छपरा

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(छपरा प्रखण्ड (सारन) से अनुप्रेषित)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
साँचा:if empty
Chhapra
{{{type}}}
राजेन्द्र कॉलेज, छपरा
राजेन्द्र कॉलेज, छपरा
साँचा:location map
निर्देशांक: साँचा:coord
देशसाँचा:flag/core
राज्यबिहार
ज़िलासारण ज़िला
वार्ड45 वार्ड
शासन
 • प्रणालीमहापौर-परिषद
 • सभाछपरा नगर निगम
 • महापौरसुनीता देवी[१]
 • नगरीयसाँचा:infobox settlement/areadisp
ऊँचाईसाँचा:infobox settlement/lengthdisp
जनसंख्या (2011)
 • शहर२,०१,५९८
 • घनत्वसाँचा:infobox settlement/densdisp
भाषाएँ
 • प्रचलितहिन्दी
समय मण्डलभामस (यूटीसी+5:30)
पिनकोड841301, 841302
दूरभाष कोड06152
वाहन पंजीकरणBR-04
लोक सभा निर्वाचनक्षेत्रसारण
विधान सभा निर्वाचनक्षेत्रछपरा
वेबसाइटसाँचा:url

साँचा:template other

छपरा (Chhapra) भारत के बिहार राज्य के सारण ज़िले में स्थित एक शहर है। यह घाघरा नदी और गंगा नदी के संगम के समीप बसा हुआ है। यह नगर 18वीं शताब्दी में तेज़ी से विकसित हुआ जब यहाँ पोटैशियम नाइट्रेट बनाने के कारखाने लगे थे। यहाँ का अम्बिका भवानी नामक शक्तिपीठ मन्दिर प्रसिद्ध है।[२][३][४]

विवरण

छपरा सारण प्रमंडल का मुख्यालय भी है। गोरखपुर-गुवाहाटी रेलमार्ग पर छपरा एक महत्वपूर्ण जंक्शन है जहाँ से गोपालगंज एवं बलिया के लिए रेल लाईनें जाती है। यह घाघरा नदी के उत्तरीतट पर बसा है। यह नगर १८६४ ई में ही इसे नगरपालिका घोषित हो चुका था।

इतिहास

ऐसा कहा जाता है कि यहाँ के दाहिआवाँ महल्ले में दधीचि ऋषि का आश्रम था। इसके पाँच मील पश्चिम रिविलगंज है, जहाँ गौतम ऋषि का आश्रम बतलाया जाता है और वहाँ कार्तिक पूर्णिमा को एक बड़ा मेला लगता है। छपरा से चार मील पूरब चिरांद छपरा में पौराणिक राजा मयूरध्वज को राजधानी तथा च्यवन ऋषि का आश्रम बतलाया जाता है। चिरांद, छपरा से ११ किलोमीटर स्थित, सारण जिला का सबसे महत्वपूर्ण पुरातत्व स्थल (3000-2000 ईस्वी पूर्व) है। यहाँ पर पुरातत्व विभाग की ओर से खंडहरों की खुदाई हो रही है और कुछ बहुमूल्य ऐतिहासिक तथ्यों के प्राप्त होने की संभावना है। छपरा से 15 मील पूरब गंडक नदी के तट पर सोनपुर स्थान है जो हरिहर क्षेत्र के नाम से विख्यात है। यहीं पर गज और ग्राह के पौरणिक युद्ध का होना बतलाया जाता है। यहाँ शिव और विष्णु के मंदिर साथ-साथ हैं।

कार्तिक पूर्णिमा को सोनपुर का प्रसिद्ध मेला लगता है जो महीनों चलता रहता है। मौर्य शासक अपने हाथी ,घोड़े तक इस मेले से खरीदते थे, इससे इसकी प्राचीनता का पता चलता है। इस मेले में बहुत बड़ी संख्या में मवेशी - गाय, बैल, घोड़े, हाथी, ऊँट तथा पक्षी विक्रय के लिए आते हैं। वर्तमान में जानवरों के प्रति बढती चेतना और जागरुकता के चलते जानवरों की संख्या में पहले से कुछ कमी आयी है। केरल से हाथियों को यहाँ बेचने के लिए लानें वालों पर उच्च न्यायालय का सख्त मनाही का आदेश है। एक महीने के लिए यह विशाल मानव जमघट बन जाता है। यहाँ पहुँचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन भी सोनपुर ही है। यह मेला जगजीवन रेलवे पुल के पास ही लगता है। ठंड में गंडक का पानी हाड़ कँपकपाने लायक शीतल हो जाता है। यहाँ से कुछ किलोमीटर आगे जाने पर गंगा और गंडक का संगम होता है। पहले के लोग बताते हैं कि मेला पहले संगम के पास ही होता था, पर अब संगम स्थल से कुछ दूर चला गया है। छपरा में कई कालेज और स्कूल हैं। शिक्षा का प्रसार तेजी से हो रहा है। जिले में चीनी के अनेक कारखाने हैं।

18वीं शताब्दी में डच, फ़्रांसीसी, पुर्तग़ाली और अंग्रेजों द्वारा यहाँ शोरा-परिष्करण इकाइयों की स्थापना के बाद छपरा नदी तट पर स्थित बाज़ार के रूप में विकसित हुआ। 1864 में यहाँ नगरपालिका का गठन हुआ।

कृषि और खनिज

यह शहर प्रमुख रेल व सड़क मार्ग से जुड़ा है तथा एक कृषि व्यापार केंद्र है।

उद्योग और व्यापार

शोरा और अलसी तेल प्रसंस्करण यहाँ के प्रमुख उद्योग हैं। रेल पहिया और रेल इंजन का निर्माण भी यहां होता है। छपरा में भारत का सबसे बड़ा डबल डेकर फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है।[५] गांधी चौक से नागपालिका चौक के 3.5 किमी लंबी डबल डेकर फ्लाईओवर, ₹ 411.31 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है,[६][७] सांता क्रूज़-चेम्बूर लिंक रोड में 1.8 किमी डबल-डेकर फ्लाईओवर से अधिक है।[८] मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जुलाई 2018 में इस डबल डेकर फ्लाईओवर का आधारशिला रखा, जो जून 2022 तक पूरा होने वाला है।[९]

शिक्षण संस्थान

इस शहर में कई पार्क, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, बिहार विश्वविद्यालय से संबद्ध कई महाविद्यालय और कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्ध एक महाविद्यालय स्थित है। नालंदा खुला विश्वविद्यालय की एक शाखा छपरा जिला के जगदम कॉलेज में है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) ने भी अपनी एक शाखा जय प्रकाश विश्व विधालय में खोली है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite news
  2. "Tourism and Its Prospects in Bihar and Jharkhand स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।," Kamal Shankar Srivastava, Sangeeta Prakashan, 2003
  3. "Bihar Tourism: Retrospect and Prospect स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।," Udai Prakash Sinha and Swargesh Kumar, Concept Publishing Company, 2012, ISBN 9788180697999
  4. "Revenue Administration in India: A Case Study of Bihar," G. P. Singh, Mittal Publications, 1993, ISBN 9788170993810
  5. साँचा:cite web
  6. साँचा:cite web
  7. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  8. साँचा:cite web
  9. साँचा:cite web