द लीज़ेंड ऑफ़ भगत सिंह
द लेजेंड ऑफ भगत सिंह | |
---|---|
निर्देशक | राजकुमार संतोषी |
निर्माता | कुमार एस तौरानि, रमेश तौरानि। |
पटकथा | राज्कुमार सन्तोशि, रनजित कपूर, पीयुश मिश्रा और अनजुम राजाबालि |
अभिनेता |
अजय देवगन, सुशांत सिंह, अखिलेन्द्र मिश्रा, राजबब्बर, फरीदा ज़लाल, अमृता राव, मुकेश तिवारी, सुरेन्द्र राजन, सुनील ग्रोवर अरुण पटवर्धन, |
संगीतकार | ए आर रहमान |
प्रदर्शन साँचा:nowrap | 2002 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
लागत | ३ करोड |
द लेजेंड ऑफ भगत सिंह ७ जून 2002 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह हिन्दि एतिहासिक जीवनि फिलम है, जो स्वातन्त्रता सेनानि शहीद भगत सिन्ह पर आधारित है। इस चित्र क निर्माता श्री राजकुमार सन्तोशि है और इस चित्र क मुख्य पात्र को निभाय है श्री अजय देवगन ने निभाया है। इस चित्र को दो देशीय पुरस्कारो से सम्मानित् किय गय था। उन्मे से एक पुरस्कार सर्वश्रेश्ट फीचर फिल्म देशीय पुरस्कार था। इन पुरस्कारो के अलावा, द लेगीन्द ओफ भगत सिन्ह ने थीन फिलमफेर पुरस्कार भि जीते। इनमे से एक, सर्वश्रेश्ट चित्र के लिये क्रिटिक्स अवर्द था। द लीजेन्द ओफ भगत सिन्ह हमे विस्तार में यह बताता है कि कैसे भगत सिन्ह ने ब्रितिश राज के विरुध्द और भरतीय स्वतन्त्र्ता के प्रति कैसा अप्न विचार रुची को विकसित किया। चित्र के शुरुवाद भगत सिन्ह के मर्त्यु और शरीर के निपटान से होति है और फिर उनके जीवन काल का स्मरन किय जाता है। एक ऐतिहासिक, विशाध और देश्भक्ति कि भावना आति है।
संक्षेप
१९०७ में जन्मे भगत सिंह बचपन से ही ब्रिटिश राज के अत्याचारो को देख्ते और् सह्ते आ रहे थे। देश के प्रति आराधना और कर्तव्यपारायण्ता के कारण उन्होने अप्न घर छोड़ दिया और अपने आप को हिन्दुस्तान रिपब्लिक में शामिल कर दिया। वे कई आन्दोलन में भि शामिल हुए। पुलिस के हात हुए लाला लजपत राई के मौत क बद्ल लेने के लिये, भगत ने पुलिस अफसर, जोन सौन्डर्स की हत्या में शामिल था। इस हत्या को अञाम देने के लिये, शिवराम राजगुरु और सुखदेव भी उनके साथ थे। उनको एक सेल में बन्ध किय जाता है और बेरहमी से पिट दिय जाता है। वहाँ उन्हे बहुत अतराचार सहने पदे। पर उन्क हौसला रुके नही। जब ब्रिटिश ने व्यापार विवादों और सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक का प्रस्थाव किय, तब उन्होने भारतीय सन्सद में बम विस्फोट का योजन बनाया और उसे निष्पादित् किय। खाली बेन्चो पर् बम् फैन्ककर उन्होने सन्सद में शामिल लोगो की सुरक्षा क ख्याल रख। उसे गिरफ्तार किय गया था। लाहोर जेल में भी उन्होने एक आन्दोलन लॉच किया। भगत और उनके साथी मिलकर जेल में एक भूक हर्ताल शुरु किय ताकी सेनानी कैदियों की स्थिति में सुधार लाए। यह भूक हर्ताल ६३ दिन चले। भारतीय स्वतंत्रता। ब्रिटिश ने सौंडर्स हत्या का मामला फिर से शुरु किया। जिसके कारण भगत सिंह, सुखदेव और शिवराम को मौत की सज़ा सुनाई गई। इतिहास हमे यह बताता है कि, गान्धी जी चाहे तो इस दिग्गजों के मदद कर सकते थे, पर उन्होने ऐसा नहीं किया। पूरे देश में हल्ला मच गया था। सभी लोग इन दिग्गजों के मौथ पर दुखी थे।
चरित्र
भगत सिंह क जन्म् २८ सितम्बर स्न् १९०७ में हुअ था। वे भारतीय स्वातन्त्रता आन्दोलन के सबसे प्रभाव्शाली क्रान्तिकारियो में से एक माना जाता है। वह एक भारतीय सोशलिस्ट था। उन्हे अकसर 'शहीद भगत सिन्ह' के नाम से जाने जाते हैं। एक सिख परिवार में जन्मे भगत सिन्ह, पहले ही ब्रिटिश राज के खिलाफ गतिविधियो में शामिल थे। एक बच्चे के रूप में भगत ने ब्रिटिश शासकों द्वरा अपने साथी भारतीयो के साथ किये जाने वाले अत्याचारो को देखकर बहुत परेशान होते थे। जब भगत एक किशोरि थे, उन्होने युरोपिअन क्रन्तिकारि आन्दोलनो का बहुत आदर करते थे। इसी बात उन्हे अराजकतावादी और मार्क्सवादी विचारधारा की ओर ले गयी। वे कई क्रान्तिकारी संगठनों में शामिल हो गया थे। उन्हे मोहन्दास करम्छमन्द गान्धी काम और क्रिया से बहुत प्रेरना मिली। पर जब गान्धी ने असहय आन्दोलन का अन्त कर दिय तो भगत को बहुत निराशा हुई। इस्लिये उन्होने हिन्दुस्तान रिपब्लिक असोसिएशन में शामिल हो गये। और बहुत् जल्दी से स्न् १९२८ में असोसिएशन क नाम हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन असोसिएशन (HSRA) में बदल दिये और असोसिअशन् के मुख्य नेताओ में एक बने।
मुख्य कलाकार
- अजय देवगन
- सुशांत सिंह - सुखदेव
- अखिलेन्द्र मिश्रा
- राजबब्बर - किशन सिंह
- फरीदा ज़लाल
- अमृता राव
- मुकेश तिवारी
- सुरेन्द्र राजन
- स्वरूप कुमार
- अरुण पटवर्धन
- अबीर गोस्वामी - फरिन्द्र घोष
संगीत
गीत: समीर, संगीत: ए आर रहमान
रोचक तथ्य
परिणाम
बॉक्स आफ़िस पर शुद्ध कमाई: ६.५७ करोड रूपये
समायोजित राशि: रु २१.६७ करोड रूपये
बाक्स आफिस पर कमाई गई राशि: रु ९.३० करोड रूपये
समायोजित कुल राशि: रु ३०.६७ करोड रूपये
बौक्स ऑफिस
बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म बेहद सफल रही थी।