अंतरंगी लेनदेन

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(इनसाइडर ट्रेडिंग से अनुप्रेषित)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

अंतरंगी लेनदेन (Insider Trading) लोगों द्वारा निगम के शेयर अथवा अन्य प्रतिभूतियों (जैसे कि बॉण्ड या स्टॉक बेचने न बेचने के सम्भावित विकल्पों का व्यवहार करते हुए कारोबार करने को कहते हैं ताकि कंपनी के बारे में जानकारी को गैर-सार्वजनिक रहने दिया जाय. अधिकांश देशों में कंपनी के अंतरगियों जैसे कि अधिकारियों, महत्त्वपूर्ण कर्मचारियों, निदेशकों, एवं बड़े शेयरधारकों द्वारा लेनदेन कानूनी हो सकता हैं, अगर यह लेनदेन सूचना के गैर-सार्वजनिक होने का गलत फायदा नहीं उठाता है तभी. हालांकि इस शब्द का व्यवहार बहुधा एक ऎसी कार्यप्रणाली के लिए किया जाता है जिसमें कोई अंतरंगी (अंदरूनी सूत्र) अथवा संबंधित पार्टी (गैर-सार्वजनिक सूचना पर आधारित तथ्यों) कंपनी में कर्मरत अंतरंगियों के कार्य निष्पादन के दौरान प्राप्त गैर-सार्वजनिक सूचना पर आधारित तथ्यों), अथवा न्यासी के साथ-साथ विशवास और आस्था के अन्य संपर्क भंग हुए हों या जहां कंपनी से प्राप्त गैर-सार्वजनिक सूचना का आनुचित उपयोग किया गया हो। [१]

संयुक्त राज्य अमेरिका एवं कई अन्य न्यायालयों में कंपनी के अधिकारियों, महत्त्वपूर्ण कर्मचारियों, निदेशकों, या फिर महत्त्वपूर्ण शेयरधारकों (संयुक्त राज्य अमेरिका में, दस प्रतिशत अथवा कंपनी की अधिक इक्विटी प्रतिभूतियों के लाभकारी मालिकों के रूप में जो परिभाषित किए जाते हैं) की सूचना (रिपोर्ट) नियामक को अवश्य दी जानी चाहिए या लेनदेन के कुछ ही व्यावसायिक दिनों के अंदर ही सार्वजनिक रूप से खुलासा कर दिया जाना चाहिए। कई निवेशक इन अंतरंगी लेनदेनों के सारांश इस उम्मीद से पालन करते हैं कि इन व्यापारों का नक़ल उनके लिए लाभकारी ही होगा। जबकि "कानूनी" अंतरंगी लेनदेन गैर-सार्वजनिक सूचना पर आधारित तथ्य (सामग्री) पर नहीं हो सकता है, कुछ निवेशकों का कंपनी के स्वास्थ्य के बारे में यह मानना है कि कंपनी के अंतरंगियों के पास बेहतर सूझ-बूझ हो सकती हैं (विस्तार से अगर कहा जाय) और उनके लेनदेन से हो सकता है कि महत्त्वपूर्ण सूचना प्राप्त हो सकती है (यथा, प्रतिभूतियां को बेचने वाले ऐसे महत्त्वपूर्ण अधिकारी के बारे में जिनकी सेवा-निवृति आसन्न हो, प्रतिभूतियों की खरीदारी करने वाले कंपनी के अधिकारियों की अधिक से अधिक प्रतिबद्धता, आदि के बारे में.)

अवैध अंतरंगी लेनदेन के बारे में ऐसा मानना है कि इससे प्रतिभूतियों के निर्गमकर्ता की पूंजी की लागत बढ़ जाती है, अतः कुल आर्थिक वृद्धि में कमी आती है।[२]

कानूनी अंतरंगी लेनदेन

अंतरंगियों (अंदरूनी लोगों) द्वारा कानूनी लेनदेन आम बात हैं, क्योंकि सार्वजनिक कारोबार करने वाले निगमों के कर्मचारियों के पास अक्सर शेयर (स्टॉक) अथवा शेयर के विकल्प होते हैं। इन कारोबारों को अमेरिका में एसईसी नत्थीकरण (SEC फाइलिंग), खासकर फॉर्म 4 के जरिए सार्वजनिक कर दिया गया है। सन् 2004 से पहले, अमेरिकी कानून ने ऐसे लेनदेन को प्रतिबंधित कर दिया जिसमें अंतरंगियों ने खासकर विण्डोज़ के दौरान कारबार किया जबकि अंदरूनी सूचना रिलीज होने के साथ ही साथ सार्वजनिक हो गई थी।[३] एसईसी (नियम 10b5-1) के स्पस्टीकरण के अनुसार अंतरंगी लेनदेन के विरुद्ध संयुक्त राज्य का विधि-निषेध किसी प्रकार के प्रमाण की मांग नहीं करता कि किसी अंतरंगी ने लेन-देन के दौरान गैर-सार्वजनिक तत्वों (सूत्रों) का वास्तव में इस्तेमाल किया या नहीं; ऐसी सूचना का अपने अधिकार में होना मात्र ही प्रावधान के उलंघन ले लिए पर्याप्त माना जाता है एवं एसईसी (SEC) गैर-सार्वजनिक सूचना के तत्व (सूत्र) अपने अधिकार में रखने वाले किसी अंतरंगी को कारबार निष्पादित करने के समय इन सूचनाओं के इस्तेमाल के लिए आरोपित कर सकता है। हालांकि, नियम 10b5-1 भी अंतरंगियों की सकारात्मक सुरक्षा के लिए ही बनाया गया है अगर एक अंतरंगी यह दिखा सके कि अंतरंगी की ओर से निष्पादित कारोबार पूर्व-प्रचलित अनुबंध अथवा भविष्य में कारोबार के लिए लिखित बाध्यकारी योजना के एक हिस्से के तहत किए गए थे।[३] उदाहरण के लिए, अगर एक कंपनी का कोई अंतरंगी एक नियत अवधि के बाद अवकाश ग्रहण करने पर सेवानिवृत्ति योजना के एक भाग के रूप में योजना बनाता है और प्रत्येक माह कंपनी की एक विशेष राशि के शेयर को अगले दो वर्षों के लिए बेचने की एक लिखित, बाध्यकारी योजना को अपनाता है, एवं इस अवधि के दौरान कंपनी के बारे में अंतरंगी के पास गैर-सार्वजनिक सूचना हाथ लग जाती है, तो इसके बाद मौलिक परिकल्पना पर आधारित कोई भी लेनदेन (कारोबार) अंतरंगी लेनदेन के मामले में निषिद्ध संस्थापित नहीं भी हो सकता है।

अवैध अंतरंगी लेनदेन

गैर सार्वजनिक सूचना के सूत्र पर आधारित अंतरंगी लेन-देन के नियम संसार के लगभग सभी न्यायालयों में विद्यामान हैं, जबकि इनकें विवरण एवं इन्हें लागू करने के प्रयासों में काफी भिन्नताएं हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में अवैध अंतरंगी लेन-देन के खिलाफ नियम आमतौर पर सबसे कठोर माने जाते है, एवं इन्हें लागू करने के लिए गंभीरता से प्रयास भी किए जाते हैं।[४]

"अंतरंगी" की परिभाषा

संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी में अनिवार्य प्रतिवेदनों के उद्देश्य से कंपनी (कॉर्पोरेट) के अधिकारी, निदेशक एवं कोई भी लाभकारी मालिक जिनके पास कंपनी की इक्विटी प्रतिभूतियों के दस प्रतिशत का एक वर्ग हो, उन्हें कंपनी के अंतरंगी के रूप में परिभाषित किया जाता है। कंपनी के अपने ही शेयर (स्टॉक) के इस प्रकार के अंतरंगियों द्वारा किए गए लेन-देन, जो गैर-सार्वजनिक सूचना के सूत्र पर आधारित हों, जालसाजी या धोखाधड़ी समझे जाते है चूंकि ऐसे में अंतरंगी अपने प्रत्ययी कर्त्तव्य का उल्लंघन कर रहे होते हैं, जिनके लिए वे अपने शेयरधारकों के प्रति ऋणी हैं। मात्र रोजगार को स्वीकार कर कंपनी (कॉर्पोरेट) के अंतरंगियों ने निगम से सम्बंधित मामलों में शेयरधारकों के हितों को खुद के हितों से पहले स्थान देने की क़ानूनी बाध्यता को स्वीकृति प्रदान की है। जब कोई अंतरंगी कंपनी के स्वयं की सूचना के आधार पर खरीदता या बेचता है, तो इसका यह अर्थ हुआ कि शेयरधारकों के प्रति अपने दायित्व का वह उल्लंघन कर रहा है।

उदाहरण के लिए अवैध अंतरंगी लेनदेन की घटना तभी संभव होगी जब कंपनी A के मुख्या कार्यकारी अधिकारी को (सार्वजनिक घोषणा से पहले ही) अगर यह पता चल जाता है कि कंपनी A का अधिग्रहण होने वाला है तथा कंपनी A के शेयरों को यह जानते हुए वह खरीद लेता है कि शेयरों की कीमत बढ़ने वाली हैं।

संयुक्त राज्य अमेरिका एवं दूसरे क्षेत्राधिकारों में "अंतरंगी" केवल कंपनी के अधिकारीवर्ग तथा प्रमुख शेयरधारकों तक ही सीमित नहीं हैं, जहां तक अंतरंगी लेनदेन का मामला है, बल्कि इसमें ऐसे किसी भी व्यक्ति को शामिल किया जा सकता है जो व्यापार संघ के प्रति कर्त्तव्य के पालन का उल्लंघन करते हुए गैर-सार्वजनिक सूत्र (तथ्य) के आधार पर शेयरों के लेन-देन करता हैं। यह कर्तव्य आरोपित भी हो सकता है, उदाहरण के लिए, कई क्षेत्राधिकारों में ऐसे मामलों में जहां कंपनी का कोई अंतरंगी अपने किसी मित्र को गैर-सार्वजनिक सूचना के "गुप्त संकेत" देता है जिससे कंपनी के शेयर की कीमत पर असर पड़ने की संभावना हो सकती है, अतः कॉर्पोरेट के अंतरंगी का कंपनी के प्रति जो कर्त्तव्य धार्य है वह अब उसके मित्र के ऊपर आरोपित हो जाता है एवं इस प्रकार उसका मित्र कंपनी के प्रति कर्त्तव्य- पालन का उल्लंघन करता है अगर वह इस संकेतित सूचना के आधार पर लेन-देन करता या करती है।

अंतरंगी लेन-देन के लिए दायित्व

अंतरंगी लेन-देन के लिए दायित्व के उल्लंघनों की सूचना को बस इतना कहकर कि मैं तुम्हारी पीठ खुजला रहा हूं, तुम मेरी खुजलाओ" अथवा यथास्थिति की व्यवस्था कर तब तक टाला नहीं जा सकता है जबतक कि सूचना पाने वाला व्यक्ति यह जान नहीं लेता या उसे जान लेना चाहिए था कि सूचना (तथ्य) कंपनी की निजी संपति थी।

उदाहरण के लिए, अगर कंपनी A के सीइओ (CEO) ने कंपनी के अधिग्रहण की गुप्त सूचना के आधार पर लेन-देन नहीं किया बल्कि इसके बदले में, इस सूचना को अपने साले या बहनोई के हवाले कर दिया जिसने इसके आधार पर लेन-देन किया, तो इस हालत में भी लेन-देन को अवैध ही माना जायेगा.[५]

दुर्विनियोजन का सिद्धांत

अंतरंगी लेनदेन की नई दृष्टिभंगी "दुर्विनियोजन का सिद्धांत" अब संयुक्त राज्य अमेरिका के कानून का एक अंग है। इसमें यह स्पष्ट रूप से अभिव्यक्त किया गया है कि कोई भी जो अपने मालिक (नियोक्ता) से सूचना (सूत्र) का दुरूपयोग (चोरी) करता है ओर उस सूचना के आधार पर किसी भी शेयर (केवल नियोक्ता के शेयर का ही नहीं) लेन-देन करता है, तो वह अंतरंगी लेन-देन का अपराधी माना जाएगा.

उदाहरण के लिए, एक पत्रकार को जो कंपनी B के लिए काम करता था अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए ही अगर उसे कंपनी के अधिग्रहण की जानकारी मिली और उसने कंपनी के शेयर (स्टॉक) खरीद लिए, तो हो सकता है इस हाल में भी अवैध अंतरंगी लेन-देन ही हुआ हो। हालांकि फिर भी पत्रकार ने कंपनी A के शेयरधारकों के प्रति अपने प्रत्ययी कर्त्तव्य का उल्लंघन नहीं किया है, पर उसने कंपनी B के शेयरधारकों के प्रति अपने प्रत्ययी कर्त्तव्य का उल्लंघन तो किया ही है (यह मानते हुए भी कि समाचारपत्र की नीति संवाददाताओं को उन कहानियों पर कारोबार करने की अनुमति नहीं देती है जिसे वे अपने समाचार पत्र में कवर (छाप) कर रहे होते हैं।[६]

उत्तरदायित्व का प्रमाण

लेन-देन के मामले में कोई उत्तरदायी है यह प्रमाणित करना कठिन हो सकता है, क्योंकि लेन-देन करने वाले व्यापारी अपने नामजद लोगों, अपतटीय कंपनियों, एवं अन्य स्थानापन्न लोगों के पीछे अपने आपको छिपाने की कोशिश कर सकते हैं। फिर भी, संयुक्त राज्य प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग यू .एस.सेक्युरिटी एण्ड एक्सचेंज कमीशन प्रतिवर्ष 50 से भी अधिक मुकदमें दायर करता है, जिसमें से अधिकतर मामलों के निपटान प्रशासकीय तरीके से अदालत के बाहर ही हो जाते हैं। द एसईसी (The SEC) एवं कई शेयर बाजार संदिग्ध गतिविधि की तलाश में लेन-देन पर सक्रिय निगरानी रखते हैं।

सामान्य सूचना के आधार पर लेन-देन

हालांकि, सूचना के आधार पर सभी अंतरंगी लेन-देन अवैध नहीं है। उदाहरण के लिए, किसी रेस्तरां में भोजन करते हुए, आपके पास के टेबिल से बैठा हुआ कंपनी A का प्रमुख कार्यकारी अधिकारी (सी ई ओ) को सी एफ ओ (CFO) से यह कहता हुआ आप सुनते हैं कि कंपनी की आय उम्मीद से अधिक होने वाली है और फिर इसके बाद आप उस कंपनी के शेयर (स्टॉक) खरीद लेते हैं, तो आप तबतक अंतरंगी लेन-देन के दोषी नहीं ठहराए जाएंगे जबतक कि आपके और कंपनी, अथवा कंपनी के किसी अधिकारी के बीच नजदीकी संपर्क न हुआ हो। हालांकि, किसी निविदा के प्रस्ताव की सूचना को (आमतौर पर किसी विलय या अधिग्रहण के बारे में) उच्च मानक के रूप में मान लिया जाता है। अगर इस प्रकार की सूचना मिल जाती है (प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से) एवं यह यकीन कर लेने का कारण भी हो कि यह गैर-सार्वजनिक है, तब भी इसके रहस्य से या तो पर्दा हटाना या फिर इससे दूर ही रहना कर्त्तव्य हो जाता है।[७]

अंतरंगी लेन-देनों की तलाश

चूंकि अंतरंगियों के लिए यह आवश्यक हो जाता है कि वे अपने लेन-देनों की रिपोर्ट देते रहें, दूसरे अक्सर इन व्यापारियों की तलाश कर चिह्नित करते हैं तथा इस बारे में जांच पड़ताल करने का एक स्कूल भी है जो अंतरंगियों की अगुआई का अनुगमन करता है। निस्संदेह यह एक जोखिम भरा विषय है कि एक अंतरंगी खासकर निवेशक की आस्था को बढ़ाने के लिए खरीद रहा है, या कंपनी के स्वास्थ्य के हित में जो कारण संबंधित नहीं हैं उनकी वजह से बेच रहा है (यथा, विविधता उत्पन्न करने की इच्छा अथवा व्यक्तिगत व्यय करने के लिए भुगतान).

दिसंबर 2005 तक कंपनियों को अपने कर्मचारियों के लिए समय की घोषणा करना जरुरी हो गया कि वे कब किसी अंदरूनी सूचना के आधार पर व्यापार करने के आरोप के बिना ही सुरक्षित तरीके से लेन-देन कर सकते हैं।

अमेरिकी अंतरंगी लेनदेन कानून

गैर-सार्वजनिक सूचना के सूत्र के आधार पर अंतरंगी लेन-देन पर निषेधाज्ञा जारी करने वालों में अमेरिका ही एकमात्र अग्रणी देश है। संयुक्त राज्य प्रतिभूतियां एवं विनिमय आयोग (SEC) के थॉमस न्यूकिर्क तथा मेलिस्सा रॉबर्टसन ने संयुक्त राज्य अंतरंगी लेन-देन कानून के विकास के बारे में संक्षेप में कहा है।[८] अंतरंगी लेनदेन 8वें स्तर का आधारभूत अपराध है, जो इसे संयुक्त राज्य दंडाज्ञा के दिशानिर्देशों के अंतर्गत जोन A में आकलित करता है। इसका मतलब है कि पहली बार अपराध करने वाले कारावास की बजाय परिवीक्षा पाने के पात्र हैं।[९]

आम कानून

धोखाधड़ी के खिलाफ संयुक्त राज्य अंतरंगी लेन-देन निशेधाज्ञाएं इंग्लिश एवं अमेरिकी आम कानून पर आधारित हैं। सन् 1909 में, प्रतिभूति विनिमय अधिनियम पारित होने के काफी पहले, संयुक्त राज्य सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि एक कॉर्पोरेट का निदेशक जिसने उस कंपनी की प्रतिभूति (स्टॉक) खरीद ली जबकि व्ह जानता था कि इसकी कीमत में उछाल आने वाली है, अतः इस प्रकार उसने अंदरूनी सूचना को जाहिर किए बिना ही खरीद कर धोखाधड़ी की।

प्रतिभूति अधिनियम 1933[१०] की धारा 17 में प्रतिभूतियों की बिक्री के मामले में धोखाधड़ी के विरुद्ध निषेध निहित थे जिसे प्रतिभूति विनिमय अधिनियम 1934[११] लागू कर और भी सख्ती प्रदान की गई।

प्रतिभूति विनिमय अधिनियम 1934 की धारा 16(b) अल्पावधिक उछाल वाले लाभ (शार्ट स्विंग प्रॉफिट) (किसी भी छः महीने की अवधि के अंदर खरीद या बिक्री से) जो कॉर्पोरेट के निदेशकों, अधिकारियों, या किसी फर्म के 10% से अधिक शेयर के शेयरधारकों द्वारा किए जाते हैं, उनका निषेध करती है। 1934 के अधिनियम की धारा 10(b) के अंतर्गत एसइसी (SEC) नियम 10b-5, प्रतिभूतियों के लेन-देन से संबंधित धोखाधड़ी पर प्रतिबंध लागू करती है।

अंतरंगी लेन-देन प्रतिबंध अधिनियम 1984 (द इनसाइडर ट्रेडिंग सैंक्शन ऐक्ट ऑफ़ 1984) तथा, अंतरंगी लेन-देन एवं प्रतिभूति जालसाजी प्रवर्तन अधिनियम 1988 अवैध अंतरंगी लेन-देन के लिए अवैध लेन-देन के जरिए किए गए लाभ अथवा टाली गई हानि के तीन गुणा जितना आर्थिक दण्डविधान की व्यवस्था की गई है।[१२]

एसईसी (SEC) की विनियमावली

एसईसी (SEC) विनियमावली ऍफ़ डी (FD) ("फेयर डिसक्लोज़र") सही प्रकटीकरण के लिए अगर एक कंपनी गैर-सार्वजनिक सूचना के तत्व (सूत्र) को जानबूझ कर किसी एक व्यक्ति के हित में प्रकट करती है, तो इस अवस्था में उसे बड़े पैमाने पर साथ-ही-साथ सार्वजनिक रूप से प्रकट करना आवश्यक हो जाता हैं। किसी एक व्यक्ति के हित में गैर-सार्वजनिक सूचना के सूत्र को अनैच्छिक रूप से प्रकटीकरण के मामले में कंपनी को अवश्य "अविलंब" सार्वजनिक प्रकटीकरण करना चाहिए। [१३]

अंतरंगी लेन-देन, या इसी तरह के कार्य-कलापों को भी एसइसी (SEC) के अंतर्गत इसके अधिग्रहण के नियम एवं विलियम्स अधिनियम के अंतर्गत निविदा के प्रस्ताव विनियमित हैं।

न्यायालय के निर्णय

अंतरंगी लेन-देन कानून के विकास का बहुलांश न्यायालय के निर्णयों का परिणाम है।

एसईसी (SEC) बनाम टेक्सास गल्फ सल्फर कं (1966) में संघीय सर्किट न्यायालय ने यह विवृति दी कि अगर किसी के पास अंदरूनी सूचना है तो अवश्य ही उस सूचना को प्रकट करनी चाहिए या फिर लेन-देन से अपने को अलग ही रखना चाहिए। [१४]

सन् 1909 में, संयुक्त राज्य अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने स्ट्रोंग बनाम रेपिड (Strong v. Repide) के मामले में यह फैसला सुनाया कि एक निदेशक जिसके क्रियाकलापों पर शेयर की कीमतें निर्भर करती हैं अपनी इस जानकारी का लाभ उन लोगों से शेयर प्राप्त करने में नहीं उठा सकता है जिन्हें वह जानबूझकर अपने अपेक्षित क्रियाकलापों से तथा शेयर की प्रतिफलित कीमतों से अनजान रखता है। हालांकि आमतौर पर, निदेशकों और शेयर धारकों के बीच व्यापार निगम में सामान्य संपर्क प्रत्ययी प्रवृति जैसे नहीं होते हैं ताकि आमतौर पर निदेशक के लिए कंपनी के शेयर की कीमतों के बारे में अपनी सामान्य जानकारी (ज्ञान) किसी शेयर धारक से शेयर खरीदे जाने से पूर्वी अपने अधीन रखता है उसे शेयरधारक को प्रकट करना उसका कर्त्तव्य नहीं मान लिया जाना चाहिए, फिर भी, ऐसे मामले हैं जहां विशेष तथ्यों के कारण, ऐसा कर्त्तव्य पालन विद्यमान है।

सन् 1984 में, संयुक्त राज्य अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने डर्क्स बनाम सेक (Dirks v. SEC) के मामले में यह फैसला सुनाया कि गुप्त सूचना रखने वाले (दुबारा दूसरे के मार्फ़त सूचना प्राप्तकर्ता) उत्तरदायी हैं अगर उनके पास यह यकीन करने के पुख्ता कारण हैं कि गुप्त सूचना धारक ने गोपनीय सूचना को प्रकट करने में अपने प्रत्ययी कर्त्तव्य के पालन का उल्लंघन किया है एवं गुप्त सूचना धारक को प्रकटीकरण से कोई निजी लाभ मिला हैं। (चूंकि जालसाजी का खुलासा करने के लिए डर्क्स ने सूचना को प्रकट कर दिया, न कि निजी लाभ के लिए, अतः उसके इस मामले में अंतरंगी लेन-देन कानून के उल्लंघन के लिए कोई-उत्तरदायी नहीं था।)

डर्क्स के मामले (द डर्कस केस) ने "रचनात्मक अंतरंगी" की अवधारणा को भी परिभाषित किया कि जो वकील, निवेशी बैंकर्स तथा दूसरे जो निगम को अपनी सेवाएं प्रदान करते समय उस निगम से गोपनीय सूचनाएं प्राप्त करते हैं वे "रचनात्मक अंतरंगी" कहलाते हैं। अगर निगम यह अपेक्षा करता है कि सूचना की गोपनीयता, बरकरार रहे तो रचनात्मक अंतरंगियों को भी अंतरंगी लेन-देन के उल्लंघन के लिए उत्तरदायी ठहराया जा सकता है, चूंकि सच्चे अंतरंगी होने के कारण प्रत्ययी कर्त्तव्य के पालन की उनसे अपेक्षा की जाती है।

युनाइटेड स्टेट्स बनाम कारपेंटर (1986) के मामले में, संयुक्त राज्य अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले फैसले का उदाहरण उद्धृत किया जिसमे सर्वसम्पत्ति से एक प्रतिवादी को जिसने एक पत्रकार से सूचना हासिल की थी, न कि स्वयं कंपनी से, मेल एण्ड वायर मामले में अपराधी ठहराया गया था। इस मामले में, पत्रकार आर.फ़ॉस्टर विनान्स को भी दोषी करार किया गया, इस बिना पर कि उसने अपने नियोक्ता (मालिक), द वॉल स्ट्रीट जर्नल की सूचना को दुर्विनियोजित किया था। व्यापक रूप से प्रचारित इस मामले में, विनान्स ने जर्नल के "हर्ड ऑन द स्ट्रीट" कॉलम्स पर अग्रिम लेन-देन किया था।[१५]

न्यायालय ने कारपेंटर मामले में यह फैसला सुनाया कि "आम प्रतिज्ञप्ति के रूप में यह अच्छी तरह प्रमाणित हो चुकी है कि, कोई व्यक्ति जिसके पास किसी दूसरे के साथ गोपनीय अथवा प्रत्ययी संपर्क के कारण विशेष जानकारी या सूचना है, वह अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए उस जानकारी या सूचना का दुरूपयोग करने के लिए स्वतंत्र नहीं है किन्तु उसे इससे किसी भी प्रकार का लाभ प्राप्त करने के लिए अपने सिद्धांत के प्रति आस्थावान होना आवश्यक है।"

हालांकि, प्रतिभूतियों की जालसाजी (अंतरंगी लेन-देन) के अपराध-स्थापन को कायम करने में न्यायाधीश भी सामान रूप से विभाजित थे।

1997 में, संयुक्त राज्य अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने युनाइटेड स्टेट्स बनाम ओ' हेगेन, 521 U.S. 642, 655 (1997) के अंतरंगी लेन-देन के मामले में दुर्विनियोजन का सिद्धांत अपनाया. ओ'हेगेन उस वक्त एक कानूनी फर्म ग्रैण्ड मेट्रोपोलिटन का प्रतिनिधित्व करने वाला पार्टनर था, जब यह फर्म पिल्सबरी कं.के लिए निविदा प्रस्ताव पर विचार कर रहा था। ओ'हेगेन ने तेजी (कॉल ऑप्शन) खरीद कर इस अंदरूनी सूचना का इस्तेमाल किया जिसके फलस्वरूप उसे 4 मिलियन अमेरिकी डॉलर से भी अधिक का मुनाफा मिला। ओ'हेगेन ने यह दावा किया कि न ही वह और नहीं उसका फर्म पिल्सबरी के प्रति प्रत्ययी कर्त्तव्य के लिए उत्तरदायी है, अतः उसने पिल्सबरी का विकल्प खरीदकर जालसाजी नहीं की। [१६]

न्यायालय ने उसके तर्क को खारिज कर दिया और उसकी सजा को सही ठहराते हुए बहाल रखा।

"दुर्विनियोजन का सिद्धांत" यह मानता है कि प्रतिभूतियों के लेन-देन के सिलसिले" में कोई व्यक्ति अगर जालसाजी करता है और इस प्रकार नियम 10(b) एवं नियम 10b-5 का उल्लंघन करता है, जब वह कारोबार के उद्देश्य से प्रतिभूतियों की गोपनीय सूचना का दुर्विनियोजन करता है तो यह सूचना के स्रोत के प्रति उसके कर्त्तव्य की विच्युति मानी जायेगी. इस सिद्धांत के तहत, एक प्रत्ययी का प्रतिभूतियों की खरीद अथवा बिक्री में प्रधान की सूचना का गुप्त उपयोग स्वार्थ-सिद्धि के लिए करना, वफादारी और गोपनीयता के प्रति कर्तव्य का उल्लंघन है जो सूचना के इस अनूठे इस्तेमाल से प्रधान को छलावे से लूट लेता है। कंपनी के अंतरंगी एवं शेयर के क्रेता अथवा विक्रेता के बीच प्रत्ययी संबंध पर देयता को आधार मान कर चलने के एवज में दुर्विनियोजन का सिद्धांत व्यापारी के धोखे में बदल गए प्रत्ययी पर देयता धार्य करता है जिसपर गोपनीय सूचना तक पहुंच पाने का अधिकार सौंपा गया था।

न्यायालय ने यह विशेष रूप से मान लिया है कि निगम की सूचना उसकी अपनी निजी संपति है: "किसी कंपनी की गोपनीय सूचना...एक ऐसी संपत्ति को परिभित करती है जिसके एक मात्र अनन्य उपयोग का अधिकार कंपनी के पास है। प्रत्ययी कर्तव्य का उल्लंघन करते हुए ऐसी सूचना का गुप्त दुर्विनियोजन...गबन जैसी ही जालसाजी के समान है - किसी और के द्वारा किसी की देख-रेख में रखा गया रोकड़ या सामान का अपने लिए इस्तेमाल में लाना ही जालसाजी का दुर्विनियोजन है।

सन् 2000 में, द एसइसी (SEC) ने नियम 10b5-1, लागू किया, जिसमें लेन-देन को अंदरूनी सूचना के "आधार पर" परिभाषित किया गया जब किसी भी समय कोई व्यक्ति गैर-सार्वजनिक सूचना के सूत्र (तथ्य) की जानकारी होते हुए भी लेन-देन करता हैसाँचा:ndash ताकि किसी को अपनी रक्षा में यह कहना पड़े कि किसी भी प्रकार वह कारबार करती ही. इस नियम ने भी पूर्व-नियोजित लेन-देनों के लिए सकारात्मक सुरक्षा की सृष्टि की।

सुरक्षा विश्लेषण और अंतरंगी लेनदेन

सुरक्षा विश्लेषक सूचना का संग्रह और संकलन करते हैं, कंपनी के अधिकारियों से तथा अन्य अंतरंगियों से बातचीत करते हैं, एवं व्यापारियों के लिए सिफारिशों की पहल करते हैं। इस प्रकार उनकी गतिविधियां कानूनी सीमा को आसानी से लांघ सकती हैं अगर वे विशेष रूप से सतर्क नहीं रहे तो. नैतिकता के अपने कोड में सी एफ़ ए संस्थान (CFA Institute) ने यह खुलासा किया है कि विश्लेषकों को एक समय सीमा के अंतर्गत अपने दलालों के ग्राहकों को सभी रिपोर्ट उपलब्द्ध कराने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए। आम जनता को सूचना उपलब्ध कराने के प्रयास को छोड़कर विश्लेषकों को गैर-सार्वजनिक सूचना के सूत्र की रिपोर्ट कभी नहीं करनी चाहिए। फिर भी, विश्लेषकों की रिपोर्ट में सूचना की भिन्नता तो ही सकती है, जिसे अंतरंगी लेन-देन के कानूनों का उल्लंघन किए बिना ही मोज़ेक (पच्चीकारी) सिद्धांत के तहत "टुकड़ो को एक साथ जोड़" दिया गया।[१७] इस सूचना में गैर-सार्वजनिक सूचना के साथ ही साथ सार्वजनिक सूचना के तत्व (सूत्र) भी समाविष्ट हो सकते हैं, जिसकी कीमत तब बढ़ सकती है जब सही तरीके से संकलित और प्रलेखित हो जाती है।

मई 2007 में, स्टॉप ट्रेडिंग ऑन कोंग्रेस्नल नॉलेज ऐक्ट, या स्टॉक (STOCK) ऐक्ट" शीर्षक से एक विधेयक लाया गया जिसमें यह कहा गया कि कांग्रेसीय एवं संघीय कर्मचारियों को शेयरों के लेन-देन के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा अगर वे अपनी नौकरियों के जरिए पाई गई सूचना का इस्तेमाल कर लाभान्वित होते हैं और उन्हें भी विनियमित किया जो विश्लेषक अथवा "राजनीतिक ख़ुफ़िया" फर्म सरकारी गतिविधियों के मामले में अनुसंधान करते हैं।[१८]/ यह विधेयक पारित नहीं हुआ है।[१९]

अंतरंगी लेनदेन को वैध बनाने के पक्ष में दलील

कुछ अर्थशास्त्री और कानून के विद्वान (जैसे कि, हेनरी माने, मिल्टन फ्रिडमैन, थॉमस सोवेल, डैनियल फिशेल, फ्रैंक एच. इस्टरब्रुक) यह तर्क पेश करते हैं कि अंतरंगी लेन-देन को अवैध करार देने वाले कानूनों को रद्द कर दिया जाना चाहिए। उनका दावा है कि गैर सार्वजनिक तत्व (सूत्र) पर आधारित अंतरंगी लेनदेन से, आमतौर पर बाजार में तेजी से नई सूचना की शुरुआत कर निवेशक ही लाभान्वित होते हैं। [१]

मिल्टन फ्रीडमैन अर्थशास्त्र में नोबेल स्मारक पुरस्कार विजेता (नोबेल मेमोरियल प्राइज़ इन इकॉनोमिक्स) ने कहा, "आप अधिक से अधिक अंतरंगी लेन-देन करना चाहते हैं, कम नहीं. आप चाहते हैं कि लोगों को कंपनी की कमियों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त हो जो जनता को इस बारे में जागरूक बनाने में प्रेरणादायक है।" फ्रीडमैन यह नहीं मानते कि व्यवसायी के लिए यह जरुरी नहीं कि वह अपने लेन-देन (व्यापार) के बारे में जनता को जानकारी दे, क्योंकि खरीद-फरोख्त के उतार-चढ़ाव का दबाव ही बाजार के लिए अपने आप में सूचना है।[२०]

अन्य आलोचकों की दलील है कि अंतरंगी लेन-देन एक पीड़ाहीन कर्म है: किसी संपत्ति का इच्छुक क्रेता और इच्छुक विक्रेता जिस संपत्ति का वह खुद मालिक है अगर दोनों पक्ष किसी पूर्व अनुबंध के बिना (इस दृष्टिकोण के अनुसार) लेन-देन में सहमत होते हैं, कि ऎसी कोई असममित सूचनाअगर मिलती भी ही है तो दूसरे किसी लेन-देन से दूर ही रहेंगे तो इसमें किसीके पीड़ित होने की संभावना कैसे हो सकती है।

वैधीकरण के अधिवक्ताओं का भी सवाल है "लेन-देन", जहां एक पक्ष के पास दूसरे पक्ष की तुलना में अधिक सूचना है वह दूसरे बाजारों में वैध क्यों है, जैसे कि भूमि-भवन (रिएल'एस्टेट) में पर शेयर बाजार में नहीं। उदाहरण के लिए, अगर एक भूविज्ञानी जानता है कि किसान स्मिथ की (फार्मर स्मिथस) की जमीन के अंदर पेट्रोलियम की खोज की पूरी संभावना है, तो वह चाहे तो स्मिथ की ज़मीन की पेशकश करने के पूरे हकदार हैं और फार्मर स्मिथ को पहले से भूगर्भीय आंकड़े बताए बिना खरीद लेते हैं।[१४] तथापि, ऐसी परिस्थितियां पैदा हो सकती हैं जब भूविज्ञानी जालसाजी कर सकता था क्योंकि वह किसान के लिए कर्त्तव्य के प्रति प्रतिबद्ध है, उसने सूचना को गुप्त ही रहने दिया होता, खुलासा नहीं करता; अर्थात अगर वह फार्मर स्मिथ द्वारा अपने फ़ार्म (ज़मीन) के भूगर्भीय आकलन के लिए मेहनताने पर रख लिया होता।

वैधीकरण के अधिवक्ता तर्क पेश करते हुए खुलकर भाषण देते हैं। शेयर की अगले दिन की कीमत के औचित्य के विकास के बारे में सूचना संप्रसारित करने के लिए सजा सेंसरशिप का कार्य जैसा लग सकता है।[२१] अगर संप्रेषित सूचना मालिक की ओर से दी गई सूचना है एवं कॉर्पोरेट के अंतरंगी सूत्र ने इसे उजागर न करने का अनुबंध किया है, तो उसे अब आगे इसे संप्रेषित करने का कोई अधिकार नहीं रह जाता है क्योंकि इससे हो सकता है कि वह कंपनी के गोपनीय नए डिज़ाइनों के उत्पाद, फार्मूले, या बैंक खाते के पासवर्ड के बारे में दूसरों को बता देगा।

वस्तुओं (पण्य) के बाजार में "अंतरंगी लेनदेन" के विरुद्ध बहुत ही सीमित कानून हैं, अगर इसमें किसी दूसरे कारण से नहीं, सिवाय इसके कि एक "अंतरंगी" की अवधारणा अविलम्ब उनके और वस्तुओं के अनुरूप नहीं हैं (जैसे कि अनाज, गेहूं, इस्पात, इत्यादि). हालांकि अनुरूप, गतिविधियां जैसे कि आगे-आगे दौड़ना, संयुक्त राज्य अमेरिका की पण्य द्रव्य एवं लेनदेन के भावी सौदे के कानून (यू.एस. कमोडिटी एण्ड फ्यूचर्स ट्रेडिंग लॉज़) के तहत अवैध हैं। उदाहरण के लिए, किसी पण्य द्रव्य के दलाल पर जालसाजी का आरोप लगाया जा सकता हैं अगर वह किसी ग्राहक से बड़ी खरीद का ऑर्डर पाता है/पाती है और इसी बीच वह अपने ग्राहक के ऑर्डर को निष्पादित किए बिना कीमत में अनुमानित वृद्धि से लाभान्वित होने के लालच में पण्य द्रव्य खरीद लेता है।

अधिकार-क्षेत्रों के मध्य कानूनी मतभेद

संयुक्त राज्य और ब्रिटेन (युनाइटेड किंगडम) में अंतरंगी लेनदेन के लिए संबंध में कानून की व्याख्या और व्यावहारिक प्रयोग के बारे में भिन्नता है।

ब्रिटेन में, क्रिमिनल जस्टिस ऐक्ट 1993 पार्ट V शिड्यूल 1 (अपराधिक न्याय अधिनियम भाग V अनुसूची 1) एवं फ़ाइनैन्शियल सर्विसेज़ एण्ड मार्केट ऐक्ट 2000 (वित्तीय सेवाएं एवं बाजार अधिनियम 2000), जो बाजार के अपव्यव्हार को परिभाषित करते हैं प्रासंगिक कानून हैं।[२२] अंदरूनी सूचना के आधार पर लेनदेन करने में असफल हो जाना भी अवैध है (जबकि अंदरूनी सूचना के बिना ही, लेनदेन हो सकता था). सिद्धांत यह है कि बाजार के प्रति संवेदनशील सूचना के आधार पर जो आमतौर पर अज्ञात है, लेनदेन करना भी अवैध है। इसके लिए प्रतिभूति के निर्गमकर्ता से संबंध की जरुरत नहीं, जरुरी बस इतना ही है कि दोषी पार्टी ने लेनदेन किया (या लेनदेन का कारण बना) जबकि उसके पास अंदरूनी सूचना थी।

जापान ने अंतरंगी लेनदेन के खिलाफ अपना पहला कानून 1988 में अधिनियमित किया। इस बारे में रॉड्रिक सीमैन कहते है, "यहां तक कि आज भी अनेक जापानी नहीं समझते कि यह अवैध क्यों है। सचमुच, पहले इसे अपने ज्ञान से लाभ कमाना सामान्य व्यवहारिक बुद्धि के रूप में समझा जाता था।"[२३]

यूरोपीय संघ के निर्देशों (इयू डायरेकटिव्स) के अनुसार माल्टा ने सन 2000 में वित्त बाजार अपव्यव्हार अधिनियम (फ़ाइनैन्शियल मार्केट एब्यूज़ ऐक्ट) जारी किया, जिसने प्रभावी तरीके से अंतरंगी लेनदेन एवं बाजार अपव्यव्हार अधिनियम 1994 (इनसाइडर डीलिंग एण्ड मार्केट एब्यूज़ ऐक्ट ऑफ़ 1994) की जगह ले ली।

"प्रतिभूति नियमन के सिद्धांत एवं उद्देश्य ("ऑब्जेक्टिव एण्ड प्रिंसिपल्स ऑफ़ सेक्युरिटिज़ रेगुलेशन")[२४] प्रतिभूति आयोगों की अंतर्राष्ट्रीय संस्था (IOSCO) ने 1998 में प्रकाशित एवं 2003 में सुधारकर अद्यतन किया, इसमें यह उल्लेख किया गया है कि अच्छी प्रतिभूति बाजार के नियम के तीन उद्देश्य हैं:- (1) निवेशक की सुरक्षा, (2) यह सुनिश्चित करना कि बाजार निष्पक्ष कुशल और पारदर्शी है, तथा (3) प्रणालीगत जोखिम को कम करना। इन "सार भाग सिद्धांतों" की चर्चा यह अभिव्यक्त करती है कि इस सन्दर्भ में निवेशक की सुरक्षा का अर्थ है "निवेशकों को गुमराह होने, छलावे वाली अथवा जालसाजी वाली कार्य प्रणालियों से संरक्षित किया जाना चाहिए, जिसमें शामिल हैं अंतरंगी लेनदेन, ग्राहकों के सामने आगे-आगे दौड़ना तथा ग्राहक की परिसंपत्तियों का दुरूपयोग करना." विश्वभर की प्रतिभूतियां एवं पण्य-द्रव्यों के बाजार के नियामक आईओएससीओ (IOSCO) के सदस्य हैं और उन्होंने इन सारभाग सिद्धांतों पर हस्ताक्षर किए हैं।

विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष अब आईओएससीओ के सार-भाग सिद्धांतों (कोर प्रिंसिपल्स) का प्रयोग इन संस्थाओं के वित्तीय क्षेत्र के मूल्यांकन कार्यक्रम के रूप में विभिन्न देशों की नियामक प्रणालियों के वित्तीय स्वास्थ्य की समीक्षा में करते हैं, अतः अंतरंगी लेनदेन के खिलाफ कानून जो गैर-सार्वजनिक सूचना पर आधारित थे, अब अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वरा इसकी अपेक्षा की जाती है। अंतरंगी लेनदेन के कानूनों का प्रवर्तन एक देश से दूसरे देश में भिन्न है, लेकिन क्षेत्राधिकारों का विशाल बहुमत अब इस कार्यप्रणाली को गैर-कानूनी करार देता है, कम से कम सिद्धांत के माले में तो अवश्य ही.

लैरी हैरिस का दावा है कि कार्यकारिता में अंतर जिससे अलग-अलग देश अंतरंगी लेनदेन पर अंकुश लगाते हैं इससे उन देशों के बीच कार्यकारी मुआवजे में अंतर को समझने में सहायता मिलती है। उदाहरण के लिए, अमेरिका में, जापान अथवा जर्मनी जहां अंतरंगी लेन-देन कम असरदार तरीके से नियंत्रित हैं, की तुलना में अधिक उच्च वेतन मान है।[२५]

इन्हें भी देखें

साँचा:wiktionary

नोट्स

साँचा:reflist

सन्दर्भ

  • स्टीफन एम. बेनब्रिज, प्रतिभूति विधि: अंतरंगी लेनदेन (1999) ISBN 1-56662-737-0.
  • लैरी हैरिस, व्यापार और एक्सचेंज, ऑक्सफोर्ड प्रेस, ऑक्सफोर्ड, 2003. अध्याय 29 "अंतरंगी लेनदेन" ISBN 0-19-514470-8.
  • ग्रेचेनिग, द मार्जिनल इन्सेंटिव्स ऑफ़ अंतरंगी लेनदेन: इकॉनोमिक्स रिनट्रेप्रेटेशन ऑफ़ द केस लॉ, 37 द यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेम्फिस लॉ समीक्षा

75-148 (2006).

  • ग्रेचेनिग, सकारात्मक और नकारात्मक सूचना - अंतरंगी लेनदेन रिथौट (http://ssrn.com/abstract=1019425).

बाहरी कड़ियाँ

सामान्य जानकारी
लेख और राय
अंतरंगी लेनदेन पर डेटा
  1. अंतरंगी लेनदेन स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। अमेरिका के प्रतिभूति और विनिमय आयोग, 7 मई 2008 को पुनःप्राप्त.
  2. वित्त जर्नल के उत्पल भट्टाचार्य और हाज़ेम डॉक द्वारा "द वर्ल्ड प्राइस ऑफ़ अंतरंगी लेनदेन" स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। खंड LVII, नं.1 (फरवरी 2002)
  3. स्टुअर्ट स्टेन. (2001). न्यू स्टैंडरड्स फॉर "लीगल" अंतरंगी लेनदेन स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।. समुदाय बैंकर .
  4. जॉन सी. कॉफ़ी द्वारा "लॉ एण्ड द मार्केट: द इम्पैक्ट ऑफ़ इन्फोर्समेंट" स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। विश्वविद्यालय पेंसिल्वेनिया की समीक्षा (दिसंबर 2007)
  5. लैरी हैरिस, व्यापार और एक्स्चेंजेस, ऑक्सफोर्ड प्रेस, ऑक्सफोर्ड, 2003. अध्याय 29 "अंतरंगी लेनदेन" पृष्ठ 589
  6. लैरी हैरिस, व्यापार और एक्स्चेंजेस, ऑक्सफोर्ड प्रेस, ऑक्सफोर्ड, 2003. अध्याय 29 "अंतरंगी लेनदेन" पृष्ठ 586-587
  7. 17 सी.ऍफ़.आर. 240.14e-3
  8. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  9. साँचा:citation
  10. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  11. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  12. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  13. लैरी हैरिस, व्यापार और एक्स्चेंजेस, ऑक्सफोर्ड प्रेस, ऑक्सफोर्ड, 2003. अध्याय 29 "अंतरंगी लेनदेन" पृष्ठ 586
  14. साँचा:cite web
  15. क्रिस्टोफर कॉक्स, अमेरिका के प्रतिभूति और विनिमय आयोग, SEC के अध्यक्ष द्वारा भाषण: अमेरिकी व्यापार के संपादकों और राइटर्स के अमेरिकी सोसायटी पर वार्षिक बैठक स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  16. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  17. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  18. साँचा:cite news
  19. एच.आर. 2341 GovTrack.us स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  20. लैरी हैरिस, व्यापार और एक्स्चेंजेस, ऑक्सफोर्ड प्रेस, ऑक्सफोर्ड, 2003. अध्याय 29 "अंतरंगी लेनदेन" पृष्ठ 591-597
  21. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  22. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  23. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  24. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  25. लैरी हैरिस, व्यापार और एक्स्चेंजेस, ऑक्सफोर्ड प्रेस, ऑक्सफोर्ड, 2003. अध्याय 29 "अंतरंगी लेनदेन" पृष्ठ 593