नेचर (पत्रिका)
Nature | |
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संक्षिप्त शीर्षक (आय॰एस॰ओ॰ 4) | Nature |
विषय | Interdisciplinary |
भाषा | English |
प्रकाशन विवरण | |
प्रकाशक | Nature Publishing Group (United Kingdom) |
प्रकाशन इतिहास | 1869–present |
आवृति | Weekly |
समाघात गुणक (2008) |
31.434 |
सूचीकरण | |
आय॰एस॰एस॰एन॰ |
0028-0836 (print) 1476-4687 (web) |
CODEN | NATUAS |
ओ॰सी॰एल॰सी॰ क्रमांक | 01586310 |
जालस्थल | |
नेचर, (साँचा:lang-en) एक प्रमुख ब्रिटिश वैज्ञानिक पत्रिका है जो पहली बार 4 नवम्बर 1869 को प्रकाशित की गयी थी। दुनिया की अंतर्विषय वैज्ञानिक पत्रिकाओं में इस पत्रिका का उल्लेख सबसे उच्च स्थान पर किया जाता है।[१] अब तो अधिकांश वैज्ञानिक पत्रिकाएं अति-विशिष्ट हो गयीं हैं और नेचर उन गिनी-चुनी पत्रिकाओं में से है [अन्य प्रमुख साप्ताहिक पत्रिकाएं हैं - सायंस (Science) और प्रोसीडिंग्स ऑफ़ द नैशनल अकैडमी ऑफ़ सायन्सेस (Proceedings of the National Academy of Sciences) ] जो आज भी, वैज्ञानिक क्षेत्र की विशाल श्रेणी के मूल अनुसंधान लेख प्रकाशित करती है। वैज्ञानिक अनुसंधान के ऐसे अनेक क्षेत्र हैं जिनमें किये जाने वाले नए व महत्वपूर्ण विकासों की जानकारी तथा शोध-सम्बन्धी मूल-लेख या पत्र 'नेचर ' में प्रकाशित किये जाते हैं।
हालांकि इस पत्रिका के प्रमुख पाठकगण अनुसंधान करने वाले वैज्ञानिक हैं, पर आम जनता और अन्य क्षेत्र के वैज्ञानिकों को भी अधिकांश महत्वपूर्ण लेखों के सारांश और उप-लेखन आसानी से समझ आते हैं। हर अंक के आरम्भ में सम्पादकीय, वैज्ञानिकों की सामान्य दिलचस्पी वाले मुद्दों पर लेख व समाचार, ताज़ा खबरों सहित विज्ञान-निधिकरण, व्यापार, वैज्ञानिक नैतिकता और अनुसंधानों में हुए नए-नए शोध सम्बन्धी लेख छापे जाते हैं। पुस्तकों और कला सम्बन्धी लेखों के लिए भी अलग-अलग विभाग हैं। पत्रिका के शेष भाग में ज़्यादातर अनुसंधान-सम्बन्धी लेख छापे जाते हैं, जो अक्सर काफ़ी गहरे और तकनीकी होते हैं। चूंकि लेखों की लम्बाई पर एक सीमा निर्धारित है, अतः पत्रिका में अक्सर अनेक लेखों का सारांश ही छापा जाता है और अन्य विवरणों को पत्रिका के वेबसाइट पर पूरक सामग्री के तहत प्रकाशित किया जाता है।
2007 में, नेचर ' और सायंस ' - दोनों पत्रिकाओं को संचार व मानवता के लिए प्रिंस ऑफ़ अस्तुरियास अवार्ड प्रदान किया गया।[२]
इतिहास
'नेचर ' से पूर्वगत वैज्ञानिक पत्रिकाएं
उन्नीसवीं शताब्दी में, ख़ास कर सदी के उत्तरार्ध में, अनेकानेक वैज्ञानिक विकास के लिए ब्रिटेन सबसे प्रमुख केंद्र था। उसके बाद ब्रिटेन में बृहत पैमाने पर तकनीकी और औद्योगिक परिवर्तन हुए और बहुत उन्नति हुई.[३] इस सदी की अत्यधिक जानी-मानी पत्रिकाएं थीं - रॉयल सोसायटी द्वारा प्रकाशित निर्णीत -पत्रिकाएं जिनमें चार्ल्स डार्विन से लेकर आइज़क न्यूटन और माइकल फराडे जैसे महान वैज्ञानिकों के अनुसंधान-लेख छापे गए थे। इसके अलावा, इस अवधि के दौरान, लोकप्रिय वैज्ञानिक पत्रिकाओं की संख्या -1850 के दशक से 1860 के दशक की तुलना में - दुगुनी हो गयी।[४] इन लोकप्रिय पत्रिकाओं के सम्पादकों के अनुसार, इन प्रकाशनों की परिकल्पना इसलिए की गयी ताकि ये "विज्ञान के मुख-पत्र" बनकर आम जनता को वैज्ञानिक दुनिया से जोड़ने का काम कर सकें.[४]
हालांकि नेचर ' का जन्म 1869 में हुआ, पर अपने ख़ास ढंग की यह पहली पत्रिका नहीं थी। नेचर ' से पहले भी Recreative Science: A Record and Remembrancer of Intellectual Observation नामक एक पत्रिका प्रकाशित हुआ करती थी, जिसकी शुरुआत 1859 में हुई थी - एक सामान्य एतिहासिक पत्रिका के रूप में, लेकिन आगे चलकर उसमें भौतिकीय प्रेक्षण विज्ञान और तकनीकी विषयों का समावेश हुआ और लेख कम हुए.[५] पत्रिका के मूल नाम में कई बार परिवर्तन हुए - पहले इंटलेक्च्युअल ऑब्ज़र्वर, अ रीव्यू ऑफ़ नैचरल हिस्ट्री, माइक्रोस्कोपिक रीसर्च, ऐंड रीक्रिएटिव सायंस और आखिर में स्टुडेंट ऐंड इंटलेक्च्युअल ऑब्ज़र्वर ऑफ़ सायंस, लिटरेचर, ऐंड आर्ट .[६] रीक्रिएटिव सायंस ' में ज़्यादातर खगोल शास्त्र और पुरातत्व-विज्ञान जैसे भौतिकी विज्ञान विषयों का समावेश होता था, पर इंटलेक्च्युअल ऑब्ज़र्वर ' में साहित्य और कला-सम्बन्धी विषयों का भी समावेश करके पत्रिका का विस्तार किया गया।[६] रीक्रिएटिव सायंस ' से मिलती-जुलती एक और वैज्ञानिक पत्रिका थी - पॉप्युलर सायंस रीव्यू ', जिसका जन्म हुआ 1862[७] में और जिसमें विज्ञान के विविध विषयों का समावेश अलग-अलग शीर्षकों - जैसे: 'सायंटिफिक समरी' या 'क्वार्टरली रेट्रोस्पेक्ट' - के तहत किया गया, साथ ही पुस्तक-समीक्षा और नवीनतम वैज्ञानिक कार्यों व प्रकाशनों सम्बन्धी विवरण व टिप्पणियों को भी सम्मिलित किया गया।[७] नेचर ' से पहले इंग्लैंड में दो अन्य पत्रिकाएं प्रकाशित होती थीं, जिनके नाम थे - क्वार्टरली जर्नल ऑफ़ सायंस ' और सायंटिफिक ओपिनियन ’ और जिनकी स्थापना क्रमश: 1864 व 1868 में हुई थी।[६] जो पत्रिका नेचर ' के सम्पादकीय और परिकल्पना से सबसे ज़्यादा मिलती-जुलती थी, वह थी - द रीडर ' - जिसका जन्म हुआ था 1864 में और जिसमें -पॉप्युलर सायंस रीव्यू ' की ही तरह - विज्ञान के साथ-साथ साहित्य व कला-सम्बन्धी विषयों का भी समावेश किया गया ताकि वैज्ञानिक-समुदाय के अलावा अन्य पाठकगण भी फ़ायदा उठा सकें.[६]
ये सभी एक जैसी पत्रिकाएं आख़िरकार असफल हुईं. सिर्फ़ पॉप्युलर सायंस रीव्यू ' ही सबसे ज़्यादा - अर्थात् 20 वर्षों तक चली और आखिर 1881 में उसका प्रकाशन भी बंद हो गया। रीक्रिएटिव सायंस ' और स्टुडेंट ऐंड इंटलेक्च्युअल ऑब्ज़र्वर ' -इन दोनों का प्रकाशन तो 1871 में पहले ही बंद हो चुका था। ये सभी एक जैसी पत्रिकाएं आख़िरकार असफल हुईं. सिर्फ़ 'पॉप्युलर सायंस रीव्यू' ही सबसे ज़्यादा - यानी 20 वर्षों तक चली और आखिर 1881 में उसका प्रकाशन भी बंद हो गया। क्वार्टरली जर्नल ' के सम्पादकीय विभाग में अनेकानेक बदलाव हुए और आखिर 1885 में यह पत्रिका भी बंद हो गयी। द रीडर ' पत्रिका बंद हुई 1867 में और सबसे अंत में सायंटिफिक ओपिनियन ' - सिर्फ 2 साल तक चलने के बाद, जून 1870 में बंद हो गयी।[५]
'नेचर ' की रचना
द रीडर ' के बंद होने के बाद, बहुत जल्द ही, उसके एक पूर्व सम्पादक - नॉर्मन लौक्यर ने एक नयी वैज्ञानिक पत्रिका की रचना की, जिसका नाम नेचर ' रखा गया,[८] जो प्रख्यात कवि विलियम वर्ड्सवर्थ की एक कविता की पंक्ति से ली गयी थी। यह पंक्ति थी - "टू द सौलिड ग्राउंड ऑफ़ नेचर ट्रस्ट्स द मायंड दैट बिल्ड्स फॉर आय" (To the solid ground of nature trusts the Mind that builds for aye").[९] प्रप्रथम मालिक व प्रकाशक एलेग्ज़ेंडर मैकमिलन द्वारा प्रकाशित नेचर ' का प्रयास भी अपनी पूर्वज पत्रिकाओं की तरह ही था, अर्थात् -"परिष्कृत पाठकों को वैज्ञानिक प्रगति सम्बन्धी जानकारी पढ़ने के लिए एक सुलभ मंच प्रदान करना".[८] जैनेट ब्राउन का कहना है, "'नेचर ' की रचना, उसका जन्म और विकास किया गया केवल एक विवादात्मक उद्देश्य को पूरा करने के लिए, जो उस समय की किसी भी अन्य विज्ञान पत्रिका से कहीं बढ़कर था।"[८] नेचर ' के प्रारंभिक संस्करणों में, X क्लब नामक एक समूह के सदस्यों द्वारा लिखित लेख प्रकाशित होते थे। यह उन वैज्ञानिकों का समूह था जो उन्मुक्त, प्रगतिशील और कुछ हद तक, उस समय के, विवादास्पद वैज्ञानिक मान्यताओं में विश्वास रखते थे।[८] थॉमस हेनरी हक्स्ली द्वारा शुरू किये इस समूह में जोसेफ हूकर, हर्बर्ट स्पेंसर और जॉन टिंडाल जैसे महत्वपूर्ण वैज्ञानिकों के अलावा अन्य पांच वैज्ञानिक तथा गणितज्ञ भी शामिल थे और ये सभी वैज्ञानिक डार्विन के आम-पीढ़ी के विकासात्मक सिद्धांत के उत्सुक समर्थकों में से थे। 19 वीं सदी के उत्तरार्ध में, रूढ़िवादी वैज्ञानिकों के समूह ने इस सिद्धांत की कड़ी आलोचना की.[१०] वैज्ञानिक उन्मुक्तता की वजह से ही शायद नेचर ' को, कुछ हिस्सों में, अपनी पूर्वज-पत्रिकाओं से कहीं ज़्यादा सफलता हासिल हुई. 1966 से 1973 तक और 1980 से 1995 तक, नेचर ' पत्रिका के सम्पादक रह चुके जॉन मैडोक्स ने, पत्रिका के सौंवें संस्करण के भोजन-समारोह में सुझाव दिया कि "शायद 'नेचर' की पत्रकारिता की गुणवत्ता ने ही 'जर्नलिज़म' (पत्रकारिता) के पाठकों को आकर्षित किया। मैडोक्स ने कहा कि "यही वो तरीका है जिससे लोगों में - जो अन्यथा एक दूसरे से अलग-अलग रहते हैं - एक समुदाय में होने की भावना को जगाया जा सकता है। इसी काम को लौक्यर की पत्रिका ने शुरू से किया।"[११] इसके अलावा, मैडोक्स का उल्लेख है कि पत्रिका को अपने प्रारंभिक वर्षों में मैकमिलन परिवार द्वारा मिली आर्थिक-सहायता की वजह से भी पत्रिका को, अपनी पूर्वगत पत्रिकाओं से कहीं ज़्यादा खुलकर पनपने और विकसित होने की ताकत मिली.[११]
20वीं और 21वीं सदी में 'नेचर ' का रूप
20वीं सदी में, खासकर 90 के दशक के उत्तरार्ध में, 'नेचर ' पत्रिका में अनेकानेक विकास और विस्तार हुए.
संपादक
इम्पीरियल कॉलेज के प्रोफेसर'नॉर्मन लौक्यर नेचर ' के संस्थापक थे। उनके बाद, दूसरे नंबर पर थे - रिचर्ड ग्रेगरी जिन्होंने 1919 में पत्रिका के सम्पादन की बागडोर संभाली.[१२] नेचर ' को अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय में स्थापित करने में ग्रेगरी का बहुत बड़ा हाथ रहा. रॉयल सोसायटी ने उनकी निधन-सूचना में लिखा, "ग्रेगरी हमेशा विज्ञान के अंतर्राष्ट्रीय संपर्कों में बहुत दिलचस्पी रखते थे और उन्होंने हमेशा अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक संघों की गतिविधियों से संबंधित लेखों को नेचर ' में बड़ी उदारता से छापा."[१३] 1945 से 1973 के दौरान, नेचर ' के संपादकत्व में तीन बार परिवर्तन हुए - पहले 1945 में ए.जे.वी.गेल व एल.जे.एफ़. ब्रिम्बल (जो 1958 में एकमात्र सम्पादक बने), फिर 1965 में जॉन मेडोक्स और आख़िरकार 1973 में डेविड डेविस.[१२] 1980 में, मेडोक्स एक बार फिर सम्पादक बने और 1995 तक बने रहे. उसके बाद से, फिलिप कैम्पबेल ने नेचर ' के सभी प्रकाशनों के 'एडिटर-इन-चीफ' की पदवी संभाल रखी है।[१२]
'नेचर ' का विस्तार और विकास
1970 में, नेचर ' ने वॉशिंगटन में अपना पहला कार्यालय खोला और फिर उसकी शाखाएं खुलीं - 1985 में न्यू यॉर्क में, 1987 में टोक्यो व म्यूनिख में, 1989 में पैरिस में, 2001 में सैन फ्रांसिस्को में, 2004 में bost में और 2005 में हांग कांग में. पत्रिका के बृहत विस्तार की शुरुआत हुई 1980 दशक में, जब दस से भी अधिक नयी पत्रिकाएं प्रस्तुत की गयीं. इन नयी पत्रिकाओं में शामिल हैं: 'नेचर पब्लिशिंग ग्रूप' - जिसकी रचना 1999 में की गयी और जिसमें नेचर ', 'नेचर रीसर्च जर्नल्स', 'स्टॉकटन प्रेस स्पेशलिस्ट जर्नल्स' और 'मैकमिलन रेफरेंस' (जिसका नाम बदलकर NPG रेफरेंस रखा गया) भी शामिल है।
1997 में, नेचर ' ने खुद अपनी वेबसाइट -www.nature.com - बनायी और 1991 में, नेचर पब्लिशिंग ग्रूप ने नेचर रीव्यूस ' की शृंखला शुरू की.[१२] नेचर के वेबसाइट पर कुछ लेख व निबंध मुफ़्त उपलब्ध हैं। अन्य लेखों के लिए वेबसाइट पर अधिशुल्क भरकर स्वीकृति पाना आवश्यक है।
'नेचर' का दावा है कि 300,000 से भी अधिक वरिष्ठ वैज्ञानिकों व अधिकारियों को मिलाकर, उसके कुल पाठकों की संख्या आज 600,000 से भी अधिक है। हालांकि पत्रिका की लगभग 65,000 प्रतियों का वितरण होता है, पर अध्ययनों के अनुसार, औसतन, एक प्रति को लगभग 10 लोग पढ़ते हैं।[१४]
30 अक्टूबर 2008 को, 'नेचर ' ने पहली बार किसी अमरीकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का अनुमोदन किया - अमरीका के 2008 के राष्ट्रपति पद के चुनाव में, बराक ओबामा को उनके प्रचार-अभियान के दौरान समर्थन दिया.[१५][१६]
'नेचर ' में प्रकाशन योग्य
नेचर ' में किसी लेख का प्रकाशित होना बड़े गौरव की बात मानी जाती है और इन लेखनों को अक्सर उत्कृष्ट माना जाता है जिससे पदोन्नति, अनुदान से आर्थिक-सहायता और प्रमुख माध्यमों में महत्वपूर्ण स्थान का लाभ प्राप्त होता है। इन सकारात्मक प्रतिक्रियाओं के परिणामस्वरूप, नेचर ' और इसकी निकटतम प्रतियोगी पत्रिका सायंस ' में अपने लेख छपवाने के लिए वैज्ञानिकों में एक ज़बरदस्त होड़ लगी रहती है। नेचर' की इस प्रभावकारी प्रतिष्ठा का कारण एक मापदंड था कि कोई पत्रिका अन्य कामों के लिए कितने प्रशंसा-पत्र हासिल करती है और 2008 में, 'नेचर' के खाते में इसकी संख्या 31,434 (थॉमसन ISI के अनुसार) थी जो किसी भी विज्ञान-पत्रिका के लिए सबसे अधिक थी।
अन्य, अधिकांश वैज्ञानिक पत्रिकाओं की तरह, लेखनों को पहले सम्पादक द्वारा प्राथमिक जांच-परख से गुज़रना पड़ता है, उसके बाद सहयोगियों की समीक्षा (जिसके तहत, सम्पादक द्वारा चुने गए ख़ास वैज्ञानिक - जो उस विषय में निपुणता रखते हैं, पर समीक्षा के लिए दिए अनुसंधान से उनका कोई लेना-देना नहीं होता -लेखनों को पढ़कर, उनकी आलोचना करते हैं, टिप्पणियां देते हैं) के बाद ही लेख छापे जाते हैं।
जिसके तहत, सम्पादक द्वारा चुने गए vख़ास, 'नेचर ' के मामले में, लेखनों को सिर्फ़ समीक्षा के लिए भेजा जाता है और वो भी तब जब लेख किसी सामयिक या आधुनिक विषय पर हो और उस विषय में काफ़ी सारी नयी बातों पर रोशनी डाली गयी हो. परिणामस्वरूप, विचारार्थ के लिए प्रस्तुत अधिकांश लेख बिना समीक्षा के ही अस्वीकृत किये जाते हैं।
'नेचर' के मूल 'मिशन स्टेटमेंट' (लक्ष्योक्ति) के अनुसार: stat साँचा:quote
2000 में इसको संशोधित किया गया: साँचा:quote
लेखनों के लिए ऐतिहासिक पत्रिकाएं
आधुनिक इतिहास के कई अति महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोज-सम्बन्धी लेख सबसे पहले नेचर ' में छपे. नीचे दी गयी सूची में, कुछ ऐसे ही चुनिन्दा विषय हैं जिनपर लिखे लेख नेचर ' में छपे और इन सभी का परिणाम भी काफ़ी व्यापक रहा और इन लेखनों को प्रशंसा-पत्र भी मिले.
- एक्स-रे - W. C. Röntgen (1896). "On a new kind of rays". Nature. 53: 274–276. doi:10.1038/053274b0.
- कणों के लहराने की प्रकृति - C. Davisson and L. H. Germer (1927). "The scattering of electrons by a single crystal of nickel". Nature. 119: 558–560. doi:10.1038/119558a0.
- न्यूट्रॉन - J. Chadwick (1932). "Possible existence of a neutron". Nature. 129: 312. doi:10.1038/129312a0.
- परमाणु विखंडन - L. Meitner and O. R. Frisch (1939). "Disintegration of uranium by neutrons: a new type of nuclear reaction". Nature. 143: 239–240. doi:10.1038/143239a0.
- DNA की संरचना - J. D. Watson and F. H. C. Crick (1953). "Molecular structure of Nucleic Acids: A structure for deoxyribose nucleic acid". Nature. 171: 737–738. doi:10.1038/171737a0.
- पहले मॉलिक्युलर (आणविक) प्रोटीन की संरचना (मायोग्लोबिन) - J. C. Kendrew, G. Bodo, H. M. Dintzis, R. G. Parrish, H. Wyckoff and D. C. Phillips (1958). "A three-dimensional model of the myoglobin molecule obtained by X-ray analysis". Nature. 181: 662–666. doi:10.1038/181662a0.
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- प्लेट विवर्तनिकी - J. Tuzo Wilson (1966). "Did the Atlantic close and then re-open?". Nature. 211 (5050): 676–681. doi:10.1038/211676a0.
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- पल्सर्स - A. Hewish, S. J. Bell, J. D. H. Pilkington, P. F. Scott & R. A. Collins (1968). "Observation of a Rapidly Pulsating Radio Source". Nature. 217: 709–713. doi:10.1038/217709a0.
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- ओज़ोन छेद - J. C. Farman, B. G. Gardiner and J. D. Shanklin (1985). "Large losses of total ozone in Antarctica reveal seasonal ClOx/NOx interaction". Nature. 315 (6016): 207–210. doi:10.1038/315207a0.
- कृत्रिमता से बनाया (क्लोनिंग) प्रथम स्तनधारी प्राणी (डॉली नाम की भेड़) - I. Wilmut, A. E. Schnieke, J. McWhir, A. J. Kind and K. H. S. Campbell (1997). "Viable offspring derived from fetal and adult mammalian cells". Nature. 385 (6619): 810–813. doi:10.1038/385810a0.
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- मानव जीनोम - International Human Genome Sequencing Consortium (2001). "Initial sequencing and analysis of the human genome". Nature. 409 (6822): 860–921. doi:10.1038/35057062.
सहयोगियों की समीक्षा में असंगतियां
2000-2001 की अवधि में, जैन हेंड्रिक शौन द्वारा छलपूर्ण लिखित पांच लेखों की शृंखला 'नेचर ' में छपी. 'सुपरकन्डकटिविटी' विषय पर लिखे लेख में दी जानकारियां वैज्ञानिक तौर पर ग़लत पायीं गयीं. 2003 में, नेचर ' ने इन लेखनों को लौटा दिया. शौन का यह छलपूर्ण कांड सिर्फ नेचर ' तक ही सीमित नहीं था। सायंस ' और फिज़िकल रीव्यू ’ जैसी अन्य प्रमुख पत्रिकाओं ने भी शौन के लेखनों को लौटा दिया.[१७]
वॉट्सन और क्रिक द्वारा 1953 में लिखित, DNA की संरचना की प्रसिद्ध खोज-सम्बन्धी लेख को छापने से पहले, नेचर ' ने लेख को सहयोगी-समीक्षा के लिए भेजा ही नहीं. नेचर' के सम्पादक जॉन मैडोक्स की टिपण्णी थी, "'नेचर' ने वॉट्सन और क्रिक के लेख की सहयोगी-समीक्षा ही नहीं हुई थी।..इस लेख को किसी अन्य निर्णायक के पास भी नहीं भेजा जा सकता था।..इस लेख की सत्यता तो स्वयंसिद्ध है। इस क्षेत्र में कार्यरत कोई भी निर्णायक... इस लेख की रचना को देखने के बाद चुप नहीं बैठ सकता था।"
एक ग़लती तो पहले ही हो चुकी थी जब एनरिको फ़र्मी ने, 'बीटा'-क्षय के कमज़ोर प्रभाव सम्बन्धी अपना खोज-लेख प्रकाशन के लिए भेजा था। 'नेचर ' ने इस लेख को, वास्तविकता से कोसों दूर मानते हुए, नामंजूर कर दिया.[१८] फिर, 1934 में, जैत्श्रीफ्त फ़र फिज़ीक ' पत्रिका ने फर्मी का लेख छापा और 5 साल बाद, जब फ़र्मी के लेख को व्यापक रूप से स्वीकृति मिल चुकी थी, आख़िरकार नेचर ' ने भी फ़र्मी का लेख छापा.[१९]
जब पॉल लौतर्बर और पीटर मैन्स्फील्ड को शोध के लिए शरीर-विज्ञान या औषधि में नोबल पुरस्कार मिला, तो नेचर ' ने भी इस लेख को, जिसे उसने पहले अस्वीकृत किया था, लौतर्बर द्वारा अस्वीकृति के लिए अपील करने के बाद, छापा. नेचर ' ने अपने सम्पादकीय - "साथियों की अस्वीकृति का सामना"- में, लेखनों की अस्वीकृति के मामले में ग़लत कदम उठाने की अपनी ग़लती को क़बूल किया। साँचा:quote
'नेचर ' और संबंधित पत्रिकाओं का प्रकाशन
'नेचर ' का सम्पादन और प्रकाशन यूनाइटेड किंग्डम में, मैकमिलन पब्लिशर्स (Macmillan Publishers) की उप-कंपनी नेचर पब्लिशिंग ग्रूप (Nature Publishing Group) द्वारा किया जाता है। जियोर्ग वॉन हौलत्ज्ब्रिंक पब्लिशिंग ग्रूप (Holtzbrinck Publishing Group) के पास मैकमिलन पब्लिशर्स का स्वामित्व है। 'नेचर' के कार्यालय लन्दन, न्यूयॉर्क सिटि, सैन फ्रांसिस्को, वॉशिंगटन, D.C., बॉस्टन, टोक्यो, हांग कांग, पैरिस, म्यूनिख और बेसिंगस्टोक में हैं। नेचर पब्लिशिंग ग्रूप, अन्य विशिष्ठ पत्रिकाएं भी प्रकाशित करती है - जिनमें नेचर न्यूरोसायंस ', नेचर बायोटेक्नौलौजी ', नेचर मेथड्स ', नेचर क्लिनिकल प्रैक्टिस ' की शृंखला, नेचर स्ट्रक्चरल ऐंड मौलिक्युलर बायौलौजी और नेचर रीव्यूस ' शृंखला की पत्रिकाएं शामिल हैं।
वर्तमान में, नेचर ' के हर अंक के साथ नेचर पौड्कास्ट '[२०] नामक एक उप-पत्रिका होती है जिसमें अंक में छपे लेखों के लेखकों से और अनुसंधान का प्रचार करने वाले पत्रकारों से की गयी बातचीत के मुख्य अंश छापे जाते हैं। इसके प्रस्तुतकर्ता हैं - ऐडम रदरफोर्ड और केरी स्मिथ और इसमें नवीनतम अनुसंधानों के विषय में वैज्ञानिकों से की गयी बातचीत और 'नेचर' के संपादकों व पत्रकर्ताओं द्वारा दिए समाचार छापे जाते हैं। साथ ही इसमें, नियमित रूप से, 'पोडीयम' (PODium) नाम का एक साप्ताहिक विभाग होता है जिसमें 60 सेकंड्स के लिए राय-मशविरा दिया जा सकता है और 'साउंड ऑफ़ सायंस' में विज्ञान से संबंधित संगीत या अन्य वैज्ञानिक ऑडियो रेकॉर्डिंग्स की जानकारियां पायी जा सकतीं हैं। इनसे पहले इसको कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और 'द नेकेड सायंटिस्ट्स' के क्रिस स्मिथ ने प्रस्तुत किया था।
2007 में, नेचर पब्लिशिंग ग्रूप ने 'क्लिनिकल फार्मेकौलोजी एण्ड थेराप्यूटिक्स ', "दि ऑफिशियल जर्नल ऑफ़ दि अमेरिकन सोसायटी ऑफ़ क्लिनिकल फार्मेकौलोजी एण्ड थेराप्यूटिक्स", मौलिक्युलर थेरपी ', सरकारी मान्यता प्राप्त 'दि अमेरिकन सोसायटी ऑफ़ जीन थेरपी' और इंटरनैशनल सोसायटी फॉर माय्क्रोबाइल इकौलोजी (ISME) जर्नल ' के प्रकाशन का प्रारंभ किया। नेचर पब्लिशिंग ग्रूप ने 2007 में नेचर फोटोनिक्स और 2008 में नेचर जियोसायंस के प्रकाशन के शुरुआत की. अप्रैल 2009 में नेचर केमिस्ट्री के प्रथम अंक का प्रकाशन हुआ।
नेचर पब्लिशिंग ग्रूप सक्रिय रूप से स्व-संग्रह प्रक्रिया का समर्थन करता है और 2002 में यह उन पहले प्रकाशकों में था जिसने लेखकों को अपने लेख या योगदान को अपने निजी वेबसाइट पर प्रकट करने की अनुमति दी, जिसके लिए एक विशिष्ठ लायसेंस प्राप्त किया ताकि लेखकों को अपने लेख-अधिकार (copyright) का हस्तांतरण न करना पड़े. दिसंबर 2007 में, नेचर पब्लिशिंग ग्रूप ने, नेचर पत्रिकाओं में किसी जीनोम के प्राथमिक अनुक्रम सम्बन्धी, पहली बार प्रकाशित होने वाले लेखों के लिए, जो गुणारोपण, गैर-वाणिज्यिक, जैसा - 'क्रिएटिव कॉमन्स' का अन्पोर्टेड लायसंस जारी किया। 2008 में, जॉन एस. पार्टिंग ने, 'नेचर ' में छपे एक लेख-संग्रह का सम्पान्दन किया जिसका शीर्षक था - एच. जी. वेल्स इन नेचर, 1893-1946: अ रिसेप्शन रीडर और जिसे पीटर लैंग द्वारा प्रकाशित किया गया।
नेचर परिवार की पत्रिकाएं
नेचर ' के अलावा और भी तीन परिवारों की पत्रिकाएं हैं जिनका नाम नेचर ' से जुड़ा है और जिनका प्रकाशन नेचर पब्लिशिंग ग्रूप द्वारा किया जाता है।[२१]
- शोध पत्रिकाएं :
- नेचर बायोटेक्नौलौजी
- नेचर सेल बायोलौजी
- नेचर केमिकल बायोलॉजी
- नेचर केमिस्ट्री
- नेचर जेनेटिक्स
- नेचर जियोसायंस
- नेचर इम्युनौलौजी
- नेचर मटीरियल्स
- नेचर मेडिसिन
- नेचर मेथड्स
- नेचर नैनोटेक्नौलौजी
- नेचर न्यूरोसायंस
- नेचर
- नेचर फिजिक्स
- नेचर स्ट्रक्चरल एण्ड मौलिक्युलर बायोलौजी
- प्रोटोकॉल :
- समीक्षा पत्रिकाएं :
- नेचर रीव्यूस कैंसर
- नेचर रीव्यूस ड्रग डिस्कवरी
- नेचर रीव्यूस जेनेटिक्स
- नेचर रीव्यूस इम्युनौलौजी
- नेचर रीव्यूस माइक्रोबयोलौजी
- नेचर रीव्यूस मॉलिक्युलर सेल बायोलॉजी
- नेचर रीव्यूस न्यूरोसायंस
- नेचर की 'क्लिनिकल प्रैक्टिस' (रोग-चिकित्सा पेशे से संबंधित) की पूर्व पत्रिकाएं:
- नेचर रीव्यूस कार्डियोलौजी
- नेचर रीव्यूस एंडोक्राइनौलौजी
- नेचर रीव्यूस गैस्ट्रोएन्टरौलौजी एण्ड हेपेटौलौजी
- नेचर रीव्यूस नेफ़्रौलौजी
- नेचर रीव्यूस न्यूरौलौजी
- नेचर रीव्यूस क्लिनिकल औंकोलौजी
- नेचर रीव्यूस रियूमेतौलौजी
- नेचर रीव्यूस युरौलौजी
- नेचर के ऑनलाइन प्रकाशन :
- समीक्षा पत्रिकाएं :
ग्रंथ सूची
- (1953). "रिचर्ड अरमान ग्रेगरी, 1864-1952." ओबिचूअरी नोटिसेस ऑफ़ फेलोज़ ऑफ़ द रॉयल सोसायटी 8(22).
- (1970). "द नेचर' सेंटेनरी डिनर." नोट्स एण्ड रिकॉर्ड्स ऑफ़ द रॉयल सोसायटी ऑफ़ लन्दन 25(1).
- (2006). "नेचर पब्लिशिंग ग्रूप: हिस्ट्री." http://npg.nature.com/npg/servlet/Content?data=xml/02_history.xml&style=xml/02_history.xsl स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। से 15 नवम्बर 2006 को पुनःप्राप्त
- (2006). "'नेचर' पत्रिका के बारे में." https://web.archive.org/web/20100406064636/http://www.nature.com/nature/about/index.html से 20 नवम्बर 2006 को पुनःप्राप्त
- बार्टन, आर. (1996). "नेचर से ठीक पहले: 1860 के दशक के कुछ अंग्रेज़ी लोकप्रिय वैज्ञानिक पत्रिकाओं में विज्ञान के प्रयोजन और लोकप्रियताकरण के प्रयोजन." एनाल्स ऑफ़ सायंस 55: 33.
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- सिएगेल, आर. एस. a. जी. ई. (2006). सतत छात्रवृत्ति के लिए एक सहकारी प्रकाशन मॉडल" जर्नल ऑफ़ स्कोलरली पब्लिशिंग 37(2): 13.
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- नेचर वेबसाइट
- 1869 के प्रथम अंक का एक इलेक्ट्रॉनिक संस्करण
- नेचर संग्रह, 1869-2008
- नेचर रिव्यूज़ वेबसाइट
- नेचर क्लिनिकल प्रैक्टिस वेबसाइट
- नेचर पब्लिशिंग ग्रूप के वेब प्रकाशन के निर्देशक टीमो हन्नाय के साथ साक्षात्कार
- नेचर पत्रिका का इतिहास
साँचा:Georg von Holtzbrinck Publishing Group
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
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- ↑ सिएगल, "सतत छात्रवृत्ति के लिए एक सहकारी प्रकाशन मॉडल," पृष्ठ 88
- ↑ अ आ बार्टन, "नेचर से ठीक पहले," पृष्ठ 3
- ↑ अ आ बार्टन, "नेचर से ठीक पहले," पृष्ठ 7
- ↑ अ आ इ ई बार्टन, "नेचर से ठीक पहले," पृष्ठ 6
- ↑ अ आ बार्टन, "नेचर से ठीक पहले," पृष्ठ 13
- ↑ अ आ इ ई ब्राउन, चार्ल्स डार्विन: द पॉवर ऑफ़ प्लेस, पृष्ठ 248
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ ब्राउन, चार्ल्स डार्विन: द पॉवर ऑफ़ प्लेस, पृष्ठ 247
- ↑ अ आ "नेचर का शताब्दी डिनर," पृष्ठ 13
- ↑ अ आ इ ई "नेचर पब्लिशिंग ग्रूप: इतिहास", 15 नवम्बर 2006 को पुनःप्राप्त
- ↑ "रिचर्ड अरमान ग्रेगरी, 1864-1952," पृष्ठ 413
- ↑ जनांकिक: नेचर स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, नेचर के पाठकत्व की एक प्रोफाइल.
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- ↑ "Retractions' realities". Nature. 422 (6927): p. 1. 2003-03-06. doi:10.1038/422001a. Archived from the original on 15 मई 2010. Retrieved 28 मई 2010.
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(help) - ↑ रिचर्ड रोड्स, द मेकिंग ऑफ़ द एटोमिक बम, टचस्टोन, न्यूयॉर्क, 1986. ISBN 0-671-44133-7
- ↑ फर्मी, ई. (1934). 'वर्सुच एइनर थ्योरी डेर बीटा-स्ट्राहलेन', ज़ेइटस्क्रिफ्ट फुर फिसिक, खंड 88, पृष्ठ 161.
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