रिहन्द परियोजना

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
रिहन्द बाँध
Rihand Dam
गोविंद वल्लभ पंत सागर
Rihand Dam, Renukoot 1.jpg
रेणुकूट, सोनभद्र ज़िले में रिहन्द बाँध
लुआ त्रुटि Module:Location_map में पंक्ति 408 पर: Malformed coordinates value।
राष्ट्रसाँचा:flag/core
स्थानसोनभद्र ज़िला, उत्तर प्रदेश
निर्देशांकसाँचा:coord
निर्माण आरम्भ1954
आरम्भ तिथि1962
बाँध एवं उत्प्लव मार्ग
~ऊँचाईस्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
लम्बाईस्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
जलाशय
कुल क्षमता10.6 अरब घन मीटर
सक्रिय क्षमता8.9 अरब घन मीटर
असक्रिय क्षमता1.7 अरब घन मीटर
जलग्रह क्षेत्रस्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।[१]
पावर स्टेशन
टर्बाइन्स6 x 50 MW फ्रैन्सिस टर्बाइन
स्थापित क्षमता300 MW[२]

साँचा:template other

रिहन्द परियोजना (Rihand project), जिसके अंतर्गत रिहन्द बाँध (Rihand Dam) और उस से सम्बन्धित गोविंद वल्लभ पंत सागर (Govind Ballabh Pant Sagar) नामक जलाशय बने, भारत के उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों की सीमा पर रिहन्द नदी (रेणुका नदी) पर स्थित एक नदी घाटी परियोजना है। रिहन्द बाँध उत्तर प्रदेश के सोनभद्र ज़िले के पिपरी नगर में स्थित है और गोविंद वल्लभ पंत सागर पिपरी के पहाड़ों के बीच रिहन्द नदी को बाँधने से बना जलाशय है। यह 30 किमी लम्बा व 15 किमी चौड़ा जलाशय भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है। रिहन्द नदी सोन नदी की एक प्रमुख उपनदी है।[३][४]

परियोजना का प्रारम्भ

13 जुलाई 1954 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने इसकी आधारशिला रखी और 9 वर्ष बाद 6 जनवरी 1963 को इसका उद्घाटन कीया, इसका नाम उ. प्र. के पहले मुख्यमंत्री के नाम पं. गोविंद वल्लभ पंत के नाम पर रखा। इस योजना के अन्तर्गत 30 लाख किलोवाट विद्युत उत्पन करने की क्षमता है।

रिहन्द नदी

स्क्रिप्ट त्रुटि: "main" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। रिहन्द नदी, जिसका पुराना नाम रेणुका नदी है, का उदगम सरगुजा स्थल मतिरिंगा पहाड़ी के पास अम्बिकापुर तहसील पूर्वी सरगुजा से हुआ है। यह सरगुजा ज़िले में दक्षिण से उत्तर से की ओर प्रवाहित होते हुए उत्तर प्रदेश के सोनभद्र ज़िले के चोपन(गोठानी) के समीप सोन नदी में मिल जाती है। छत्तीसगढ़ में इसकी लम्बाई 145 किलोमीटर है। प्रदेश की सीमा पर रिहन्द बाँध बनाया गया है, जिसका आधा हिस्सा उत्तर प्रदेश की सीमा पर (गोविन्द वल्लभ पन्त सागर) पड़ता है। इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ गोदावरी, मोरना, मोहन आदि हैं। इसके प्रवाह क्षेत्र में पूर्वी सरगुजा ज़िले हैं। जल संग्रहण क्षमता - जल संग्रहण क्षेत्र 5148 वर्ग प्रति किमी और जल भण्डारण क्षमता 10608 लाख घन मीटर है, इसकी ऊंचाई 91 मीटर लम्बाई 934 मीटर है।

जलविद्युत उत्पादन

मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिला में विद्युत परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिला में विद्युत परियोजना के लिए किया गया है। इस योजना के अंतर्गत 300 मेगावॉट तक जलविद्युत ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है।

लाभान्वित राज्य

छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड और मध्य प्रदेश राज्य का कुछ अंश।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite web
  2. साँचा:cite web
  3. "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
  4. "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975