2012 दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामला
दिल्ली के सामूहिक बलात्कार काण्ड के विरोध में नई दिल्ली में इण्डिया गेट पर हुए प्रदर्शन का एक दृश्य | |
तिथि | 16 दिसम्बर 2012 |
---|---|
समय | रात्रि 9:54 बजे, भारतीय मानक समय (यूटीसी+05:30) |
स्थान | दिल्ली, भारत |
परिणाम | राम सिंह (परीक्षण अवधि में मृत्यु हो गई); अन्य दोषियों को सजा-ए-मौत; नाबालिग दोषी को तीन वर्ष के लिए बाल सुधार कारावस में भेजा |
मौतें | 1 (महिला शिकार) 29 दिसम्बर 2012 को |
चोट लगने की घटनाएं | 1 (पुरुष शिकार) |
अभियुक्त |
राम सिंह मुकेश सिंह विनय शर्मा पवन गुप्ता अक्षय ठाकुर |
मामले | बलात्कार, हत्या, अपहरण, डकैती, हमला[१] |
न्यायलय का निर्णय | दोषी |
2012 दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामला भारत की राजधानी दिल्ली में 16 दिसम्बर 2012 को हुई एक बलात्कार तथा हत्या की घटना थी, जो संचार माध्यम के त्वरित हस्तक्षेप के कारण प्रकाश में आयी। 30 दिसम्बर 2012 को उसका शव दिल्ली लाकर पुलिस की सुरक्षा में जला दिया गया।[२] इस कृत्य की निन्दा करते हुए सोशल मीडिया में ट्वीटर फेसबुक आदि पर काफी कुछ लिखा गया। इस घटना के विरोध में पूरे देश में उग्र व शान्तिपूर्ण प्रदर्शन हुए जिसमें नई दिल्ली, कलकत्ता और बंगलौर में हुए प्रदर्शनों उल्लेखनीय हैं। उल्लेखनीय बात यह है कि नई दिल्ली में यौन अपराधों की दर अन्य मैट्रोपॉलिटन शहरों के मुकाबले सर्वाधिक (प्रति 18 घण्टे पर लगभग एक बलात्कार) है। लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद आखिर 20 मार्च 2020 को सुबह 5:30 बजे तिहाड़ जेल में के द्वारा निर्भया के दोषियों को फांसी दे दी गई।[३] इससे पूर्व भारत की एक मात्र महिला राष्ट्र्पति प्रतिभा पाटिल सुप्रीम कोर्ट द्वारा बलात्कार के पाँच मामलों में दी गयी फाँसी की सजा को माफ करके उम्रकैद में बदल चुकी हैं। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी निन्दा हुई। इसके परिणाम स्वरूप कई कड़े कानून संसद में पारित किये गए हैं।[४]
घटनाक्रम
11 मार्च 2013 राम सिंह नामक मुख्य आरोपी ने सुबह तिहाड़ जेल में आत्म-हत्या कर लिया।[५] हालाँकि राम सिंह के परिवार वालों तथा उसके वकील का मानना है कि उसकी जेल में हत्या की गयी है। 14 सितम्बर 2013 को इस मामले के लिए विशेष तौर पर गठित त्वरित अदालत ने चारो वयस्क दोषियों को फाँसी की सज़ा सुनायी।[६]
पीड़िता
निर्भया पीड़िता को समाज व मीडिया द्वारा दिया गया नाम है। भारतीय कानून व मानवीय सद्भावना के अनुसार ऐसे मामले में पीड़ित की पहचान को उजागर नहीं किया जाता। नई दिल्ली में अपने पुरुष मित्र के साथ बस में सफर कर रही निर्भया के साथ 16 दिसम्बर 2012 की रात में बस के निर्वाहक, मार्जक व उसके अन्य साथियों द्वारा पहले भद्दी-भद्दी फब्तियाँ कसी गयीं और जब उन दोनों ने इसका विरोध किया तो उन्हें बुरी तरह पीटा गया। जब उसका पुरुष दोस्त बेहोश हो गया तो उस युवती के साथ उन ने बलात्कार करने की कोशिश की। उस युवती ने उनका विरोध किया परन्तु जब वह संघर्ष करते-करते थक गयी तो उन्होंने पहले तो उससे बेहोशी की हालत में बलात्कार करने की कोशिश की परन्तु सफल न होने पर उसके यौनांग में व्हील जैक की रॉड घुसाकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। बाद में वे सभी उन दोनों को एक निर्जन स्थान पर बस से नीचे फेंककर भाग गये। किसी तरह उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया। वहाँ बलात्कृत युवती की शल्य चिकित्सा की गयी। परन्तु हालत में कोई सुधार न होता देख उसे 26 दिसम्बर 2012 को सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल ले जाया गया जहाँ उस युवती की 29 दिसम्बर 2012 को मौत हो गई। 30 दिसम्बर 2012 को दिल्ली लाकर पुलिस की सुरक्षा में उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।[२]
प्रतिक्रिया
निर्भया की घटना के बाद महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध पर नए सिरे से एक नई बहस शुरू हुई। इस घटना के विरोध में पूरे देश में उग्र व शान्तिपूर्ण प्रदर्शन हुए। सोशल मीडिया में ट्वीटर, फेसबुक आदि पर काफी कुछ लिखा गया। यहाँ तक कि महिलाओं की सुरक्षा सियासत का गेमचेंजर अजेंडा बन गयी बार और सभी दलों के ऊपर उनके सरोकारों के साथ खुद को दिखाने का सामाजिक दबाव भी पड़ा। यही कारण था कि सरकार ने जस्टिस वर्मा को कानून में बदलाव करने के लिए सिफारिश करने को कहा। इसमें पहली बार बलात्कार करने वाले अपराधियों को मौत की सजा देने का प्रावधान किया गया। संसद ने अभूतपूर्व तरीके से इसे एकमत से पास किया।[७]
- 16 दिसम्बर की घटना के बाद पूरे देश में जागरूकता भी बढ़ी है। महिलाएं भी अपने प्रति हो रहे अन्याय के खिलाफ अब आवाज उठाने में हिचकिचा नहीं रही हें। नए कानून से उन्हें मदद भी मिल रही है।
- इस घटना के बाद उषा मेहरा कमिशन का गठन हुआ, जिसने सुरक्षा जैसे मुद्दों पर तमाम जिम्मेदार विभागों में संवाद की कमी और इसे कैसे दूर किया जाय से संबंधित अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।[८]
- महिला बाल विकास मंत्रालय ने महिला सुरक्षा के लिए 24 घंटे हेल्प लाइन नंबर की शुरुआत की।
- मिनिस्ट्री ऑफ आईटी ने महिला सुरक्षा से कई गैजट बनाने की शुरुआत की जो जल्द ही बाजार में आएंगे।
- सरकार ने महिला बैंक की शुरुआत की।
- सरकार ने इसी घटना के बाद निर्भया फंड की शुरुआत की।[९]
- तमाम राजनीतिक दलों के अजेंडे में महिला सुरक्षा पर फोकस गया।
- दिल्ली सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 181 शुरू किया।
- मुख्य आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्म-हत्या कर लिया[१०]और विशेष तौर पर गठित त्वरित अदालत के द्वारा चारो वयस्क दोषियों को फाँसी की सज़ा सुनायी गयी, जबकि एक आरोपी को स्कूली प्रमाणपत्र के आधार पर नाबालिग मानते हुए उसे तीन साल किशोर सुधार गृह में रहने की सजा दी गई है।[११]
20 मार्च 2020 को इस कांड के आरोपी पवन - विनय शर्मा अक्षय ठाकुर मुकेश सिंह और पवन गुप्ता को सुबह 5:30 फांंसी पर पवन जल्लाद द्वारा लटका दिया गया।
- और इस दिन को "निर्भया न्याय दिवस" के रूप में मनाया जाएगा।
बदलाव
- 2012 के मुकाबले इस साल राष्ट्रीय महिला आयोग को बलात्कार, छेड़खानी और घरेलू हिंसा जैसे मामलों की दोगुनी शिकायतें मिली हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद दिल्ली दूसरे नंबर पर है।[१२]
- सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों में जीपीएस तो लगने लगे, उनके जरिये गाड़ियों की मॉनिटरिंग का कोई ठोस तंत्र अब तक नहीं बन पाया है। ऑटो वालों की मनमानी कायम है। राष्ट्रीय वाहन सुरक्षा तथा ट्रैकिंग प्रणाली[१३]
- एकीकृत कंप्यूटर एडेड डिस्पैच प्लेटफार्म की स्थापना को मंजूरी।[१४]
मरणोपरांत सम्मान
- रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार (2012) भारत के राष्ट्रपति के द्वारा[१५]
- राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय महिला आयोग के लिए नए भवन ‘’निर्भया भवन’’ की आधारशिला रखी।[१६]
- इंटरनेशनल वुमन ऑफ करेज अवार्ड, 2013- अमेरिका द्वारा।[१७]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite news
- ↑ अ आ साँचा:cite news
- ↑ साँचा:cite news
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ [http://aajtak.intoday.in/video/nirbhaya-fund-for-women-security-1-723119.html स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए निर्भया फंड बनाने का ऐलान
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ [Release Id :93334, Ministry of Women and Child Development 08-March, 2013 2, pib.nic.in Hon. President of India, Sh. Pranab Mukherjee, Confers Rani Lakshimibai Award to ‘Spirit of Nirbhaya’ ]
- ↑ (Release ID 22633)11-जून 2013
- ↑ साँचा:cite webसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]