तंग घाटी
तंग घाटी पहाड़ों या चट्टानों के बीच में स्थित ऐसी घाटी होती है जिसकी चौड़ाई आम घाटी की तुलना में कम हो और जिसकी दीवारों की ढलान भी साधारण घाटियों के मुक़ाबले में अधिक सीधी लगे (यानि धीमी ढलान की बजाए जल्दी ही गहरी होती जाए)। तंग घाटियाँ अक्सर तब बन जाती हैं जब कोई नदी सदियों तक चलती हुई किसी जगह पर धरती में एक घाटी काट दे। भारत में चम्बल नदी की घाटियाँ ऐसी ही तंग घाटियों की मिसालें हैं।
अन्य भाषाओँ में
"तंग घाटियों" को अंग्रेज़ी में "कैन्यन" (canyon) या "गौर्ज" (gorge) बोलते हैं।
सब से बड़ी तंग घाटियाँ
तिब्बत में स्थित ब्रह्मपुत्र नदी की तंग घाटी १८,००० फ़ुट गहरी है और कुछ स्रोतों के अनुसार यह सब से गहरी तंग घाटी है। ब्रह्मपुत्र को तिब्बत में यरलुंग त्सान्ग्पो (तिब्बती: ཡར་ཀླུངས་གཙང་པོ) कहते हैं इसलिए इस घाटी का नाम भी "यरलुंग त्सान्ग्पो घाटी" है। अन्य स्रोतों के अनुसार नेपाल में स्थित काली गण्डकी नदी की तंग घाटी २१,००० फ़ुट गहरी है और वास्तव में पृथ्वी पर सबसे गहरी तंग घाटी यही है।
संयुक्त राज्य अमेरिका के ऐरिज़ोना राज्य में मशहूर ग्रैन्ड कैन्यन नाम की तंग घाटी स्थित है, जो कॉलोरैडो नदी के अनुमानित १। ७ करोड़ वर्षों के लगातार पहाड़ी चट्टानों को तराशने पर बनी है। इसकी औसत गहराई एक मील है। मेक्सिको के चिहुआहुआ राज्य में स्थित बर्रानका देल कोबरे (स्पैनिश: Barranca del Cobre, अर्थ: "ताम्बे की तंग घाटी") की तंग घाटियाँ छह नदियों द्वारा बनाई गयी हैं और यह भी विश्व-प्रसिद्ध हैं।
अन्य ग्रहों और उपग्रहों पर तंग घाटियाँ
हमारे सौर मंडल के कुछ अन्य ग्रहों और उपग्रहों पर भी तंग घाटियाँ देखी गयी हैं, मसलन -
- मंगल ग्रह पर वैलिस मैरिनरिस - जो सौर मंडल की सब से बड़ी ज्ञात तंग घाटी है
- शनि ग्रह के टॅथिस नामक उपग्रह पर इथाका घाटी
- बुध ग्रह पर बहुत सी जुड़ी हुई तंग घाटियों का मंडल जो ६,४०० किमी लम्बा है