देवी लाल

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चौधरी देवीलाल
Chaudhary Devi Lal 2001 stamp of India.jpg

कार्यकाल
1989 - 1991

कार्यकाल
1977 - 1979
कार्यकाल
1987 - 1989

जन्म साँचा:br separated entries
मृत्यु साँचा:br separated entries
राजनीतिक दल भारतीय राष्ट्रीय लोक दल
जीवन संगी श्रीमती हरकी देवी
धर्म हिन्दू धर्म
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चौधरी देवी लाल (25 सितम्बर 1914[१] - 6 अप्रैल 2001) जो कि हरियाणा में "ताऊ देवी लाल" के नाम से भी प्रसिद्ध हैं, हरियाणा के एक प्रमुख राजनीतिज्ञ थे जो कि 19 अक्टूबर 1989 से 21 जून 1991तक भारत के उप-प्रधानमंत्री रहे। वे दो बार (21 जून 1977 से 28 जून 1979, तथा 17 जुलाई 1987 से 2 दिसम्बर 1989) हरियाणा के मुख्यमंत्री भी रहे। उनकी समाधि-संघर्ष घाट दिल्ली में है।

राजनीतिक जीवन

चौधरी देवीलाल उन कुछ चुनिंदा राजनीतिज्ञों में से हैं जो आजादी के बाद तथा आजादी के पहले दोनों ही समय में भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे। देश की आजादी के बाद जब पहली बार चुनाव हुए तब हरियाणा पंजाब राज्य का हिस्सा था और वहां हुए विधानसभा चुनावों में चौधरी देवीलाल पहली बार सन 1952 में ही विधायक बने और उसके बाद पुनः 1957 तथा 62 मैं भी पंजाब विधानसभा के सदस्य रहे।

व्यक्तिगत जीवन

चौधरी देवी लाल के पिता का नाम लेख राम था उनका जन्म हिसार जिले के तेजाखेड़ा गांव में 25 सितंबर 1914 को हुआ था उनका विवाह सन 1926 में हरखी देवी साथ हुआ। उनकी कुल 5 संताने हुई जिनमें चार पुत्र तथा एक पुत्री थी। उनके पुत्रों के नाम है ओमप्रकाश चौटाला, प्रताप चौटाला और रण जीत सिंह तथा जगदीश चौटाला। वर्तमान समय में उनके कई नाती तथा पोते हरियाणा की राजनीति में कई दलों में सक्रिय हैं उनमें प्रमुख हैं जननायक जनता पार्टी के संयोजक दुष्यंत चौटाला जो कि वर्तमान समय में हरियाणा के उप मुख्यमंत्री हैं तथा ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला के सुपुत्र हैं दुष्यंत चौटाला के छोटे भाई दिग्विजय चौटालाा भी जींद विधानसभा से उप चुनाव लड़े थे परंतु दूसरे स्थान पर रह गए अजय चौटाला खुद भी सांसद रह चुके हैं ओम प्रकाश चौटाला के दूसरे बेटे अभय चौटाला वर्तमान समय में ऐलनाबाद विधानसभा के विधायक हैं तथा वे पिछलीी विधानसभा मैं नेता प्रतिपक्ष भी थे अजय चौटालाा की पत्नी नैना चौटाला भी वर्तमान मेंं हरियाणा विधानसभाा में विधायक हैं तथा अभय चौटालाा की के पुत्र करण चौटाला तथा भी हरियाणाा की राजनीति में सक्रिय हैं। देवी लाल के सबसे छोटे पुत्र जगदीश चौटाला के पुत्र आदित्य चौटाला भी अबकी बार भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव लड़े परंतु हार गए

उपप्रधानमंत्री के बाद का दौर

उप प्रधानमंत्री बनने के बाद का दौर चौधरी देवी लाल के लिए बहुत ही खराब रहा। उसके बाद हुए तीन लोकसभा चुनावों सन 1991, 1996, तथा 1998 में चौधरी देवी लाल हरियाणा की रोहतक सीट से खड़े हुए और अपने राजनैतिक प्रतिद्वंदी भूपेंद्र सिंह हुड्डा से तीनों चुनाव में परास्त हुए। अंत में उनके पुत्र ओम प्रकाश चौटाला ने 1998 में उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनवा दिया और राज्यसभा का सदस्य रहते हुए ही 2001 में उनकी मृत्यु हो गई।

कुछ किस्से देवी लाल के

देवीलाल के बारे में कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने सन उन्नीस सौ नवासी में प्रधानमंत्री बनने से इनकार कर दिया था। वास्तव में चंद्रशेखर को प्रधानमंत्री बनने से रोकने के लिए विश्वनाथ प्रताप सिंह द्वारा बनाई गई चाल में वह फस गए। जब पार्टी के संसदीय दल का चुनाव हुआ तब प्रधानमंत्री पद के लिए सांसदों ने देवीलाल को चुना परंतु देवीलाल ने कुछ बहाना बनाते हुए बी पी सिंह को यह जिम्मेदारी दे दी। और इस प्रकार यह लोग उस समय चंद्रशेखर को प्रधानमंत्री बनने से रोकने में सफल रहें। बाद में जब चंद्रशेखर ने जनता दल का विभाजन कराया और राजीव गांधी के सहयोग से प्रधानमंत्री बने तब भी देवीलाल ने पाला बदलते हुए चंद्रशेखर गुट को अपना समर्थन दिया और चंद्रशेखर की सरकार में भी उप प्रधानमंत्री बने।


सन 1972 में हरियाणा में विधानसभा चुनाव हुए और देवीलाल भजनलाल और बंसीलाल दोनों से नाराज हो गए नाराज होकर उन्होंने आदमपुर और तोशाम दोनों ही सीटों से निर्दलीय पर्चा भर दिया और दोनों सीटों पर चुनाव हार गए आदमपुर में उन्हें भजनलाल ने करीब 10000 वोटों से हराया तो तोशाम में बंसीलाल में करीब 20000 वोटों से हराया

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ