जॉन पॉम्बे मगुफुली
डॉ॰ जॉन मगुफुली | |
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पांचवें तंजानिया के राष्ट्रपति
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पद बहाल 5 नवंबर 2015 | |
उप राष्ट्रपति | सामिया सुलूहु |
प्रधान मंत्री | घोषणा होने तक |
उत्तरवर्ती | जकाया किकवेते |
निर्माण मंत्री
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पद बहाल 28 नवंबर 2010 – 5 नवंबर 2015 | |
राष्ट्रपति | जकाया किकवेते |
पूर्वा धिकारी | शुकुरु कुमंबाबा |
पद बहाल नवंबर 2000 – 21 दिसंबर 2005 | |
राष्ट्रपति | बेंजामिन मकापा |
उत्तरा धिकारी | बासिल मरंबा |
पशुधन और मत्स्य विकास मंत्री
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पद बहाल 13 फरवरी 2008 – 6 नवंबर 2010 | |
पूर्वा धिकारी | एंथोनी डियाल्लो |
उत्तरा धिकारी | डेविड मैथ्यू डेविड |
भूमि और मानव बस्तियों के मंत्री
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पद बहाल 6 जनवरी 2006 – 13 फरवरी 2008 | |
राष्ट्रपति | जकाया किकवेते |
उत्तरा धिकारी | जॉन चिलिगती |
तंजानियाई संसद के सदस्य
बिहारामूलों पूर्व और चाटो से | |
पद बहाल नवंबर 1995 – जुलाई 2015 | |
उत्तरा धिकारी | कलेमानी मेड़र्ड |
जन्म | साँचा:br separated entries |
राष्ट्रीयता | तंजानियन |
राजनीतिक दल | चामा चा मापिंडूजी साँचा:small |
जीवन संगी | जेनेथ मगुफुली |
निवास | दर एस सलाम |
शैक्षिक सम्बद्धता | दार एस सलाम विश्वविद्यालय |
पेशा | शिक्षक |
धर्म | रोमन कैथोलिज़्म |
उपनाम | टिंगा टिंगा साँचा:small |
ट्विटर हैंडल | जे पी मुगुफुली |
सैन्य सेवा | |
निष्ठा | साँचा:nowrap |
सेवा/शाखा | राष्ट्रीय सेवा |
सेवा काल | जुलाई 1983–जून 1984 |
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जॉन पोंबे जोसेफ मगुफुली (जन्म: 29 अक्टूबर 1959) तंजानिया के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति हैं। उन्होने तंजानिया में हुए राष्ट्रपति चुनावों में सीसीएम पार्टी के बैनर तले 58.46% मत प्राप्त करते हुए जीत दर्ज की। उन्होने इन चुनावों में पूर्व प्रधानमंत्री तथा विपक्ष के नेता, एडवर्ड लोवासा को पराजित किया। एडवर्ड लोसावा को कुल 39.97% मत प्राप्त हुए। इसके पूर्व वे वर्ष 2010 से तंजानिया के निर्माण मंत्री के पद पर कार्यरत थे। उसके पहले वे 1995 से 2000 तक उप निर्माण मंत्री 2000 से 2006 तक निर्माण मंत्री 2006 से 2008 तक भूमि और मानव बस्ती के मंत्री और 2008 से 2010 तक पशुधन एवं मत्स्य पालन मंत्री के रूप में अपनी सेवाएँ दे चुके हैं। वे 1995 से लगातार तंजानियाई संसद के सदस्य हैं।[१][२]
शिक्षा
इन्होने 1988 में रसायन विज्ञान और गणित के साथ दार इस सलाम विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वर्ष १९९४ में रसायन विज्ञान में परास्नातक और २००९ में डॉक्टरेट की उपाधि दार इस सलाम विश्वविद्यालय से ही प्राप्त की।