ऐडनसोनिया
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ऐडनसोनिया Adansonia | |
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माडागास्कर में एक विशाल बाओबाब (ऐडनसोनिया ग्रैण्डिडिएरी) वृक्ष | |
Scientific classification | |
जातियाँ | |
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ऐडनसोनिया (Adansonia), जो साधारण रूप से बाओबाब (Baobab) के नाम से जाने जाते हैं, पतझड़ी वृक्षों एक जीववैज्ञानिक वंश है जिसमें आठ जातियाँ सम्मिलित हैं। भारत में इन्हें गोरक्षी और गोरख इमली (Gorakh Imli) के नाम से भी जाना जाता है। मूल रूप से बाओबाब माडागास्कर, अफ्रीका की मुख्यभूमि और ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते थे, लेकिन इन्हें मानवों द्वारा एशिया और विश्व के अन्य क्षेत्रों में भी फैलाया गया है।[१] यह एक लम्बी आयु वाला वृक्ष है और ज़िम्बाबवे का एक बाओबाब सन् 2011 में अपनी मृत्यु से पहले 2,450 वर्ष की आयु प्राप्त कर के विश्व का सबसे दीर्घजीवी ज्ञात सपुष्पक वनस्पति हो चुका था।[२]
बाओबाब के फूल बड़े आकार के होते हैं और अधिकतम केवल 15 घंटों के लिए ही प्रजनन-क्षमता रखते हैं। यह संध्या में इतनी तेज़ी से खिलते हैं कि इन्हें मानव नेत्रों द्वारा खुलते हुए देखा जा सकता है, और यह अगली सुबह होने तक मुरझा जाते हैं। इसके फल बड़े, बेर-जैसे अण्डाकार या गोल होते हैं, जिनमें सूखे मेवे के भीतर एक राजमा के आकार का बीज होता है। बाओबाब के अन्य कई लोकनाम भी प्रचलित हैं, जैसे "उल्टा पेड़" (Upside down tree) और "बंदर रोटी पेड़" (Monkey bread tree)।[३] अफ़्रीका के आर्थिक विकास में काफ़ी योगदान होने की वजह से अफ्रीका ने इसे 'द वर्ल्ड ट्री' की उपाधि भी प्रदान की है और इसे एक संरक्षित वृक्ष भी घोषित किया है। इसका वैज्ञानिक नाम मिशेल एडनसन, जो कि एक फ्रांसीसी प्रकृतिवादी और अन्वेषक थे और जिन्होने पहले पहल इस वृक्ष का वर्णन किया था, के सम्मान में रखा गया है।
भारत में
भारत में यह पेड़ किस तरह पहुँचे इसका कोई प्रमाण नहीं मिलता। सूरत शहर के कतारगाम में अनाथाश्रम के सामने दो पेड़ और सरथाणा चुंगी नाका के सामने बने चिड़ियाघर में भालू के पिंजरे के पास एक पेड़ हजारों वर्षों से खड़ा है। गुजराती में इसे गोरख आंबली (गुजराती: ગોરખ આંબલી) (इमली) कहा जाता है।
किंवदंती
बाओबाब वृक्ष की सबसे पहली पहचान है इस का उल्टा दिखना यानि इस को देखने पर आभास होता है कि मानों पेड़ की जड़े ऊपर और तना नीचे हो। बाओबाब के इस रूप के बारे में किंवदंती है कि पहले यह पेड़ सीधा था परन्तु फलते फूलते समय इसने दूसरे पौधों और पेड़ों को मिलने वाली हवा और सूर्य प्रकाश को ही रोक दिया। इसकी इस हरकत पर परमात्मा को गुस्सा आया और उन्होने इस पेड़ को जड़ से उखाड़ कर उल्टा लगा दिया, बाओबाब के बहुत मिन्न्तें करने पर भगवान ने इस पेड़ को एक छूट दी कि साल के ६ महीने इस पर पत्ते लग सकते हैं बाकी के समय में यह पेड़ एक ठूंठ की भाँति दिखेगा। यह तो मात्र एक किंवदंती है परन्तु आज भी इस पेड़ पर पत्ते साल में सिर्फ़ ६ महीने के लिये ही लगते हैं, बाकी समय में यह एक दम सूखा दिखता है।
विवरण
बाओबाब के वृक्ष 5 से 30 मीटर की ऊँचाई तक पहुँच सकते हैं जबकि इसके तने का व्यास 7 से 11 मीटर तक हो सकता है। यह एक पर्णपाती कृक्ष है इस पेड़ पर पत्ते साल में सिर्फ़ ६ महीने के लिये ही लगते हैं, जबकि शुष्क मौसम में इसके पत्ते झड़ जाते हैं और उस समय यह एक दम सूखा दिखता है। इस पेड़ के तने में हजारों लीटर (१,२०,००० लीटर तक) शुद्ध पानी भरा रहता है और यह पानी वर्षा के अभाव वाले महीनों में पीने के काम आता है। इस वृक्ष की आयु बहुत लम्बी होती है। इस वृक्ष की लकड़ी में वृद्धि वलयों का अभाव होता है इसलिए इसकी आयु निर्धारण के लिए कार्बन काल निर्धारण पद्धति की मदद ली जाती है। बाओबाब के कुछ वृक्षों की आयु ६००० वर्ष तक पाई गयी गई है।साँचा:fix
जातियाँ
बाओबाब की आठ ज्ञात जातियाँ हैं, जिनमें से छह माडाकास्कर में तत्रस्थ हैं (यानि केवल वहीं मिलती है), एक अफ्रीका में मिलती है और एक ऑस्ट्रेलिया में तत्रस्थ है।
जाति | साधारण नाम | वितरण |
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ऐडनसोनिया डिजिटाटा (Adansonia digitata) (जिसमें ऐडनसोनिया किलिमा भी सम्मिलित है) |
अफ्रीकी बाओबाब, मरा-चूहा-वृक्ष, बंदर-रोटी-वृक्ष, पहाड़ी अफ्रीकी बाओबाब | पश्चिमी, पूर्वोत्तरी, मध्य और दक्षिणी अफ्रीका[५] |
ऐडनसोनिया ग्रैण्डिडिएरी (Adansonia grandidieri) |
ग्रैण्डिडिएर बाओबाब, विशाल बाओबाब | पश्चिम-मध्य माडागास्कर[६] |
ऐडनसोनिया ग्रेगोरी (Adansonia gregorii) |
बोआब, ऑस्ट्रेलियाई बाओबाब, बोतलवृक्ष | पश्चिमोत्तरी ऑस्ट्रेलिया |
ऐडनसोनिया माडागास्करिएन्सिस (Adansonia madagascariensis) |
माडागास्कर बाओबाब | पश्चिमोत्तर और उत्तर माडागास्कर[७] |
ऐडनसोनिया पेरिएरी (Adansonia perrieri) |
पेरिएर बाओबाब | उत्तर माडागास्कर[७] |
ऐडनसोनिया रुब्रोस्टीपा (Adansonia rubrostipa) |
फोनी बाओबाब | पश्चिमी माडागास्कर का मध्य से दक्षिण भाग[७] |
ऐडनसोनिया सुआरेज़ेन्सिस (Adansonia suarezensis) |
सुआरेज़ बाओबाब | उत्तरी माडागास्कर[७] |
ऐडनसोनिया ज़ा (Adansonia za) |
ज़ा बाओबाब | पश्चिम और दक्षिणपश्चिमी माडागास्कर[७] |
उपयोग
- बाओबाब की छाल में ४०% तक नमी होती है और इस वजह से यह जलाने के काम नहीं आती परन्तु तने की भीतरी छाल फ़ाईबर जैसी होती है जिस से कागज, कपड़े, रस्सी, मछली पकड़ने के जाल, धागे, बास्केट और कंबल जैसी कई वस्तुएं बनाई जाती हैं।
- बाओबाब के पेड़ पर पहली बार फूल पेड़ की आयु के 20वें वर्ष में अप्रैल से मई के बीच लगते है। यह अल्पायु पुष्प रात्रि में ही खिलते हैं। फूलों का रंग सफेद तथा आकार बड़ा (१२ सेमी तक लम्बा) होता हैं। इन फूलों के पराग कणों से गोंद भी बनाया जाता है।
- इसके फल, ककड़ी या खीरा की तरह और गूदेदार होते हैं और लम्बाई में १ फुट तक लंबे होते हैं (कई बार गोल भी होते हैं) यह फल बन्दरों को बहुत प्रिय हैं और इसी वजह से इसे बंदर रोटी वृक्ष भी कहा जाता है। इसके फलों से कई तरह की दवाईयां भी बनाई जाती हैं।
- इस फल को सुखाने के बाद चूरा बनाया जाता है और इसे पानी में मिलाने से नींबू पानी जैसा खट्टा स्वास्थयवर्धक पेय बनता है। छोटे फलों की कई तरह की गेंद बनाई जाती है।
- एक फल में तकरीबन ३० बीज होते है। बीजों से भी कई तरह की दवाईयाँ, गोन्द, कच्चा तेल और तेल साबुन बनाने के काम में प्रयोग किया जाता है।
- केल्शियम से भरपूर पत्तों से सब्जी बनती है, इन्हें उबाल कर डिटर्जेंट पाऊडर की तरह काम में लिया जाता है।
चित्रदीर्घा
Adansonia digitata पत्ता
Adansonia digitata लटकता फल
Adansonia rubrostipa, फल के भीतर
Adansonia digitata फल से बीज
Adansonia digitata के फल के गूदे के अंश: (ऊपर-दाएँ से दक्षिणावर्त) पूरे गूदे के टुकड़े, रेशे, बीज, गूदे का पाउडर
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ Adrian Patrut et al. (2018) The demise of the largest and oldest African baobabs. Nature Plants 4: 423–426. DOI: 10.1038/s41477-018-0170-5
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ साँचा:cite iucn
- ↑ अ आ इ ई उ Behrens, K. and K. Barnes. 2016. Wildlife of Madagascar. Wild guides, Princeton University Press.