गूगल एडवर्ड्स

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(एर्डवार्क (खोज इंजन) से अनुप्रेषित)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
AdWords
Adwords logo.png
Developer(s)Google Inc.
Initial releaseसाँचा:start date[१]
Operating systemCross-platform (web-based application)
TypeOnline advertising
Websitewww.google.com/adwords

साँचा:template otherसाँचा:main other

एडवर्ड्स, गूगल का प्रमुख विज्ञापन उत्पाद एवं आय स्रोत है। 2010 में गूगल की कुल विज्ञापन आय 28 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी।[२] ऐडवर्ड पे-पर-क्लिक (पीपीसी (PPC)) विज्ञापन, कॉस्ट-पर-थाउजेंड (सीपीएम (CPM)) और टेक्स्ट, बैनर तथा रिच-मीडिया विज्ञापनों हेतु साइट-लक्ष्यांकित विज्ञापन की सुविधा देता है। एडवर्ड्स के कार्यक्रम में स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वितरण आते हैं। गूगल के टेक्स्ट विज्ञापन संक्षिप्त होते हैं, इनमें एक प्रमुख पंक्ति और दो अतिरिक्त पंक्तियां होती हैं। चित्र वाले विज्ञापन अनेक भिन्न इंटरएक्टिव एडवरटाइसिंग ब्यूरो (आईएबी (IAB)) के मानक आकर वाले विज्ञापनों में से एक हो सकते हैं।

गूगल के एडवर्ड्स प्रभाग का बिक्री व सहायता केंद्र माउंटेन व्यू, कैलिफौर्निया में स्थित है, इसके प्रमुख द्वीतियक कार्यालय ऍन आर्बर, मिशिगन[३] में स्थित हैं, कम्पनी की तीसरी-सबसे बड़ी यूएस फैसिलिटी इसके माउन्टेन व्यू, कैलिफौर्निया स्थित मुख्यालय के पीछे और न्यूयॉर्क सिटी ऑफिस में स्थित है।[४] एडवर्ड्स का इंजीनियरिंग विभाग माउन्टेनव्यू कैलीफौर्निया में स्थित है।

पे-पर-क्लिक विज्ञापन (पीपीसी (PPC))

विज्ञापनकर्ता उन शब्दों और प्रति क्लिक किये जाने वाले अधिकतम भुगतान का निर्धारण करते हैं, जो उपयोगकर्ता को उनके विज्ञापन तक पहुंचाएंगे. जब कोई उपयोगकर्ता गूगल पर खोज करता है, तो उपयुक्त शब्दों के लिए विज्ञापन या ऐड्स (यह गूगल द्वारा क्रिएटिव के नाम से भी जाना जाता है) "प्रायोजित लिंक्स" के रूप में स्क्रीन के दाहिनी ओर दिखायी पड़ते हैं, कभी-कभी खोज के फलस्वरूप प्राप्त हुए मुख्य परिणामों के ऊपर की ओर भी देखे जा सकते हैं। विज्ञापनों के लिए क्लिकथ्रू रेट्स (सीटीआर (CTR)), पहले विज्ञापन के लिए 8 प्रतिशत, दूसरे के लिए 5 प्रतिशत और तीसरे के लिए 2.5 प्रतिशत होते हैं। खोज के परिणामस्वरूप 0 (शून्य) से लेकर 12 तक विज्ञापन प्राप्त हो सकते हैं।[५]

पेड-फॉर सूची का क्रम अन्य विज्ञापनकर्ताओं की बोलियों और किसी खोज हेतु दिखायी पड़ने वाले सभी विज्ञापनों के "क्वालिटी स्कोर" पर निर्भर करेगा। क्वालिटी स्कोर की गणना पूर्व क्लिक-थ्रू रेट्स, किसी विज्ञापनकर्ता के विज्ञापन के संकेत शब्द और टेक्स्ट, विज्ञापनकर्ता के खाते के इतिहास और गूगल द्वारा निर्धारित अन्य उचित तथ्यों के द्वारा की जाती है। क्वालिटी स्कोर का प्रयोग गूगल द्वारा किसी विज्ञापनकर्ता के संकेत शब्दों की न्यूनतम बोली तय करने के लिए भी किया जाता है।[६] न्यूनतम बोली लैंडिंग पेज की गुणवत्ता को भी ध्यान में रखती है, जिसमे सम्बंधित व्यापार की प्रकृति में सामग्री की उपयुक्तता और मौलिकता, मार्गनिर्देशन क्षमता और पारदर्शिता भी शामिल होती है।[७] हालांकि गूगल ने साइट्स के लिए दिशानिर्देशों की एक पूरी सूची जारी कर दी है,[८] फिर भी उपयुक्तता का वास्तविक अर्थ और नियम तथा इसकी परिभाषा कुछ हद तक गूगल द्वारा गुप्त राखी गयी है और इसके लिए प्रयोग किये जाने वाले मानदंड त्वरित रूप से बदल भी सकते हैं।

नीलामी प्रक्रिया जो विज्ञापनों के क्रम को निर्धारित करती है, एक व्यापक द्वीतियक कीमत नीलामी होती है।[९][१०] ऐसा दावा किया जाता है कि इसके अंतर्गत यह आवश्यक नहीं है कि प्रतिभागी तभी सबसे सफल होंगे जब वे नीलामी प्रक्रिया में पूछी गयी कोई भी निजी जानकारी सत्यतापूर्वक प्रकट कर दें (इस मामले में, संकेत शब्द की कीमत, एक "सत्यतापूर्ण" बोली के रूप में).

एडवर्ड्स की विशेषताएं

आईपी एड्रेस अपवर्जन
स्थान व भाषा लक्ष्यांकन जैसे तरीकों द्वारा विज्ञापन व्यवस्था को नियंत्रित करने के अतिरिक्त, विज्ञापन प्लेसमेंट को इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी (IP)) एड्रेस अपवर्जन द्वारा पुनर्परिभाषित किया जा सकता है। यह विशेषता विज्ञापनकर्ताओं को उन आईपी (IP) एड्रेस रेंज्स का उल्लेख करने के लिए प्रोत्साहित करती है जहां वे अपना विज्ञापन प्रदर्शित नही करना चाहते हैं।
प्रति अभियान के अंतर्गत 20 आईपी (IP) एड्रेस तक, या एड्रेसेज़ की रेंज्स तक पर रोक लगायी जा सकती है। अभियान के सभी विज्ञापन विवरण में दिए गए आईपी (IP) एड्रेस पर प्रदर्शित होने से रोक दिए जाते हैं।
लक्ष्यंकित उपयोगकर्ताओं को सीमित करने के लिए स्थान आधारित अपवर्जन का भी प्रयोग किया जाता है।[११]
फ़्रिक्वेंसी कैपिंग
फ़्रिक्वेंसी कैपिंग के द्वारा गूगल कन्टेंट नेटवर्क पर एक ही विशिष्ट उपयोगकर्ता के पास बारबार विज्ञापन के प्रदर्शित होने की संख्या को कम कर सकता है। यह सर्च नेटवर्क पर लागू नहीं होता है। यदि एक अभियान के लिए फ़्रिक्वेंसी कैपिंग सक्षम की जाये तो एक सीमा अवश्य निर्धारित कर देनी चाहिए जिससे किसी एक उपयोगकर्ता के लिए प्रतिदिन, सप्ताह, या महीने के लिए स्वीकृत नंबर ऑफ इम्प्रेशंस का पता लग जाये. इस कैप को इस प्रकार कन्फिगर किया जा सकता है कि वह प्रत्येक विज्ञापन, विज्ञापन समूह या अभियान के लिए लागू हो सके.[१२]

प्लेसमेंट लक्ष्यांकित विज्ञापन (पूर्व नाम साइट-लक्ष्यांकित विज्ञापन)

2003 में गूगल ने साइट-लक्ष्यांकित विज्ञापन की शुरुआत की थी। एडवर्ड के कंट्रोल पैनल के उपयोग द्वारा, विज्ञापनकर्ता संकेत शब्द, डोमेन नाम, विषय और जनांकिकी लक्ष्यांकित प्राथमिकताएं डाल सकते हैं और गूगल यह विज्ञापन उन साइटों पर डाल देता है, जिन्हें वह अपने कन्टेंट नेटवर्क के अंतर्गत उचित समझता है। यदि डोमेन नाम को लक्ष्यंकित किया जाये तो गूगल प्लेसमेंट के लिए सम्बंधित साइटों की एक सूची भी देता है। विज्ञापनकर्ता कॉस्ट पर इम्प्रेशन (सीपीएम (CPM)) या कॉस्ट पर क्लिक के आधार पर साइट लक्ष्यांकन के लिए बोली लगा सकते हैं।[१३]

प्लेसमेंट लक्ष्यांकन में, एक विज्ञापन एक ब्लॉक को 2 से 4 हिस्सों में विभाजित करने के स्थान पर पूरे ब्लॉक भी प्रयोग कर सकता है, जिसके फलस्वरूप विज्ञापनकर्ता के विज्ञापन की दृश्यता बढ़ जायेगी.

प्लेसमेंट लक्ष्यंकित अभियानों के लिए कॉस्ट-पर-थाउजेंड इम्प्रेशन की न्यूनतम बोली 25 सेंट है। हालांकि, सीपीसी (CPC) की कोई न्यूनतम बोली नही है।

एडवर्ड्स वितरण

एडवर्ड के सभी विज्ञापन www.google.com. पर दिखाए जा सकते हैं। विज्ञापनकर्ताओं के पास गूगल के सहयोगियों के नेटवर्क पर अपने विज्ञापन सक्रिय करने का विकल्प भी होता है। "सर्च नेटवर्क" एओएल (AOL) सर्च, Ask.com और नेटस्केप को भी शामिल करता है। www.google.com की तरह ही यह सर्च इंजन भी अपने उपयोगकर्ताओं द्वारा की गयी खोज की प्रतिक्रिया में एडवर्ड्स के विज्ञापन दिखाते हैं, लेकिन क्वालिटी स्कोर को प्रभावित नहीं करते.

"गूगल डिस्प्ले नेटवर्क" (पूर्व में इसे "कंटेंट नेटवर्क" कहा जाता था) उन साइटों पर एडवर्ड्स के विज्ञापन दिखाता है जो सर्च इंजन नही हैं। यह कंटेंट नेटवर्क साइट्स वह साइट्स होती हैं, जो गूगल एडवरटाइसिंग मॉडल के दूसरे पक्ष, एडसेंस और डबलक्लिक का प्रयोग करती हैं। ऐडसेंस का प्रयोग वेबसाइट के मालिक द्वारा किया जाता है, जो अपनी वेबसाइट पर विज्ञापनों के प्रदर्शन द्वारा पैसा कमाना चाहते हैं। आम तौर पर डिस्प्ले नेटवर्क पर क्लिक थ्रू रेट सर्च नेटवर्क पर क्लिक थ्रू रेट की अपेक्षा काफी कम हैं और इसलिए किसी विज्ञापनकर्ता के क्वालिटी स्कोर की गणना के दौरान इन्हें महत्व नही दिया जाता. ऐसा जानकारी में आया है कि ऐडसेंस और एडवर्ड्स दोनों का एकसाथ प्रयोग करने पर वेबसाइट को अपना विज्ञापन करने के दौरान गूगल को एक कमीशन का भुगतान करना पड़ सकता है।[१४]

गूगल स्वतः ही पृष्ठों के विषय का निर्धारण कर लेता है और विज्ञापनकर्ता की संकेत शब्द की सूची के आधार पर उचित विज्ञापन प्रदर्शित करता है। ऐडसेंस पब्लिशर अपनी विज्ञापन इकाइयों को बढ़ने के लिए गूगल के विज्ञापन प्लेसमेंट को अपने पेज पर भेजने में सहायता के लिए चैनल का चुनाव कर सकते हैं। विभिन्न प्रकार के विज्ञापन गूगल के नेटवर्क पर डाले जा सकते हैं, जिसमे टेक्स्ट विज्ञापन, चित्र विज्ञापन (बैनर विज्ञापन), मोबाइल सन्देश विज्ञापन और इन-पेज वीडियो विज्ञापन शामिल हैं।

गूगल ऐडवर्ड के प्रमुख प्रतियोगी याहू! सर्च मार्केटिंग और माइक्रोसॉफ्ट एडसेंटर हैं।

एडवर्ड्स खाता प्रबंधन

ग्राहकों को एडवर्ड्स खाता बनाने और इसका प्रबंध रखने की जटिलता में सहायता करने के लिए सर्च इंजन मार्केटिंग एजेंसियां और परामर्शदाता, खाता प्रबंधन की व्यापारिक सेवा उपलब्ध कराते हैं। इसके द्वारा संस्थाओं को बिना विज्ञापन कौशल के भी वैश्विक ऑनलाइन दर्शकों तक पहुंचने का अवसर प्राप्त होता है। गूगल ने उन एजेंसियों और परामर्शदाताओं को प्रमाणित करने के लिए, जो विशिष्ट योग्यताओं को पूरा करते हैं और जिन्होंने एक परीक्षा भी उत्तीर्ण की है, गूगल एडवरटाइजिंग प्रोफेशनल्स प्रोग्राम की शुरुआत की है।[१५] गूगल खाता प्रबंधन के लिए एक सॉफ्टवेयर भी उपलब्ध करता है, जिसका नाम एडवर्ड्स एडिटर है।

अन्य उपयोगी विशेषता गूगल प्रोफेशनल्स (यदि परीक्षा या बजट मापदंड पूर्ण नहीं किये गए हैं तब भी) के लिए उपलब्ध माई क्लाइंट सेंटर है, जहां से गूगल प्रोफेशनल कई खातों और उनकी डैशबोर्ड समरी तक पहुंच सकते हैं और बिना प्रत्येक खाते में लॉग इन हुए ही उन खातों तक आ जा सकते हैं।

गूगल एडवर्ड्स का संकेत शब्द टूल किसी ख़ास वेबसाइट या संकेत शब्द के लिए सम्बंधित संकेत शब्दों की एक सूची उपलब्ध कराता है।[१६]

क्लिक-टू-कॉल

गूगल क्लिक-टू-कॉल गूगल द्वारा प्रदान की गयी एक सुविधा थी, जो उपयोगकर्ता को गूगल सर्च रिजल्ट पेज के विज्ञापनकर्ताओं को कॉल करने की सुविधा देती थी। उपयोगकर्ता इसपर अपना फोन नंबर डालते हैं और गूगल उन्हें वापस फोन लगाकर विज्ञापनकर्ता के साथ संपर्क करवाता है। कॉल करने का शुल्क गूगल द्वारा दिया जाता है। 2007 में यह सुविधा समाप्त कर दी गयी।[१७] कुछ समय के लिए इसी प्रकार की क्लिक-टू-कॉल सुविधा गूगल मैप्स के सर्च परिणामों के लिए उपलब्ध थी। गूगल के एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम के फ्रोयो जारीकरण के दौरान कुछ खास विज्ञापनों की कार्यात्मकता काफी सामान है, जहां एक उपयोगकर्ता सरलता से एक विज्ञापनकर्ता को कॉल कर सकता है।

इतिहास

साँचा:refimprove मूल विचार का आविष्कार आइडियालैब के बिल ग्रॉस द्वारा किया गया था, जिन्होंने यह विचार यैलो पेजेस से लिया था। गूगल आइडिया को खरीदना चाहता था, लेकिन इन दोनों के बीच सौदा नहीं हो सका। साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed] विज्ञापन के इस प्रारूप के कारण हार न मानने की कम्पनी की इच्छा के चलते कम्पनी 2000 में एडवर्ड्स को इसके समाधान के रूप में लेकर आयी।[१८] एडवर्ड्स उस प्रारूप पर कार्य कर रहा था, जो बिल ग्रॉस की रचना के काफी सामान था और इसी कारण दोनों पक्षों के बीच कानूनी कार्यवाही भी हुई थी। अंततः यह विवाद न्यायालय के बाहर समझौते के द्वारा हल हो गया।साँचा:category handler[<span title="स्क्रिप्ट त्रुटि: "string" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।">citation needed]

आरम्भ में एडवर्ड्स के विज्ञापनकर्ता एक मासिक राशि का भुगतान करते थे और गूगल उनके अभियान की व्यवस्था और प्रबंधन करता था। छोटे व्यापारों की सुविधा और जो अपने अभियान का प्रबंधन स्वयं करना चाहते थे, उनकी सुविधा के लिए गूगल ने शीघ्र ही एडवर्ड्स के स्वयं-सेवा पोर्टल की शुरुआत कर दी। 2005 से शुरुआत करके गूगल ने अभियान प्रबंधन सेवा प्रारंभ की जिसे जम्पस्टार्ट[१९] कहा गया, यह विज्ञापनकर्ताओं को उनके अभियानों की व्यवस्था मे सहायता करने के लिए था। हालांकि, यह सेवा अब उपलब्ध नही है, इसलिए वह कम्पनियां जिन्हें सहायता की आवश्यकता है, उन्हें थर्ड-पार्टी सेवा दाता की सेवा लेनी होगी।

2005 में, गूगल ने एडवर्ड्स प्रशिक्षण पूरा कर चुके और परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके व्यक्तियों और कंपनियों के लिए गूगल एडवरटाइसिंग प्रोफेशनल (GAP) कार्यक्रम की शुरुआत की। एडवर्ड्स की जटिलता और दांव पर लगे धन के कारण, कुछ विज्ञापनकर्ताओं ने अपने अभियानों के प्रबंधन के लिए परामर्शदाता की सेवा ली।

2008 में, गूगल ने गूगल ऑनलाइन मार्केटिंग चैलेंजेस (http://www.google.com/onlinechallenge/) की शुरुआत की, जो तृतीय श्रेणी के शिक्षार्थियों के लिए इन-क्लास अभ्यास था। 2008 के इस चैलेन्ज में 47 देशों से 8,000 से भी अधिक शिक्षार्थियों ने हिस्सा लिया और 58 देशों से 10,000 से भी अधिक शिक्षार्थियों ने 2009 के चैलेन्ज में हिस्सा लिया। यह चैलेन्ज वार्षिक स्तर पर आयोजित किये जाते हैं, लगभग जनवरी से जून के बीच Registration यह शिक्षार्थी के स्तर से अधिक प्रशिक्षक के स्तर पर है।

2009 में, गूगल ने एडवर्ड्स के इंटरफेस को संशोधित किया, गूगल मैप्स के लिए स्थानीय व्यापारिक विज्ञापन और वीडियो विज्ञापन शुरू किये।

कानूनी प्रकरण

एडवर्ड्स ने tredmaark kanoon के क्षेत्र में मुक़दमा दायर किया है (देखें गूगल इन्कौर्पोरेटेड बनाम Am. ब्लाइंड & वॉलपेपर फैक्ट्री और रेस्क्यूकॉम कॉर्पोरेशन बनाम गूगल इन्कौर्पोरेटेड), फ्रॉड (देखें गोद्दर्ड बनाम गूगल इन्कौर्पोरेटेड) और क्लिक फ्रॉड. 2006 में, गूगल ने एक क्लिक फ्रॉड मुकदमे को 90 मिलियन अमेरिकी डॉलर देकर निपटाया.[२०]

ओवर्चर सर्विसेज़, इन्कौर्पोरेटेड ने गूगल एडवर्ड्स सेवाओं के सम्बन्ध में गूगल पर एकस्व उल्लंघन के लिए अप्रैल 2002 मे मुकदमा किया। याहू!' द्वारा ओवर्चर के अधिग्रहण के बादयह मुक़दमा 2004 में गूगल द्वारा एकस्व के अंतर्गत सर्वकालिक लाइसेंस के बदले में, सार्वजनिक खाते के 2.7 मिलियन शेयर याहू! को देने के लिए तैयार होने पर निपट गया।[२१]

तकनीक

आरम्भ में एडवर्ड्स की प्रणाली MySQL के शीर्ष डाटाबेस इंजन पर कार्यान्वित की गयी थी। प्रणाली के शुरू हो जाने के बाद, प्रबंधन ने इसके स्थान पर ओरेकल के प्रयोग का निर्णय लिया। इससे प्रणाली काफी धीमी हो गयी, इसलिए अंततः इसे पुनः MySQL पर ला दिया गया[२] . अतिरिक्त नयी विशेषताओं के साथ ही इंटरफेस का भी पुनर्निर्माण किया गया, जिससे कार्य प्रवाह बेहतर हो सके, जैसे कि स्प्रेडशीट एडिटिंग, सर्च क्वैरी रिपोर्ट्स और बेहतर कन्वर्ज़न मीट्रिक्स आदि।

विज्ञापन सामग्री संबंधी प्रतिबंध

अप्रैल 2008 तक गूगल एडवर्ड्स अब डिस्प्ले URL के डेस्टिनेशन URL से भिन्न होने की अनुमति नहीं देता था। इसके आने से पूर्व तक, गूगल द्वारा अदा किये गए विज्ञापन सर्च नेटवर्क पर दिखाए जाने के अतिरक्त विभिन्न लैंडिंग पेज के URL दिखा सकते थे। गूगल स्पष्टीकरण देता है कि नीतियों में परिवर्तन उपयोगकर्ता और विज्ञापनकर्ता दोनों की प्रतिपुष्टि के फलस्वरूप होते हैं। यह माना जा रहा है कि प्रतिबंधों में परिवर्तन करने का कारण वह प्रिमाइस है जिस पर उपयोगकर्ता विज्ञापनों पर क्लिक करते हैं। कुछ मामलों में, एडवर्ड्स के विज्ञापनकर्ता, उपयोगकर्ताओं को भ्रमित करते थे और उन्हें निशाना बनाते थे।[२२]

दिसंबर 2010 तक मिली सूचना के अनुसार गूगल एडवर्ड्स ने हार्ड अल्कोहल की बिक्री पर प्रतिबंधों को कम कर दिया है।[२३] इसने उन विज्ञापनों को अनुमति दे दी है, जो शराब और हार्ड अल्कोहल का प्रचार करते हैं। यह उसी नीति परिवर्तन का एक विस्तार है जो दिसंबर 2008 में बनायी गयी थी, जिसके अंतर्गत शराब और हार्ड अल्कोहल की ब्रांडिंग को प्रोत्साहित किया गया है।

स्वीकृत संकेत शब्द

गूगल एडवर्ड्स के विज्ञापनकर्ताओं द्वारा ट्रेडमार्क युक्त संकेत शब्दों पर बोली लगाने के कारण भी विवाद में पड़ चुका है। 2004 में, गूगल ने संयुक्त राज्य और कनाडा में विज्ञापनकर्ताओं को खोज शब्दों की एक विस्तृत श्रंखला पर बोली लगाने की अनुमति देना शुरू कर दिया था, इसमें उनके प्रतिस्पर्धियों के ट्रेडमार्क शब्द भी सम्मिलित थे और मई 2008 में गूगल ने अपनी इस नीति का विस्तार ब्रिटेन और आयरलैंड तक कर दिया। [२४] यदि कोई ट्रेडमार्क एडवरटाइजिंग लीगल सपोर्ट टीम के साथ पंजीकृत है तो, विज्ञापनकर्ताओं को अपने विज्ञापन के टेक्स्ट में उन कंपनियों के ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है। हालांकि, गूगल को भी नियमित संकेत शब्दों के प्रयोग के लिए प्रमाणीकरण की आवश्यकता होती है, जैसे कि वह शब्द जो औषधीय संकेत शब्दों के अंतर्गत आते हैं इसके अलावा कुछ अन्य संकेत शब्दों के प्रयोग की अनुमति बिलकुल नहीं है जैसे हैकिंग से सम्बंधित संकेत शब्द. ये प्रतिबन्ध क्षेत्र के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं।[२५] जून 2007 से, गूगल ने शिक्षार्थियों के लिए निबंध लेखन की सेवा देने वाल्रे एडवर्ड्स ऐडवर्ट पर रोक लगा दी, सभी विश्वविद्यालयों द्वारा इस कदम की सराहना की गयी थी।[२६]

गूगल अन्य प्रतिबन्ध भी लगाता है, जैसे उदहारण के तौर पर, एडवर्ड्स पर फेसबुक से सम्बंधित एक पुस्तक के विज्ञापन को रोक दिया गया, क्योंकि इसके शीर्षक में "फेसबुक" शब्द आ रहा था - इसके विज्ञापन पर रोक लगाने के पीछे मूल कारण यह था कि किसी ऐसी पुस्तक का विज्ञापन नहीं दिया जा सकता, जिसके शीर्षक में कोई ट्रेडमार्क युक्त शब्द मौजूद हो। [२७]

इन्हें भी देखें

  • ऐडसेंस
  • गूगल उपकरणों और सेवाओं की सूची
  • क्लिक फ्रौड
  • खोज इंजन विपणन
  • केंद्रीय विज्ञापन सर्वर
  • विज्ञापन पर आधारित प्रदर्शन
  • खोज विश्लेषिकी

सन्दर्भ

  1. [१]
  2. साँचा:cite web
  3. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  4. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  5. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  6. साँचा:cite web
  7. साँचा:cite web
  8. साँचा:cite web
  9. बेंजामिन एडेलमैन, माइकल ओसट्रोव्सकी और माइकल श्वार्ज़: "इंटरनेट ऐड्वर्टाइज़िंग एंड द जेनरलाइज्ड सेकंड-प्राइस ऑक्शन: सेलिंग बिलियंस ऑफ़ डॉलर्स वर्थ ऑफ़ कीवर्ड्स". अमेरिकी आर्थिक समीक्षा 97(1), 2007 पीपी 242-259.
  10. हैल आर वैरियन: "स्थान की सूची". औद्योगिक संगठन के अंतर्राष्ट्रीय जर्नल, 2006, doi:10.1016/j.ijindorg.2006.10.002 .
  11. साँचा:cite web
  12. साँचा:cite web
  13. साँचा:cite web
  14. साँचा:cite web
  15. साँचा:cite web
  16. साँचा:cite web
  17. http://googlesystem.blogspot.com/2007/07/google-discontinues-click-to-call-and.html
  18. गूगल माइलस्टोंस
  19. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  20. साँचा:cite news
  21. गूगल, याहू ब्युरी द लीगल हैचेट, स्टेफनी ऑलसेन, सीएनईटी (CNET) News.com, 9 अगस्त 2004
  22. वॉट डू आई नीड टू नो अबाउट द अपडेटेड डिस्प्ले यूआरएल (URL) पॉलिसी? - गूगल हेल्प सेंटरसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
  23. चेंज टू द एडवर्ड्स ऐड्वर्टाइज़िंग पॉलिसी ओं एल्कोहोल
  24. साँचा:cite news
  25. साँचा:cite web
  26. साँचा:cite web
  27. साँचा:cite web

बाहरी कड़ियाँ

साँचा:navbox