अश्व संचालन समस्या
अश्व संचालन समस्या (knight's tour) एक गणितीय समस्या है जिसमें शतरंज के बोर्ड पर घोड़े (knight) को चलाना है किन्तु शर्त यह है कि किसी भी खाने में वह दो बार न जाय (जब तक सभी खानों में न पहुँच जाय)। घोडे की यह यात्रा तब तक चलती रहती है जब तक वह आरम्भिक खाने से 'एक अश्व छलांग' पर न आ जाय (अर्थात अपने पुराने रास्ते को दोहराने के लिये)।
संगणक विज्ञान के विद्यार्थियों को प्रोग्राम लिखकर इस समस्या का हल निकालने के लिये दिया जाता है। [१] वैसे यह समस्या कई रूपों में प्रस्तुत की जाती है, जैसे सामान्य 8 × 8 वाले शतरंज बोर्ड के बजाय अलग आकार के शतरंज बोर्ड, गैर-आयताकार बोर्ड आदि।
इतिहास
इस समस्या का सबसे प्राचीन सन्दर्भ ९वीं शताब्दी में रचित रुद्रट के काव्यालंकार में मिलता है-[२] यह ग्रथ संस्कृत काव्यशास्त्र का प्रसिद्ध ग्रन्थ है। इसमें एक श्लोक में अर्ध-बोर्ड के ऊपर घोड़े की गति का वर्णन है जो इस समस्या का हल है। वास्तव में यह एक अलंकार है जिसे चित्रालंकार कहते हैं। इसमें 'तुरगपदबन्ध' (घोड़े का पद बन्ध) नामक चित्रालंकार है। यह श्लोक निम्नलिखित है-
- से ना ली ली ली ना ना ना ली
- ली ना ना ना ना ली ली ली ली
- न ली ना ली ली ले ना ली ना
- ली ली ली ना ना ना ना ना ली
सन्दर्भ
- ↑ H. M. Deitel, P. J. Deitel. "Java How To Program Fifth Edition." Prentice Hall, Upper Saddle River, New Jersey, pp. 326–328. 2003.
- ↑ साँचा:cite book
इन्हें भी देखें
- पादुका सहस्रम - इस भारतीय ग्रन्थ में श्लोक के रूप में इस समस्या का हल दिया हुआ है।