भारतीय अधिराज्य

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Dominion of India
(डोमिनियन ऑफ़ इण्डिया)
भारतिय अधिराज्य

1947-1950
ध्वज कुलांक
राष्ट्रगान
जन गण मन
शाही तराना
गाॅड सेव द किंग
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राजधानी नई दिल्ली
शासन संवैधानिक राजतन्त्रसाँचा:ns0
शासक
 -  1936-1950 जॉर्ज षष्ठम्
गवर्नर-जनरल(महाराज्यपाल)
 -  1947-1948 लाॅर्ड माउण्टबैटन
 -  1948-1950 चक्रवर्ती राजागोपालाचारी
प्रधानमन्त्री, (पूर्वतः राज्यसचिव)
 -  1947-1950 जवाहरलाल नेहरू
विधायिका संविधानसभा
ऐतिहासिक युग मध्य 20वीं सदी, शीत युद्ध
 -  भारतिय स्वतन्त्रता अधिनियम 15 अगस्त 1947
 -  प्रथम भारत-पाक युद्ध 1947 22 अकटूवर 1947
 -  संविधान का प्रवर्तन 26 जनवरी 1950
क्षेत्रफल
 -  1950 ३२,८७,२६३ किमी ² साँचा:nowrap
मुद्रा भारतीय रुपया

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भारत अधिराज्य, वर्तमान भारत(अर्थात् भारत गणराज्य) की संक्रमणकालीन अवस्था थी। यह 3 वर्ष तक; 1947 से 1950 में संविधान के प्रवर्तन तक, अस्तित्व में रही थी। यह मूल रूप से भारत में ब्रिटिश-उपनिवेशिक शासित अवस्था से स्वतंत्र, स्वायत्त, लोकतान्त्रिक, भारतीय गणराज्य के बीच की अस्थाई शासन अथवा राज्य थी। इसे आधिकारिक रूप से हिंदी में भारत अधिराज्य एवं अंग्रेजी में डोमिनियन ऑफ़ इणृडिया(साँचा:lang-en) कहा था। सन 15 अगस्त 1947 में ब्रितानियाई संसद में भारतीय स्वतन्त्रता अधीनियम पारित होने के बाद, अधिकारिक तौर पर, यूनाईटेड किंगडम की सरकार ने भारत पर अपनी प्रभुता त्याग दी और भारत में स्वशासन अथवा स्वराज लागू कर दिया। इसके साथ ही ब्रिटिश भारत(ब्रिटिश-भारतिय उपनिवेष) का अंत हो गया और भारत कैनडा और ऑस्ट्रेलिया की ही तरह एक स्वायत्त्योपनिवेष(डोमिनियन) बन गय, (अर्थात ब्रिटिश साम्राज्य में ही स्वायत्त इकाई)। ब्रिटिश संसद के भारत-सम्बन्धित सारे विधानाधिकारों को (1945 में गठित) भारत की संविधान सभा के अधिकार में सौंप दिया गया, भारत, ब्रिटिश-राष्ट्रमंडल प्रदेश का सहपद सदस्य भी बन गया साथ ही ब्रिटेन के राजा ने भारत के सम्राट का शाही खिताब त्याग दिया। ब्रिटिश स्वायत्तयोपनिवेष एवं रष्ट्रमाडल प्रदेश का हिस्सा होने के नाते इंगलैंड के राजा ज्यौर्ज (षष्ठम) को भारत का राष्ट्राध्यक्ष बनाया गया एवं आन्य राष्ट्रमंडल देशों की तरह ही भारतीय लहज़े में उन्हें भारत के राजा की उपाधि से नवाज़ा गया (यह पद केवल नाम-मात्र एवं शिष्टाचार के लिये था), भारत में उनका प्रतिनिधित्व भारत के महाराज्यपाल(गवरनर-जनरल) के द्वारा ही होता था। 1950 में संविधान के लागू होने के साथ ही भारत एक पूर्णतः स्वतन्त्र गणराज्य बन गया और साथ ही भारत के राजा के पद को हमेशा के लिये स्थगित कर दिया गया, और भारत के संविधान द्वारा स्थापित लोकतान्त्रिक प्रक्रिया द्वारा चुने गए भारत के महामहिं राष्ट्रपति के पद से बदल दिया गया। इस बीच भारत में दो महाराज्यपालों को नियुक्त किया गया, महामहिम महाराज्यपाल लाॅर्ड माउण्टबेटन और महामहिम महाराज्यपाल चक्रवर्ती राजागोपालाचारी। चक्रवर्ती राजगोपालाचारी इस अधिराज्य के अन्तिम गवर्नर-जनरल थे।

इतिहास

स्क्रिप्ट त्रुटि: "main" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। भारत में ब्रिटिश-औपनिवेशिक-काल के दैरान स्वशासन व स्वराज की मांगें कई बार उठती रहीं पर ब्रिटिश सरकार ने इन मांगों को हर बार खारिज कर दिया व सारे आंदोलनों को बल द्वारा दबाने की कोशिश करती रही। परंतू 1920 के दशक में स्वराज के लिये शुरू हुए इस आंदोलन को पूर्ण-स्वराज में परिवर्तित होने में देर नहीं लगी। तमाम उतार-चढ़ावों के बाद करीब 30 वर्षों के बाद १९४७ अंग्रेज़ सरकार ने भारत को स्वराज प्रदान करने का फ़ैसला कर लिया। महात्मा गांधी द्वारा शुरू किये गए नमक सत्याग्रह की सफ़लता व उसे मिले विशाल जनसमर्थन के बाद अंग्रेज़ सरकार समझ गई थी की भारत को ज़यादा समय तक अब विदेशी-नियंत्रण में रखना असंभव था, और स्वतंत्रता केवल समय की बात रह गई थी। कौंग्रेस द्वारा किये गए पूर्ण-स्वराज घोशणा, ब्रिटिश-भारतिय नौसेना का विद्रोह और द्वितीय विष्वयुद्ध के बाद ब्रिटेन में आई आर्थिक-मंदी ने आखरी कील का काम किया। १९४७ में ब्रिटेन की संसद में भारतिय स्वतंत्रता अधीनियम के पारित होने के बाद, ब्रिटिश सरकार ने भारत पर अधिपत्यता त्याग दी और इसी के साथ भारत में स्वराज की स्थापना हुई। इसके बाद, ब्रिटिश कानूनन् प्रक्रिया के तहत भारत को ब्रिटिश-उपनिवेष से ब्रिटिश-स्वायत्तयोपनिवेष(डोमीनियन) का दरजा दे दिया गया। जिसके बाद, कानून तौर पर भारत एक स्वायत्तय एवं स्वतंत्र राष्ट्र बन गया एवं प्रक्रिया-स्वरूप भारत, ब्रिटिश-राष्ट्रमंडल प्रदेश का हिस्सा बन गया और आन्य राष्ट्रमंडल प्रदेशों की तरह ब्रिटेन के राजा, जौर्ज षष्ठम को भारत का राष्ट्राध्यक्ष बना दिया गया, जिसके तहत भारतिय कानूनन् तैहज़े में उन्हें भारत के राजा का पारंपरिक एवं नम-मात्र के पद से सम्मानित किया गया। भारत में उनका प्रतिनिधित्व भारत के महाराज्यपाल(गवर्नर-जनरल) द्वारा होता था, जिन्हें "भारत के राजा" का सारा कार्याधिकार हासिल था। १९५० में संविधान को संविधानसभा की स्वीकृती मिल गई और २६ जनवरी १९५० को संविधान के परवर्तन के साथ ही भारत एक स्वतंत्र गणराज्य बन गया और आधिराजकिय व्यवस्था को संविधान द्वारा गणराजकिय व्यवस्था से बदल दिया गया। भारत के राजा व महाराज्यप्ल के पद को समाप्त कर दिया गया एवं लोकतांत्रिक रूप से चुने हुए भारत के महामहिं राष्ट्रपति को राष्ट्राध्यक्ष बना दिया गया।

राजतंत्रिक व्यवस्था एवं कार्यप्रणाली

भारत के गवर्नर-जनरल का व्यक्तिगत ध्वज

अधिराजकीय राजतंत्रिक व्यवस्था में सारे स्वायत्त्योपनिवेशों (या अधिराज्य) का केवल एक ही नरेश एवं एक ही राजघराना होता है, अर्थात सारे अधिराज्यों पर एक ही व्यक्ति (सम्राट, नरेश राजा या शासक) का राज होता है। यह नरेश, हर एक अधिराज्य पर सामान्य अधिकार रखता है एवं हर अधिराज्य में संवैधानिक व कानूनन रूप से उसे राष्ट्राध्यक्ष का दर्जा प्राप्त होता है। यह होने के बावजूद सारे अधिराज्य स्वतंत्र एवं तथ्यस्वरूप स्वतंत्र रहते हैं क्योंकि हर देश में अपनी खुद की स्वतंत्र सरकार होती है और नरेश का पद केवल परंपरागत एवं कथास्वरूप का होता है। शासक का संपूर्ण कार्यभार एवं कार्याधिकार उस देश के महाराज्यपाल के नियंत्रण मे रहता है जिसे तथ्यस्वरूप सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। इस तरह की व्यवस्था सार्थक रूप से ब्रिटिश साम्राज्य व ब्रिटिश-राष्ट्रमंडल प्रदेशों(ब्रिटेन, कैनडा, ऑस्ट्रेलिया, अदि) व पूर्व ब्रिटिश अधिराज्यों की शासन प्रणाली में देखी जा सकती है। भारत में इस क्षणिक स्वयत्योपनिवेशिय काल में इसी तरह की शासन प्रणाली रही थी। इस बीच भारत में विधानपालिकी का पूरा कार्यभार संविधानसभा पर था व कार्यपालिका का मुखिया भारत के प्रधानमंत्री थे। इस बीच भारत पर केवल एक; राजा जाॅर्ज (षष्ठम) का राज रहा, एवं दो महारज्यपालों व एक प्रधानमंत्री की नियुक्ती हुई।

भारत के नरेशों की सूची

विंज़र राजघराना
तसवीर नाम जन्मतिथि मृत्युतिथि पदग्रहण की तिथि पदत्याग की तिथि विवरण
King George VI.jpg महाराज जाॅर्ज (षष्ठम) 14 दिसंबर 1895 6 फ़रवरी 1952 15 अगस्त 1947 26 जनवरी 1950 भारत के राजा पद के एकमात्र प्रभारी

भारत के महाराज्यपालों की सूची

नाम चित्र पदग्रहण की तिथि पदत्याग की तिथि
1 महामहिम महाराज्यपाल, विस्कांट, बर्मा के लाॅर्ड माउंटबैटन 15 अगस्त 1947 21 जून 1948
2 महामहिं महाराज्यपाल श्री चक्रवर्ती राजगोपालाचारी C. Rajagopalachari 1948.jpg 21 जून 1948 26 जनवरी 1950

भारत अधिराज्य के प्रधानमंत्रियों की सूची

नाम चित्र जन्मतिथि मृत्युतिथि कार्यालय - प्रवेश कार्यालय - त्याग राजनैतिक दल
जवाहरलाल नेहरू Jnehru.jpg 14 नवम्बर 1889 27 मई 1964 15 अगस्त 1947 27 मई 1964 भारतिय राष्ट्रिय कांग्रेस

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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