थंगजाम मनोरमा बलात्कार मामला
थंगजाम मनोरमा (1970-2004) एक मणिपुरी महिला थी और संभवतः एक विद्रोही और मणिपुर की पीपल्स लिबरेशन आर्मी की सदस्या थी। 10 जुलाई 2004 को उसे भारतीय अर्द्धसैनिक इकाई के 17 वीं असम राइफल्स ने उसके घर से उसे पकड़ा था। अगली सुबह उसकी गोलियोँ से भून दी गई लाश एक खेत में पाइ गाई थी। पोस्ट मॉर्टम में मरने से पहले बलात्कार किये जाने के इशारे पाए गए।[१] [२]
सरकारी संस्करण में असमानताएं
गिरफ्तारी के समय, कोई दोषी दिखाने वाली वस्तु नहीं पाई गई थी जैसा कि गिरफ्तारी मेमो की रिपोर्ट में कहा गया था। बाद में कहा गया कि एक ग्रेनेड और अन्य आपत्तिजनक सामान उसके घर से जब्त किया गया था।[३]
असम राइफल्स का दावा था कि वह भागने की कोशिश कर रही थी, इसलिए उसे गोली मार दिया गया था जबकि खून का कोई निशान नहीं पाया गया हालांकि छः गोली के घाव शरीर के पास पाए गए थे। किसी भी सैनिक की पहचान नहीं की गई थी जिसने उसका पीछा किया हो या उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की हो।[१]
इन असमानताओं को देखते हुए, एक जाँच आयोग को 2004 में मणिपुर सरकार ने स्थापित किया था। आयोग ने नवंबर 2004 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने इस मामले में कहा कि असम राइफल्स सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 के तहत राज्य को रखा गया था। इसी कारण यह बल राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र नहीं था और मामले से निपटना केन्द्र सरकार का दायित्व है। इस प्रकार से रिपोर्ट को इस निर्णय के तहत जारी नहीं किया गया।[१]
ए एफ एस पी ए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
कथित बलात्कार और हत्या के मामले में दोषियों को सज़ा देने में विफलता पर मणिपुर और दिल्ली में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए।[४]
घटना के पाँच दिन के बाद लगभग 30 मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं ने नग्न होकर चिल्लाती हुईं असम राइफ़ल्स के इम्फाल-स्थिय मुख्यालय के पास आईं कि : "भारतीय सेना ... हम सब मनोरमा की माएँ हैं! हमें बलात्कार का शिकार बनाओ!! "[५][६] पद्मश्री लेखक एम के बिनोदिनी देवी ने विरोध में अपना पुरस्कार लौटा दिया था।[७] विरोध प्रदर्शन 2004 में भी जारी रहे और पिछले कुछ वर्षों तक ये सिलसिला जारी रहा।[७] [८]
2012 के शुरू में न्यायमूर्ति वर्मा समिति महिलाओं के खिलाफ हिंसा को कम करने के कदम के प्रयासों के एक भाग के रूप में ए एफ एस पी ए की समीक्षा करने के लिए उपाय शामिल किए थे।[९] इन उपायों को आंशिक रूप से मनोरमा विरोध प्रदर्शन को वातावरण गर्माने के कारणों में से एक बताया गया है।[१०][११]
सन्दर्भ
- ↑ अ आ इ साँचा:cite news
- ↑ साँचा:cite newsquote:Forensic tests have detected stains of human semen on the clothes of Thangjam Manorama Devi ... [according to the] Central Forensic Science Laboratory in Kolkata, which submitted a report before an Inquiry Commission headed by retired judge C Upendra in Imphal, Commission sources said on Thursday.
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- ↑ अ आ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ Manipur Burns स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, 09 अगस्त 2004
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- ↑ साँचा:cite news
- ↑ साँचा:cite news