प्लास्टिक पुनर्चक्रण

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प्लास्टिक रीसाइक्लिंग रद्दी या बेकार प्लास्टिक उत्पादों को पुनः प्राप्त करने तथा इस सामग्री को फिर से ऐसे उपयोगी उत्पादों में बदलने की प्रक्रिया है, जो कई बार अपनी मूल अवस्था से बिलकुल अलग होते हैं। उदाहरण के लिए, शीतल पेय पदार्थ की प्लास्टिक की बोतलों को पिघला कर उन्हें प्लास्टिक की कुर्सियों या मेजों के रूप में ढाला जा सकता है। आमतौर पर एक प्लास्टिक का पुनर्नवीनीकरण (रीसाइक्लिंग) समान प्रकार के प्लास्टिक में नहीं किया जाता और पुनर्नवीनीकरण (रीसाइक्लिंग) प्रक्रिया से प्राप्त प्लास्टिक से बने उत्पाद फिर से रीसाइक्लिंग के योग्य नहीं होते.साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed]

चुनौतियां

शीशा या धातु जैसे अन्य पदार्थों की तुलना में, प्लास्टिक पॉलिमर के पुनर्नवीनीकरण के लिए अत्यधिक प्रसंस्करण की आवश्यकता होती है।साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed] प्लास्टिक में घुलनशीलता बहुत कम होती है जिसका कारण इनकी बड़ी पॉलीमर श्रृंखलाओं का उच्च आणविक भार है। एक बड़ा अणु (मेक्रोमॉलीक्यूल) अपनी पूरी लंबाई के साथ अपने आस पास के वातावरण से संपर्क स्थापित करता है इसलिए समान संरचना के कार्बनिक अणु की तुलना में इसके मिश्रण की तापीय धारिता अधिक है। इतने बड़े अणु को पिघलाने के लिए केवल ऊष्मा ही पर्याप्त नहीं है, इस वजह से, सही ढंग से मिश्रित होने के लिए अक्सर प्लास्टिक की संरचना का समान होना आवश्यक है।

जब विभिन्न किस्मों के प्लास्टिक को एक साथ पिघलाया जाता है तो वे तेल और पानी की तरह चरणबद्ध ढंग से और तहों के रूप में अलग होते हैं। चरण सीमाओं के परिणामस्वरूप प्राप्त होने वाले पदार्थ में संरचनात्मक कमजोरी पाई जाती है, जिसका अर्थ है कि पॉलीमर मिश्रण केवल सीमित अनुप्रयोगों में ही उपयोगी हैं।

रीसाइक्लिंग के लिए एक और बाधा प्लास्टिक में रंगों, भराव पदार्थों (फिलर) और अन्य रसायनों का बढ़ता उपयोग है। पॉलीमर के चिपचिपे होने के कारण आमतौर पर कम खर्च में फिलर हटाना मुश्किल है और वे उन कई प्रक्रियाओं से क्षतिग्रस्त हो जायेंगे जो आसानी से अतिरिक्त रंग हटा सकती हैं। शीतल पेय के डिब्बों और प्लास्टिक की थैलियों में रसायनों के कम इस्तेमाल के कारण अक्सर इनका प्रयोग रीसाइक्लिंग के लिए अधिक किया जाता है।

जैविक रूप से अपघटित होने वाले (बायोडिग्रेडेबल) प्लास्टिक के उपयोग में वृद्धि हो रही है। यदि रीसाइक्लिंग के लिए इनमें से कुछ उत्पाद अन्य प्लास्टिक उत्पादों के साथ मिश्रित हो जाएं तो गुणों और गलनांक में अंतर के कारण इससे प्राप्त होने वाले प्लास्टिक की रीसाइक्लिंग नहीं हो सकती.[१]

प्रक्रियाएं

रीसाइक्लिंग से पहले, प्लास्टिक उत्पादों को उनके रेज़िन पहचान कोड के अनुसार अलग किया जाता है, यह पॉलीमर की किस्मों को श्रेणीबद्ध करने की विधि है, जिसे 1988 में प्लास्टिक उद्योग संस्था (Society of the Plastics Industry) द्वारा विकसित किया गया था। उदाहरण के लिए, पॉलीएथाइलीन टेरेफ्थालेट (Polyethylene terephthalate), जिसे आम तौर पर पीईटी (PET) कहा जाता है, का रेज़िन कोड 1 है। इन्हें अक्सर रंगों के अनुसार भी अलग किया जाता है। इसके बाद प्लास्टिक के रीसाइक्लिंग योग्य पदार्थों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाता है। इसके बाद कागज़ के लेबल जैसी अशुद्धियों को समाप्त करने के लिए ये कटे हुए टुकड़े कई प्रक्रियाओं से गुजरते हैं। इस सामग्री को पिघलाया जाता है और अक्सर टिकिया के रूप में बाहर निकाला जाता है जिसके बाद इनका प्रयोग अन्य पदार्थों के निर्माण में किया जाता है।

मोनोमर रीसाइक्लिंग

कई चुनौतियों को अधिक विस्तृत मोनोमर रिसाइक्लिंग प्रक्रिया के प्रयोग द्वारा हल किया जा सकता है, जिसमे संक्षेपण पॉलीमर अनिवार्य रूप से इसका निर्माण करने वाली पॉलीमराइज़ेशन प्रक्रिया के व्युत्क्रम से गुजरते हैं। इससे उन रसायनों का मिश्रण प्राप्त होता है जिनसे मिल कर मूल पॉलीमर बना था, जिसे शुद्ध किया जा सकता है और इसका प्रयोग समान किस्म की नई पॉलीमर श्रृंखलाओं को जोड़ने में किया जा सकता है। मेथनोलाइसिस प्रक्रिया के माध्यम से पीईटी (PET) की रीसाइक्लिंग के लिए इस किस्म का एक प्रमुख संयंत्र ड्यू पॉन्ट द्वारा केप फियर, उत्तरी कैरोलीना, अमेरिका में खोला गया था, किन्तु आर्थिक दबावों के कारण इसने यह संयंत्र बंद कर दिया.[२]

थर्मल डिपॉलीमेराइज़ेशन

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एक अन्य प्रक्रिया जिसमे विभिन्न पॉलीमर का पेट्रोलियम में रूपांतरण एक कम सटीक थर्मल डिपॉलीमेराइज़ेशन प्रक्रिया द्वारा किया जाता है। इस तरह की प्रक्रिया लगभग किसी भी प्रकार के पॉलीमर या पॉलीमर के मिश्रण को स्वीकार करने में सक्षम है, जिसमे थर्मोस्टेट पदार्थ जैसे वल्केनाइज़्ड रबड़ टायर और पंखों में पाए जाने वाले बायोपॉलीमर तथा अन्य अपशिष्ट कृषि उत्पाद शामिल हैं। प्राकृतिक पेट्रोलियम की ही तरह, उत्पादित रसायनों से ईंधन के साथ पॉलिमर भी बनाया जा सकता है। इस प्रकार का एक प्रमुख संयंत्र कार्थेज, मिसूरी, संयुक्त राज्य अमेरिका में मौजूद है जो इनपुट पदार्थ के रूप में टर्की से प्राप्त होने वाले कचरे का प्रयोग करता है। गैसीकरण भी एक समान प्रक्रिया है, लेकिन तकनीकी रूप से यह रीसाइक्लिंग नहीं है क्योंकि अंतिम परिणाम के रूप में पॉलीमर बनने की संभावना नहीं है।

ताप संपीड़न

ताप संपीड़न एक और प्रक्रिया है जो नई कंपनियों (विशेषकर ऑस्ट्रलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान में) लोकप्रिय हो रही है।साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed] ताप संपीड़न प्रक्रिया में सभी प्रकार के बिना छंटे, सभी किस्मों के साफ़ प्लास्टिक का प्रयोग होता है, जिसमे नरम प्लास्टिक थैलियों से लेकर सख्त औद्योगिक कचरा शामिल है और इस कचरे को टंबलर/ड्रम (घूमने वाले बड़े ड्रम जो विशालकाय कपड़े सुखाने वाले ड्रायर जैसे दिखते हैं) में मिलाया जाता है। इस विधि का सबसे बड़ा लाभ यह है कि केवल मिली जुली किस्मों की बजाए सभी किस्मों के प्लास्टिक रीसाइक्लिंग करने योग्य होते है। हालांकि, ड्रमों को घुमाने में और पोस्ट-मेल्ट पाइपों को गर्म करने में खर्च होने वाली ऊर्जा के कारण इस प्रक्रिया की आलोचना की जाती है।

अन्य प्रक्रियाएं

एक ऐसी प्रक्रिया भी विकसित की गई है जिसमे कई किस्मों के प्लास्टिक का उपयोग स्क्रैप स्टील की रीसाइक्लिंग में कार्बन स्रोत के रूप में किया जा सकता है।[३]

अनुप्रयोग

पीईटी (PET)

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उपभोग के पश्चात् पोलीएथाइलीन को विभिन्न रंगों के अनुसार छांटा जाता है, साफ़ किया जाता है और प्रसंस्करण के लिए तैयार किया जाता है।[४] उपभोक्ता द्वारा उपभोग करने के पश्चात् इस छंटे हुए पीईटी (PET) कचरे को कुचला जाता है, परतों में काटा जाता है, गट्ठर के रूप में दबाया जाता है और बिक्री के लिए पेश किया जाता है।[५]

रीसाइकिल किए गए पीईटी (PET) का एक अन्य उपयोग, जो अभी हाल ही में लोकप्रिय होना शुरू हुआ है, कपड़ा उद्योग में कपड़ा बनाने के लिए किया जाता है।[६] ये कपड़े पीईटी (PET) गुच्छों की कताई द्वारा बनाये जाते हैं।[५] यह एकदम नए पीईटी (PET) से पॉलिएस्टर बनाने जितने सरल ढंग से किया जाता है।[७] रीसाइकिल किए गए पीईटी (PET) धागे या सूत को अकेले या दूसरे रेशों के साथ इस्तेमाल करके इसका उपयोग बड़े पैमाने पर विविध प्रकार के कपड़ों का उत्पादन करने में किया जा सकता है। परंपरागत रूप से इन कपड़ों का उपयोग मजबूत, टिकाऊ, कठोर उत्पादों का निर्माण करने के लिए किया गया था जैसे कि जैकेट, कोट, जूते, बैग, टोपियां और अन्य वस्तुएं. हालांकि, आमतौर पर ये कपड़े त्वचा के लिए अत्यधिक रूखे होते हैं और झुंझलाहट पैदा कर सकते हैं। इसलिए, आमतौर पर वे किसी भी उस परिधान में प्रयोग में नहीं लाये जाते जो त्वचा को रुखा कर सकते हैं, या फिर जहां आरामदायक कपड़ों की आवश्यकता होती है।[८] लेकिन आज नई पर्यावरण के अनुकूल दुनिया में "ग्रीन" उत्पादों की मांग बढ़ रही है। परिणामस्वरूप, कपड़ा बनाने वाली कई कंपनियों ने इस नए बाज़ार में लाभ प्राप्त करने के तरीके ढूंढने शुरू कर दिए हैं और रीसाइकिल किए गए पीईटी (PET) कपड़े को प्रयोग में लाने के लिए नई खोजे विकसित करनी शुरू कर दी हैं। इन खोजों में विभिन्न प्रकारों से कपड़े का प्रसंस्करण[५], कपड़े का उपयोग, या कपड़े को अन्य सामग्रियों के साथ मिश्रित करना शामिल है।[९] कुछ कपड़े जो इस उद्योग की इन खोजों में सबसे अग्रणी हैं, में बिलाबोंग का इको-सुप्रीम स्वेड (Eco-Supreme Suede)[९], लिविटी का रिप-टाइड III (Rip-Tide III)[१०], वेलमैन इंक का इको-फाई (Eco-fi)(पूर्व में इकोस्पन (EcoSpun) के नाम से जाना जाता था)[४] और रिवेयर का रिवुवन (Rewoven)[७] शामिल हैं। कुछ और कंपनियां जो अपने पदार्थों में रीसाइकिल किए गए पीईटी का उपयोग करने में गर्व महसूस करती हैं, में क्रेज़ी शर्ट्स[११] और प्लेबैक[६] शामिल हैं।

पीवीसी (PVC)

औद्योगिक स्तर पर पीवीसी या विनाइल रीसाइक्लिंग करना ऐतिहासिक रूप से बहुत कठिन रहा है।साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed] लेकिन पिछले एक दशक के भीतर पीवीसी प्लास्टिक की रीसाइक्लिंग या अपसाइक्लिंग के कई व्यावहारिक तरीके विकसित किए गए हैं।साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed]

एचडीपीई (HDPE)

सबसे अधिक बार रीसाइकिल होने वाला प्लास्टिकसाँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed], एचडीपीई (HDPE) या संख्या 2 द्वारा प्लास्टिक के लट्ठे, मेजें, सड़क के किनारे के फुटपाथ, बेंच, ट्रक कार्गो लाइनर, कचरे के डिब्बे, स्टेशनरी (उदाहरण पैमाने) और अन्य टिकाऊ प्लास्टिक उत्पाद और आम तौर मांग में रहने वाली वस्तुएं बनाई जाती है।

अन्य प्लास्टिक

पैकिंग सामग्री के रूप में प्रयोग किए जाने वाले सफेद प्लास्टिक फोम के दानों को अक्सर शिपिंग स्टोर द्वारा दोबारा प्रयोग में लाया जाता है।[१२]

इज़राइल में हुए सफल परीक्षणों से पता चला है कि मिश्रित सार्वजनिक कचरे के स्रोत से प्राप्त की गई प्लास्टिक फिल्मों से बाल्टियों जैसी उपयोगी घरेलू सामग्रियां बनाई जा सकती हैं।[१३]

इसी तरह, कृषि प्लास्टिक उत्पादों जैसे मल्च फिल्म, ड्रिप टेप और साइलेज बैग को कचरे के स्त्रोतों से निकला जा रहा है और औद्योगिक अनुप्रयोग उत्पादों, जैसे प्लास्टिक कोम्पोज़िट रेलरोड टाई को बनाने के लिए[१४] सफलतापूर्वक रीसाइकिल किया जा रहा है[१५]. ऐतिहासिक रूप से, इन कृषि प्लास्टिक उत्पादों को पूर्व में ज़मीन में दबा दिया जाता था या किसी व्यक्ति विशेष के खेत में वहीं जला दिया जाता था।[१६]

सीएनएन ने रिपोर्ट दी है कि केरल राजमार्ग अनुसंधान संस्थान, भारत की डॉ॰ एस मधु ने सड़क की ऐसी सतह तैयार की है जिसमे रीसाइकिल किए गए प्लास्टिक का प्रयोग होता है।साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed] इसमें बिटुमेन (कोलतार) और टुकड़ों में कटा हुआ प्लास्टिक होता है और इसे प्रदूषण से बचने के लिए 220 डिग्री सेल्सियस (428 °F) से कम तापमान पर पिघलाया जाता है। ऐसा दावा किया जाता है कि इस तरह से बनी सड़क की सतह बहुत ही टिकाऊ तथा मानसून वर्षा प्रतिरोधी है। प्लास्टिक की छंटाई हाथों से की जाती है जो कि भारत में बहुत किफायती है। लगभग 500 मीटर लंबी, 8 मीटर चौड़ी, दो-लेन की परीक्षण सड़क पर 60 किलो प्लास्टिक लगा था।

वित्तीय औचित्य

2008 में, अमेरिका में पीईटी (PET) की कीमतें 370 डॉलर/टन से गिर कर नवम्बर में 20 डॉलर तक हो गईं थीं।[१७]. मई 2009 में पीईटी (PET) कीमतें अपनी दीर्घकालिक औसत की बराबरी पर आईं थीं।[१८]

रीसाइक्लिंग दरें

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प्लास्टिक रीसाइक्लिंग की दरें अन्य वस्तुओं जैसे समाचार पत्र (लगभग 80%) और नालीदार फाइबर बोर्ड (लगभग 70%) की तुलना में बहुत कम है।[१९] 2005 में सभी प्लास्टिक की बोतलों की रीसाइक्लिंग दर 24% थी।साँचा:fix

1990 के बाद से ही उपयोग के पश्चात् प्राप्त होने वाले प्लास्टिक की रीसाइकिल दर में हर वर्ष वृद्धि हुई है। 2006 में प्लास्टिक की बोतलों की रीसाइक्लिंग की दर 2.2 ट्रिलियन पाउंड के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गयी थी। 2005 की तुलना में 2006 में पीईटी (PET) बोतलों की रीसाइक्लिंग संख्या 102 मिलियन पाउंड से अधिक हो गई थी। 2005 में एचडीपीई (HDPE) बोतलों की रिसाइक्लिंग की संख्या 928 मिलियन पाउंड तक बढ़ गई थी।

उपभोक्ता शिक्षा

संयुक्त राज्य अमेरिका

छंटाई और प्रसंस्करण की जटिलता, प्रतिकूल अर्थशास्त्र और रीसाइकिल किए जाने वाले प्लास्टिक की किस्म के विषय में उपभोक्ता के भ्रम के कारण राष्ट्रीय प्लास्टिक रीसाइक्लिंग दर कम है।[२०] कुछ भ्रम आम तौर पर सभी प्लास्टिक वस्तुओं पर प्रयुक्त होने वाले रीसाइक्लिंग चिह्न के कारण है।साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed] इस चिह्न को रेज़िन पहचान कोड कहा जाता है। यह चिह्न डिब्बों की तली पर मुहर के रूप में लगाया जाता है या मुद्रित किया जाता है और यह तीरों के एक त्रिकोण से घिरा हुआ होता है। (प्लास्टिक तालिका देखें.) इन तीरों का उद्देश्य रीसाइक्लिंग के लिए प्लास्टिक की पहचान को आसान बनाना था। यह आवश्यक नहीं है कि रीसाइक्लिंग चिह्न होने से कोई वस्तु रेज़िडेंशियल रीसाइक्लिंग कार्यक्रमों द्वारा स्वीकार कर ली जाएगी.[२१]

युनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन)

ब्रिटेन में, रीसाइक्लिंग सुविधाओं की कमी के कारण, उपयोग के पश्चात् रीसाइकिल किए जाने वाले प्लास्टिक की मात्रा अपेक्षाकृत कम है।[२२]

2009 में प्लास्टिक उद्योग द्वारा ब्रिटिश जनता को प्लास्टिक के उपयोग, पुनः उपयोग और निपटान संबंधित एक राष्ट्रव्यापी बहस में शामिल करने के उद्देश्य के साथ प्लास्टिक 2020 चैलेंज कार्यक्रम की शुरुआत की गयी थी, जो अपनी वेबसाइट पर अपशिष्ट पदानुक्रम पर केन्द्रित ऑनलाइन बहस श्रृंखलाएं आयोजित करता है।

प्लास्टिक पहचान कोड

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दुनिया भर में पैकेजिंग अनुप्रयोगों के लिए प्लास्टिक पॉलीमर के सात समूहों का प्रयोग किया जाता है जिनमे से हर एक की विशिष्ट विशेषताएं होती हैं (नीचे तालिका देखें).[२३] प्रत्येक समूह के प्लास्टिक पॉलीमर को इसके प्लास्टिक पहचान चिह्न (पीआईसी/PIC) द्वारा पहचाना जा सकता है-जो अक्सर एक संख्या या अक्षर का संक्षिप्त नाम होता है। उदाहरण के लिए, लो-डेन्सिटी पॉलीएथाइलीन को संख्या 4 और/या "एलडीपीई/LDPE" अक्षरों से पहचाना जा सकता है। पीआईसी (PIC) एक के पीछे एक-तीन तीरों के रीसाइक्लिंग प्रतीक के अंदर प्रदर्शित किया जाता है। प्रतीक से यह पता लगता है कि क्या इस प्लास्टिक का प्रयोग नए उत्पादों के पुनर्नवीनीकरण में किया जा सकता है या नहीं.

पीआईसी (PIC) की शुरुआत प्लास्टिक उद्योग संस्था द्वारा की गई थी जो विभिन्न प्रकार की पॉलीमर किस्मों को पहचानने के लिए एक समान प्रणाली प्रदान करती है और पुनर्प्रसंस्करण के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के प्लास्टिक को अलग करने में रीसाइक्लिंग कंपनियों की मदद करती है। कुछ देशों/क्षेत्रों में प्लास्टिक उत्पादों के निर्माताओं के लिए पीआईसी (PIC) लेबलों का प्रयोग करना आवश्यक है और जहां इन्हें लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है, वहां वे स्वेच्छा से अपने उत्पादों पर इस चिह्न का प्रयोग कर सकते हैं।[२४] आम तौर पर प्लास्टिक उत्पादों के नीचे की ओर या फिर किसी सिरे पर मिलने वाले कोड की सहायता से उपभोक्ता प्लास्टिक की किस्म की पहचान कर सकते हैं, इन उत्पादों में खाद्य/रसायन पैकिंग और डिब्बे शामिल हैं। आमतौर पर पैकेजिंग फिल्मों में पीआईसी (PIC) को प्रदर्शित नहीं किया जाता क्योंकि इस प्रकार के कचरे को एकत्रित करना और रीसाइकिल करना व्यवहारिक नहीं है।

प्लास्टिक पहचान कोड प्लास्टिक पॉलीमर का प्रकार विशेषताएं आम पैकेजिंग अनुप्रयोग
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पॉलीएथाइलीनटेरेफ्थालेट (Polyethylene terephthalate) (पीईटी/PET, पीईटीई/PETE) स्पष्टता, मजबूती, कठोरता, गैस और नमी अवरोधक. शीतल पेय, पानी और सलाद ड्रेसिंग की बोतलें, मूंगफली का मक्खन और जैम के जार
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हाई-डेन्सिटी पॉलीएथाइलीन (High-Density polyethylene (एचडीपीई/HDPE) कड़कपन, मजबूती, कठोरता, नमी प्रतिरोधक, गैस के लिए पारगम्यता. पानी के पाइप, हुला-हूप (बच्चों का खेल) के छल्ले, दूध, जूस और पानी की बोतलें, प्रासंगिक शैम्पू/ प्रसाधन बोतल
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पॉलीविनाइल क्लोराइड (पीवीसी) बहुउद्देशीय, स्पष्टता, आसानी से मिश्रित होने वाला, मज़बूत, कठोर. जूस की बोतलें; क्लिंग फिल्में; पीवीसी पाइपिंग
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लो-डेन्सिटी पॉलीएथाइलीन (Low-density polyethylene) (एलडीपीई/LDPE) आसान प्रसंस्करण, मजबूती, कठोरता, लचीलापन, सील करने में आसान, नमी अवरोधक. जमे हुए भोजन के बैग; दबाने योग्य बोतलें जैसे शहद, सरसों; क्लिंग फिल्में, डिब्बों के लचीले ढक्कन.
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पॉलीप्रोपाइलीन (Polypropylene) (पीपी/PP) मजबूती, कठोरता, ऊष्मा, रसायन ग्रीस और तेल अवरोधक, बहुउद्देशीय, नमी अवरोधक. पुन: प्रयोज्य माक्रोवेव बर्तन; रसोई के बर्तन; दही के डिब्बे; मार्जरीन के टब, माइक्रोवेव में पकाने योग्य डिस्पोजेबल डिब्बे; डिस्पोजेबल कप, प्लेटें.
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पॉलीस्टाइरीन (Polystyrene) (पीएस/PS) बहुउद्देशीय, स्पष्टता, आसानी से गठन अंडे के डिब्बे; मूंगफली की पैकिंग; डिस्पोजेबल कप, प्लेटें, ट्रे और कटलरी; डिस्पोजेबल डिब्बे;
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अन्य (अक्सर पॉलीकार्बोनेट या एबीएस (ABS) होते हैं) पॉलिमर पर निर्भर हैं या पॉलिमर के संयोजन से बनते हैं पेय पदार्थ की बोतलें, बच्चे की दूध की बोतलें, इलेक्ट्रॉनिक आवरण.

इन्हें भी देखें

  • प्लास्टिक प्रदूषण
  • पानी की बोतलों के पुन:उपयोग करना
  • प्लास्टिक 2020 चैलेंज
  • बेलर
  • माइक्रोप्लास्टिक्स
  • पोस्ट-कंज्यूमर रेज़ीन वंध्यीकरण

सन्दर्भ

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  2. साँचा:cite web
  3. स्टील स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। सीएनएन (CNN). 11.9.06 को पुनःप्राप्त.
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  5. साँचा:cite web
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  7. साँचा:cite web
  8. साँचा:cite web
  9. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  10. साँचा:cite web
  11. साँचा:cite web
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  13. प्लास्टिक परीक्षण प्रक्रिया स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। ओकटेक पर्यावरण वेबसाइट. 11.09.06 को पुनःप्राप्त.
  14. प्लास्टिक कॉम्पोजिट रेलरोड टाई फैक्ट्स स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। प्लास्टिक कॉम्पोजिट रेलरोड टाई वेबसाइट. 21.01.08 को पुनःप्राप्त.
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  16. रिसाइक्लिंग युज्ड एग्रीकल्चर प्लास्टिक्स स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। जेम्स डब्ल्यू. गार्थे, पौला डी. कोवल, पेनस्टेट यूनिवर्सिटी, एग्रीकल्चर और बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग
  17. पेज, कैंदेस, अपशिष्ट जिला रिसाइक्लिंग फीस उठाता है, बर्लिंगटन फ्री प्रेस, 12 नवम्बर 2008
  18. फाइनेंशियल टाइम्स, 15 मई 2009 (मैक्स हॉग द्वारा लेख)
  19. ऐलन ब्रिजवॉटर द्वारा द सेल्फ सफ़िशिएन्सि हैंडबुक: अ कम्प्लीट गाइड टू ग्रीनर लिविंग पृष्ठ 62--स्काईहॉर्स प्रकाशन इंक, 2007 ISBN 1-60239-163-7, 9781602391635
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  21. हम यह सब प्लास्टिक कहां रख सकते हैं? टॉम वाटसन द्वारा 2 जून 2007 सिएटल टाइम्स http://seattletimes.nwsource.com/html/homegarden/2003730398_ecoconsumer02.html स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
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बाहरी कड़ियाँ


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