ई-पुस्तक
ई-पुस्तक (इलेक्ट्रॉनिक पुस्तक) का अर्थ है डिजिटल रूप में पुस्तक। ई-पुस्तकें काग़ज़ की बजाय डिजिटल संचिका के रूप में होती हैं जिन्हें कंप्यूटर, मोबाइल एवं अन्य डिजिटल यंत्रों पर पढ़ा जा सकता है। इन्हें इंटर्नेट पर भी छापा, बाँटा या पढ़ा जा सकता है।[१] ये पुस्तकें कई फ़ाइल फॉर्मैट में होती हैं जिनमें पी॰डी॰ऍफ़॰ (पोर्टबल डॉक्यूमेंट फॉर्मैट), ऍक्स्पीऍस आदि शामिल हैं, इनमें पी॰डी॰ऍफ़॰ सर्वाधिक प्रचलित फॉर्मेट है। जल्द ही पारंपरिक किताबों और पुस्तकालयों के स्थान पर सुप्रसिद्ध उपन्यासों और पुस्तकों के नए रूप जैसे ऑडियो पुस्तकें, मोबाइल टेलीफ़ोन पुस्तकें, ई-पुस्तकें आदि उपलब्ध होंगी।[२]।
ई-बुक रीडर
ई-पुस्तको को पढ़ने के लिए कम्प्यूटर (अथवा मोबाइल) पर एक सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है जिसे ई-पुस्तक पाठक (eBook Reader) कहते हैं। पीडीऍफ ई-पुस्तकों के लिए ऍडॉब रीडर तथा फॉक्सिट रीडर नामक दो प्रसिद्ध पाठक हैं। इनमें से ऍडॉब तो पी॰डी॰ऍफ॰ फॉर्मेट की निर्माता कम्पनी ऍ़डॉब वालों का है, ये आकार में काफी बड़ा है तथा पुराने सिस्टमों पर काफी धीमा चलता है, फॉक्सिट रीडर इसका एक मुफ्त एवं हल्का-फुल्का विकल्प है।
ई-पुस्तक रीडर उपकरण
ई-पुस्तकों को पढ़ने हेतु अब कुछ हार्डवेयर उपकरण अलग से भी उपलब्ध हैं। इनमें अमेजन.कॉम का किण्डल तथा "ऍप्पल इंक" का आइपैड शामिल है।
"पाइ" ऐसा एक अन्य उपकरण है। आकार में यह १८८ मि.मी. ऊंचा और ११८ मि.मी. चौड़ा होता है।[३]
इसमें एसडी कॉर्ड और मिनी यू॰एस॰बी॰ स्लॉट भी उपलब्ध होते है। इसकी मैमोरी ५१२ एमबी के लगभग होती है व इसमें ४ जीबी एसडी कार्ड लग सकता है। रैम मैमोरी ६४ एमबी। इसके अतिरिक्त इसमें कंप्यूटर गेम्स की भी सुविधा हो सकती है। बहुत सी नवीन पुस्तकों सहित कई अन्य पुरानी किताबें भी इसमें ऑनलाइन माध्यम से स्टोर कर सकते हैं। इसमें कई भाषाओं में पढ़ने की सुविधा भी उपलब्ध होती है। मोबाइल के लिए ऍडॉब रीडर लाइट नामक पाठक उपलब्ध है।
यह युक्ति प्रयोग में अत्यंत सरल व भार में १८० ग्राम की कई पत्रिकाओं से भी हल्की होती है। इसका छह इंच ई-इंक विजप्लैक्स स्क्रीन होता है। इसमें टाइपफेस का आकार भी चुना जा सकता है, जिससे चार विभिन्न आकारों के फॉन्ट पढ़ने के लिए प्रयोग में ला सकते हैं। कोई पंक्ति बीच में से खोजने के लिए भी सुविधा है और बुकमार्क भी भी होते हैं, जिनसे पेज आसानी से उलटने-पलटने की सुविधा रहती है। इसकी बैटरी लाइफ भी अच्छी होती है जिससे बिना रीचार्ज किए कुछ दिनों तक पढ़ना जारी रख सकते हैं। सामान्यतः इसे चार घंटे तक चार्ज करना होता है।
ई-पुस्तक बनाना
ई-पुस्तक बनाने के दो तरीके हैं।
- कम्प्यूटर पर टाइप की गई सामग्री को विभिन्न सॉफ्टवेयरों के द्वारा ई-पुस्तक रूप में बदला जा सकता है।
- छपी हुई सामग्री को स्कैनर के द्वारा डिजिटल रूप में परिवर्तित करके उसे ई-पुस्तक का रूप दिया जा सकता है।
ई-पुस्तक हेतु सर्वाधिक लोकप्रिय एवं प्रचलित फॉर्मेट पीडीऍफ फाइल है। पीडीऍफ फाइल बनाने सम्बंधी जानकारी यहाँ देखें।
सन्दर्भ
- ↑ ईपुस्तक छापें, हजारों मन जीतें! स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।। सारथी। मार्च २००८
- ↑ अब आया ई-पुस्तकों का जमाना स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।। न्यूज़ इन हिन्दी। २७ जनवरी २००९
- ↑ ई-बुक रीडर स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।। हिन्दुस्तान लाइव। १० फ़रवरी २०१०। संदीफ जोशी
बाहरी कड़ियाँ
- हिंदीकुंज ई - पुस्तक। हिन्दी कुंज पर प्रेमचंद की कहानियां डाउनलोड करें
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