ऐस्ट्रोसैट
चित्र:Astrosat folded large.png ऐस्ट्रोसेट | |
General information | |
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संस्था | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) |
प्रक्षेपण दिनांक | 28 सितम्बर 2015[१][२] |
प्रक्षेपण स्थल | सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र प्रथम लांच पैड, श्रीहरिकोटा |
प्रक्षेपक | PSLV-XL |
मिशन लंबाई | 5 वर्ष |
भार | साँचा:convert |
कक्षा | लगभग-भूमध्यरेखीय |
कक्षा की उंचाई | साँचा:convert |
कक्षा में समय | 5 वर्ष |
तरंगदैर्ध्य | बहु-तरंगदैर्घ्य |
उपकरण | |
UVIT | UltraViolet Imaging Telescope |
SXT | Soft X-ray telescope |
LAXPC | X-ray timing and low-resolution spectral studies |
CZTI | Hard X-ray imager |
वेबसाइट | http://astrosat.iucaa.in/ |
ऐस्ट्रोसैट (Astrosat) खगोलीय शोध को समर्पित भारत की पहली वेधशाला है। इसका प्रक्षेपण 28 सितम्बर 2015 को सोमवार सुबह दस बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी द्वारा किया गया। यह सुदूरवर्ती खगोलीय पिंडों के अध्ययन को समर्पित भारत का पहला उपग्रह है। यह एक ही समय में पराबैगनी, ऑप्टिकल, निम्न औ्र उच्च उर्जा एक्स रे वेवबैंड में ब्रह्मांड की निगरानी में सक्षम है। इसमें पांच उपकरण अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप, लार्ज एरिया एक्स रे प्रपोशनल काउंटर, सॉफ्ट एक्स रे टेलीस्कोप, कैडमियम जिंक टेल्यूराइड इमेजर और स्कैनिंग स्काई मॉनीटर लगे हैं। इसका भार 1513 किलोग्राम है और इसे पृथ्वी की निचली कक्षा में 650 किमी की ऊंचाई पर स्थापित किया जाएगा। इसकी निगरानी ऑपरेशंस कॉम्पलैक्स (मॉक्स) इकाई द्वारा किया जाएगा।
इतिहास
1996 में छोड़े गये भारतीय एक्स-रे खगोलविज्ञान प्रयोग (IXAE) की सफलता से उत्साहित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने सन 2004 में ऐस्ट्रोसेट परियोजना को स्वीकृति दी थी।२८ सितंबर, २०१५, सोमवार को सुबह दस बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से इसे प्रक्षेपित किया गया। बाद में इसे पीएसएलवी-सी30 रॉकेट के ज़रिए पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा। [३]
भारयोग (पेलोड)
ऐस्ट्रोसैट में एक पराबैंगनी दूरदर्शी (ultraviolet telescope) तथा चार एक्स-रे दूरदर्शी सुसज्जित हैं।
उपकरण | UVIT/OPT | SXT | LAXPC | CZTI | SSM |
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प्रकार | पराबैंगनी दूरदर्शी (Ritchey-Chrétien mount सहित) | मृदु एक्स-रे दूरदर्शी (Wolter-I optic के साथ) | कठोर एवं मृदु किरणों के प्रोपोर्शनल काउण्टर्स | Coded mask bi dimensional hard x-rays | Dimensional coded mask |
प्रेक्षित तरंगदैर्घ्य | 130-320 nm | 0,3-8 keV | 3-100 keV | 10-150 keV | 2-10 keV |
सुग्राह्य पृष्ट | 1 250 cm2 | 250 cm2 | 10 800 cm2 | 1 000 cm2 | 180 cm2 |
पृष्ट क्षेत्रफल | 60 cm2 (फिल्टर पर निर्भर) | 125 @ 0,5 keV 200 @ 1-2 keV 25 @ 6 keV | 6000 @ 5-30 keV | 500(<100 keV) 1000 (>100 keV) | ~40 @ 2 keV 90 @ 5 keV |
प्रकाशीय क्षेत्र | 0,50º | 0.35º | 1º x 1º | 6 x 6 (<100 keV) 17º x 17º (>100 keV) | |
रिजोल्यूशन (ऊर्जा) | < 100 | 2% @ 6 keV | 9% @ 22keV | 5% @ 10 keV | 19% @ 6 keV |
कोणीय रिज्योल्यूशन | 1.8 सेकेण्ड (चाप का) | 3-4 मिनट (चाप का) | 1-5 मिनट (चाप का) | 8 मिनट (चाप का) | ~10 मिनट (चाप का) |
कालिक रिज्योल्यूशन | 10 ms | 2.6 s, 0.3 s, 1 ms | 10 µs | 1 ms | 1 ms |
सुग्राहिता या सेंस्टिविटी (प्रेक्षण समय) | magnitude 21 (5σ) (1800 s) | 10 µCrab (5σ) (10000 s) | 0,1 mCrab (3σ)(1000 s) | 0,5 mCrab (3σ) (1000 s) | ~30 mCrab (3σ) (300 s) |
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ [क्यों ख़ास है भारत का एस्ट्रोसेट? - बीबीसी हिंदी http://www.bbc.com/hindi/india/2015/09/150928_isro_astrosat_dp स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।]
इन्हें भी देखें
- हबल अंतरिक्ष दूरदर्शी (यूएसए का)
- पराबैंगनी खगोलिकी
बाहरी कड़ियाँ
- भारत ने रचा इतिहास, ऐस्ट्रोसैट का सफल प्रक्षेपण (जागरण)
- भारत ने लॉन्च किया पहला स्पेस ऑब्जर्वेटरी एस्ट्रोसैट, US ने भी ली हमारी मदद (भास्कर)
- एस्ट्रोसैट का सफल प्रक्षेपण (समसामयिक घटनाचक्र)