मनोहर पर्रीकर
मनोहर पर्रिकर | |
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पद बहाल 3 मार्च 2017 – 17 मार्च 2019 | |
पूर्वा धिकारी | लक्ष्मीकांत पारसेकर |
कार्यकाल 2016 - 2017 | |
प्रधानमंत्री | नरेन्द्र मोदी |
पूर्वा धिकारी | अरूण जेटली |
जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
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मनोहर पार्रीकर (१३ दिसम्बर, १९५५ -- १७ मार्च, २०१९) भारत के एक राजनेता थे जो तीन बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे। इसके अलावा वे भारत के रक्षा मन्त्री भी रहे। वे उत्तर प्रदेश से राज्य सभा सांसद भी रहे थे। उन्होंने सन १९७८ मे आई.आई.टी. मुम्बई से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। भारत के किसी राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने आई.आई.टी. से स्नातक किया। उन्हें सन 2001 में आई.आई.टी. मुम्बई द्वारा विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि भी प्रदान की गयी थी।
परिचय
मनोहर पर्रिकर का जन्म गोवा के मापुसा में हुआ था। उनकी शिक्षा लोयोला हाई स्कूल, मार्गो में हुई। उन्होंने अपनी माध्यमिक शिक्षा मराठी में पूरी की और 1978 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुम्बई से धातुकर्म इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री प्राप्त की। वे IIT के प्रथम पूर्वछात्र थे, जिन्होंने किसी भारतीय राज्य के विधायक के रूप में सेवा की। उन्हें 2001 में IIT उन्हे प्रतिष्ठित पूर्व छात्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
भारतीय जनता पार्टी से गोवा के मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले नेता हैं। १९९४ में उन्हें गोआ की द्वितीय व्यवस्थापिका के लिये चयनित किया गया था। जून १९९९ से नवम्बर १९९९ तक वह विरोधी पार्टी के नेता रहे। २४ अक्टूबर् २००० को वह गोवा के मुख्यमन्त्री बने किंतु उनकी सरकार २७ फ़रवरी २००२ तक ही चल पाई। जून २००२ में वह पुनः सभा के सदस्य बने तथा जून ५, २००२ को पुनः गोवा के मुख्यमन्त्री पद के लिये चयनित हुए।
१३ मार्च २०१७ को भाजपा नेता मनोहर पर्रिकर ने गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली,राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।[२] पर्रिकर ने गोवा में छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई है और चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
बी.जे.पी. को गोवा की सत्ता में लाने का श्रेय उनको ही जाता है। इसके अतिरिक्त भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव को अकेले गोवा लाने का तथा किसी भी अन्य सरकार से कम समय मे एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मूलभूत संरचना खड़ी करने का श्रेय भी उन्ही को जाता है। कई समाज सुधार योजनाओं जैसे दयानन्द सामाजिक सुरक्षा योजना जो कि वृद्ध नागरिकों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, साइबरएज योजना, सी.एम. रोजगार योजना इत्यादि में भी उनका प्रमुख योगदान रहा है। उन्हें कई प्रतिष्ठित प्रतिभाओं जैसे डॉ॰ अनुपम सराफ तथा आर. सी. सिन्हा इत्यादि को सरकार में सलाहकार के तौर पर शामिल करने का श्रेय[३] भी जाता है। प्लानिंग कमीशन ऑफ इन्डिया तथा इंडिया टुडे के द्वारा किय गए सर्वे़क्षण के अनुसार उनके कार्यकाल में गोवा लगातार तीन साल तक भारत का सर्वश्रेष्ठ शासित प्रदेश रहा। कार्यशील तथा सिद्धांतवादी श्री पारिकर को गोवा में मि. क्लीन के नाम से जाना जाता है।
जनवरी २९, २००५ को ४ बी.जे.पी. नेताओं के इस्तीफा देने के कारण उनकी सरकार अल्पमत में आ गयी। श्री पारिकर ने दावा किया कि वह अपना बहुमत साबित करेंगे तथा फरवरी २००५ में ऐसा हुआ भी. किंतु बाद मे किसी कारणवश उन्हें अपना पद खोना पड़ा। लगातार विवादों के पश्चात मार्च २००५ में गोवा में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया किंतु जून २००५ में विरोधी नेता प्रताप सिंह राणे गोवा के मुख्यमंत्री बना दिये गये। दिनांक 17 मार्च 2019 की शाम को पहले मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी सूचना में उनका स्वास्थ्य अत्यधिक खराब होने की बात कही गयी थी परंतु कुछ ही देर बाद राष्ट्रपति कार्यालय से उनकी मृत्यु पर संवेदना व्यक्त करने से उनकी मृत्यु की पुष्टि हो गयी