उदगमंडलम

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Ooty /
உதகமண்டலம்
उदगमंडलम
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ऊटी का एक दृश्य
ऊटी का एक दृश्य
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प्रान्ततमिल नाडु
ज़िलानीलगिरि ज़िला
ऊँचाईसाँचा:infobox settlement/lengthdisp
जनसंख्या (2011)
 • कुल८८,४३०
 • घनत्वसाँचा:infobox settlement/densdisp
भाषा
 • प्रचलिततमिल
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)
पिनकोड643 001
दूरभाष कोड91423
वाहन पंजीकरणTN-43

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ऊटी (Ooty) या उदगमंडलम (Udagamandalam) भारत के तमिल नाडु राज्य के नीलगिरि ज़िले में स्थित एक नगर है।[१][२] कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमा के समीप बसा यह शहर मुख्य रूप से एक हिल स्टेशन के रूप में जाना जाता है। कोयंबतूर यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा है। सड़को द्वारा यह तमिलनाडु और कर्नाटक के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह जुड़ा है परन्तु यहाँ आने के लिये कन्नूर से रेलगाड़ी या ट्वाय ट्रेन किया जाता है। ऊटी समुद्र तल से लगभग ७,४४० फीट (२,२६८ मीटर) की ऊचाई पर स्थित है।[३]

इतिहास

नीलगिरि चेर साम्राज्य का भाग हुआ करते थे। फिर वे गन्गा सामराज्य के हाथों में चले गये और फिर १२वीं शताब्दी में होयसल साम्राज्य के राजा विष्णुवर्धन के राज्य में आ गये। उस के बाद नीलगिरि मैसूर राज्य का हिस्सा बन गये जिस के टीपू सुलतान ने उन्हें १८वीं शताब्दी में अंग्रेजों के हवाले कर दिया।[४]

पड़ोसी कोयम्बटूर जिले के गवर्नर, जॉन सुलिवान को यहाँ की आबो-हवा बहुत पसंद आने लगी और उसने स्थानीय जातियों (टोडा, इरुम्बा और बदागा) से जमीन खरीदनी शुरु कर दी। नीलगिरि पर सातवाहन, गंगास, कदंब, राष्ट्रकूट, होयसला, विजयनगर साम्राज्य और उम्मतूर के राजाओं (मैसूरु के वोड्यार ) जैसे विभिन्न राजवंशों का शासन था।[५][६][७][८][९] टीपू सुल्तान ने अठारहवीं शताब्दी में नीलगिरी पर कब्जा कर लिया और एक छिपी हुई गुफा जैसी संरचना का निर्माण कर सीमा का विस्तार किया।[१०]

[११]

भूगोल

ऊटी में कोपेन जलवायु वर्गीकरण के तहत एक उपोष्णकटिबंधीय उच्चभूमि जलवायु है।[१२] उष्णकटिबंधीय में इसके स्थान के बावजूद, अधिकांश दक्षिण भारत के विपरीत, ऊटी में आम तौर पर पूरे वर्ष हल्का वातावरण होता हैं। हालांकि, जनवरी और फरवरी के महीनों में रात का समय आमतौर पर ठंडा होता है। आम तौर पर, शहर में वसंत के मौसम बना रहता है।

ऊटी (उदगमंडलम) के जलवायु आँकड़ें
माह जनवरी फरवरी मार्च अप्रैल मई जून जुलाई अगस्त सितम्बर अक्टूबर नवम्बर दिसम्बर वर्ष
औसत उच्च तापमान °C (°F) 20.3
(68.5)
20.9
(69.6)
22.2
(72)
22.6
(72.7)
22.0
(71.6)
18.3
(64.9)
16.9
(62.4)
17.4
(63.3)
18.4
(65.1)
18.8
(65.8)
18.7
(65.7)
19.7
(67.5)
19.68
(67.43)
दैनिक माध्य तापमान °C (°F) 12.4
(54.3)
13.6
(56.5)
15.2
(59.4)
16.3
(61.3)
16.6
(61.9)
14.8
(58.6)
14.1
(57.4)
14.4
(57.9)
14.4
(57.9)
14.6
(58.3)
13.7
(56.7)
12.9
(55.2)
14.42
(57.95)
औसत निम्न तापमान °C (°F) 5.6
(42.1)
6.5
(43.7)
8.8
(47.8)
10.7
(51.3)
11.4
(52.5)
11.2
(52.2)
11.0
(51.8)
10.9
(51.6)
10.4
(50.7)
10.1
(50.2)
8.6
(47.5)
6.7
(44.1)
9.33
(48.79)
औसत वर्षा मिमी (inches) 20.5
(0.807)
10.2
(0.402)
25.8
(1.016)
75.4
(2.969)
147.5
(5.807)
136.7
(5.382)
181.1
(7.13)
123.7
(4.87)
134.9
(5.311)
189.2
(7.449)
139.9
(5.508)
52.8
(2.079)
१,२३७.७
(४८.७३)
औसत वर्षाकाल 1 1 2 5 8 8 10 9 9 11 7 4 75
माध्य दैनिक धूप के घण्टे 8 8 8 8 7 4 4 4 5 5 6 7 6.2
स्रोत #1: भारतीय मौसम विभाग(1901-2000)[१३]
स्रोत #2: Climate-Data.org औसत तापमान के लिए, ऊंचाई: 2214 मीटर,[१२] धूप और बारिश के दिनों के लिए Weather2Travel[१४]

पर्यटन उद्योग

नीलगिरि या नीले पर्वतों की पर्वतमाला में बसा हुआ ऊटी प्रति वर्ष बड़ी संख्या में पर्यटको को आकर्षित करता है। सर्दियों के अलावा यहाँ साल भर मौसम सुहाना ही बना रहता है। सर्दी के समय तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है। पर आज ये शहर अधिकाधिक औद्योगिकीकरण और पर्यावरण सम्बन्धी समस्याओं से जूझ रहा है।

घनी वनस्पति, चाय के बागान और नीलगिरि के पेड़ यहाँ के पहाड़ों की विशेषता है। यहाँ कि प्राकृतिक सुंदरता बनाये रखने के लिये पहाड़ों के कई हिस्सों को आरक्षित वन का दर्जा प्रदान किया गया है। इस कारण से शिविर क्षेत्र से बाहर शिविर लगाने के लिये खास अनुमति लेनी पड़ती है। ऊटी एक बिंदू की तरह पर्यटकों को आकर्षित करता है और फिर वे आसपास भी भ्रमण करते हैं।

इन्ही पहाडो़ में दूसरे छोटे शहर जैसे कुन्नू‍र और कोटागिरी भी हैं। ये शहर ऊटी से सिर्फ कुछ ही घंटों की दूरी पर हैं और इन का मौसम भी ऊटी जैसा ही है पर यहाँ कम पर्यटक है और दाम भी सस्ते हैं।

स्थानीय अर्थव्यवस्था

ऊटी जिला मुख्यालय भी है। ऐसे तो यहाँ की स्थानीय अर्थव्यवस्था पर्यटन पर ही टिकी है, ऊटी आसपास के शहरों के लिये भी बाजा़र का काम करता है। अर्थव्यवस्था मूलतः कृषि पर निर्भर है। ठन्डे मौसम की वजह से यहाँ "अंग्रेजी सब्जियाँ" जैसे आलू, गाजर और गोभी उगाई जाती हैं। ऊटी म्यूनिसिपल बाजा़र में रोजाना इन सब्जियों की नीलामी होती है।

पर्यटन आकर्षण

वनस्पति उद्यान

वनस्पति उद्यान

इस वनस्पति उद्यान की स्थापना 1847 में की गई थी। 22 हेक्टेयर में फैले इस खूबसूरत बाग की देखरेख बागवानी विभाग करता है। यहां एक पेड़ के जीवाश्म संभाल कर रखे गए हैं जिसके बारे में माना जाता है कि यह 2 करोड़ वर्ष पुराना है। इसके अलावा यहां पेड़-पौधों की 650 से ज्यादा प्रजातियां देखने को मिलती है। प्रकृति प्रेमियों के बीच यह उद्यान बहुत लोकप्रिय है। मई के महीने में यहां ग्रीष्मोत्सव मनाया जाता है। इस महोत्सव में फूलों की प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें स्थानीय प्रसिद्ध कलाकार भाग लेते हैं।

ऊटी झील

ऊटी झील

इस झील का निर्माण यहां के पहले कलक्टर जॉन सुविलिअन ने 1825 में करवाया था। यह झील 2.5 किलोमीटर लंबी है। यहां आने वाले पर्यटक बोटिंग और मछली पकड़ने का आनंद ले सकते हैं। मछलियों के लिए चारा खरीदने से पहले आपके पास मछली पकड़ने की अनुमति होनी चाहिए। यहां एक बगीचा और जेट्टी भी है। इन्हीं विशेषताओं के कारण प्रतिवर्ष 12 लाख दर्शक यहां आते हैं। बोटिंग का समय: सुबह 8 बजे-शाम 6 बजे तक

डोडाबेट्टा चोटी

यह चोटी समुद्र तल से 2623 मीटर ऊपर है। यह जिले की सबसे ऊंची चोटी मानी जाती है। यह चोटी ऊटी से केवल 10 किलोमीटर दूर है इसलिए यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां से घाटी का नजारा अदभूत दिखाई पड़ता है। लोगों का कहना है कि जब मौसम साफ होता है तब यहां से दूर के इलाके भी दिखाई देते हैं जिनमें कायंबटूर के मैदानी इलाके भी शामिल हैं।

आसपास दर्शनीय स्थल

मदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य

यह वन्यजीव अभयारण्य ऊटी से 67 किलोमीटर दूर है। यहां पर वनस्पति और जन्तुओं की कुछ दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती हैं और कई लुप्तप्राय:जानवरों भी यहां पाए जाते है। हाथी, सांभर, चीतल, हिरन आसानी से देखे जा सकते हैं। जानवरों के अलावा यहां रंगबिरंगे पक्षी भी उड़ते हुए दिखाई देते हैं। अभयारण्य में ही बना थेप्पाक्कडु हाथी कैंप बच्चों को बहुत लुभाता है।

कोटागिरी

यह पर्वतीय स्थान ऊटी से 28 किलोमीटर पूर्व में स्थित है। नीलगिरि के तीन हिल स्टेशनों में से यह सबसे पुराना है। यह ऊटी और कून्‍नूर के समान प्रसिद्ध नहीं है। लेकिन यह माना जाता है कि इन दोनों की अपेक्षा कोटागिरी का मौसम ज्यादा सुहावना होता है। यहां बहुत ही सुंदर हिल रिजॉर्ट है जहां चाय के बहुत खूबसूरत बागान हैं। हिल स्टेशन की सभी खूबियां यहां मौजूद लगती हैं। यहां की यात्रा आपको निराश नहीं करेगी।

कलहट्टी जलप्रपात

कलपट्टी के किनारे स्थित यह झरना 100 फीट ऊंचा है। यह जलप्रपात ऊटी से केवल 13 किलोमीटर की दूरी पर है इसलिए ऊटी आने वाले पर्यटक यहां की सुंदरता को देखने भी आते हैं। झरने के अलावा कलहट्टी-मसिनागुडी की ढलानों पर जानवरों की अनेक प्रजातियां भी देखी जा सकती हैं जिसमें चीते, सांभर और जंगली भैसा शामिल हैं।a

आवागमन

उदगमंडलम रेलवे स्टेशन
वायु मार्ग

निकटतम हवाई अड्डा कोयंबटूर है।

रेल मार्ग

ऊटी में उदगमंडलम रेलवे स्टेशन है। मुख्य जंक्शन कोयंबटूर है।

सड़क मार्ग

राज्य राजमार्ग 17 से मड्डुर और मैसूर होते हुए बांदीपुर पहुंचा जा सकता है। यह आपको मदुमलाई रिजर्व तक पहुंचा देगा। यहां से ऊटी की दूरी केवल 67 किलोमीटरहै।

खानपान

ऊटी में कई चीनी रेस्तरां (चाइनीज रेस्टोरेंट) हैं लेकिन सबसे मशहूर है नीलगिरि पुस्तकालय के पास स्थित "शिंकोज"। कमर्शियल रोड पर बने कुरिंजी में दक्षिण भारतीय भोजन मिलता है।

खरीदारी

ऊटी चाय, हाथ से बनी चॉकलेट, खुशबूदार तेल और मसालों के लिए प्रसिद्ध है। कमर्शियल रोड पर हाथ से बनी चॉकलेट कई तरह के स्वादों में मिल जाएगी। यहां हर दूसरी दुकान पर यह चॉकलेट मिलती है। हॉस्पिटल रोड की किंग स्टार कंफेक्शनरी इसके लिए बहुत प्रसिद्ध है। कमर्शियल रोड की बिग शॉप से विभिन्न आकार और डिजाइन के गहने खरीदे जा सकते हैं। यहां के कारीगर पारंपरिक तोडा शैली के चांदी के गहनों को सोने में बना देते हैं। तमिलनाडु सरकार के हस्तशिल्प केंद्र पुंपुहार में बड़ी संख्या में लोग हस्तशिल्प से बने सामान की खरीदारी करने आते हैं।

इन्हें भी देखें

बाहरी जोड़

सन्दर्भ

  1. "Lonely Planet South India & Kerala," Isabella Noble et al, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012394
  2. "Tamil Nadu, Human Development Report," Tamil Nadu Government, Berghahn Books, 2003, ISBN 9788187358145
  3. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  4. साँचा:cite book
  5. साँचा:cite book
  6. साँचा:cite book
  7. साँचा:cite book
  8. साँचा:cite book
  9. साँचा:cite journal
  10. साँचा:cite web
  11. साँचा:cite web
  12. साँचा:cite web
  13. साँचा:cite web
  14. साँचा:cite web