धुआँसा
धुआँसा या स्मॉग (साँचा:lang-en), वायु प्रदूषण की एक अवस्था है। बीसवीं सदी के प्रारंभ में एक मिश्र शब्द स्मॉग (स्मोक+फॉग=स्मॉग) द्वारा धुएँ और कुहासे की मिश्रित अवस्था को इंगित किया गया।[१] धूल, धुएँ और कुहासे का यह मिश्रण हिंदी में धुआँसा कहलाता है।[२] [३] गाड़ियों और औद्योगिक कारखानों द्वारा उत्सर्जित धुएँ में उपस्थित राख, गंधक व अन्य हानिकारक रसायन जब कुहरे के संपर्क में आते हैं तो धुआँसे का निर्माण होता है। यह धुआँसा इस रूप में वायु प्रदूषण जनित अनेकों जानलेवा बीमारियों का कारण बन जाता है।[४]
इतिहास
स्मॉग शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग करने का श्रेय 1905 के दौरान डॉ॰ हेनरी अंतोइन दे वू (Henry Antoine Des Voeux) को दिया जाता है।[५] लोक स्वास्थ्य काँग्रेस की बैठक में धुआँ और कुहासा (Fog and Smoke) नामक पत्र पढ़ते हुए डॉ॰ वू ने उक्त पद का प्रयोग किया था। लंदन के अखबार डेली ग्राफिक ने 26 जुलाई 1905 के संस्करण में लिखा कि डॉ॰ वू ने धुएँ और कुहरे की मिश्रित अवस्था को 'स्मॉग' नाम दिया है।[६] हिंदी में स्मॉग का स्थानापन्न धुआँसा शब्द का लिखित रूप में सर्वप्रथम प्रयोग करने का श्रेय कथाकार संजीव को दिया जा सकता है।[७]
कारण
कोयला
वाहन उत्सर्जन
पराली दहन
प्रकाश रसायनिक धुआँसा (फ़ोटो केमिकल स्मॉग)
प्राकृतिक कारण
स्वास्थ्य पर प्रभाव
प्रभावित क्षेत्र
प्रदूषण सूचकांक
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ सावधन नीचे आग है
- ↑ साँचा:cite webसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- ↑ भौतिक भूगोल का स्वरूप, सविन्द्र सिंह, प्रयाग पुस्तक भवन, इलाहाबाद, २०१२, पृष्ठ ५२३, ISBN: ८१-८६५३९-७४-३
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- ↑ सावधान नीचे आग है, संजीव, राधाकृष्ण प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, २000, पृष्ठ-१२, आईएसबीएन संख्या : ८१ ७११९ ५७४ १