गन्धर्व
गन्धर्व स्वर्ग में रहने वाले देवताओं की प्रजाति है। यह भारतीय संगीतज्ञ के रूप में जाने जाते हैं, गंधर्वराज पुष्पदंत इंद्र की सभा के गायक थे। गंधर्व महर्षि कश्यप के पुत्र थे उनकी उत्त्पति अनिष्ठा से हुई है।
मुख्यत: गन्धर्व का हिन्दू धर्म तथा बौद्ध धर्म से संबंध है। जैन धर्म में गन्धर्व शब्द का उपयोग तीर्थंकर कुंथनाथ से जोड़कर किया गया।[१]
हिन्दू धर्म में
गन्धर्व[२] स्वर्ग में रहते हैं तथा अप्सराओं के पति हैं। यह निम्न वर्ग के देवता हैं। यही सोम के रक्षक भी हैं, तथा देवताओं के सभा के गायक हैं। हिन्दू धर्मशास्त्र में यह देवताओं तथा मनुष्यों के बीच दूत (संदेश वाहक) होते हैं। भारतीय परंपरा में आपसी तथा पारिवारिक सहमति के बिना गंधर्व विवाह अनुबंधित होता है। नरइनका उल्लेख महाभारत में भी देखने को मिलता है। यह देवताओं तथा से जुड़े (गायकों तथा नर्तकों के रूप में।) हैं इनका संबंध दुर्जेय योद्धा के रूप में यक्षों से भी है। प्रसारक के रूप में इनका उल्लेख है।
उत्पत्ति
इनकी उत्पत्ति के बारे में भी कई मत हैं, कुछ कहते हैं कि इनकी उत्पत्ति प्रजापति से हुई, कुछ कहते हैं ब्रह्मा से, कश्यप से, कुछ कहते हैं कि इनकी उत्पत्ति मुनियों से हुई। और कुछ कहते हैं कि इनकी उत्पत्ति सागर मंथन से हुई।
बौद्ध धर्म में
बौद्ध संस्कृति में ये गन्धर्व[३] कुछ सबसे निचले वर्ग के देवताओं में से एक हैं। ये देवता चीनी देव कतुरमहरादीकाकैयीका में वर्गीकृत हैं तथा इनका संबंध राजा धृतराष्ट्र से भी है। एक गन्धर्व की तुलना में किसी बेहतर जन्म में पैदा होना एक बौद्ध साधू के लिये शर्मनाक माना जाता है।
गन्धर्व हवा के माध्यम से उड़ सकता है और संगीत के रूप में अपने कौशल के लिये जाना जाता है। वह पेड़ों और फूलों से जुड़े हुए हैं तथा छाल और रस में भी वास करते हैं। वे एक अकेले तपस्वी को परेशान करते हैं।
गंधर्व और यक्ष दोनो ही कभी कभी एक समान अर्थ के लिये उपयोग किये जाते हैं परंतु यक्ष एक देवताओं की किस्म के रूप में ज्यादा सामान्य शब्द है।