आम बजट (2013-14)

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(भारत का केंद्रीय बजट(2013) से अनुप्रेषित)
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वर्ष 2013-2014 का आम बजट वित्त मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा 28 फ़रवरी 2013 को प्रस्तुत किया गया था।

बजट २०१३-२०१४ की मुख्या विशेषताएँ

  • 8% की संभावित विकास दर को फिर से प्राप्त करने की चुनौती का दिश सामना कर रहा है।
  • आयकर स्‍लैब में कोई बदलाव तो नहीं किया गया, लेकिन अब सालाना 1 करोड़ रुपये से ज्‍यादा आयवालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगेगा।
  • 2 से 5 लाख की आय पर आयकर में 2000 की छूट दी गई।
  • 12 फीसदी सेवा कर में कोई बदलाव नहीं किया गया। तीन फीसदी एजुकेशन सेस भी वैसा का वैसा जारी रहेगा।
  • पहली बार घर खरीदने वालों को 25 लाख के होमलोन पर एक लाख की ब्याज छूट मिलेगी।
  • बजट में टैक्‍स रिफॉर्म अथॉरिटी बनाने का प्रस्‍ताव किया गया।

बजट 2013-14 में महिलाओं के लिए

अक्टूबर में देश का पहला महिला बैंक खुलेगा। इस बैंक का संचालन पूरी तरह से महिलाएं ही करेंगी। दलित लड़कियों को छात्रवृत्ति जारी की जाएगी। चिदंबरम ने कहा कि सरकार महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। महिलाओं के लिए निर्भया फंड शरू होगा जिसमें १,००० करोड़ (US$१३१.२३ मिलियन) आवंटित करने का प्रस्‍ताव है। महिलाओं के विकास के लिए कुल ९७,००० करोड़ (US$१२.७३ बिलियन) आवंटित किए गए हैं।[१]

ग्रामीण विकास

ग्रामीण आवासीय परियोजना के लिए ६०० करोड़ (US$७८.७४ मिलियन) का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण बजट में 45 फीसदी का इज़ाफा किया गया है। ५०,००० करोड़ (US$६.५६ बिलियन) के इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर बॉन्‍ड जारी होंगे। इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में 47 फीसदी विकास निजी क्षेत्र द्वारा किया जायेगा। बजट 2013-14 में खाद्य सुरक्षा के लिए १०,००० करोड़ (US$१.३१ बिलियन) और निवेश भत्ते के लिए १०० करोड़ (US$१३.१२ मिलियन) का प्रस्‍ताव किया गया है।[१]

वित्तीय एवं राजको‍षीय घाटा

केलकर समिति की सिफारिशों को अंशत: अमल किया गया है। अगले साल वित्तीय घाटे का लक्ष्‍य 3.3 फीसदी और राजको‍षीय घाटा 4.8 फीसदी रखा गया है।[२]

सन्दर्भ

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