कच्छपघात राजवंश
<mapframe text="कच्छपघात राजवंश के स्थापत्यों की स्थितिसाँचा:sfn" width="400" height="400" zoom="7" longitude="78.14" latitude="25.92"> { "type": "FeatureCollection", "features": [ { "type": "Feature", "properties": { "marker-symbol": "monument", "title": "Gwalior" }, "geometry": { "type": "Point", "coordinates": [78.1828308, 26.2182871] } }, { "type": "Feature", "properties": { "marker-symbol": "monument", "title": "Kulwar" }, "geometry": { "type": "Point", "coordinates": [77.8581672, 24.7940647] } }, { "type": "Feature", "properties": { "marker-symbol": "monument", "title": "Naresar" }, "geometry": { "type": "Point", "coordinates": [78.2587159, 26.3380328] } }, { "type": "Feature", "properties": { "marker-symbol": "monument", "title": "Tilori" }, "geometry": { "type": "Point", "coordinates": [78.2789365, 26.3459742] } } ] } </mapframe> कच्छपघात राजवंश (Kachchhapaghata dynasty) भारत का एक राजवंश था जिसने 10वीं से 12वीं शताब्दी ईसवी काल में मध्य भारत (आधुनिक मध्य प्रदेश) के पश्चिमोत्तरी भागों में शासन करा। धर्म सिंह इनमे एक अद्वितीय स्थान रखते है ।[१]
इतिहास
"कच्छपघात" का अर्थ "कछुआ मारने वाला" है। यह वंश पहले गुर्जर-प्रतिहार राजवंश और चन्देल राजवंश के सामंत हुआ करता थे,कुछ समय पश्चात दोनों राजवंशों की स्थिति कमजोर होते ही कच्छपघातों ने स्वयं को उनसे अलग कर और स्वतंत्र राज करने लगे।कच्छप घातो ने ग्वालियर राज्य की स्थापना की और मध्य भारत के बड़े भूभाग पर काफी समय तक राज किया ,ग्वालियर के साथ साथ नरवर राज्य की भी स्थापना की गई जो की बहुत प्रसिद्ध राज्य रहा। यही नरवर राज्य से वर्तमान ग्वालियर के आसपास चंबल में कछवाहों ने अपना स्वतंत्र राज्य इंदुरखी की स्थापना की और एक साखा ने जयपुर आंबेर की स्थापना की । ।[२]