्तानी गेंहू, जूट व कपास का पौधा।[३४]
राष्ट्रकुल का विस्तार
एलिज़ाबेथ के जन्म के बाद से ही ब्रिटिश साम्राज्य का राष्ट्रकुल के देशों में परिवर्तित होना जारी रहा।[३५] १९५२ में उनके राज्यारोहण के पश्चात विभिन्न स्वतंत्र राष्ट्रों के अध्यक्ष के रूप में उनकी भूमिका स्थापित हो चुकी थी।[३६] 1953–54 के दौरान, रानी और उनके पति ६ महीनों की एक विश्व यात्रा पर निकले। ऑस्ट्रेलिया व न्यूज़ीलैंड पर शासन के दौरान वहाँ जाने वाली वह पहली शासक बनीं।[३७] अपने शासनकाल के दौरान एलिज़ाबेथ ने बहुत सारे देशों व राष्ट्रकुल राष्ट्रों का आधिकारिक दौरा किया और एक राष्ट्राध्यक्ष के तौर पर वह सबसे ज्यादा विदेशी यात्राएँ करने वाली शासक हैं।[३८]
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1957 में, आधिकारिक यात्रा पर वह अमेरिका गयीं व राष्ट्रकुल देशों की तरफ से सयुंक्त राष्ट्र सभा को संबोधित किया। उसी यात्रा के दौरान उन्होंने कनाडा के तेइसवीं संसद सभा का उद्धाटन किया और ऐसा करने वाली पहली कनाडियाई शासक बनीं।[३९] २ साल बाद कनाडा की रानी के तौर पर उन्होंने एक बार फिर अमेरिका का दौरा किया व कनाडा में अपनी प्रजा से मिलीं।[३९][४०] 1961 में उन्होंने साइप्रस, भारत, पाकिस्तान, नेपाल और इरान का दौरा किया। [४१] उसी वर्ष घाना में वहाँ के स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा अपनी हत्या की आशंकाओं को दरकिनार करते हुए उन्होंने रानी के तौर पर अपना फर्ज़ निभाने की बात कही और घाना की यात्रा पर गयीं।
अपने संपूर्ण शासनकाल में सिर्फ के १९५९ व १९६३ में गर्भाधानसाँचा:efn के दौरान ही उन्होंने ब्रिटिश संसद सत्र का उद्धाटन नहीं किया।[४२] पारंपरिक समारूहों में हिस्सा लेते रहने के साथ साथ उन्होंने नई परम्पराएँ भी स्थापित कीं। ऑस्ट्रेलिया व न्यूज़ीलैंड के १९७० की अपनी यात्रा में उन्होंने पहली बार सामान्य लोगों से मुलाकातें कीं।[४३]
1960 और 1970 के दौरान ब्रिटिश उपनिवेश से स्वतंत्रता पाने वाले अफ्रीकी व कैरेबियाई देशों की संख्या में तेजी से इज़ाफा हुआ। २० से ज्यादा देशों को ब्रिटेन से स्वतंत्रता मिली। 1965 में रोडेशिया के प्रधानमंत्री इआन स्मिथ ने एकतरफा स्वतंत्रता की घोषणा कर दी और एलिज़ाबेथ के प्रति वफादारी और प्रतिबद्धता की बात भी कही। रानी ने एक औपचारिक घोषणा में स्मिथ को बर्खास्त कर दिया और अंतर्राष्ट्रीय समूह ने रोडेशिया पर विभिन्न तरह की पाबंदिया लगा दीं। [४४] जैसे जैसे ब्रिटेन का अपने पुराने साम्राज्य से नाता कमजोर होता गया ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ में प्रवेश चाहा जो उसे १९७३ में मिल गया।[४५]
रजत जयंती
1977 में, एलिज़ाबेथ ने अपने शासनकाल की रजत जयंती मनाई। राष्ट्रकुल में दावतों और आयोजनों का दौर चला। इन समारोहों ने रानी की लोकप्रियता को और स्थापित किया।[४६] अगला वर्ष उनके लिये बेहद चौंकाने वाला व दुखभरा रहा जब रानी के चित्रकार व सर्वेक्षक ऐंथोनि ब्लंट एक सामवादी जासूस निकला व उनके रिश्तेदार लुइस माउंटबेटन का आयरिश रिपब्लिकन सेना द्वारा कत्ल कर दिया गया।.[४७] पौल जोसेफ जेम्स मार्टिन के अनुसार १९७० के अंत तक रानी यह मानने लग गईं थीं कि कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रुड्यु के लिये ब्रिटेन की सत्ता कोई मायने नहीं रखती है।[४८][४८] 1980 में कनाडियाई संविधान के ब्रिटिश पितृसत्ता से अलगाव की चर्चा के लिए कनाडियाई राजनेताओं के लंदन प्रवास के दौरान उन्होंने रानी को इस विषय में ब्रिटिश नेताओं के मुकाबले ज्यादा अवगत व जानकार पाया।[४८] प्रस्ताव C-60 के गिरने के बाद वह व्यक्तिगत रूप से इस विषय में रूचि ले रही थीं क्योंकि इससे कनाडा में उनके राष्ट्राध्यक्ष की भूमिका खत्म होने वाली थी।[४८] कनाडियाई संविधान पर से ब्रिटिश संसद की पितृसत्ता हट गयी लेकिन कनाडियाई राजशाही बरकरार रही। वहाँ के प्रधानमंत्री ट्रुड्यु ने अपनी यादों में कहा है कि रानी ने उसके संविधान संसोधनों का समर्थन किया था और वह उनकी बुद्धिमत्ता से बेहद प्रभावित था।[४९]
अस्सी का दशक
१९८१ में राजकुमार चार्ल्स व लेडी डाएना स्पेंसर के विवाह से ६ हफ्ते पहले ट्रूपिंग द कलर समारोह के दौरान महारानी पर पास से ६ गोलियाँ चलाई गयीं थीं। पुलिस ने बाद में पता किया की गोलियाँ नकली थीं। आक्रमणकारी १७ वर्षीय मार्कस सार्जेंट को ५ वर्ष के कारावास की सजा हुई जिसे ३ वर्ष बाद मुक्त कर दिया गया।[५०] इस दौरान महारानी के शांतचित्त रहने व अपने घोड़े व जीन को संभाले रखने के कौशल की जम कर प्रशंसा हुई।[५१] अप्रैल से सितम्बर १९८२ के दौरान महारानी अपने बेटे राजकुमार ऐंड्रयू जो उस समय फॉकलैंड का युद्ध में ब्रिटिश सेनाओं की तरफ से लड़ रहे थे, को लेकर थोड़ी चिंतित[५२] लेकिन गौर्वान्वित[५३] रहती थीं। 9 जुलाई को रानी के बंकिंघम पैलेस में स्थित कमरे में एक घुसपैठिया, माइकल फ़ेगन पहुंच गया। ७ मिनट बाद सुरक्षाकर्मीयों के आने से पहले तक रानी ने शांतचित्त रहते हुए उसे बातों में उलझाए रखा।[५४] हालांकि उन्होंने रोनाल्ड रीगन का १९८२ में विंडसर किले में स्वागत किया था और स्वयं भी उनके कैलिफोर्निया स्थित फ़ॉर्महाउस जा चुकी थीं, अमेरिकी प्रशासन के रानी के शासन वाले एक कैरिबियाई राज्य ग्रेनाडा पर उन्हें बिना सूचित किये आक्रमण करने से बेहद क्रुद्ध हो गयीं।[५५]
१९९०-२००० का दशक
1991 में, खाड़ी युद्ध के जीत की खुशी में अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने वाली वो पहली अंग्रेज शासक थीं।[५६] 24 नवम्बर 1992 को अपने राज्याभिषेक की चालीसवीं वर्षगाँठ पर एक संबोधन में उन्होंने 1992 को अपने लिये एक भयावह वर्ष बताया।[५७] मार्च में उनके दूसरे पुत्र राजकुमार एंड्र्यु, यॉर्क के ड्यूक और उनकी पत्नी सारा, यॉर्क की डचेस का तलाक हो गया था; अप्रैल में, उनकी बेटी ऐनी, शाही राजकुमारी का भी अपने पति कप्तान मार्क फिलिप्स से अलगाव हो गया।[५८]; अक्टूबर में ज़र्मनी के अपने एक राजसी दौरे पर ड्रेसडेन में क्रुद्ध प्रदर्शनकारियों ने उनपर अंडे फेंके।[५९] और नवम्बर में विंडसर किले को आग से बहुत नुकसान पहुंचा था। राजसत्ता को बहुत ज्यादा नकारात्मक छवि व जनता के गुस्से व दिलचस्पी का सामना करना पड़ा था।[६०] एक असंभावित व्यक्तिगत संबोधन में रानी ने कहा कि संस्थान को जन आलोचनाओं का सम्मान करना चाहिए। लेकिन आलोचनाओं को भी हल्के अंदाज में सभ्य तरीकों व समझदारी से किये जाने की आवश्यकता है।[६१] दो दिन बाद प्रधानमंत्री जॉन मेजर ने शाही आय में सुधारों की घोषणा की, इसमें रानी द्वारा पहली बार १९९३ से कर दिये जाने का प्रावधान था।[६२] दिसम्बर में, चार्ल्स, वेल्स के राजकुमार और उनकी पत्नी डायना, वेल्स की राजकुमारी आधिकारिक रूप से अलग हो गये।[६३] वर्षांत में रानी ने द सन नामक अखबार पे कॉपीराइट उल्लंघन का मुकदमा दायर किया जब समाचार पत्र ने उनके वार्षिक शाही क्रिसमस संदेश के कुछ अंश उसके शाही आधिकारिक प्रसारण से दो दिन पहले ही प्रकाशित कर दिये। समाचारपत्र को उनके वकील का शुल्क देना पड़ा और £200,000 चैरिटी को देने पड़े।[६४]
आगामी वर्षों में चार्ल्स और डाएना के संबंधों के बारे में सार्वजनिक खुलासे होते रहे।[६५] इन वर्षों में ब्रिटेन में गणतंत्र प्रणाली की मांग लगातार उठती रही लेकिन रानी की लोकप्रियता भी बनी रही व उनकी राजशाही को कोई खतरा नहीं उत्पन्न हुआ। [६६] आलोचनाओं का केन्द्र रानी के व्यवहार व क्षमताओं से ज्यादा राजसत्ता व शाही राजघराने के सदस्यों पर ज्यादा आधारित थी। [६७] अपने पति, प्रधानमंत्री, कैंटरबरी के आर्कबिशप और अपने निजी सहायक से सलाह के पश्चात उन्होंने चार्ल्स और डाएना को लिखा कि अब उनका तलाक लेना जरूरी हो गया है। [६८] तलाक के एक साल बाद जो १९९६ में हुआ था डाएना की ३१ अगस्त १९९७ को पेरिस में सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गयी। रानी अपने बेटे और पोतों के साथ बालमोरल महल में छुट्टियाँ बिता रही थीं। डाएना के दोनो बेटे इस मौके पर चर्च जाना चाहते थे जहाँ रानी और चार्ल्स उन्हें ले गये।[६९] इस अकेले सार्वजनिक उपस्थिति के बाद रानी और राजकुमार ने पाँच दिनों तक विलियम और हैरी को बालमोरल में प्रेस से बचा कर रखा ताकि वो अपनी माँ की मृत्यु का शोक मना सकें।[७०] लेकिन राज-परिवार के एकांतवास और बकिंघम महल पर ब्रिटिश झंडे को शोक में आधा ना झुकाए रखने पर जनाता के गुस्से का शिकार होना पड़ा।[७१] जनभावना के आगे झुकते हुए रानी ने विश्व को लंदन लौटकर डाएना के अंतिम संस्कार के एक दिन पूर्व ५ सितम्बर को दिए एक सीधे प्रसारित हुए संदेश में उन्होंने डाएना व उनके बच्चों के प्रति अपनी प्रेमपूर्ण भावनाओं का इजहारा किया।[७२][७३] परिणामस्वरूप जनता का विरोध शांत हुआ।[७३]
स्वर्ण जयंती
२००२ में, एलिज़ाबेथ ने अपने शासनकाल की स्वर्ण जयंती पूरी की। उनकी बहन और माँ का फरवरी और मार्च में निधन हो गया। मीडिया स्वर्ण जयंती के समारोहों को लेकर सशंकित थी।[७४] उन्होंने जमैका से शुरु करके अपने राष्ट्रमंडल के दौरे किये।हालांकि वह आजीवन स्वस्थ रहीं, २००३ में उनके घुटनों का ऑपरेशन हुआ।
मई २००७ में वह प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर की नीतियों से वो खफा थीं। ब्रिटिश सेनाओं की अफगानिस्तान व इराक़ में जरूरत से ज्यादा समय तक तैनाती से भी वह चिंतित थीं।[७५] हालांकि उत्तरी आयरलैंड में शांति बहाली के ब्लेयर के प्रयासों की उन्होंने तारीफ कीं।[७६] मई २०११ में आइरिश राष्ट्रपति मैरी मैकेल्सी के निमंत्रण पर आयरलैंड गणराज्य की आधिकारिक यात्रा पर जाने वाली वो पहली ब्रिटिश रानी बनीं।[७७]
महारानी ने 2010 में एक बार फिर सयुंक्त राष्ट्र महासभा को राष्ट्रकुल देशों व ब्रिटिश रियासतों के अध्यक्ष के तौर पर संबोधित किया।[७८] सयुंक्त राष्ट्र अध्यक्ष, बान की मून ने उनका युग का सहारा ("an anchor for our age") के तौर पर परिचय करवाया।[७९] न्यूयॉर्क की अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने ११ सितम्बर २००१ के हमले में मारे गये ब्रिटिश लोगों की याद में एक उद्यान का उद्घाटन किया।[७९] अक्टूबर २०११ में ऑस्ट्रेलिया की उनकी यात्रा जो १९५४ के बाद से १६वीँ यात्रा थी को प्रेस द्वारा उनकी ज्यादा उम्र की वजह से विदाई यात्रा का नाम दिया गया।[८०]
हीरक जयंती
२०१२ में रानी के ६० वर्षों के शासनकाल को एलिज़ाबेथ की हीरक जयंती के तौर पर मनाया गया। सभी रियासतों में जश्न समारोह आयोजित किये गये। राज्यारोहण दिवस पर दिए अपने एक सम्बोधन में उन्होंने कहा कि इस विशेष वर्ष में जब मैं स्वयं को एक बार फिर आपकी सेवा में समर्पित कर रही हूँ, उम्मीद करती हूँ कि हम सब परिवार, मित्र व पड़ोसियों के साथ और एकता में निहित शक्ति को याद रखेंगे..... मैं इस बात की भी उम्मीद करती हूँ कि यह जयंती वर्ष गर्मजोशी से भविष्य की ओर देखने और १९५२ से अभी तक हुए विभिन्न महान बदलावों के लिये ईश्वर को धन्यवाद देने का भी समय लाया है[८१] उन्होंने अपने पति के साथ इस मौके पर पूरे यूनाइटेड किंगडम की यात्रा की और उनके बच्चों व नाती पोतों ने उनके प्रतिनिधि के तौर पर उनकी अन्य रियासतों व राष्ट्रकुल देशों की यात्रा की।[८२][८३] ४ जून को जयंती वर्ष के सम्मान में दुनिया भर में मशालें जलाई गयीं।[८४]
रानी ने 2012 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक की शुरुवात 27 जुलाई और 2012, ग्रीष्मकालीन पैरालम्पिक्स की शुरुवात २९ अगस्त २०१२ को लंदन में की। इसके पहले वह १९७६ के ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक का मॉन्ट्रियल में उद्घाटन कर चुकी हैं। दो देशों में दो ओलम्पिकों का उद्घाटन करने वाली वो अकेली राष्ट्राध्यक्ष हैं।[८५] लंदन ओलम्पिक के उद्घाटन समारोह के दौरान चलाए गए एक चलचित्र में उन्होंने जेम्स बॉन्ड का किरदार निभाने वाले डैनियल क्रेग के साथ एक छोटी सी भूमिका भी निभाई थी।[८६] फिल्म उद्योग के प्रति अपने उत्साहवर्धक व्यवहार के लिये ४ अप्रैल २०१३ को उन्हें बाफ्टा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[८७]
बढती उम्र व कम यात्राएँ करने के चिकित्सकीय सुझावों पर अमल करने की वजह से वह २०१३ में श्रीलंका में आयोजित हुए राष्ट्रमंडल समारोह में हिस्सा ना ले सकीं, उनकी जगह उनके पुत्र राजकुमार चार्ल्स ने इस सभा की अध्यक्षता की। १९७३ से वो इसकी अध्यक्षता लगातार करती रहीं थीं।[८८] महारानी, दिसम्बर २००७ में अपनी परदादी महारानी विक्टोरिया के बाद सबसे ज्यादा समय तक जीवित रहने वाली व ९ सितम्बर २०१५ को सबसे ज्यादा समय तक ब्रिटिश साम्राज्य पर शासन करने वाली ब्रिटिश राष्ट्राध्यक्ष बनीं। [८९] इस कीर्तिमान के साथ-साथ उन्हें विश्व इतिहास में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली महारानी का भी खिताब हासिल हो गया है।[९०] उनका अभी भी राजपाठ त्यागने का कोई इरादा नहीं है[९१] जबकि राजकुमार चार्ल्स का महारानी जो २०२१ में ९५ वर्ष की हो जायेंगी के प्रतिनिधि के तौर पर शाही कर्तव्यों को निभाने के मौके बढते ही रहेंगे।[९२]
उपनाम, शैलियाँ, उपाधियाँ व कुल-चिन्ह
उपनाम व नामकरण शैली
एलिज़ाबेथ ने राष्ट्रकुल में तमाम उपाधियाँ व सम्मानजनक सैन्य स्थान अर्जित किये हैं। उन्हें देश-विदेश से विभिन्न प्रकार के नामकरण अलंकारों व सम्मानजनक उपाधियों से नवाज़ा गया है। अपनी हर रियासत में उनकी एक अलग उपाधि है जिनकी शैली एक ही है: जैसे जमैका में क़्वीन ऑफ़ जमैका एंड हर अदर रियाल्म्स एंड टेरिटरीज़ अर्थात जमैका व अपने अन्य रियासतों की महारानी। ऑस्ट्रेलिया में क़्वीन ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया एंड हर अदर रियाल्म्स एंड टेरिटरीज़ इत्यादि। चैनल द्वीप और आइल ऑफ मैन जो अलग रियासतें होने के बज़ाए केंद्र शासित या ताज पर निर्भर राज्य (क्राउन डिपेन्डेन्सीज़) हैं वहाँ उन्हें क्रमश: 'नॉर्मैंडी की ड्यूक' व 'मैन का लॉर्ड' की उपाधि मिली हुई है। अन्य शैलियाँ हैं 'धर्म की रक्षक' और 'लंकास्टर के ड्यूक'। महारानी से बात करते हुए या उन्हें संबोधित करते हुए उन्हें योर मैजेस्टी और उसके बाद मैम कहा जाता है।[९३]
कुल-चिन्ह
21 अप्रैल 1944 से उनके राज्याभिषेक तक एलिज़ाबेथ के झंडे में लोज़ेंज़ होता था जिसपे यूनाइटेड किंगडम का कुल चिन्ह बना रहता था जो तीन बिंदुओं वाले निशान में बंटा रहता था। इनमें से पहले व तीसरे सेंट जॉर्ज के क्रॉस व मध्य बिंदु एक ट्यूडर गुलाब होता था।[९४] राज्याभिषेक के बाद, उन्होंने अपने पिता द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे विभिन्न कुल-चिन्हों को अपने झंडे में विरासत के तौर पर शामिल कर लिया।[९५]
राजकुमारी एलिज़ाबेथ का शाही चिन्ह (1944–1947)
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एडिनबरा की डचेज़ व राजकुमारी एलिज़ाबेथ का शाही चिन्ह (1947–1952)
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यूनाईटेड किंगडम में महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय का शाही चिन्ह (स्कॉटलैंड शामिल नहीं)
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स्कॉटलैंड में महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय का शाही चिन्ह
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कनाडा का शाही कुलांक
(१९५७ से १९९४ के दौरान)[९६]}} |
संताने
नाम | जन्म | विवाह | उनके बच्चे | उनके नाती-पोते | |
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दिनांक | जीवनसाथी | ||||
चार्ल्स, वेल्स के राजकुमार | 14 नवम्बर 1948 | 29 जुलाई 1981 तलाक 28 अगस्त 1996 |
लेडी डाएना स्पेन्सर | राजकुमार विलियम, कैम्ब्रिज के ड्यूक | कैम्ब्रिज के राजकुमार जॉर्ज कैम्ब्रिज की राजकुमारी शार्लट |
वेल्स के राजकुमार हैरी | |||||
9 अप्रैल 2005 | कमिल्ला पार्कर बॉउल्स | ||||
ऐनी, प्रिंसेस रॉयल | 15 अगस्त 1950 | 14 नवम्बर 1973 तलाक 28 अप्रैल 1992 |
मार्क फिलिप्स | पीटर फिलिप्स | सावन्ना फिलिप्स आइला फिलिप्स |
ज़ारा फिलिप्स | मिआ टिन्डल | ||||
12 दिसम्बर 1992 | टिमोथी लॉरेंस | ||||
राजकुमार एंड्रू, यॉर्क के ड्यूक | 19 फरवरी 1960 | 23 जुलाई 1986 तलाक 30 मई 1996 |
सारा फर्ग्यूसन | यॉर्क की राजकुमारी बियैट्रिस | |
यॉर्क की राजकुमारी यूजीनी | |||||
राजकुमार एडवर्ड, वेसेक्स के अर्ल | 10 मार्च 1964 | 19 जून 1999 | सोफी, वेसेक्स की काउंटेस | लेडी लुईज़ विंडसर | |
जेम्स, वाइकाउंट सेवर्न |
पूर्वज
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उपाधियाँ
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इन्हें भी देखें
टिप्पणियाँ
सन्दर्भ
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