.भारत
.in (वर्तमान में .भारत भी) भारत का इण्टरनेट का शीर्ष-स्तर डोमेन (सी॰सी॰टी॰ऍल॰डी॰) देश कोड है। डोमेन का संचालन आईएनरजिस्ट्री द्वारा नेशनल इंटरनेट एक्साचेंज ऑफ इंडिया (NIXI) के प्राधिकरण के अन्तर्गत होता है। आइएनरजिस्ट्री को भारत सरकार द्वारा नियत किया गया।
वर्ष 2005 तक, .in डोमेन की उदारीकृत नीति के अन्तर्गत, .in के द्वितीय स्तर के असीमित पंजीकरण किये जा सकते हैं। पहले से निर्धारित एवं उपलब्ध क्षेत्रों में भी असीमित पंजीकरण अनुमत हैं:
- .in (सभी के लिए उपलब्ध; भारत में व्यक्तिगत, कम्पनियों द्वारा और संगठनों द्वारा काम में लिया जाता है।)
- .co.in (मूल रूप से बैंको, पंजीकृत कम्पनियों और पंजीकृत व्यापार सामग्री के लिए)
- .firm.in (मूल रूप से दुकानों, भागीदारी, सम्पर्क कार्यालयों, एकल स्वामित्व)
- .net.in (मूल रूप से अन्तर्जाल सेवा प्रदाता के लिए)
- .org.in (मूल रूप से लाभ-निरपेक्ष संस्थानों के लिए)
- .gen.in (मुख्य रूप से सामान्य/विविध कार्यों के लिए)
- .ind.in (व्यक्तिगत)
छः क्षेत्र को भारत में अर्हता प्राप्त संस्थानों के लिए आरक्षित रखा गया है:
- .ac.in (अकादमिक संस्थान)
- .edu.in (शैक्षिक संस्थान)
- .res.in (भारतीय शोध संस्थान)
- .ernet.in (पुराना, शिक्षण और शोध संस्थानों दोनों के लिए)
- .gov.in (भारतीय सरकार)
- .mil.in (भारतीय सेना)
पंजीकरण में छूट देने से पहले भारत में 1992 से 2004 तक केवल 7000 नामों का ही .in डोमेन के साथ पंजीयन हुआ।मार्च 2010 के आँकड़ों के अनुसार, यह संख्या 6,10,000 डोमेन नामों से भी ऊपर पहुँच चुका था। जिनमें से 60% नाम भारत से थे बाकी डोमेन देश के बाहर से थे।[१] अक्टूबर 2011 के आँकड़ों के अनुसार यह संख्या दस लाख से भी ऊपर पहुँच चुकी थी।[२] यह डोमेन लघु-डोमेन के लिए लोकप्रिय है।
डोमेन .nic.in राष्ट्रीय सूचना एवं विज्ञान केन्द्रों के लिए आरक्षित है लेकिन वास्तविकता में अधिकतर भारतीय अभिकरणों के डोमेन का अन्त .nic.in पर होता है।
अन्तरराष्ट्रीयकृत डोमेन नाम और देश कोड
भारत अन्तरराष्ट्रीयकृत डोमेन नाम आरम्भ करने की योजना बना रहा है। जो भारत की सभी 22 स्थानीय भाषाओं में हों। ये अन्तरराष्ट्रीयकृत डोमेन नाम भारत के सात नये शीर्ष डोमेनों के साथ प्रयुक्त किये जा सकेंगे।
ये शीर्ष डोमेन निम्नलिखित हैं:
मूल देवनागरी कड़ियाँ |
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भारत | |
कम्पनी.भारत | |
विद्या.भारत | |
सरकार.भारत |
अन्य सभी अभी तक उपलब्ध नहीं हैं (नवम्बर 2015 केअनुसार):