छिंग मिंग त्यौहार
छिंगमिंग त्यौहार (साँचा:zh, हॉन्ग कॉन्गऔर मकाउ में छिंग मिंग पर्व) शुद्ध चमक त्यौहार या साफ़ उज्ज्वल त्यौहार, पूर्वजों का दिन या कब्र सफाई का दिन पारंपरिक चीनी त्यौंहार है जो चीनी कालदर्शक के अनुसार वसंत विषुव के 15वें दिन और ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार 5 अप्रैल को मनाया जाता है।[१][२] छींग मिंग त्यौहार के दिन चीनी लोग अपने दिवंगत लोगों की कब्रों पर या कब्रिस्तान जाकर उनको याद करते हैं और उनकी कब्रों को साफ़ करते हैं और उन पर फूल-मालाएं चढाते हैं। यह त्यौहार हान शी त्यौहार से उत्पन्न हुआ हैं। इसे ठंडे भोजन का दिन भी कहा जाता हैं। यह चिऐ ज थोए की याद में मनाया जाता हैं।[३]
पर्व का विकास
छींग मिंग की परंपरा 2,500 वर्षों से अधिक समय से चली आ रही है। इसकी उत्पत्ति का श्रेय ईसा पूर्व 732 में थांग सम्राट शुआनजोंग को दिया जाता है। कुछ किवदंतियों के अनुसार चीन में अमीर लोग अपने पूर्वजों के सम्मान में अनावश्यक और भड़कीले ढंग से पैसा खर्च करते थे। सम्राट शुआनजोंग ने ऐसे रिवाज़ पर लगाम लगाना चाहा और यह घोषणा की कि सिर्फ छींग मिंग के दौरान ही पूर्वजों की कब्रों पर औपचारिक रूप से सम्मान किया जाए। इस प्रकार इसका महत्व बढ़ता गया और आज यह चीनी संस्कृति का एक आधार बन गया जो प्राचीनकाल से जारी है।[४] इस प्रकार यह त्यौहार लोगों का अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने का सबसे महत्वपूर्ण दिन है।[५]
शाब्दिक अर्थ
छींग मिंग त्यौहार चीन का परंपरागत त्यौहार हैं। चीनी अक्षर 清 (छींग) का अर्थ 'साफ़' एवं 明 (मिंग) का मतलब 'उज्ज्वल' होता है। इसी कारण इस पर्व को सामान्यतः भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है।[३]
मुख्य क्षेत्र
छींग मिंग त्यौहार नियमित रूप से ताइवान, हॉन्ग कॉन्ग और मकाऊ में मनाया जाता है और इस दिन इन क्षेत्रों में संवैधानिक रूप से सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। इसका अनुसरण करते हुए वर्ष 2008 में मुख्य-भूमि चीन में यह दिन राष्ट्रव्यापी सार्वजनिक अवकाश के रूप में घोषित किया गया।[३]
भारत से सम्बंध
भारत में हिन्दू धर्म के अनुयायी श्राद्ध पर्व मनाते हैं जिसमें पूर्वजों को याद किया जाता है ठीक उसी प्रकार चीन के लोग छिंग मिंग पर्व के दिन अपने पूर्वजों का स्मरण करते हैं।[६] इस पर्व को मनाने के तरिके भारत में मनाये जाने वाले पर्व पितृ पक्ष से भिन्न है जिसका एक कारण दोनों देशों की जलवायु और खान-पान में अन्तर होना भी है। इस पर्व पर लोग पूजा-प्रार्थना कर लेने के उपरांत परिवार के सदस्य वरीयता क्रम से समाधि का तीन से लेकर चार चक्कर लगाते हैं। यह परंपरा भी भारतीय संस्कृति में मंदिरों और होलिका जलने के समय या लोहड़ी के समय देखी जा सकती है।[६]
चित्रकारी में
सन्दर्भ
- ↑ हॉन्ग कॉन्ग सरकार. "2008 की आम छुट्टियाँ स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।," अभिगमन तिथि: 23 जुलाई 2013
- ↑ मकाऊ सरकार, "2013 की आम छुट्टियाँ स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।।"
- ↑ अ आ इ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ अ आ साँचा:cite web