इंगमार बर्गमान
इंगमार बर्गमैन | |
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फिल्म वाइल्ड स्ट्राबेरी के निर्माण के दौरान बर्गमैन (1965) | |
जन्म |
अर्न्सट इंगमार बर्गमैन 14 July 1918 उपासला, स्वीडन |
मृत्यु |
30 July 2007साँचा:age) फरो, स्वीडन | (उम्र
अन्य नाम | बुंटेल एरिक्शन |
व्यवसाय | फिल्म निर्देशक, निर्माता, पटकथा लेखक |
कार्यकाल | 1944–2005 |
अर्न्सट इंगमार बर्गमैन (स्वीडिश: Ernst Ingmar Bergman) स्वीडिश फिल्म निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक थे। उनकी गणना सर्वकालिक महान फिल्मकारों में की जाती है। बर्गमैन ने अपने जीवनकाल में तकरीबन 60 फिल्मों का निर्माण और निर्देशन किया जिनमें से ज्यादातर की पटकथा उन्होंने खुद लिखी। बर्गमैन फिल्मों के साथ-साथ रंगमंच से भी जुड़े रहे और उन्होंने तकरीबन 170 नाटकों का भी निर्देशन किया। सुप्रसिद्ध फिल्म आलोचक फिलिप फ्रेंच ने बर्गमैन को 20 सदी का महानतम कलाकार बताया था।[१][२][३][४]
जीवनी
बर्गमैन का जन्म स्वीडन के उपासला में हुआ था। उनके पिता मार्टिन लूथर की विचारधारा को मानने वाले चर्च के मंत्री और स्वीडन के तत्कालीन राजा के पादरी थे। स्पष्ट है कि बर्गमैन का लालन-पालन एक रुढिवादी और अनुशासनप्रिय परिवार में हुआ। बावजूद इसके बर्गमैन की चर्च और धार्मिक मान्यताओं में आस्था मात्र 8 वर्ष का आयु में ही समाप्त हो गई, जिसका वर्णन उन्होंने अपनी जीवनी में किया है। बर्गमैन जब 9 साल के थे तब उन्होंने अपने खिलौने बेचकर मैजिक लैन्टर्न खरीद लिया और यहीं से फिल्मों के प्रति उनमें रुचि जगनी शुरू हो गई।
बर्गमैन का स्कूली शिक्षा से से मन उचटने लगा और नौबत यहां तक आ गई कि स्कूल के प्रधानाचार्य ने बर्गमैन के रिपोर्ट कार्ड में उन्हें प्राब्लम चाइल्ड घोषित कर दिया। जवाब में बर्गमैन ने स्कूली पढ़ाई की होमवर्क और लगातार परीक्षाओं का परिपाटी का विरोध किया। 1934 में 16 साल की आयु में बर्गमैन को गर्मी की छुट्टियां पारिवारिक मित्रों के पास बिताने के लिए जर्मनी भेजा गया। वहां वेंमार में बर्गमैन ने हिटलर की नाजी रैली में भाग लिया।
बर्गमैन ने अपनी जीवनी में लिखा है कि किस तरह वो जीवन के उस दौर में हिटलर की विचारधारा से प्रभावित थे। वो हिटलर की सफलताओं से उत्साहित हो जाते थे जबकि उसकी असफलताएं उन्हें अवसाद की ओर ढकेल देती थीं। बर्गमैन के अनुसार हिटलर की उपस्थिति और उसके भाषण लोगों में गजब की ऊर्जा का संचार कर देते थे। बर्गमैन ने दो बार पांच-पांच महीने की अनिवार्य सैन्य सेवा भी की।
1937 में बर्गमैन ने स्नातक की पढ़ाई के लिए स्टॉकहोम विश्वविद्यालय के साहित्य और कला विभाग में दाखिला ले लिया। अध्ययन के दौरान वो रंगमंच से जुड़े लोगों के संपर्क में आए और सिनेमा से उनका गहरा लगाव हो गया। उनकी पढ़ाई प्रभावित होने लगी और इस वजह से उनका अपने पिता से मतभेद भी हो गया। बर्गमैन स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाए लेकिन कई नाटकों की पटकथा लिखने में उन्हें सफलता जरूर मिली। यही वो दौर था जब उन्हें अपनी एक पटकथा पर आधारित एक नाटक के निर्देशन का मौका मिल गया।
फिल्म निर्माण
बर्गमैन को फिल्म में काम करने का मौका फिल्म निर्दशक आल्फ स्जोबर्ग की फिल्म टॉरमेंट में पटकथा लेखक के रूप में मिला। हालांकि उन्हें बतौर निर्देशक पहली बड़ी सफलता 1954 में फिल्म स्माइल ऑफ अ समर नाइट से मिली। इस फिल्म को कान्स फिल्म समारोह में पाम डी ओर के लिए नामांकित किया गया। इसके बाद प्रदर्शित हुईं दे सेवेंथ सील और वाइल्ड स्ट्राबेरीज ने बर्गमैन को एक श्रेष्ठ फिल्मकार के रूप में स्थापित कर दिया।
1960 के दशक में बर्गमैन ने तीन फिल्मों का निर्देशन किया जिसकी कथावस्तु के केंद्र में आस्था और ईश्वर के अस्तित्व पर सवाल था। लेकिन 1966 में आई फिल्म परसोना में बर्गमैन की सिनेमाई विचार दृष्टि स्पष्ट होकर सामने आई। इस फिल्म को आलोचक बर्गमैन का मास्टरपीस मानते हैं।
सम्मान
- फिल्म वाइल्ड स्ट्राबेरीज के लिए गोल्डन बीयर पुरस्कार-1957
- फिल्म द वर्जिन स्प्रिंग के लिए ऑस्कर सम्मान-1960
- फिल्म थ्रू ए ग्लास डार्कली के लिए ऑस्कर सम्मान-1961
- फिल्म फैनी एंड अलेक्सेंडर के लिए ऑस्कर सम्मान-1983
सन्दर्भ
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