रुमेटी हृद्रोग
रूमेटिक हृदय रोग वर्गीकरण एवं बाह्य साधन | |
स्ट्रेप्टोकोकस पायोजीन्स जीवाणुका स्टेन | |
आईसीडी-१० | I00.-I02. |
आईसीडी-९ | 390–392 |
डिज़ीज़-डीबी | 11487 |
मेडलाइन प्लस | 003940 |
ईमेडिसिन | med/3435 साँचा:eMedicine2 साँचा:eMedicine2 साँचा:eMedicine2 |
एम.ईएसएच | D012213 |
आमवात ज्वर (रुमैटिक फीवर) या रुमेटी हृद्रोग एक ऐसी अवस्था है, जिसमें हृदय के वाल्व (ढक्कन जैसी संरचना, जो खून को पीछे बहने से रोकती है) एक बीमारी की प्रक्रिया से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। यह प्रक्रिया स्ट्रेप्टोकोकल बैक्टीरिया के कारण गले के संक्रमण से शुरू होती है। यदि इसका इलाज नहीं किया जाये, गले का यह संक्रमण रुमेटिक बुखार में बदल जाता है। बार-बार के रुमेटिक बुखार से ही रुमेटिक हृदय रोग विकसित होता है। रुमेटिक बुखार एक सूजनेवाली बीमारी है, जो शरीर के, खास कर हृदय, जोड़ों, मस्तिष्क या त्वचा को जोड़नेवाले ऊतकों को प्रभावित करती है। जब रुमेटिक बुखार हृदय को स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त करता है, तो उस अवस्था को रुमेटिक हृदय रोग कहा जाता है। हर उम्र के लोग गंभीर रुमेटिक बुखार से पीड़ित हो सकते हैं, लेकिन सामान्यतौर पर यह पांच से 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चों में होता है।
लक्षण
- बुखार
- सूजे हुए, मुलायम, लाल और दर्दयुक्त जोड़, खास कर घुटना, टखना., कोहनी या कलाई
- सूजे हुए जोड़ों पर उभार या गांठ
- हाथ, पैर या चेहरे की मांसपेशियों की अनियंत्रित गतिविधि
- कमजोरी और सांस फूलना
वॉल्व क्षतिग्रस्त होना
हृदय का एक क्षतिग्रस्त वाल्व या तो पूरी तरह बंद नहीं होता या पूरी तरह नहीं खुलता है। पहली स्थिति को चिकित्सकीय भाषा में इनसफिसिएंसी और दूसरी स्थिति को स्टेनोसिस कहते हैं। पूरी तरह बंद नहीं होनेवाले हृदय के वाल्व में खून, हृदय के उसी कक्ष में वापस चला जाता है, जहां से उसे पंप किया जाता है। इसे रीगर्गिटेशन या लीकेज कहते हैं। हृदय की अगली धड़कन के साथ यह खून वाल्व से पार होकर सामान्यरूप से बहनेवाले खून में मिल जाता है। हृदय से गुजरनेवाली खून की यह अतिरिक्त मात्रा हृदय की मांसपेशियों पर अतिरिक्त बोझ डालती है। जब हृदय का वाल्व पूरी तरह नहीं खुलता है, तब हृदय को खून की सामान्य से अधिक मात्रा पंप करनी पड़ती है, ताकि संकरे रास्ते में पर्याप्त खून शरीर में जाये। सामान्यतौर पर इसका कोई लक्षण तब तक दिखाई नहीं देता, जब तक कि रास्ता अत्यंत संकरा न हो जाये।
पहचान और उपचार
छाती के एक्स रे और इसीजी (एलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) दो ऐसी सामान्य जांच हैं, जिनसे पता चलता है कि हृदय प्रभावित हुआ है या नहीं। चिकित्सक इसका उपचार मरीज के सामान्य स्वास्थ्य, चिकित्सकीय इतिहास और बीमारी की गंभीरता के आधार पर तय करते हैं। चूंकि रुमेटिक बुखार हृदय रोग का कारण है, इसलिए इसका सर्वोत्तम उपचार रुमेटिक बुखार के बार-बार होने से रोकना है।
रोकथाम
रुमेटिक हृदय रोग को रोकने का सर्वश्रेष्ठ उपाय रुमेटिक बुखार को रोकना है। गले के संक्रमण के तत्काल और समुचित उपचार से इस रोग को रोका जा सकता है। यदि रुमेटिक बुखार हो, तो लगातार एंटीबायोटिक उपचार से इसके दोबारा आक्रमण को रोका जा सकता है।