बाह
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बाह आगरा जिला के पूर्व में अंतिम तहसील है, इस तहसील के किनारे से चम्बल नदी गुजरती है। चम्बल और यमुना का दोआब होने के कारण इस भू-भाग मे खेती योग्य जमीन कम है,चम्बल और यमुना नदी का पानी यहाँ खेती के लिए भी उपयोग किया जाता है। राज्य सरकार ने चम्बल को अभ्यारण्य घोषित करने के बाद,यहां पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है बाह ऐसे स्थान पर स्थित है ( 26.8731468, 78.5885307 अक्षांश) जिसके पूर्व दिशा में (लगभग 50 किमी)इटावा की लाइन सफारी ,उत्तर दिशा में (लगभग 7-10 किमी) बटेश्वर नामक स्थान जो पुरातात्विक और सांस्कृतिक दोनों के लिए प्रसिद्ध है। यहां पशुओं का प्रसिद्ध मेला लगता है, दक्षिण दिशा में (लगभग 8-10 किमी) चंबल नदी घाटी का सुंदर,मनोहर और अकल्पनीय दृश्य,दक्षिण दिशा में ही (लगभग 3-4 किमी)मढेपुरा के मनीराम का पुरा के पास निकला एशिया का पहला साइकिल हाईवे (जो आगरा से,बाह ,बटेश्वर,मढेपुरा,होते हुए इटावा को जोड़ता है) तथा पश्चिम दिशा में विश्व के 7 आश्चर्यों में से एक आगरा का ताजमहल (लगभग 60-70 किमी) स्थित है । इस स्थान को देंखे तो लगता है कि ऐसा स्थान शायद ही कहीं और देखने को मिलेगा। यहां के लोग किसान से लेकर व्यापारी,इंजीनियर, सैना के तीनों अंगों में,प्राइमरी स्कूल के अध्यापक से लेकर विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर तक ,इत्यादि (लगभग प्रत्येक क्षेत्र में) कार्यरत हैं। यहां के लोगों के लिए यह स्थान बहुत ही अच्छा है लेकिन हर जगह की तरह यहां भी कुछ समस्याएं हैं लेकिन यहां के लोग प्रत्येक समस्या से आसानी से बाहर आने में सक्षम हैं।(जो लोग समस्या दूर करने में सक्षम नहीं होते हैं वे हर जगह की तरह कमियां निकालते रहते हैं,जिनको अपवाद कहा जा सकता है)। श्री अटल बिहारी बाजपेयी इसी भू-भाग में बटेश्वर नामक स्थान के है।