ऊष्मागतिक तापक्रम
ऊष्मगतिक तापक्रम (Thermodynamic temperature) या 'परम ताप' (absolute temperature)' तापमान का विशुद्ध माप है। यह ऊष्मगतिकी के मुख्य प्राचलों (पैरामीटर) में से एक है।
ऊष्मागतिक तापक्रम ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम द्वारा परिभाषित है जिसमें सिद्धान्त रूप में न्यूनतम सम्भव ताप को 'शून्य बिन्दु' माना जाता है। इस ताप को 'परम शून्य' (absolute zero) भी कहते हैं। इस ताप पर पदार्थ के कण न्यूनतम गति की स्थिति में होते हैं तथा इससे कम ठण्डे नहीं हो सकते। क्वाण्टम यांत्रिकी की भाषा में, परम ताप पर पदार्थ अपनी निम्नतम अवस्था (ground state) में होता है जो इसकी न्यूनतम ऊर्जा की अवस्था है। इस कारण ही ऊष्मागतिक तापक्रम को 'परम ताप' भी कहा जाता है।
परिभाषाएँ
आदर्श गैस सिद्धान्त के द्वारा
चार्ल्स तथा गे लुसाक के नियमों के अनुसार नियत द्रव्यमान तथा नियत दाब वाली आदर्श गैस के आयतन और परम ताप में निम्नलिखित सम्बन्ध होता है- <math> \frac{T_A}{T_B}=\frac{V_A}{V_B}</math>
=== अणु गति सिद्धान्त के द्वारा ===j
- <math>K_m = \frac{3}{2} k T</math>
- <math>v_m = \sqrt{\frac{3}{m} k T} </math>
स्टीफान-बोल्ट्समान नियम के द्वारा
- <math>E_b = \sigma \cdot T_e^4 \,</math>